Saturday 14 November 2015

पाकिस्तान की वफादारी वाले सलमान खुर्शीद के बयान पर सोनिया गांधी दे सफाई



भारत के पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने अपने देश के मुकाबले पाकिस्तान के प्रति जो वफादारी दिखाने वाला बयान दिया है उस पर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी को सफाई देनी चाहिए। क्योंकि सोनिया गांधी के कारण ही सलमान खुर्शीद को कांग्रेस के शासन में भारत का विदेश मंत्री बनाया गया था। इस्लामाबाद जिन्ना इंस्टीट्यूट में प्रतिवर्ष एक अन्तर्राष्ट्रीय सेमिनार होती है। इस सेमीनार में पाकिस्तान स्थित विदेशी दूतावासों के राजदूत एवं बाहर से किसी व्यक्ति को बुलाकर संबंधित विषय पर व्याख्यान करवाया जाता है। इस सेमीनार में उन्हीं लोगों को बुलाया जाता है जो पाकिस्तान के समर्थन में बोले। इसी नजरिए से इस बार भारत के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद को आमंत्रित किया गया। खुर्शीद ने वो ही बोला जो सेमीनार के आयोजक चाहते थे। खुर्शीद ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान में सेना अच्छा काम कर रही है। यह बात अलग है कि जब सलमान खुर्शीद भारत के विदेश मंत्री थे तब कई बार कहा कि पाकिस्तान की वजह से ही भारत में आतंकवादी घटनाएं हो रही है। इतना ही नहीं खुर्शीद ने भारत पाक के संबंधों को लेकर भारत सरकार की नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ तो दोनों देशों में अमन चाहते हैं लेकिन भारत में भाजपा की सरकार ऐसा नहीं चाहती। पीएम नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होकर नवाज शरीफ ने अमन की पहल की थी लेकिन नरेन्द्र मोदी ने इसे आगे नहीं बढ़ाया। यानि पाकिस्तान जो भाषा भारत के खिलाफ इस्तेमाल करता है उसी भाषा को सलमान खुर्शीद ने सेमीनार में कहा। समझ में नहीं आता कि सलमान खुर्शीद जैसे राजनेता इस देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं। बात भारत-पाक संबंधों तक सीमित नहीं है बल्कि खुर्शीद ने पाकिस्तान की उस धरती पर अपने ही देश के खिलाफ जहर उगला है। जिस धरती पर आईएस जैसे खूंखार आतंकवादी संगठन ने अपने पैर जमा लिए हैं खुद पाकिस्तान आईएस के आतंक से घबराया हुआ है ऐसे में संवेदनशील देश की नीतियों की आलोचना करना कहां तक उचित है? सलमान कोई साधारण राजनेता नहीं हैं वे विदेश मंत्री के साथ-साथ अन्य मंत्रालयों में भी काम कर चुके हैं। एक तरफ कांग्रेस के नेता नरेन्द्र मोदी यह आरोप लगाते हैं कि वे विदेशों में जाकर कांग्रेस के शासन की आलोचना करते हैं। कांग्रेस अब ये बताए कि क्या सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान में जकर आतंकवाद के मुद्दे पर अपने ही देश की जो आलोचना की है क्या वह सही है? हो सकता है कि भारत-पाक के संबंधों को लेकर केन्द्र सरकार की नीतियों में कोई कमी हो, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि हमारे पूर्व विदेश मंत्री पाकिस्तान में जाकर आलोचना करें। सलमान खुर्शीद ने भारत के खिलाफ जो बोला उससे पाकिस्तानी तो खुश हो सकते हैं लेकिन भारत का कोई भी नागरिक समर्थन नहीं करेगा। उल्टे नरेन्द्र मोदी पर पाकिस्तान के प्रति नरम रूख अपनाने का आरोप लग रहा है। इससे ज्यादा क्या हो सकता है कि भाजपा ने कश्मीर में उस पीडीपी के साथ सरकार बनाई है जो पीडीपी भाजपा की कट्टर विरोधी रही है। सरकार के नरम रूख के कारण ही कश्मीर में खुलेआम आईएस के झंडे लहरा रहे हैं। आज भी भारत सरकार पाकिस्तान से वार्ता करने को आतुर है। नरेन्द्र मोदी भी यह जानते हैं कि देश के जो हालात हैं उससे पाकिस्तान के खिलाफ भी सख्त कदम नहीं उठाया जा सकता। देश के हालातों को देखते ही सलमान खुर्शीद ने पाकिस्तान में जाकर अपने देश की आलोचना की है।
फ्रांस पर आतंकी हमला:
सलमान खुर्शीद जैसे राजनेता आतंकवाद के मुद्दे पर भले ही पाकिस्तान की पीठ थपथपाएं लेकिन 14 नवंबर को ही फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक साथ 6 आतंकी वारदातें हुई। इसमें एक सौ पचास से भी ज्यादा लोगों की मौत हो गई और 200 से भी ज्यादा जख्मी लोग अस्पतालों में भर्ती हैं। 8 में से एक पकड़े गए आतंकवादी ने बताया कि यह आईएस का अभियान है। दुनिया भर का मीडिया अब चिल्ला रहा है कि पेरिस का हमला उसी तरह का है जो मुंबई में 26/11 का था। सलमान खुर्शीद भी जानते हैं कि मुम्बई के हमले में पाकिस्तान के आतंकियों की ही भूमिका थी। ताजा आतंकी हमले से पूरा फ्रांस दहशत में है और देश में इमरजेन्सी लगा दी गई है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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