Saturday 24 October 2015

यह फर्क है अशोक गहलोत और सचिन पायलट में



राजनीति में हर नेता का समर्थक अपने नेता को ही सर्वश्रेष्ठ बताता है लेकिन फिर भी ऐसे कई अवसर आते हैं जब बड़े नेताओं के आचार व्यवहार में अन्तर किया जा सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत भले ही अब राजस्थान के सीएम नहीं हो और गहलोत के मुकाबले सचिन पायलट को ज्यादा तवज्जो दी जा रही हो लेकिन आम कार्यकर्ता आज भी यह महसूस करता है कि अशोक गहलोत ज्यादा मिलनसार है। हालांकि वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस में सचिन पायलट का एक छत्र राज है। प्रदेश अध्यक्ष की हैसियत से पायलट कांग्रेस संगठन पर अपने समर्थकों को ही लगातार काबिज कर रहे हैं। 24 अक्टूबर को अशोक गहलोत अजमेर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता के जयपुर रोड स्थित फार्म हाऊस पर पहुंचे। रलावता की माताजी का निधन गत 25 सितम्बर को हुआ था। गहलोत ने कहा कि मैं 26 सितम्बर को अजमेर आकर अंतिम संस्कार में भाग लेता लेकिन हरिद्वार में एक सामाजिक समारोह पहले से ही निर्धारित था। इसलिए 26 सितम्बर को नहीं आ सका। इसके लिए गहलोत ने रलावता से अफसोस भी जाहिर किया। गहलोत ने 24 अक्टूबर को रलावता के प्रति आत्मीयता दिखाई। उससे रलावता अभिभूत है। इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस में रलावता का लम्बा राजनैतिक सफर रहा है। रलावता अपने बलबूते पर ही शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने हैं। कांग्रेस की राजनीति में रलावता को सचिन पायलट का समर्थक माना जाता है। पायलट के प्रभाव से ही रलावता अध्यक्ष बने हैं। हाल ही के नगर निगम के चुनाव में भी उत्तर विधानसभा क्षेत्र में रलावता की सिफारिश में ही कांग्रेस के उम्मीदवार तय किए गए। लेकिन रलावता की माता के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए सचिव पायलट अभी तक भी रलावता के निवास पर नहीं आए हैं। 24 अक्टूबर को गहलोत के आने के बाद कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में यही चर्चा रही कि यही फर्क है अशोक गहलोत और सचिन पायलट में। ऐसा नहीं कि 25 सितम्बर के बाद पायलट जयपुर ही नहीं आए। पायलट दिल्ली में कई बार जयपुर आ चुके हैं लेकिन उन्हें अजमेर आने की फुर्सत नहीं मिली। 24 अक्टूबर को जैसे ही यह पता चला कि गहलोत रलावता के निवास पर आ रहे हैं तो बड़ी संख्या में कांग्रेस के कार्यकर्ता भी रलावता के निवास पर पहुंच गए। गहलोत के आने पर रलावता ने भी आभार जताया। रलावता के समर्थकों को उम्मीद थी कि गहलोत से पहले पायलट आएंगे क्योंकि रलावता को तो पायलट का ही समर्थक माना जाता है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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