Monday 23 November 2015

मंत्रियों के बजाए भाजपा अध्यक्षों को तवज्जों दी मुख्यमंत्री ने



मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 23 नवम्बर को अपने अजमेर दौरे में मंत्रियों के बजाए संगठन के जिलाध्यक्षों को तवज्जो दी। हुआ यंू कि मुख्यमंत्री दोपहर एक बजे पुष्कर से स्थानीय पुलिस लाइन स्थित हेलीपेड पर पहुंची। राजे को यहां से ईटी सेल के निरीक्षण और दरगाह जियारत के लिए जाना था, लेकिन राजे ने हेलीपेड पर उपस्थित स्कूली शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी, महिला एवं बाल विकास मंत्री अनिता भदेल आदि को हेलीपेड पर ही रुकने के लिए कहा। इसके साथ ही राजे ने देहात भाजपा के अध्यक्ष प्रो.बी.पी.सारस्वत, शहर अध्यक्ष अरविंद यादव, जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक को अपनी कार में बैठने के निर्देश दिए। देवनानी और भदेल को यह उम्मीद थी कि वे दोनों भी सी.एम. के साथ दरगाह जाएंगे। देवनानी की उम्मीद इसलिए ज्यादा रही क्योंकि रास्ते में जिस ई.टी.सेल  का निरीक्षण किया, वह ई.टी.सेल देवनानी के शिक्षा विभाग के अधीन ही आता है। देवनानी और भदेल अजमेर शहर से ही भाजपा के विधायक है, लेकिन मुख्यमंत्री ने जिस तरह से भाजपाध्यक्षों को तवज्जो दी, उसको लेकर राजनीतिक क्षेत्रों में अनेक चर्चाएं व्याप्त है। देवनानी और भदेल की आपसी राजनीतिक दुश्मनी भी आम चर्चा का विषय बनी हुई हंै। मंत्रियों के बजाए अपनी कार में कलेक्टर आरुषि मलिक को बैठाकर भी मुख्यमंत्री ने अनेक संकेत दे दिए हैं। 
सड़क पर छुए जैन संत के पैर:
इसे संयोग ही कहा जाएगा कि 23 नवम्बर को मुख्यमंत्री ख्वाजा साहब की दरगाह से जियारत कर जब पुलिस लाइन स्थित हेलीपेड की ओर जा रही थीं। तभी महावीर सर्किल के निकट जैन संत पुलक सागर महाराज से सामना हो गया। जैन संत श्रद्धालुओं के साथ मुख्य मार्ग से गुजर रहे थे। राजे ने अपना काफिला रुकवाया और कार से उतर कर सड़क पर चल रहे जैन संत के चरण स्पर्श किए। राजे ने जिस आत्मियता और श्रद्धा के साथ चरण स्पर्श किए,उससे पुलक सागर महाराज भी अभीभूत हो गए। मालूम हो कि रविवार को ही राजे ने यहां छोटे धड़े की नसियां में जाकर जैन संत से आशीर्वाद लिया था, तब राजे ने आग्रह किया था कि उनके जयपुर स्थित सीएम हाऊस पर कलश स्थापना की जाए। जैन संत ने कहा कि आगामी जनवरी माह में जयपुर प्रवास के दौरान कलश की स्थापना की जाएगी। 
(एस.पी. मित्तल)
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