Monday 21 December 2015

देश को आज राम नाम की जरूरत है अजमेर में 51 अरब राम नाम मंत्र की परिक्रमा शुरू


पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री और हरिद्वार स्थित परमार्थ आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानंद महाराज ने कहा है कि भारत को आज राम नाम मंत्र की जरूरत है। देश में व्याप्त संकटों और समस्याओं का समाधान इसी राम नाम मंत्र की ताकत से किया जा सकता है।
21 दिसम्बर को यहां आजाद पार्क में बनाई गई अयोध्या नगरी में 51 अरब राम नाम मंत्रों की पुस्तकों की परिक्रमा के शुभारंभ समारोह में स्वामी चिन्मयानंद ने कहा कि रावण को भी अपनी ताकत का घमण्ड था, लेकिन जब समुन्द्र में राम नाम के पत्थर तैरने लगे तो रावण का घमण्ड चूर-चूर हो गया। इसके बाद देश को आजाद करवाने में महात्मा गांधी ने भी राम नाम का सहारा लिया। रघुपति राघव राजा राम का नारा देकर महात्मा गांधी ने देशवासियों को एकजुट किया और देश से विदेशी शासकों को भगाया। महात्मा गांधी भी राम नाम की ताकत को समझते थे। आज वर्तमान दौर में भी राम नाम की सख्त जरूरत है। नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बगैर चिन्मयानंद ने कहा कि वर्ष 2012 में प्रयाग में देश के साधु-संतों का सम्मेलन हुआ। उसमें जिस व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय लिया, उसी के अनुरुप देश में आज शासन चल रहा है। राम नाम के बल की वजह से ही देश में एक ऐसी सरकार चल रही है, जिस पर करोड़ों लोगों का भरोसा है। राम नाम के दम पर ही रामजन्म भूमि का आंदोलन चला था। चिन्मयानंद ने अपना एक संस्मरण सुनाते हुए बताया कि अजमेर में जब वर्ष 89 में संत रामसुखदास महाराज का चातुर्मास चल रहा था तब मुझे यह दायित्व दिया गया कि रामसुखदास महाराज का समर्थन रामजन्म भूमि आंदोलन को दिलवाया जाए। तब मैंने अजमेर की ही इस धरती पर रामसुखदास महाराज से मुलाकात की और उन्हें रामनाम का भरोसा दिलाकर आंदोलन के लिए समर्थन करवाया। इन दिनों राजस्थान में अकाल के हालात थे। यह राम नाम की ही ताकत थी कि जिस दिन मैंने चातुर्मास समारोह में अपना प्रवचन दिया, उसी समय तेज वर्षा भी हुई।
राम नाम में ही है सत्य :
चिन्मयानंद ने कहा कि सत्य को जानने के लिए दुनियाभर में प्रयोग हुए लेकिन भारतीय संस्कृति में राम नाम में ही सत्य है। उन्होंने कहा कि आज देश में जो अंधकार है उसे राम नाम से ही दूर किया जा सकता है। अजमेरवासियों का यह सौभाग्य है कि यहां 51 अरब राम नाम की पुस्तकें रखी गई हैं और लोग उसकी परिक्रमा कर रहे है।
तीन नहीं एक शब्द ही काफी है :
समारोह में सन्यास आश्रम के अधिष्ठाता स्वामी शिव ज्योतिषानंद महाराज ने राम नाम की महिमा बताते हुए कहा कि एक बार एक पीडि़त व्यक्ति कबीर दास जी के घर गया। घर पहुंचने पर पता चला कि कबीरदास बाहर गए हैं और तीन दिन बाद लौटेंगे। इस पर कबीर दास के पुत्र कमाल खान ने परेशानी जानना चाहा तो पीडि़त व्यक्ति ने कहा कि उसे जो परेशानी है उसका समाधान कबीरदास जी ही कर सकते है। इस पर कमाल खान घर के अंदर गया और एक कागज पर कुछ लिखकर पीडि़त व्यक्ति को दे दिया। कमाल का कहना रहा कि इस पर्ची को घर में रखने से ही समस्या का समाधान हो जाएगा। तीन दिन बाद जब कबीरदास जी लौटे तो कमाल ने बताया कि पीडि़त व्यक्ति को जो पर्ची दी थी उस पर तीन बार राम नाम लिखा गया था। इस पर कबीरदास जी ने कहा कि तूने एक व्यक्ति की समस्या के समाधान के लिए राम का नाम तीन बार क्यों लिखा? उसकी समस्या तो एक बार राम लिखने से ही समाप्त हो जाती। स्वामी शिव ज्योतिषानंद ने कहा कि आज तो 51 अरब राम नाम शब्द लिखे हुए है जिनकी परिक्रमा की जा रही है।
शिव ने भी गाई महिमा :
समारोह में पुष्कर स्थित चित्रकूट धाम के अधिष्ठाता पाठक जी महाराज ने कहा कि भगवान शिव ने भी राम की महिमा गाई है। गणेशजी ने भी राम नाम की परिक्रमा की थी इसलिए आज गणेशजी सबसे पहले पूजे जाते है। उन्होंने कहा कि 51 अरब राम नाम की परिक्रमा कर लेने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाएंगे।
सवा लाख का संकल्प :
राजगढ़ स्थित मसाणिया भैरव धाम के उपासक चम्पालाल जी महाराज ने कहा कि 51 अरब राम नाम के महोत्सव के अवसर पर वे अपने राजगढ़ स्थित भैरव धाम पर सवा लाख लोगों से कन्या भ्रूण हत्या न करने का संकल्प दिलवाएंगे। उन्होंने कहा कि उन पर तो हमेशा से ही भगवान राम की कृपा रही है और इसलिए आज भैरव धाम पर लाखों श्रद्धालु आते हैं।
महोत्सव का ले आनंद :
समारोह के संयोजक सुनील दत्त जैन ने कहा कि श्रद्धालु आगामी एक जनवरी तक राम नाम मंत्रों की परिक्रमा प्रात: 8:30 बजे से रात 8 बजे तक कर सकते है। अयोध्या नगरी में परिक्रमा सुविधाजनक तरीके से हो सके इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। उन्होंने माना कि अब आगामी एक जनवरी तक अजमेर का माहौल राममय होगा। परिक्रमा के साथ-साथ धार्मिक आयोजन भी प्रतिदिन होंगे। दोपहर 3:30 बजे से सुंदरकांड का पाठ तथा सायं 6 बजे महाआरती होगी। प्रतिदिन साधु-संतों के धार्मिक प्रवचन तथा अन्य आयोजन लगातार होंगे। समारोह में स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी, नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, अखिल भारतीय माहेश्वरी सेवा सदन के अध्यक्ष श्यामसुंदर बिडला, समाजसेवी सुभाष काबरा, कंवल प्रकाश किशनानी, उमेश गर्ग आदि ने भी विचार प्रकट किए। समारोह का सफल संचालन श्रीमती वृतिका शर्मा ने किया।
एक लाख पुस्तके हैं :
51 अरब राम नाम मंत्रों का संकलन श्री मानव मंगल सेवा न्यास के माध्यम से किया गया है। न्यास के प्रमुख बालकृष्ण पुरोहित ने बताया कि 51 अरब राम नाम एक लाख चार पुस्तिका में लिखे गए हैं। न्यास की ओर से श्रृद्धालुओं को पुस्तिका नि:शुल्क दी जाती है और फिर जब राम नाम लिख दिए जाते है तो फिर एकत्रित भी न्यास के कार्यकर्ता ही करते हैं। यह काम पिछले 15 वर्षो से लगातार चल रहा है। मान्यता है कि राम नाम के शब्दों की परिक्रमा करने में पशुओं का जीवन भी उज्जवल हो जाता है। उन्हें इस बात का संतोष है कि राम नाम मंत्रों की परिक्रमा बड़े स्तर पर आयोजित की गई है।
(एस.पी. मित्तल)
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