Thursday 5 November 2015

साफा बांधकर ऊंट पर बैठने वाले अफसर उलझे। कलेक्टर कराएंगी जांच।



एक कहावत है 'जब दिनमान खराब होते हैं, तो ऊंट पर बैठे व्यक्ति को भी कुत्ता काट लेता है।Ó यह कहावत अजमेर के अतिरिक्त जिला कलेक्टर (प्रशासन) किशोर कुमार पर चरितार्थ हो रही है। 4 नवम्बर को किशोर कुमार ने निकटवर्ती गनाहेड़ा ग्राम पंचायत के एक समारोह में भाग लिया। 926 के मुकाबले 900 शौचालय बन जाने पर स्वच्छता अभियन के अंतर्गत गनाहेड़ा ग्राम में एक समारोह आयोजित किया गया। इसी समारोह में किशोर कुमार के सर पर साफ बांधा और फिर ऊंट पर बैठाकर घुमाया गया। एडीएम साहब  को यह पता नहीं था कि साफा बांधकर ऊंट पर बैठना कितना महंगा पड़ेगा। सरकारी समारोह में साफा बंधवाने और ऊंट पर बैठने को नियमत विरुद्ध मानते हुए ईटीवी के पुष्कर संवाददाता अनिल शर्मा ने 5 नवम्बर को एक स्टोरी चलाई। इस स्टोरी में राजस्थान के मुख्य सचिव सी.एस.राजन के 1 अक्टूबर 2015 के आदेश का उल्लेख किया गया। इस आदेश में स्पष्ट कहा गया है कि किसी भी सरकारी समारोह में अधिकारी साफा और माला नहीं पहने और न ही शिलान्यास अथवा उद्घाटन के शिलालेखों पर अपना नाम लिखवाए। यदि कोई अधिकारी इस आदेश का उल्लंघन करेगा तो उसके विरुद्ध राजस्थान सिविल सेवाए (आचरण) नियम 1971 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी। उधर पुष्कर से अनिल शर्मा ने स्टोरी चलाई तो इधर अजमेर में ईटीवी के संवाददाता अभिजीत दवे ने जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक के सामने माइक रख दिया। कलेक्टर ने तत्काल ऐलान कर दिया कि 4 नवम्बर के समारोह में जिन अधिकारियों ने साफे बंधवाए हैं, उनकी जांच करवाई जाएगी। समारोह में किशोर कुमार के साथ-साथ एसडीएम हीरालाल मीणा, तहसीलदार गजराज सिंह सोलंकी, बीडीओ जी.आर.चौधरी आदि ने भी साफे बंधवाए थे। अब देखना है कि कलेक्टर मलिक इन अधिकारियों को कब चार्जशीट थमाती है। उल्लेखनीय है कि किशोर कुमार तो पहले ही कलेक्टे्रट से पीछा छुड़वाना चाहते हैं। कुमार ने इस संबंध में प्रभारी मंत्री वासुदेव देवनानी से भी आग्रह किया है। 
(एस.पी. मित्तल)(spmittal.blogspot.in)M-09829071511

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