Tuesday 8 December 2015

अशोक गहलोत और सचिन पायलट के रास्ते अलग-अलग।



पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजस्थान प्रदेश कांग्रेसी कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने 7 दिसम्बर को भीलवाड़ा में एक शादी समारोह में जिस प्रकार भाग लिया, वह राजस्थान में कांग्रेस की स्थिति को स्पष्ट करता है। 7 दिसम्बर को कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मंत्री रामलाल जाट की पुत्री के विवाह का भव्य समारोह रखा गया। भीलवाड़ा की राजनीति में जाट के प्रभाव को देखते हुए गहलोत और पायलट को भी भीलवाड़ा जाना ही पड़ा। पायलट और गहलोत 7 दिसम्बर को सुबह जयपुर से भीलवाड़ा के लिए रवाना हुए, लेकिन दोनों के रास्ते अलग-अलग थे। हालांकि दोनों ही नेता सड़क मार्ग से भीलवाड़ा पहुंचे। लेकिन भीलवाड़ा में पायलट के आने से पहले ही गहलोत ने भीलवाड़ा को छोड़ दिया। गहलोत जयपुर से सुबह रवाना हुए और अजमेर शहर में आने के बजाए बाइपास होते हुए भीलवाड़ा चले गए। जबकि पायलट दोपहर को जयपुर से रवाना हुए और अजमेर में शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष महेन्द्र सिंह रलावता के निवास पर गए। पिछले दिनों रलावता की माताजी का निधन हो गया था। अजमेर से पायलट रात के समय भीलवाड़ा पहुंच गए। गहलोत जाते वक्त भले ही अजमेर न आए हों, लेकिन भीलवाड़ा से लौटते वक्त अजमर आए। रात 10 बजे अजमेर पहुंचने के बाद गहलोत ने कांग्रेस के तीन नेताओं के घरों पर दस्तक दी और मध्य रात्रि को दैनिक नवज्योति के प्रधान सम्पादक दीनबंधु चौधरी के निवास पर मिलने गए। यानि पायलट ने जो मेल मुलाकात अजमेर में दिन में की, वही काम गहलोत ने रात को किया। भले ही दोनों नेताओं को जयपुर से एक ही स्थान पर जाना हो लेकिन दोनों ने रास्ते अलग-अलग चुने। दोनों ने जो रास्ते अपनाए उसकी वजह से शादी समारोह में दोनों के बीच शिष्टाचार मुलाकात भी नहीं हुई। राजनीति में यह कहना बेमानी है कि जब गहलोत और पायलट को एक ही समारोह में भीलवाड़ा जाना था तो फिर वे एक वाहन में भी जा सकते थे। 

(एस.पी. मित्तल)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment