Monday 14 December 2015

कार्यकर्ताओं को जयपुर ले जाने में अजमेर देहात दूसरे नम्बर पर



ब्यावर में रही विवाद की स्थिति
भाजपा सरकार के दो वर्ष पूरे होने पर 13 दिसम्बर को जयपुर में आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में कार्यकर्ताओं को जयपुर ले जाने में प्रदेशभर में अजमेर देहात भाजपा दूसरे स्थान पर रहा है। 
प्राप्त जानकारी के अनुसार भाजपा संगठन के किस जिले से कितने कार्यकर्ता जयपुर समारोह में आए, इसकी गणना के लिए इस बार सरकार की ओर से विशेष इंतजाम किए गए थे। इसमें जहां सरकार के बड़े अधिकारियों की भूमिका रही, वहीं संगठन को समर्पित नेताओं ने भी निगरानी का काम किया। कार्यकर्ताओं को जयपुर लाने में पहला स्थान अलवर भाजपा का रहा है, जबकि दूसरे स्थान पर अजमेर देहात का नाम सामने आया है। भाजपा के देहात जिला अध्यक्ष बी.पी.सारस्वत ने बताया कि अब तक कि गणना के मुताबिक 18 हजार भाजपा कार्यकर्ता 13 दिसम्बर को जयपुर गए थे। इसके लिए 302 बसें और 284 कार, जीप आदि वाहनों का इंतजाम किया गया था। अजमेर देहात संगठन में 6 विधानसभ क्षेत्र आते हैं, जबकि अलवर जिले में 11 विधानसभा क्षेत्र हैं। ऐसे में अलवर के मुकाबले अजमेर देहात आधा ही है। इस स्थिति में 18 हजार कार्यकर्ताओं का जयुपर जाना संगठन की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। सारस्वत ने बताया कि कार्यकर्ताओं को मतदान केन्द्र तक से एकत्रित किया गया था। कार्यकर्ताओं को जयपुर ले जाने में संगठन के साथ-साथ क्षेत्र के भाजपा विधायकों की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। सत्ता और संगठन का जिले भर में जो तालमेल बैठाया गया उसी का परिणाम रहा कि अजमेर देहात का स्थान दूसरे नम्बर पर आया है। 
प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव में भूमिका:
14 दिसम्बर से शुरू होने वाली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की चुनाव प्रक्रिया में भी अजमेर देहात भाजपा के निर्वाचित अध्यक्ष बी.पी.सारस्वत और 6 प्रतिनिधि भाग लेंंगे। इसके लिए प्रदेश कार्यलय से सूचना प्राप्त हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर अशोक परनामी की दोबारा से ताजपोशी तय मानी जा रही है। सारस्वत भी दोबारा से देहात अध्यक्ष निर्वाचित हुए है। सारस्वत को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और प्रदेशाध्यक्ष परनामी का संरक्षण माना जाता है। जहां एक और अजमेर देहात के निर्वाचित प्रतिनिधि चुनाव प्रक्रिया में भाग लेंगे, वहीं अभी तक भी अजमेर शहर भाजपा के अध्यक्ष अरविंद यादव के पास जयपुर आने की कोई सूचना नहीं है। मालूम हो कि अजमेर शहर प्रदेश के उन 6 संगठनों में शामिल है, जहां चुनाव नहीं हो सके थे। शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल की आपसी खींचतान की वजह से शहर अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो सका था। प्रदेश कार्यालय के सूत्रों के अनुसार प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया में निर्वाचित अध्यक्ष ही भाग ले सकते हैं। 
ब्यावर में विवाद:
कार्यकर्ताओं को जयपुर ले जाने के मामले में जिले के ब्यावर विधानसभा क्षेत्र में विधायक शंकर सिंह रावत और संगठन के कार्यकर्ताओं के बीच खींचतान की स्थिति देखने को मिली। ऐन मौके पर संगठन के पदाधिकारियों को विधायक के समर्थकों द्वारा बसें उपलब्ध नहीं करवाने की वजह से कार्यकर्ता खासे परेशान रहे। बाद में कार्यकर्ताओं ने अपने स्तर पर वाहनों का इंतजाम किया और जयपुर के समारोह में उपस्थिति दर्ज करवाई। मंडल अध्यक्ष मुरली तिलोकानी और भाजयुमो के अध्यक्ष मनीष बूरड़ ने कार्यकर्ताओं को ले जाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ब्यावर में विधायक रावत अपने समर्थक जयकिशन बल्दुआ को मंडल अध्यक्ष मानते हैं तो प्रदेश नेतृत्व ने अभी भी तिलोकानी को अध्यक्ष मान रखा है। 

(एस.पी. मित्तल)
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