Friday 18 December 2015

दिल्ली की अदालत में पेशी पर राहुल-सोनिया, केजरीवाल की तरह बेवकूफी नहीं करेंगे।



बहुचर्चित नेशनल हेराल्ड अखबार की सम्पत्ति को कब्जाने के मामले में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी और उनके पुत्र व राट्रीय  उपाध्यक्ष राहुल गांधी को 19 दिसम्बर को दिल्ली की मेट्रोपोलियन अदालत में उपस्थित होना है। राहुल सोनिया ने पहले ही कह दिया है कि वे दोनों अदालत में उपस्थित होंगे। लेकिन अभी यह पता नहीं चला है कि राहुल सोनिया कानून के मुताबिक अदालत में जमानती दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे या नहीं। लेकिन इतना जरूर कहा जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली का सीएम बनने से पहले जमानती दस्तावेज प्रस्तुत न कर जेल जाने की जो बेवकूफी की थी, वैसी बेवकूफी राहुल सोनिया नहीं करेंगे। हालांकि नेशनल हेराल्ड के मामले में राहुल सोनिया पर अभी कोई आरोप निर्धारित नहीं हुए हैं, लेकिन हमारे देश में आज भी अंग्रेजी शासन के कानून लागू होते हैं। अंग्रेजों ने ऐसा कानून बनाया था कि अदालत में उपस्थित होने के बाद संबंधित व्यक्ति को जमानती दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं यानी आगामी पेशी पर यदि उपस्थित नहीं हुए तो संबंधित जमानती की जवाबदेही होगी और जमानत राशि जप्त कर ली जाएगी। हालांकि अब यह एक कानूनी प्रक्रिया है, लेकिन जागरुक पाठकों को याद होगा कि केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी के मानहानि वाले प्रकरण में केजरीवाल ने जमानती दस्तावेज प्रस्तुत करने से इंकार कर दिया था। तब केजरीवाल का कहना रहा कि अभी उन पर कोई आरोप निर्धारित नहीं हुआ है, इसलिए स्वयं को मुल्जिम मानते हुए जमानती दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करेंगे। इस पर अंग्रेजों के बनाए कानून के आधार पर अदालत ने केजरीवाल को जेल भेज दिया। कोई दस दिन बाद केजरीवाल जेल से तभी बाहर आए जब अदालत में जमानत के दस्तावेज जमा करा दिए। कानून के जानकारों ने तब इसे केजरीवाल की बेवकूफी ही माना। क्योंकि कानून के मुताबिक कोई भी अदालत आरोपी को जमानती दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए जाने पर घर नहीं भेज सकती।
अंग्रेजों के जिन कानूनों के आधार पर कांग्रेस ने इस देश में 50-55 वर्ष तक राज किया, अब उसी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष को उसी कानून से गुजरना पड़ेगा। संभवत: यह पहला अवसर होगा, जब राहुल-सोनिया एक साथ मुल्जिम के तौर पर किसी अदालत में उपस्थित होंगे। दोनों को अब अंग्रेजों के कानून के बारे में पता चल रहा होगा कि जो आरोप साबित ही नहीं हुए है, उनमें दोनों को अभिुयक्त माना जा रहा है। न जाने कितने लोग अंग्रेजों के इस कानून से प्रताडि़त होते रहे। इन दिनों दिल्ली का तापमान बहुत गिरा हुआ है। सोनिया गांधी हाल ही में अमरीका में अपने स्वास्थ्य की जांच करवाकर लौटी हैं। दिल्ली में हाड़ कपकपाने वाली सर्दी को देखते हुए कोई भी व्यक्ति तिहाड़ जेल नहीं जाना चाहेगा। वैसे भी राहुल-सोनिया के सामने सुब्रह्मणयम स्वामी जैसे तेजतर्रार वकील हैं। यदि सोनिया-राहुल ने जमानती दस्तावेज प्रस्तुत करने में जरा सी भी ना नुकर की तो फिर मेट्रोपोलियन मजिस्ट्रेट के सामने तिहाड़ जेल भेजने के अलावा कोई रास्ता नहीं रहता। 
तो कांग्रेसियों को भी जाना पड़ेगा जेल:
माना तो यही जा रहा है कि 19 दिसम्बर को सोनिया गांधी और राहुल गांधी अदालत में उपस्थित होकर चुपचाप जमानती दस्तावेज प्रस्तुत कर अगली तारीख पेशी हासिल कर लेंगे। लेकिन यदि ऐन मौके पर वकील सुब्रह्मणयम स्वामी ने कोईबखेड़ा कर दिया तो मजबूरी में राहुल-सोनिया को जेल भी जाना पड़ सकता है। यदि मां-बेटे जेल गए तो देशभर में कांग्रेसियों को भी अपने अपने शहर की जेलों में जाना पड़ेगा। ऐसा नहीं हो सकता कि राहुल सोनिया तो सर्दी के मौसम में तिहाड़ जेल चले जाए और कांग्रेसी अपने घरों पर गरम बिस्तारों मं सोते रहे। कांग्रेसियों को प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर से भी कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। ऐसे में यही माना जा रहा है कि राहुल सोनिया के पेशी शांतिपूर्ण तरीके से निपट जाएगी। 
(एस.पी. मित्तल)
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