Monday 9 November 2015

छोटा शकील ने कहा छोटा राजन की करेंगे हत्या। इससे ज्यादा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और क्या हो सकती है?



देश के समाचार पत्रों में 9 नवम्बर को एक खबर प्रकाशित हुई है। यह खबर दाऊद इब्राहीम के सहयोगी छोटा शकील के इन्टरव्यू पर आधारित है। एक अंग्रेजी अखबार को दिए गए इन्टरव्यू में छोटा शकील ने कहा है कि भारत सरकार छोटा राजन की कितनी भी सुरक्षा कर ले लेकिन एक दिन हम छोटा राजन को मारकर ही रहेंगे। छोटा शकील को इस बात पर भी एतराज है कि छोटा राजन को मुम्बई पुलिस के हवाले करने के बजाए सीबीआई की सुरक्षा में दिल्ली में रखा गया है। जिस तरह अंग्रेजी के अखबार ने पहले छोटा शकील का इन्टरव्यू किया और फिर उसे प्रकाशित किया इसके बाद देश भर के अखबारों ने छोटा शकील की धमकी छापी। जो लोग अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को लेकर अपने पुरस्कार लौटा रहे हैं उन्हें यह बताना चाहिए कि क्या छोटा शकील की धमकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता नहीं है? जब हमारे मीडिया में छोटा शकील जैसे अपराधी की धमकी छाप सकती है तो फिर साहित्यकारों, लेखकों और फिल्मकारों को अपनी भावनाएं प्रकट कर सकने से कौन रोक रहा है? इसे देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि एक ओर अभिव्यक्ति की आजादी को लेकर पुरस्कार लौटाए जा रहे हैं तो दूसरी ओर छोटा शकील जैसे अपराधी की धमकियां प्रसारित हो रही है। छोटा शकील ने सिर्फ अपराधी छोटा राजन को ही धमकी नहीं दी बल्कि भारत सरकार की ताकत को भी ललकारा है। पिछले दो दिन से छोटा शकील की धमकी मीडिया की सुर्खी बनी हुई है लेकिन देश के एक भी साहित्यकार, लेखक और फिल्मकार ने इस धमकी की निन्दा नहीं की है। जो न्यूज चैनल वाले छोटी-छोटी घटनाओं पर लाइव डिबेट करवाते हैं। वे भी छोटा शकील की धमकी पर खामोश है। सब जानते है कि वर्ष 1993 के मुंबई बम धमाकों के आरोपियों में दाऊद इब्राहीम के साथ-साथ छोटा शकील शामिल है। मालूम हो कि कुख्यात अपराधी छोटा राजन को हाल ही में इंडोनेशिया में गिरफ्तार कर भारत लाया गया है और छोटा राजन को अपराधों के मामलों की जांच सीबीआई कर रही है।
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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