Thursday 29 December 2016

#2093
30 मिनट में चार मंत्रियों ने रखा मोदी सरकार का पक्ष।
डीडी न्यूज ने वैंकया नायडू को दी प्राथमिकता।
==========================
29 दिसम्बर को दोपहर सवा तीन बजे से पौने चार बजे के बीच ऐसा समय रहा, जब एक साथ चार-चार केन्द्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अधिकांश समय केन्द्रीय मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस का डीडी न्यूज चैनल पर लाइव प्रसारण होता है। इसलिए डीडी न्यूज चैनल के सामने भी यह समस्या उठ खड़ी हुई कि आखिर किस केन्द्रीय मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस का लाइव प्रसारण किया जाए। चूंकि वैकेया नायडू सूचना एवं प्रसारण मंत्री हैं, इसलिए डीडी न्यूज ने अपने मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रसारण लाइव करने का फैसला किया। वैकेया की वजह से ही केन्द्रीय मंत्रिमंडल में दूसरे नम्बर पर माने जाने वाले वित्तमंत्री अरुण जेटली की प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रसारण लाइव नहीं हो सका। इतना ही नहीं आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद और कोयला मंत्री पीयूष गोयल की प्रेस कॉन्फ्रेंस का प्रसारण भी लाइव नहीं हुआ। एक साथ एक ही समय पर चार-चार केन्द्रीय मंत्रियों का प्रेस कॉन्फ्रेस करना यह जाहिर करता है कि नोटबंदी को लेकर लगने वाले आरोपों पर केन्द्र सरकार कितनीे चिंतित है। रविशंकर प्रसाद और पीयूष गोयल ने कांग्रेस के उन आरोपों का जवाब दिया जो सुबह ही कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर लगाए थे। सुरजेवाला ने गुजरात के कारोबारी महेश शाह के तार अमित शाह से जोड़ दिए। दोनों मंत्रियों का कहना रहा कि कांग्रेस बेवजह झूठ परोस रही है। वैकेया नायडू ने बताया कि ढाई साल में मोदी सरकार की कौन-कौन सी उपलब्धियां रही हंै। वहीं जेटली ने कहा कि सरकार का नोटबंदी का फैसला पूरी तरह सफल रहा है। इससे बेनामी पैसा बैंकों में जमा हो गया है। डिजिटल पैमेंट 300 गुना बढ़ा है। आने वाले दिनों में अनेक फायदे सामने आएंगे।
एस.पी.मित्तल) (29-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2092
नरेन्द्र मोदी के संबोधन का राष्ट्र को बेसब्री से इंतजार।
======================== 
अमान्य हुए 500 और 1000 के नोटों को बैंकों में जमा कराने का 30 दिसम्बर को अंतिम दिन है। नोटबंदी से नागरिकों को कितनी परेशानी हो रही है, इसकी जानकारी सरकार को भी है। कहा जा रहा है कि वर्ष 16 के अंतिम दिन 31 दिसम्बर को पीएम नरेन्द्र मोदी टीवी पर राष्ट्र को संबोधित करेंगे। पीएम का सरकारी टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन विशेष परिस्थितियों में ही होता है। 8 नवम्बर की रात को भी राष्ट्र के नाम संबोधन में ही मोदी ने नोटबंदी की घोषणा की थी। इसलिए यह अपेक्षा है कि मोदी 31 दिसम्बर के संबोधन में राहत की कोई बड़ी घोषणा करेंगे। यूं महाराष्ट्र से लेकर यूपी और उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों की समस्याओं में मोदी नोटबंदी पर बहुत बोल चुके हैं। अब यह दोहराने से काम नहीं चलेगा कि परेशानी में भी देशवासी मोदी के साथ हैं। सवाल विपक्ष के आरोपों का नहीं है, सवाल लोगों की परेशानियों का भी है। यदि लोग अपनी जमा पूंजी बैंकों से नहीं निकाल सकते हैं तो फिर सरकार के पर भी सवालिया निशान लगता है। माना कि नोटबंदी से अनेक फायदे होंगे, लेकिन सरकार का यह भी दायित्व है कि वह लोगों को परेशान नहीं होने दें। दो दिन पहले सरकार ने पुराने नोट मिलने पर जो सजा का प्रावधान किया है, वह भी समझ में नहीं आ रहा है। जब 30 दिसम्बर और 31 मार्च के बाद 1000 और 500 के नोट रद्दी हो जाएंगे तो फिर इनके मिलने अथवा नहीं मिलने से क्या फर्क पड़ रहा है? मोदी को इस सवाल का जवाब भी देना चाहिए। 8 नवम्बर को कहा गया कि काला धन बाहर आएगा और भ्रष्टाचार मिटेगा। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार सरकार ने 500 और 1000 के जो 16 लाख करोड़ के नोट जारी किए थे, उसमें से अधिकांश नोट वापस बैंकों में जमा हो गए। अब सरकार को यह बताना चाहिए कि जमा नोटों में कितना काला धन है। जहां तक भ्रष्टाचार खत्म होने का सवाल है तो 50 दिन बाद भी सरकार दफ्तरों में बिना रिश्वत के काम नहीं हो रहा है। यदि किसी ने रिश्वत नहीं दी तो उसका काम अटका पड़ा है। मोदी को यह भी बताना होगा कि सरकारी दफ्तरों में बिना रिश्वत के काम कैसे होगा? यदि नोटबंदी के बाद सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार खत्म हो जाता है तो यह एक बड़ी उपलब्धि होगी। देखना है कि आम लोगों के अनेक सवालों का जवाब राष्ट्र के संबोधन में मोदी किस प्रकार से देते हैं। 

(एस.पी.मित्तल) (29-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Wednesday 28 December 2016

#2092
डिब्बों की खराबी की वजह से नहीं हुआ कानपुर ट्रेन हादसा।
अजमेर डीआरएम पुनीत चावला का दावा।
=====================
28 दिसम्बर को पश्चिम बंगाल के सियालदाह से अजमेर आ रही यात्री ट्रेन के उत्तर प्रदेश में कानपुर के निकट दुर्घटनाग्रस्त होने पर अजमेर रेल मंडल के डीआरएम पुनीत चावला ने कहा है कि इस ट्रेन के डिब्बों में कोई खराबी नहीं थी। चावला ने बताया कि जो ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हुई है, उसके डिब्बों की रखरखाव की जिम्मेदारी अजमेर मंडल की है। 25 दिसम्बर को दोपहर 12 बजकर 50 मिनट पर जब इस ट्रेन को अजमेर रेलवे स्टेशन से रवाना किया गया तब सभी डिब्बों की जांच भलीभांति की गई थी। डिब्बों की तकनीकी जांच का रेलवे में पूरा सिस्टम बना हुआ है। इंजीनियर और अन्य तकनीकी विशेषज्ञ डिब्बों को पटरी पर दौड़ाने से पहले अच्छी तरह जांच करते है। इस हादसे के बाद उन्होंने अपने स्तर पर उन रिपोर्टो को जांचा जो डिब्बों की सुरक्षा से संबंधित थी। चावला ने कहा कि ट्रेन के 15 डिब्बे पटरी से कैसे उतरे यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन वे ये बात विश्वास के साथ कह सकते है कि रेल के डिब्बों में कोई तकनीकी खामी नहीं थी। चावला ने बताया कि डिब्बों का जो रेक 25 दिसम्बर को अजमेर से रवाना हुआ था वहीं रेक सियालदाह से 27 दिसम्बर को अजमेर के लिए रवाना हुआ।
दो डिब्बों को हटाया था :
डीआरएम चावला ने बताया कि 25 दिसम्बर को पटरी पर उतारने से पहले दो डिब्बों को हटाया था। चूंकि इन डिब्बों में तकनीकी खराबी नजर आई इसलिए ट्रेन के रेक में इन्हें शामिल नहीं करते हुए इनके स्थान पर दूसरों डिब्बों को लगाकर रेक तैयार किया था। इससे यह जाहिर होता है कि अजमेर में रेक की सार संभाल नियमों के अनुरुप की गई।
15 डिब्बे उतरे हैं पटरी से:
28 दिसम्बर को अजमेर-सियालदाह ट्रेन के 15 डिब्बे पटरी से उतरे हैं। इस दुर्घटना में दो यात्रियों की मौत और 60 जख्मी हुए हैं। एक साथ 15 डिब्बे पटरी से उतरने को केन्द्रीय रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने गंभीर घटना माना है। प्रभु ने इस हादसे की उच्चस्तरीय जांच के निर्देश दे दिए हैं। 
एस.पी.मित्तल) (28-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2089
तो क्या अब कांग्रेस वंडर सीमेंट को दी जाने वाली खनन भूमि का विरोध करेगी? आरके मार्बल का सहयोगी संस्थान है वंडर सीमेंट। मोदी सरकार की साख भी दांव पर।
=======================
राजस्थान के सबसे बड़े दैनिक समाचार पत्र राजस्थान पत्रिका में 27 दिसंबर को एक खबर प्रकाशित हुई है। इस खबर में यह खुलासा किया गया है कि राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार आर के मार्बल के सहयोगी संस्थान वंडर सीमेंट को सैंकड़ों बीघा खनन भूमि देने जा रही है। इसके लिए सरकार में बैठे प्रभावशाली लोगों ने खान विभाग से प्रस्ताव भी मंगा लिया है। यह वही भूमि है, जिसे पूर्व में वंडर सीमेंट को आवंटित किया गया था, लेकिन तब कांग्रेस ने वसुंधरा राजे सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने जयपुर में मोर्चा खोला, तो दिल्ली में प्रेस कांफ्रेन्स कर नरेन्द्र मोदी तक को घसीटा गया। कांग्रेस के इस विरोध के चलते ही राज्य सरकार ने अपने आवंटन को निरस्त कर दिया। लेकिन अब वहीं वसुंधरा राजे सरकार आरके मार्बल और वंडर सीमेंट को सैंकड़ों बीघा भूमि आवंटित करने जा रही है। इसलिए यह सवाल उठा है कि क्या कांग्रेस सरकार के इस आवंटन का फिर से विरोध करेगी? राजस्थान पत्रिका में खबर को छपे हुए दो दिन गुजर गए हंै, लेकिन अभी तक भी कांग्रेस के किसी भी नेता ने मुंह नहीं खोला है। इससे ऐसा प्रतीत होता है कि आरके मार्बल और वंडर सीमेंट के मालिक अशोक पाटनी ने इस बार कांग्रेस में भी तगड़ा प्रबंध किया है। कारोबारी लोग जानते हैं कि पाटनी परिवार हर सरकार में अपना दखल रखता है। राज कांग्रेस का हो अथवा भाजपा का। दोनों ही राज के मंत्री, मुख्यमंत्री, केन्द्रीय मंत्री आदि आरके मार्बल के मेहमान बनने में अपनी शान समझते हैं। वर्तमान मुख्यमंत्री वसुंधरा के तो पाटनी परिवार से पारिवारिक संबंध हैं। कुछ माह पहले ही राजे जब किशनगढ़ आई तो पाटनी के निवास स्थान पर भी गई। हालांकि उस समय अशोक पाटनी किशनगढ़ से बाहर थे, लेकिन सीएम राजे ने परिवार की महिलाओं से मेहमान नवाजी करवाई। कांग्रेस के अशोक गहलोत हो या सचिन पायलट, दोनों ही समय-समय पर आरके मार्बल के किशनगढ़ स्थित संस्थान में मेहमाननवाजी करवाते रहे हैं। 
मोदी सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर।
सवाल राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार का ही नहीं है, बल्कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी की सरकार की प्रतिष्ठा का भी है। पूर्व में जब राजे सरकार ने वंडर सीमेंट की भूमि का आवंटन निरस्त किया था, तब यह कहा गया कि इसके पीछे मोदी सरकार का दबाव है। अब सवाल उठता है कि हालातों में ऐसा क्या बदलाव हो गया, जिससे निरस्त आवंटन को बहाल किया जा रहा है। बल्कि इस समय तो पीएम मोदी भ्रष्टाचार और कालेधन के खिलाफ मुहिम चला रहे हैं। नोटबंदी की परेशानियों से जूझ रही जनता को लगता है कि अब भ्रष्टाचार समाप्त हो जाएगा। ऐसे में यदि वंडर सीमेंट को सैंकड़ों बीघा खनन भूमि आवंटित की जाती है तो फिर सरकार की भ्रष्टाचार समाप्त करने वाली मुहिम पर भी सवाल उठेंगे। 
(एस.पी.मित्तल) (28-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2090
अग्रवाल समाज की प्रेरणा से वाल्मिकी समाज कर रहा है सामूहिक विवाह। अजमेर में 31 दिसंबर को होगें 31 जोड़ों के विवाह। 
=====================
31 दिसंबर को अजमेर के आजाद पार्क में वाल्मिकी समाज के 31 जोड़ों का सामूहिक विवाह होगा। अजमेर में यह 10 वां मौका है, जब वाल्मिकी समाज सामूहिक विवाह कर रहा है। समारोह के प्रचार प्रभारी प्रताप सनकत ने बताया कि सामूहिक विवाह की प्रेरणा हमारे समाज ने अग्रवाल समाज से ली है। आम तौर पर अग्रवाल समाज को आर्थिक दृष्टि से सम्पन्न माना जाता है, लेकिन समय को देखते हुए समाज के प्रतिनिधि भी जरूरतमंद अग्रवाल जोड़ों के विवाह सामूहिक तौर पर कर रहे हैं। जबकि वाल्मिकी समाज तो शुरू से ही जरूरतमंद रहा है। इस जरूरत को देखते हुए ही अजमेर में आगामी 31 दिसंबर को 31 जोड़ों का सामुहिक विवाह करवाया जा रहा है। वर और वधु पक्ष से 21-21 हजार रुपए की राशि पंजीयन शुल्क के तौर पर ली गई है। इसके अतिरिक्त और कोई खर्च दोनों पक्षों से नहीं लिया जा रहा। यहां तक कि घोड़ी, बैंड, फेरों की हवन सामग्री पंडित आदि सभी इंतजाम समिति की ओर से किए गए हैं। इसके साथ ही करीब 45 हजार रुपए मूल्य का घरेलु सामान प्रत्येक जोड़े को समिति की ओर से दिया जा रहा है। वर-वधु वाले भोजन के लिए अपने रिश्तेदारों को भी ला सकते हैं। भोजन भी नि:शुल्क करवाया जाएगा। सनकत ने बताया कि इतने बड़े समारोह के लिए किसी भी व्यक्ति से नगद राशि नहीं ली गई है। दानदाताओं से सामान लिया गया है। अजमेर नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत ने आजाद पार्क और टेन्ट की व्यवस्था करवाई है। वाल्मिकी समाज के लोगों को सामूहिक विवाह के लिए आनन्द जाजोटर महाराज की प्रेरणा रही है। 31 दिसंबर को होने वाले समारोह में वाल्मिकी समाज के धर्मगुरु उमेश नाथ महाराज, मसाणिया भैरवधाम के उपासक चम्पालाल महाराज के साथ-साथ राज्य के कई मंत्री और नेता भाग लेंगे। सामूहिक बारात प्रात: 7 बजे स्टेशन रोड स्थित किंग एडवर्ड मेमोरियल गेस्ट हाऊस से शुरू होगी, जो विभिन्न मार्गों से होते हुए 11 बजे आजाद पार्क पहुंचेगी। दोपहर 12 बजे सामुहिक विवाह की रस्म होगी। पुष्कर स्थित गायत्री परिवार के विद्वान फेरे हवन आदि का काम करेंगे। समारोह के संबंध में विस्तृत जानकारी मोबाइल नम्बर 09983989111  पर सनकत से ली जा सकती है। 
एस.पी.मित्तल) (28-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2091
बहस पर नौटंकी कर रही है कांग्रेस और भाजपा।
====================== 
जी टीवी के राजस्थान न्यूज चैनल पर 27 दिसंबर की रात 8 बजे न्यूूज-व्यूज का एक कार्यक्रम प्रसारित हुआ। इस कार्यक्रम में मैंने भी भाग लिया। इस लाइव कार्यक्रम का मुद्दा राजस्थान में भाजपा की सरकार के तीन वर्ष की उपलब्धियों को लेकर कांग्रेस और भाजपा में बहस कराना था। असल में प्रदेश के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया ने कांग्रेस को चुनौती दी थी कि सरकार ने तीन वर्ष में काम किया है या नहीं, इस पर मैं बहस के लिए तैयार हूं। सब जानते हैं कि भाजपा की राजनीति में कटारिया मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी पुराने हैं। यही वजह है कि सीएम राजे भी कटारिया का बहुत सम्मान करती हैं। मैं यह बात अपने अनुभव से कह सकता हंू कि बहस के लिए कांग्रेस को आमंत्रित करने से पहले कटारिया ने सीएम राजे से भी नहीं पूछा होगा। इससे ही कटारिया की वरिष्ठता का अंदाजा लगाया जा सकता है। लेकिन कटारिया के बहस के प्रस्ताव को कांग्रेस ने गंभीरता से नहीं लिया। एक बार पार्षद चुनी गई कांग्रेस की प्रवक्ता श्रीमती अर्चना शर्मा 27 दिसंबर को जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब पर टेबल कुर्सी लगाकर बैठ गई। कहा गया कि मैं बहस के लिए कटारिया का इंतजार कर रही हूं। सवाल उठता है कि क्या कटारिया जैसे स्तर का नेता अर्चना शर्मा से बहस करेगा? और जब कटारिया नहीं आए तो कांग्रेस ने नौटंकी करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अच्छा होता कि कटारिया की चुनौती को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट स्वीकार करते। उम्र में कटारिया पायलट के पिता समान हैं। कटारिया तो कई वर्ष पहले ही भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके। असल में कांग्रेस ने बहस का एक अवसर खो दिया। सामान्यतया सत्तारूढ़ पार्टी कभी भी विपक्ष के साथ खुले मंच पर बहस के लिए तैयार नहीं होती। कांग्रेस के नेताओं में सूझ-बूझ होती तो कटारिया को उन्हीं की शर्तों के अनुरूप बहस के लिए तैयार करवाती। कांग्रेस यह तो आरोप लगा रही है कि वसुंधरा सरकार ने तीन वर्ष में कोई काम नहीं किया, लेकिन जब सरकार ने बहस के लिए आमंत्रित किया तो कांग्रेस ने गंभीरता नहीं दिखाई। जहां तक बहस के मुद्दे पर भाजपा का सवाल है तो प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी को ठोस तरीके से आगे आना चाहिए। यदि भाजपा ईमानदारी के साथ बहस करना चाहती है तो उसे सचिन पायलट के समक्ष प्रस्ताव रखना चाहिए। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि दोनों ही राजनीतिक दल इस मुद्दे पर नौटंकी कर रहे हैं। राजस्थान की जनता नेताओं की नौटंकी को देख और समझ रही है। 
(एस.पी.मित्तल) (28-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Monday 26 December 2016

#2082
ऐसे तो मोदी सरकार की छवि खराब हो रही है। 
बुजुर्ग पेंशनरों को खाने पड़ रहे हैं धक्के। 
=====================
ऐसा प्रतीत होता है कि पीएम नरेन्द्र मोदी ने बदलाव के लिए जो सकारात्मक कदम उठाए हैं। उस पर बिगड़ी सरकारी व्यवस्था पानी फेर रही है। अब तक रिटायर्ड कर्मचारियों और अन्य कारणों से जिन बुजुर्गों को पेंशन मिल रही थी, उन्हें प्रति वर्ष नवम्बर माह में अपनी संबंधित बैंक में उपस्थित होकर जीवत होने का सबूत देना होता था। इसके लिए बैंक एक फार्म भरवाता था। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेशों को बताकर बैंक वालों ने बुजुर्ग पेंशनर का जीवत प्रमाण पत्र लेने से इंकार कर दिया। बैंक वालों का कहना रहा कि कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय में जाकर ही जीवत प्रमाण पत्र देना होगा। बुजुर्ग पेंशनर जब इस कार्यालय में पहुंचे तो अनेक बुजुर्ग के अंगुलियों के निशान आधार कार्ड से नहीं मिले। जो पेंशनर बीमार और चलने में अपाहिज हंै, उन्हें भी अजमेर में इस दफ्तर के धक्के खाने पड़ रहे हैं। भीड़ होने की वजह से बुजुर्ग को लाइन में घंटों खड़े रहना पड़ रहा है। जिन पेंशनरों के अंगुलियों के निशान मिल रहे हैं, वे तो भाग्यशाली है, लेकिन जिन पेंशनरों के निशान नहीं मिल रहे, उन पर तो मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है। ऐसे पेंशनरों को अपनी बैंक में जाकर अधिकारियों से जीवित होने का प्रमाण पत्र लाना पड़ रहा है। बैंक वाले बड़ी परेशानी से प्रमाण पत्र दे रहे हैं। कई बार तो बुजुर्ग पेंशनर को ईपीएफ दफ्तर और बैंक के बीच कई चक्कर लगाने पड़ते हैं। जद्दोजहद के बाद बैंक से प्रमाण पत्र हासिल करने के बाद पेंशनर को किसी ई-मित्र पर जाना होता है। यहां आधार कार्ड के लिए फिर से अंगुलियों के निशान देने पड़ते हैं। हालांकि ई-मित्र पर भी बुजुर्ग व्यक्तियों के निशान मिलना मुश्किल हो रहा है। ई-मित्र संचालक जो प्रिंट देते हैं, उसे ईपीएफ कार्यालय में जमा करवाया जा रहा है। ईपीएफ कार्यालय के अधिकारियों का कहना है कि अब भी पेंशन मिलेगी या नहीं इसके बारे में हम कुछ नहीं कह सकते। हम तो वो ही कर रहे हैं जो नरेन्द्र मोदी की सरकार कह रही है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि 70 से90 वर्ष की उम्र वाले पेंशनरों को खासकर महिलाओं को कितनी परेशानी हो रही होगी। नरेन्द्र मोदी चाहे तो देश के किसी भी शहर में ऐसे पेंशनरों की परेशानी का पता लगा सकते हैं। समझ में नहीं आता कि बुजुर्ग पेंशनरों के लिए इस व्यवस्था को क्यों लागू किया गया है? पेंशनरों को तो पहले से ही बैंक के जरिए भुगतान हो रहा है। सभी के बैंक खाते भी आधार कार्ड से लिंक हैं। सरकार में बैठे लोग माने या नहीं इसमें मोदी सरकार की छवि खराब हो रही है। ईपीएफ दफ्तर से लेकर बैंक और ई-मित्र केन्द्र तक बुजुर्ग के आंसू पूछने वाला कोई नहीं है। पीएम नरेन्द्र मोदी कई बार कह चुके हैं कि भाजपा के नेताओं और कार्याकर्ताओं को जनता के बीच जाना चाहिए,लेकिन अजमेर में भाजपा का एक भी कार्यकर्ता बुजुर्गों की मदद के लिए आगे नहीं आ रहा है। 
(एस.पी.मित्तल) (26-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2083
अखिलेश के विज्ञापनों में पिता मुलायम तक का फोटो नहीं। इसे कहते हैं राजनीति।
======================= 
इन दिनों टीवी चैनलों पर उत्तर प्रदेश के सीएम अखिलेश यादव की उपलब्धियों का एक विज्ञापन प्रसारित हो रहा है। कोई एक मिनट के इस विज्ञापन में लखनऊएक्सप्रेस हाइवे के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है और यह बताने का प्रयास किया गया है कि यूपी में जो भी विकास हुआ है, उसका श्रेय अखिलेश यादव को ही है। इस पूरे विज्ञापन में पिता मुलायम सिंह यादव और चाचा शिवपाल यादव का कोई उल्लेख नहीं है। इससे प्रतीत होता है कि अखिलेश आगामी विधानसभा का चुनाव अपने दम पर ही लड़ेगें। जो समाजवादी पार्टी सिर्फ मुलायम के नाम से जानी जाती थी, उस पार्टी से अब मुलायम का नामोनिशान मिटाया जा रहा है। जानकारों की मानें तो अखिलेश यादव अपनी सरकार की छवि पर पिता के कुनबे के छीटें पडऩे नहीं देना चाहते हैं। अखिलेश को लगता है कि यदि सरकार की उपलब्धियों के विज्ञापनों में मुलायम का फोटो अथवा नाम दिखाया गया तो उनकी छवि खराब हो जाएगी। लखनऊ एक्सप्रेस हाइवे वाले विज्ञापन की एक खास बात यह भी है कि इस विज्ञापन को यूपी सरकार के जनसम्पर्क विभाग ने जारी नहीं किया है। संभवत: यह विज्ञापन एक्सप्रेस हाइवे की कम्पनी की ओर से जारी हुआ है। इससे यह भी अंदाजा लगता है कि लोकसभा चुनाव में अपने प्रचार के लिए नरेन्द्र मोदी ने जो तौर-तरीके अपनाए थे, वैसे ही तरीके अखिलेश अपना रहे हैं। 26 दिसंबर को न्यूज चैनलों पर यह बात भी सामने आई कि उम्मीदवारों को लेकर पिता-पुत्र में एक बार फिर विवाद उठ खड़ा है। चाचा शिवपाल को यह समझना चाहिए कि जब अखिलेश अपने विज्ञापन से पिता का ही नाम और फोटो हटा सकते हैं तो फिर कांग्रेस के साथ मिलकर अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर सकते हैं।
एस.पी.मित्तल) (26-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2084
पुलिस की शह पर बहू अपनी सास को कर रही है तंग। अजमेर एसपी से लगाई गुहार।
======================
अजमेर के फॉयसागर रोड स्थित प्रेमनगर निवासी श्रीमती शारदा तंवर ने 26 दिसंबर को पुलिस अधीक्षक डॉ. नितिनदीप ब्लग्गन को एक पत्र दिया है। इस पत्र में आरोप लगाया है कि मेरी पुत्रवधू श्रुति गंज पुलिस के सहयोग से तंग कर रही है। मैं अपने पति और छोटे बेटे के साथ अपने घर में रह रही हूं, लेकिन विगत दिनों मेरी पुत्रवधू श्रुति जबरन घर में घुस आई। जबकि विधि के अनुरूप मेरी पुत्रवधू का हमारे घर में कोई वैधानिक अधिकार नहीं है। पत्र में बताया गया कि 18 नवंबर 2013 को श्रुति का विवाह मेरे पुत्र दुष्यन्त के साथ हुआ था। जनवरी 2014 से दोनों हैदराबाद में रह रहे, लेकिन थोड़े दिनों बाद ही श्रुति ने अपने पति का त्याग कर दिया। इतना ही नहीं श्रुति ने हैदराबाद के पुलिस स्टेशन पर धारा 498ए आई.पी.सी. के तहत परिवार के सभी सदस्यों पर मुकदमा भी कर दिया। आज भी यह मुकदमा हैदराबाद की अदालत में विचाराधीन है। पत्र में कहा गया कि जब विवाह का मामला न्यायालय में विचाराधीन है तो फिर श्रुति का अजमेर के मेरे निवास में प्रवेश करने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है। वैसे भी पुत्र दुष्यंत हमारे साथ नहीं रहता है, वह आज भी हैदराबाद में ही निवास कर रहा है। एसपी को यह भी जानकारी दी गई कि गत वर्ष भी पुलिस ने अजमेर में इस पूरे प्रकरण की जांच की थी। एसपी से आग्रह किया गया कि पुत्रवधू श्रुति की गैरकानूनी गतिविधियों पर रोक लगाई जाए। उल्लेखनीय है कि दो दिन पहले श्रुति ने गंज पुलिस के सहयोग से सास शारदा तंवर के मकान में प्रवेश किया था। श्रुति का कहना है कि उसे अपने ससुराल के मकान में रहने का वैधानिक अधिकार है। 
एस.पी.मित्तल) (26-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Sunday 25 December 2016

#2080
किशनगढ़ के तीन लोगों को नकली नोट छापते अजमेर में पकड़ा। 
50 और 100 रुपए के नोट बनाते थे।
=======================
25 दिसंबर को अजमेर की क्लॉक टॉवर पुलिस के इंस्पेक्टर रमेन्द्र हाड़ा ने एक बड़ी कार्यवाही करते हुए केसरगंज क्षेत्र से तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 50 और 100 रुपए के नोट छापने के उपकरण भी बरामद किए हैं। हाड़ा ने बताया कि गिरफ्तार तीनों व्यक्ति अजमेर जिले के किशनगढ़ कस्बे के रहने वाले हैं, इनमें रवि कुमार, प्रहलाद और हरिराम जाखड़ शामिल है। हाड़ा ने बताया कि आरोपियों से नकली 100 और 50 के डेढ़ हजार रुपए बरामद किए हैं। इसके साथ ही नोट की डाई, प्रिंटर, स्केनर, चाकू आदि सामान भी जब्त किया गया है। आरोपियों ने बताया कि वे लम्बे समय से नकली नोट तैयार करने का काम कर रहे थे। नकली नोटों को बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, पेट्रोल पम्प आदि पर चलाने के लिए लोगों को दिए गए। 

(एस.पी.मित्तल) (25-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================

Saturday 24 December 2016

#2079
70 सालों से मलाई खाने वालों की अब आएगी शामत। मुंबई में पीएम का विपक्ष पर बड़ा हमला।
======================
24 दिसम्बर को पीएम नरेन्द्र मोदी ने मुंबई में नोटबंदी पर विपक्ष पर बड़ा हमला बोला। छत्रपति शिवाजी के स्मारक और अन्य विकास कार्य के शिलान्यास के बाद एक आम सभा को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने 70 सालों से मलाई खाई है, उनकी अब शामत आई है। नोटबंदी का विरोध वो ही मुठ्ठी भर लोग कर रहे हैं जिन्होंने मलाई खाई है। ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि आज पूरा देश उनके साथ है, लोगों को उकसाने के लिए जो कुछ भी किया जा सकता था वह किया। लेकिन देश की जनता ने यह बता दिया कि अब काले धन वालों की खैर नहीं है। काले को सफेद करने के चक्कर में बेईमानों ने बैंक वालों को भी फंसा दिया है। जो लोग यह समझते  हैं कि बैंक में जमा करा देने के बाद उनका काला धन अब सफेद हो गया वह भ्रम में है। असल में सरकार का काम तो अब शुरू हुआ है। काले धन के खिलाफ मैं तब तक लड़ता रहंूगा जब तक जीत हांसिल न कर लूं। बेईमान लोग अभी भी संभल जाए, सरकार ने गरीबों की मदद का जो फार्मुला दिया है उसके तहत अपना काला धन घोषित कर दे। 30 दिसम्बर के बाद ईमानदार लोगों की परेशानियां खत्म हो जाएगी और बेईमानों की परेशानी बढ़ जाएगी।
(एस.पी.मित्तल) (24-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
===============
#2078
तो अजमेर में भाजपा की राजनीति में बी.पी.सारस्वत भी अपना झंडा लहरा रहे हैं।
======================= 
यूं तो अजमेर जिले में भाजपा से जुड़े कोई आठ नेता मंत्री स्तर की सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं। वहीं बिना सरकारी पद पर होते हुए भी भाजपा के देहात जिलाध्यक्ष प्रो. बी.पी.सारस्वत भी अपना झंडा लहरा रहे हैं। प्रो. सारस्वत यहां एमडीएस यूनिवर्सिटी में वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष के साथ-साथ उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय प्रबंधक केन्द्र के निदेशक भी हैं। इस केन्द्र की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए ही सीएम वसुंधरा राजे ने सभी यूनिवर्सिटीज में ऐसे केन्द्र खोलने के निर्देश दिए हैं। इसे सारस्वत का झंडा लहराना ही कहा जाएगा कि अपने इस केन्द्र के माध्यम से सारस्वत आए दिन सरकारी आयोजन करते रहते हैं। 24 दिसम्बर को ही एक अंतर्राष्ट्रीय सेमीनार का समापन हुआ। इस दो दिवसीय सेमीनार का शुभारंभ 23 दिसम्बर को केन्द्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन मेघवाल ने किया। चूंकि सारस्वत राजनीति में अपना झंडा लेकर चल रहे हैं, इसलिए अतिथियों के तौर पर अपने नजरिए से ही भाजपा नेताओं को बुलाते हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि सारस्वत ने भाजपा की राजनीति में अपना झंडा बुलंद कर रखा है, इसलिए फिलहाल उन्हें कोई चुनौती देने वाला नहीं है। यही वजह रही कि सेमीनार के पहले दिन मेघवाल के साथ यूनिवर्सिटी के वी.सी.कैलाश सोडानी को बुलाया तो समापन समारोह में राज्य की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अनिता भदेल, संसदीय सचिव सुरेश रावत और अजमेर के कलेक्टर गौरव गोयल अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। सारस्वत के इस तरह झंडा लहराने से अजमेर के अनेक भाजपा नेता ईष्र्यालु हो गए हैं। लेकिन सारस्वत पर सीएम राजे का हाथ है,इसलिए ईष्र्यालु नेता खामोश हैं। इसे सारस्वत का प्रभाव ही कहा जाएगा कि बीएड जैसी राज्यस्तरीय परीक्षाएं भी उन्हीं के माध्यम से हो रही है। कहने को सारस्वत भले ही एक यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हों, लेकिन उनका सत्ता और राजनीति में जोरदार दखल है। सारस्वत एक साथ कई मोर्चों पर संघर्ष कर रहे हैं।
एस.पी.मित्तल) (24-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2076
अजमेर के गुटखा कारोबारी फर्म के.टी.एंटरप्राइजेज पर आयकर की बड़ी पड़ताल। नोटबंदी के बाद पहली बड़ी कार्यवाही।
====================== 
24 दिसम्बर को भी आयकर विभाग की टीम ने अजमेर में कवंडसपुरा स्थित केटी एंटरप्राइजेज पर जांच पड़ताल का काम किया। यह जांच 23 दिसम्बर से जारी है। नोटबंदी की घोषणा के बाद अजमेर में यह आयकर विभाग की पहली कार्यवाही है। इससे उन व्यापारियों में हड़कंप मच गया है, जिन्होंने 8 नवम्बर के बाद लाखों रुपए अपने बैंक खातों में जमा करवाया हैं। आयकर विभाग के सूत्रों के अनुसार केटी एंटरप्राइजेज के कल्लू भाई और थावर दास की ओर से बैंक में एक करोड़ रुपए से भी ज्यादा की रकम जमा करवाई है। विभाग के अधिकारी अब यह जानना चाहते हैं कि आखिर इतनी बड़ी रकम कहां से आई। सूत्रों के अनुसार दो दिन की जांच में फर्म की ओर से संतोषजनक जवाब नहीं मिला है। आवश्यकता होने पर विभाग फर्म के बैंक खाते सीज कर सकता है। मालूम हो कि 8 नवम्बर को पीएम ने यह भी घोषणा की थी कि व्यापारी वर्ग अपने बही खातों के अनुरूप 1000 और 500 के नोट बैंक में जमा करवा सकते हैं। लेकिन आयकर विभाग को यह देखने में आया कि व्यापारियों ने एक माह बाद अपने बैंक खातों में पुराने नोट जमा करवाए। विलम्ब को भी आयकर अधिकारी संदेह की दृष्टि से देख रहे हैं। 
मिराज, विमल आदि का है कारोबार:
आयकर विभाग ने जिस केटी एंटरप्राइजेज पर जांच का काम किया है, उस फर्म के पास मिराज, विमल जैसे नामी गुटखे की एजेंसी है। चूंकि मिराज और विमल गुटखे की मांग बहुत ज्यादा है,इसलिए आयकर अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि बिक्री और खरीद में कितना अंतर है। फर्म के कारोबार के साथ-साथ सम्पत्तियों का भी आंकलन किया जा रहा है। 
(एस.पी.मित्तल) (24-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2077
शरणार्थियों को मूल निवास प्रमाण पत्र देने पर कश्मीर के अलगाववादियों को एतराज क्यों? सवाल कश्मीर के हिन्दुओं का भी है।
====================== 
24 दिसम्बर को कश्मीर घाटी में एक बार फिर अलगाववादियों की ओर से सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़पे हुई। इस बार अलगाववादी 1947 में देश के विभाजन के समय पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को मूल निवास प्रमाण पत्र देने के फैसले का विरोध कर रहे हैं। अलगाववादियों को लगता है कि यदि ऐसे 80 हजार शरणार्थियों को कश्मीर की नागरिकता मिल जाएगी तो उनका मकसद पूरा नहीं हो सकेगा। असल में अलगाववादी कश्मीर में उन्हीं लोगों का निवास चाहते हैं जो कश्मीर की आजादी चाहते हैं। उन्हें लगता है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के कथित फैसले पर जब कभी घाटी में जनमत संग्रह होगा तो बहुमत आजादी चाहने वालों का हो। इसलिए पूर्व में चार लाख हिन्दुओं को घाटी से भगा दिया गया और अब शरणार्थियों के मूल निवास के प्रमाण पत्र का भी विरोध किया जा रहा है। शरणार्थियों की एक्शन कमेटी के अध्यक्ष लाभाराम गांधी का कहना है कि उन्हें नागरिकता का प्रमाण पत्र इसलिए चाहिए ताकि सरकारी संस्थानों में उनके बच्चे नौकरी प्राप्त कर सके। पिछले 70 सालों से हम अपने ही देश में शरणर्थी बने हैं। समझ में नहीं आता कि अलगाववादी हमारी नागरिकता का विरोध क्यों कर रहे हैं? विभाजन के समय जिस प्रकार अन्य लोग पाकिस्तान से आए,उसी प्रकार हम भी आए हैं। जम्मू कश्मीर की पीडीपी सरकार की सीएम महबूबा मुफ्ती ने हमारी दुर्दशा को देखते हुए ही मूल निवास का प्रमाण पत्र जारी करने के आदेश दिए हैं।
कैसे सुधरेंगे हालात:
सवाल उठता है कि आखिर कश्मीर घाटी के हालात कैसे सुधरेंगे? गत आठ जुलाई को आतंकी बुरहान की मौत के बाद से ही अलगाववादी घाटी में बंद और हड़ताल करवा रहे हैं और अब अलगाववादियों को एक नया मुद्दा मिल गया है। घाटी के हालात इतने खराब हैं कि आतंकवादी आबादी क्षेत्र से निकल कर सुरक्षा बलों पर अचानक जानलेवा हमले कर रहे हैं। 24 दिसम्बर को भी प्रमाण पत्र के मुद्दे पर अलगाववादियों ने जो जुलूस निकाले, उनसे भी हालात बिगड़ हुए हैं। 
(एस.पी.मित्तल) (24-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================

Saturday 17 December 2016

#2063
कांग्रेस शासन में एडीए के अध्यक्ष पद के लिए पायलट की मिजाजपूर्सी करने वाले कालीचरण खंडेलवाल अब भाजपा के शासन में वरिष्ठ नागरिक बोर्ड के सदस्य बनें।
=======================
जो लोग अजमेर की राजनीति में रूचि रखते हैं, उन्हें अच्छी तरह पता है कि कांग्रेस के गत शासन में केन्द्रीय मंत्री और अजमेर के सांसद सचिन पायलट की मिजाजपूर्सी करने में अजमेर के प्रमुख व्यावसायी कालीचरण खंडेलवाल ने कोई कसर नहीं छोड़ी थी। इस मिजाजपूर्सी से खुश होकर पायलट ने भी खंडेलवाल को अजमेर विकास प्राधिकरण (तब यूआईटी) का अध्यक्ष बनवाने का आश्वासन दिया। खुद खंडेलवाल ने भी जोर शोर से कहा कि पायलट साहब अध्यक्ष बनवा रहे हैं। इतना ही नहीं खंडेलवाल के पुत्र राधेगोपाल खंडेलवाल ने जिले की बिजयनगर नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव भी कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में लड़ा। लेकिन न पिता एडीए अध्यक्ष बन पाए न पुत्र अध्यक्ष का चुनाव जीत पाया। सब जानते हैं कि कालीचरण खंडेलवाल और उनका परिवार कांग्रेस में ही सक्रिय रहा। लेकिन अब ऐसा प्रतीत होता है कि खंडेलवाल सत्ता के साथ रहना चाहते हंै। खंडेलवाल को हाल ही में भाजपा की सरकार ने वरिष्ठ नागरिक बोर्ड का सदस्य मनोनीत किया है। कांग्रेस के शासन में जो कालीचरण खंडेलवाल सचिन पायलट के गुणगान गाते थे, वो अब सीएम वसुंधरा राजे की प्रशंसा कर रहे हैं। वरिष्ठ नागरिक बोर्ड के सदस्य को बड़ी उपलब्धि मानते हुए खंडेलवाल ने अजमेर शहर में होर्डिंग लगवाए हैं। इन बैनरों में खंडेलवाल ने स्वयं के फोटो के साथ-साथ सीएम राजे का फोटो भी लगाया है। खंडेलवाल  अखिल भारतीय खंडेलवाल महासंघ के अध्यक्ष भी हैं। खंडेलवाल के सरकारी बोर्ड का प्रदेश स्तरीय सदस्य बनने पर अजमेर के भाजपा नेताओं को भी आश्चर्य हो रहा है। वहीं कांग्रेसियों का कहना है कि खंडेलवाल ने मात्र सदस्य के पद के खातिर अपनी विचारधारा को ही बदल लिया। लेकिन खंडेलवाल इस सरकारी पद को गैर राजनीतिक पद मानते हैं। खंडेलवाल का कहना है कि उन्हें यह पद समाजसेवी के तौर पर दिया गया है। अब वे वरिष्ठ नागरिकों की सार-संभाल का काम करेंगे।
एस.पी.मित्तल) (17-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal

www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2062
आखिर अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी का सपना पूरा हुआ। 
252 करोड़ के प्लांट का शिलान्यास अगले माह जनवरी में। भूपेन्द्र यादव के प्रयास भी रंग लाए। 
=======================
अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में अजमेर को डेनमार्क बनाने का सपना जो देखा था वह अब पूरा होने जा रहा है। चौधरी के इस सपने को पूरा करवाने में अजमेर से राज्यसभा के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव की भी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। अगले माह जनवरी में 252 करोड़ रुपए से बनने वाले अत्याधुनिक डेयरी प्लांट का शिलान्यास हो जाएगा। 
17 दिसम्बर को अजमेर डेयरी के अध्यक्ष रामचन्द्र चौधरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि एनसीडीसी ने जो 252 करोड़ रुपए की योजना मंजूर की है, उसमें से 164 करोड़ 23 लाख रुपए का ऋण है तथा 50 करोड़ 52 लाख रुपए का अनुदान मिलेगा। अजमेर डेयरी भी अपने 15 प्रतिशत शेयर के तौर पर 37 करोड़ 90 लाख का योगदान देगी। चौधरी ने बताया कि वे पिछले कई वर्षों से इस योजना को मंजूर करवाने के प्रयास किए जा रहे थे। लेकिन हाल ही में अजमेर से राज्यसभा के सांसद और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव के अथक प्रयासों के बाद केन्द्र सरकार के एनसीडीसी ने नए प्लांट की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी। अब उनका प्रयास है कि अगले माह जनवरी में प्लांट का शिलान्यास करवा दिया जाए। इसके लिए केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, प्रदेश की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और अजमेर के सांसद तथा किसान आयोग के अध्यक्ष सांवरलाल जाट आदि से सम्पर्क किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि वे पिछले 30 बरसों से अजमेर जिले में डेयरी के क्षेत्र में सक्रिय हैं। नए प्लांट का जो सपना संजोया था वह अब पूरा होने जा रहा है। चौधरी ने बताया कि नए प्लांट का निर्माण पूरी पारदर्शिता और आधुनिक सोच के साथ करवाने के लिए नेशनल डेयरी डवलपमेंट बोर्ड के माध्यम से टर्नकी आधार पर करवाया जाएगा। प्लांट के निर्माण की सम्पूर्ण राशि बोर्ड के विशेषज्ञों की राय पर खर्च होगी। 
राजस्थान का पहला प्लांट:
चौधरी ने बताया कि प्लांट का निर्माण अजमेर डेयरी के ब्यावर रोड स्थित परिसर में ही चलेगा। इसके लिए परिसर में बीस बीघा भूमि निर्धारित कर दी गई है। राजस्थान  में यह प्लांट अपनी किस्म का पहला होगा। वर्तमान में डेयरी प्रतिदिन 4 लाख लीटर दूध की प्रोसेसिंग करती है। जो नए प्लांट से बढ़ कर 8 लाख लीटर प्रतिदिन की हो जाएगी। इसे 10 लाख लीटर तक बढ़ाया जा सकता है। यानि नए प्लांट शुरू होने के बाद अजमेर डेयरी प्रतिदिन पशुपालकों से 10 लाख लीटर तक दूध की खरीद कर सकती है। चौधरी ने माना कि अभी सैकड़ों पशुपालक निजी डेयरियों के शोषण का शिकार हो रहे हैं। सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली अजमेर डेयरी पशुपालकों को उचित खरीद मूल्य का भुगतान करती है। चौधरी ने बताया कि दूध प्रोसेसिंग प्लांट के साथ-साथ दूध से पाउडर बनाने का प्लांट भी लगेगा। इसमें प्रतिदिन 30 मैट्रिक टन दूध का पाउडर बनाया जा सकेगा। प्रत्येक वर्ष जनवरी से मई माह तक दूध की आवक बढ़ जाती है। मांग की पूर्ति के बाद भी दूध शेष रह जाता है। ऐसे में दूध का पाउंडर हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में प्राइवेट प्लांटों में बनवाना पड़ता है। इस पर डेयरी को प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपए खर्च करने होते हैं। यह राशि दूध और पाउडर के परिवहन और प्राइवेट डेयरी पर खर्च की जाती है। नए प्लांट के शुरू होने के बाद डेयरी को प्रतिवर्ष 10 करोड़ रुपए की बचत हो जाएगी। नए प्लांट में चीज, घी, पनीर, लस्सी, मावे की मिठाईयां, छाछ आदि भी उत्पादक तैयार हो सकेंगे।  उनका समपना है कि श्वेत क्रांति से अजमेर को डेनमार्क बनाया जाए। 
उत्पादों का निर्यात भी होगा:
चौधरी ने बताया कि नए प्लांट में एक्सपोर्ट क्वालिटी के उत्पाद तैयार किए जाएंगे। दुनियाभर में दूध से बने उत्पाद खासकर चीज की जबरदस्त मांग है। विदेशों में निर्यात के लिए अभी से ही मार्केटिंग एजेंसियों से सम्पर्क किया जा रहा है। 
स्वयं का अनुभव काम आया:
चौधरी ने बताया कि 252 करोड़ की योजना को एनसीडीसी से स्वीकृत करवाने में उनका स्वयं का भी अनुभव काम आया है। वे वर्ष 1992 से 1997 तक एनसीडीसी के मैनेजमेंट बोर्ड के सदस्य रहे थे। यही वजह रही कि बोर्ड के नियमों के अनुरूप अजमेर डेयरी प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर सकी। 
स्मार्ट सिटी की पहल:
चौधरी ने बताया कि केन्द्र सरकार ने जब अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का काम शुरू कर दिया है, तब डेयरी ने भी स्मार्ट सिटी की ओर कदम बढ़ा दिया है। स्मार्ट सिटी की तर्ज पर ही डेयरी परिसर में अत्याधुनिक प्लांट लगाया जा रहा है। 
चालू रहेगा वर्तमान प्लांट भी:
चौधरी ने बताया कि नए प्लांट के शुरू होने के बाद वर्तमान प्लांट को भी चालू रखा जाएगा। पुराने प्लांट के माध्यम से अतिरिक्त उत्पादन किया जाएगा। 
(एस.पी.मित्तल) (17-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal

www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================

Friday 16 December 2016

#2059
समाज में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए राजपूतों का महाकुंभ 18 दिसंबर को अजमेर में होगा।
=======================
राजपूत समाज में जरूरतमंद महिलाओं के सशक्तिकरण और बालिका शिक्षा को बढ़ाने के लिए राजस्थान भर के राजपूतों का महाकुंभ 18 दिसंबर को प्रात: 11 बजे अजमेर के पटेल मैदान पर आयोजित होगा। महाकुंभ की तैयारियों को अब अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस महाकुंभ में पंजाब के राज्यपाल वी.पी. सिंह बदनौर, राजस्थान विधानसभा के डिप्टी स्पीकर राव राजेन्द्र सिंह, राज्यसभा सांसद अमर सिंह आदि राजपूत समाज के प्रतिनिधि भाग लेंगे। महाकुंभ का आयोजन राजपूत विकास परिषद के तत्वावधान में किया जा रहा है। परिषद के संरक्षक मेघराज सिंह रॉयल और अध्यक्ष नवल सिंह झराणा ने बताया कि राजपूत समाज में हजारों ऐसी महिलाएं हैं, जिन्हें स्वरोजगार की जरूरत है। विधवा एवं बुजुर्ग महिलाओं को सामाजिक सुरक्षा की भी आवश्यकता है। समय के साथ बदलाव को देखते हुए बालिका शिक्षा भी जरूरी हो गई है। हालांकि राजपूत समाज में महिलाओं की स्थिति अपेक्षाकृत अच्छी है और अनेक संगठन समय-समय पर सशक्तिकरण का काम करते रहते हैं, लेकिन फिर भी राजपूत विकास परिषद यह महसूस करती हैकि अभी बहुत कुछ किया जाना चाहिए। इसी उद्देश्य से अजमेर में समाज का महाकुंभ आयोजित किया गया है। इसके माध्यम से युवाओं को भी स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जाएगा। आधुनिक दौर में युवा वर्ग में संस्कारों का होना बेहद जरूरी है। महाकुंभ का उद्देश्य समाज के विभिन्न संगठनों को एक मंच पर लाना भी है ताकि राजनीतिक क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी को आगे बढ़ाया जाए। 
परिषद के प्रवक्ता लक्ष्मण सिंह राठौड़ ने बताया कि परिषद के संरक्षक मेघराज सिंह रॉयल ने अपनी स्वर्गीय माताजी की स्मृति में ही अजमेर में कुंदन नगर क्षेत्र में रूकमण राजपूत बालिका छात्रावास का निर्माण करवाया है। इस पर कोई डेढ़ करोड़ की राशि खर्च हुई है। 50 बैड वाले पूर्ण वातानुकूलित इस छात्रावास में सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहां रहने वाली बालिकाओं को नि:शुल्क भोजन की सुविधा भी उपलब्ध होगी। रॉयल का सपना है कि राजस्थान के प्रत्येक जिले में राजपूत समाज का बालिका छात्रावास बनवाया जाए। 
(एस.पी.मित्तल) (16-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================

Wednesday 14 December 2016

#2050
खो-खो की आवाज से गूंज उठा एमडीएस का परिसर। 
वी.सी. कैलाश सोडानी की पहल पर हो रही है अजमेर में पांच राज्यों की प्रतियोगिता। 
=======================
इसमें कोई दो राय नहीं कि किसी मंदिर अथवा संस्थान को पुजवाने में पुजारी अथवा संस्था के मुखिया की भूमिका महत्त्वपूर्ण होती है। अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी का परिसर अभी उत्तर पूर्व क्षेत्र के 8 राज्यों के सांस्कृतिक समारोह की सुंगध से उभर भी नहीं पाया कि गत 11 दिसम्बर से यूनिवर्सिटी का परिसर खो खो की आवाज से गूंज रहा है। इन दिनों एमडीएस के परिसर में पश्चिम क्षेत्रीय अंतर विश्वविद्यालय खो-खो महिला प्रतियोगिता चल रही है। 15 दिसम्बर को समाप्त होने वाली इस प्रतियोगिता में 14 दिसम्बर को अजमेर के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत के साथ-साथ मुझे भी अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया। मुझे बताया गया कि अजमेर में इस प्रतियोगिता को करवाने में यूनिवर्सिटी के वीसी कैलाश सोडानी की पहल रही है। इसमें कोई दोराय नहीं कि सोडानी शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ सांस्कृतिक, खेलकूद, बौद्धिक गतिविधियां भी करवाते रहते हैं। महिला खो-खो प्रतियोगिता में राजस्थान, गुजरात, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा की 42 यूनिवर्सिटीज के 600 से भी ज्यादा खिलाड़ी भाग ले रहे हैं। यही वजह है कि यूनिवर्सिटी का परिसर खो-खो की आवाज से गूंज रहा है। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर की महिला खिलाड़ी भी भाग ले रही हैं। एमडीएस यूनिवर्सिटी की खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए पात्र हो गई हैं। यूनिवर्सिटी के इतिहास में यह पहला अवसर है, जब यहां के खिलाड़ी राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग ले सकेंगी। प्रदेश खो-खो संघ के सचिन डॉ. असगर अली ने बताया कि प्रतियोगिताएं मिट्टी और स्पंज के गद्दों पर करवाई जा रही है। सभी टीमों को एक-एक बार दोनों स्थानों पर खेलना अनिवार्य है। प्रतियोगिता के आयोजन सचिव डी.एस.चौहान ने बताया कि आए हुए सभी खिलाडिय़ों के भोजन और आवास की व्यवस्था यूनिवर्सिटी की ओर से की गई है। इंतजामों की प्रशंसा विश्वविद्यालय महासंघ के पर्यवेक्षकों ने भी की है। 
खिलाडिय़ों से परिचय:
14 दिसम्बर को सायंकालीन सत्र में सेमीफाइनल मैच खेलने के लिए मैदान पर उतरी एमडीएस और कोल्हापुर स्थित शिवाजी यूनिवर्सिटी की खिलाडिय़ों का परिचय अतिथियों द्वारा लिया गया। इस अवसर पर मैच से जुड़े अश्वनी शर्मा ने बताया कि प्रतियोगिताएं लीग मैच के आधार पर हो रही हैं। देश में चार जोन है। प्रत्येक जोन से चार-चार टीमों का चयन होगा। बाद में राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। 
(एस.पी.मित्तल) (14-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2051
आखिर सीएम वसुंधरा राजे ने आकाशवाणी का उपयोग कर ही लिया। तीन साल की उपलब्धियों के बारे में दी जानकारी। 
=====================
मैं यह तो नहीं कहता कि मेरे सुझाव पर राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे ने आकाशवाणी का उपयोग किया। लेकिन यह सही है कि 14 दिसम्बर को सीएम राजे ने सरकार के रेडियो पर अपनी तीन साल की उपलब्धियों की जानकारी दी। मैंने 13 दिसम्बर को प्रसार भारती के अजमेर कार्यालय में एक संगोष्ठी में यह सुझाव दिया था कि सीएम राजे को आकाशवाणी का उपयोग करना चाहिए। जिस प्रकार पीएम नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कर सरकारी रेडियो का महत्त्व बताया, उसी प्रकार सीएम राजे भी राजस्थान में रेडियो पर संवाद कर आकाशवाणी का महत्त्व बढ़ा सकती हैं। मैंने वक्ता के तौर पर आकाशवाणी की संगोष्ठी में जो कुछ भी बोला, उसे 13 दिसम्बर को अपने ब्लॉग में भी लिखा। 14 दिसम्बर को सीएम राजे आकाशवाणी के माध्यम से ही प्रदेश की जनता से रूबरू हुई और लोगों के सवालों का सीधे तौर पर जवाब दिया। मेरे सुझाव के अनुरूप ही आकाशवाणी ने भी इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया। प्रदेश के सभी 19 केन्द्रों से इस कार्यक्रम को प्रसारित किया गया। इसमें कोई दोराय नहीं की आकाशवाणी का यह कार्यक्रम बेहद लोकप्रिय रहा। आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में आकाशवाणी की ही पकड़ है। इसलिए सीएम राजे ने ग्रामीण क्षेत्रों से जुड़ी समस्याओं के सवालों का भी जवाब दिया। मैं प्रसार भारती के अजमेर स्थित केन्द्र के उपमहानिदेशक के.के.माथुर और वरिष्ठ अधिकारी प्रदीप शर्मा का आभारी हंू जिन्होंने मुझे संगोष्ठी में आमंत्रित कर महत्त्वपूर्ण सुझाव रखने का अवसर दिया। पत्रकारिता के लिए इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है कि किसी सुझाव पर अगले दिन ही अमल हो जाए। इस अवसर पर मैं सीएम राजे से भी यह आग्रह करना चाहता हंू कि वे सरकारी रेडियो और दूरदर्शन का उपयोग नियमित करें। दूरदर्शन का राजस्थान का अलग से चैनल है। मुझे दु:ख तब होता है, जब प्राइवेट चैनल विधानसभा की कारवाई अथवा अन्य सरकारी प्रोग्राम का लाइव प्रसारण करते हैं और सरकार का दूरदर्शन और आकाशवाणी मुंह लटकाए खड़ा रहता है। 
(एस.पी.मित्तल) (14-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2052
आखिर नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी को संसद में बोलने से कौन रोक रहा है? क्या यह लोकतंत्र का मजाक नहीं है?
===================== 
देश की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने 14 दिसंबर को कहा कि उनके पास पीएम नरेन्द्र मोदी के भ्रष्टाचार को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी है, जिन्हें वे संसद में रखना चाहते हैं। लेकिन सत्ता पक्ष उन्हें संसद में बोलने नहीं दे रहा। ऐसा ही बयान पिछले दिनों पीएम मोदी ने दिया था। सवाल उठता है कि आखिर नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी को संसद में बोलने से कौन रोक रहा है? दोनों लोकसभा के सदस्य हंै। मोदी पूर्ण बहुमत वाले दल भाजपा के शीर्ष नेता हैं तो राहुल गांधी अपने 44 सांसदों के साथ-साथ छोटे विपक्षी दलों का नेतृत्व भी कर रहे हैं। देश का आम व्यक्ति यह समझ ही नहीं पा रहा कि आखिर संसद में क्या हो रहा है। शीतकालीन सत्र के समाप्त होने में मात्र 2-3 दिन रह गए हैं, 22 नवंबर से शुरु हुए इस सत्र में एक दिन भी काम नहीं हो पाया है। जब नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी जैसे दिग्गज नेता संसद में नहीं बोल पा रहे हैं तो फिर इस संसद के क्या मायने हंै? इसे तो लोकतंत्र का मजाक ही कहा जाएगा। सब जानते हैं कि संसद की एक मिनट की कार्यवाही पर करीब 3 लाख रुपए का खर्च आता है। क्या देश की जनता ने सांसदों को अपना वोट इसलिए दिया है कि करोड़ों रुपए बर्बाद कर दिया जाए? नरेन्द्र मोदी कह रहे हैं कि 70 सालों से जो काला धन जमा है, उसे बाहर निकाल रहे हैं। वहीं राहुल गांधी का कहना है कि मोदी ने 2 साल में जो भ्रष्टाचार किया है, उसे उजागर करना चाहते हैं। मोदी ने तो कह दिया कि वे संसद के बजाए जन सभाओं में बोल लेंगे, लेकिन राहुल गांधी अभी भी संसद में ही बोलने पर अड़े हुए हैं। 14 दिसंबर को राहुल ने वाकई नरेन्द्र मोदी पर बड़ा हमला किया है। राहुल गांधी को अब अपने बयान पर कायम रहते हुए मोदी का भ्रष्टाचार उजागर करना ही चाहिए। यदि भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत हैं तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि राहुल गांधी संसद में बोले या बाहर। 14 दिसंबर को भी राहुल गांधी कोई चार बार टी.वी. चैनलों के कैमरों के सामने आए, लेकिन उन्होंने आरोपों का खुलासा नहीं किया। नरेन्द्र मोदी और राहुल गांधी माने या नहीं, लेकिन देश की जनता लोकतंत्र के इस तमाशे को गंभीरता के साथ देख रही है। अवसर आने पर जनता इसका जवाब भी देगी। 
(एस.पी.मित्तल) (14-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2053
सीएम वसुंधरा राजे के काफिले को भी पीछे छोड़ा शत्रुघ्न गौतम ने। 
जयपुर से केकड़ी तक के बीच जाम के हालात। 
======================
आमतौर पर यह माना जाता है कि राजस्थान की सीएम वसुंधरा राजे का काफिला जब सड़क मार्ग से गुजरता है तो उनके साथ पचासों वाहन होते हैं। किसी भी मुख्यमंत्री के मुकाबले राजे के काफिले को शानौ-शौकत वाला माना जाता है। लेकिन 14 दिसम्बर को अजमेर जिले के केकड़ी क्षेत्र के भाजपा विधायक शत्रुघ्न गौतम ने सीएम राजे के काफिले को भी पीछे छोड़ दिया। 11 दिसम्बर को संसदीय सचिव बनने के बाद 14 दिसम्बर को जब शत्रुघ्न गौतम जयपुर से रवाना होकर अपने निर्वाचन क्षेत्र केकड़ी पहुंचे तो मार्ग में जगह-जगह जाम के हालात रहे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार गौतम के काफिले में 100 से भी ज्यादा वाहन शामिल थे। इन वाहनों में बड़ी संख्या में उनके समर्थक सवार थे। काफिला जब टोंक जिले के मालपुरा में पहुंचा तो पूरा मालपुरा स्वागत करने के लिए उमड़ पड़ा। जगह-जगह स्वागत होने की वजह से ही गौतम देर शाम ही केकड़ी क्षेत्र में पहुंच पाए। केकड़ी में तो देर रात तक गौतम का स्वागत होता रहा। यह तो अच्छा हुआ कि सीएम राजे ने संसदीय सचिव बना कर गौतम को राज्यमंत्री की सुविधाएं दी है। यदि गौतम को मंत्री बना दिया जाता तो न जाने उनके समर्थक क्या करते? इसमें कोई दो राय नहीं कि गौतम की मालपुरा और केकड़ी में जबरदस्त पकड़ है। गत विधानसभा का चुनाव गौतम ने मालपुरा से निकल कर केकड़ी से लड़ा और कांग्रेस के मजबूत उम्मीदवार रघु शर्मा को हरा दिया। केकड़ी में जबरदस्त विकास करवाने वाले रघु शर्मा को आज तक भी हार का कारण समझ में नहीं आया है। माना जा रहा है कि आगामी चुनाव में भी गौतम और रघु के बीच ही भिडं़त होगी। इसे भी एक संयोग ही कहा जाएगा कि गत चुनाव के समय मुख्य सचेतक होने के नाते रघु राज्यमंत्री की सुविधा ले रहे थे और आगामी चुनाव के समय गौतम मंत्री की सुविधा से लैस होंगे। गौतम के संसदीय सचिव बनने से केकड़ी में हर्ष का माहौल है। 
एस.पी.मित्तल) (14-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2054
अब भी जमीन पर क्यों दण्डवत होना पड़ रहा है विद्यार्थी परिषद के छात्रों को। आखिर कहां गए सत्ता की मलाई खाने वाले भाजपा नेता?
======================== 
अजमेर में चल रहे सरकारी लॉ कालेज की मान्यता को लेकर 14 दिसंबर को विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्रों ने सड़क पर दण्डवत होकर प्रदर्शन किया। छात्रों ने यह दिखाने का प्रयास किया कि वे जमीन पर लेटने को भी तैयार हंै। सवाल उठता है कि विद्यार्थी परिषद के छात्रों को जिला प्रशासन के सामने ऐसी लाचारी प्रकट करने की क्या आवश्यकता है? सब जानते हैं कि विद्यार्थी परिषद भाजपा का अग्रिम संगठन है। विद्यार्थी परिषद से निकलकर ही छात्र भाजपा के नेता बनते हैं। विद्यार्थी परिषद से निकले अजमेर के भाजपा नेता इस समय सरकार में सत्ता में मलाई खा रहे हैं। अजमेर जिले में ही कम से कम 10 भाजपा नेता मंत्री की सुविधाएं ले रहे हंै। अजमेर के राजकीय महाविद्यालय में विद्यार्थी परिषद के नेता रहे भूपेन्द्र सिंह यादव तो इस समय राज्यसभा के सांसद के साथ-साथ भाजपा के ताकतवर राष्ट्रीय महासचिव हंै। विद्यार्थी परिषद के छात्रों को कलेक्ट्रेट के बाहर दण्डवत होने के बजाए, उन भाजपा नेताओं की कॉलर पकडऩी चाहिए जो सत्ता की मलाई खा रहे हैं। यदि अपनी ही सरकार में विद्यार्थी परिषद के छात्रों को प्रशासनिक अधिकारियों के सामने दण्डवत होना पड़े तो भाजपा नेताओं को भी थोड़ी शर्म आनी चाहिए। यदि अजमेर के लॉ कॉलेज मेें भाजपा की सरकार सुविधाएं उपलब्ध करवा दें तो फिर बीसीआई भी स्थाई मान्यता प्रदान कर देगी। यह सही है कि मान्यता नहीं मिलने से कॉलेज में पढऩे वाले विद्यार्थियों का भविष्य खतरे में है। 
एस.पी.मित्तल) (14-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Saturday 10 December 2016

#2040
आखिर केकड़ी के विधायक शत्रुघ्न गौतम बन ही गए संसदीय सचिव। 
अजमेर में एक और लालबत्ती।
=======================
अजमेर जिले में आठ में से सात भाजपा के विधायक हैं। इनमें से दो वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल पहले से ही स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री हैं। पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत पहले ही संसदीय सचिव बने हुए हैं। यनि सात में से तीन विधायक राज्यमंत्री की सुविधाओं का उपभोग कर रहे हैं। ऐसे में 10 दिसम्बर को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंत्रिमंडल के फेरबदल के बाद केकड़ी के भाजपा विधायक शत्रुघ्न गौतम को भी संसदीय सचिव के पद की शपथ दिलवा दी। गौतम का संसदीय सचिव बनना राजनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है। यानि भाजपा के सात में से चार विधायक अब राज्यमंत्री की सुविधा का उपभोग करेंगे। जो तीन विधायक मंत्री की सुविधाओं से वंचित रह गए। उनमें मसूदा की श्रीमती सुशील कंवर पलाड़ा, ब्यावर के शंकर सिंह रावत और किशनगढ़ के भागीरथ चौधरी हैं। हालांकि 10 दिसम्बर को सुबह भागीरथ चौधरी ने मुख्यमंत्री से मुलाकात भी की थी, लेकिन संसदीय सचिव की लॉटरी गौतम के नाम की खुली। माना जा रहा है कि गौतम ने केकड़ी में जिस तरह संगठन को मजबूत किया है, उसी की वजह से संसदीय सचिव बनाया गया है। असल में गौतम का मुकाबला आगामी विधानसभा चुनाव में दोबारा से कांग्रेस के उम्मीदवार रघु शर्मा से होगा। रघु शर्मा गत चुनाव हारने के बाद से ही केकड़ी में सक्रिय रहे हैं। गत कांग्रेस के शासन में रघु शर्मा विधानसभा में मुख्य सचेतक भी रहे। 
अजमेर में एक और लालबत्ती:
गौतम के संसदीय सचिव बनने से अजमेर जिले में एक और लालबत्ती आ गई है। इससे पहले विधायक देवनानी, भदेल व रावत के साथ-साथ संसद व राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष सांवरलाल जाट तथा राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष औंकार सिंह लखावत के पास भी सरकारी वाहन है। इतना ही नहीं मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, जिला प्रमुख वंदना नोगिया और एडीए के अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा भी अपने सरकारी वाहनों पर लाल बत्ती लगाने का अधिकार रखते हैं। 
एस.पी.मित्तल) (10-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
=====================
#2037
विपक्ष बताए नोटबंदी की परेशानियों को कैसे दूर करें। 
काश! ऐसा प्रस्ताव प्रधानमंत्री पहले ही दे देते। 
======================
10 दिसम्बर को पीएम नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के बनासकांठा जिले के डीसा में एक जनसभा को संबोधित किया। 8 नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा के बाद मोदी ने जितनी भी जनसभाएं की, उन सब में नोटबंदी पर जरूर बोले, लेकिन 10 दिसम्बर को डीसा में मोदी ने विपक्ष के समक्ष एक सकारात्मक प्रस्ताव रखा। मोदी ने कहा चुनाव में जिस प्रकार सभी राजनीतिक दल मतदान बढ़ाने के लिए प्रयास करते हैं,उसी प्रकार नोट बंदी से उत्पन्न हुई परेशानियों को दूर करने में भी विपक्ष पहले करें। इससे यदि किसी दल को राजनीतिक लाभ मिलता है तो उसे भरपूर लेना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि 10 दिसम्बर का मोदी का प्रस्ताव सकारात्मक है, लेकिन अच्छा होता कि पीएम इस प्रस्ताव को पहले ही विपक्ष के सामने रख देते। राजनीतिक दल नोटबंदी पर कोई आपत्ति नहीं कर रहे। आपत्ति सिर्फ क्रियान्विति को लेकर है। स्वयं मोदी भी मानते हैं कि आम व्यक्ति को परेशानी हो रही है। इस परेशानी को मुद्दा बनाकर ही विपक्ष संसद में हंगामा कर रहा है। यदि क्रियान्विति में विपक्ष के सुझाव पहले ही शामिल कर लिए जाते तो आज विपक्ष को संसद में हंगामा करने का अवसर नहीं मिलता। 10 दिसम्बर को पीएम ने अपनी लाचारी भी जताई। उनका कहना रहा कि संसद में उन्हें बोलने नहीं दिया जाता, इसलिए जनसभा में बोलता हंू। संसद में विपक्ष के हंगामे के जवाब में पीएम ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के कथन को आगे कर दिया। मोदी ने कहा कि लम्बे राजनीतिक जीवन वाले राष्ट्रपति ने भी संसद के नहीं चलने पर चिंता जताई है। विपक्ष को कम से कम राष्ट्रपति की चिंता का ख्याल करना ही चाहिए। 
(एस.पी.मित्तल) (10-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2038
वसुंधरा मंत्रिमंडल के फेरबदल का असर अजमेर पर नहीं हुआ। 
ब्लॉग में लिखे पर लगी मुहर। पर अब देवनानी और भदेल को मिल कर करना होगा काम।
====================== 
राजनीति में कब क्या हो जाए, कुछ नहीं कहा जा सकता। ऐसे में राजनेताओं पर लिखना चुनौतीपूर्ण काम होता है। इसे ईश्वर की कृपा ही कहा जाएगा कि 4 दिसम्बर को मैंने अजमेर जिले के राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल पर जो ब्लॉग लिखा, उस पर 10 दिसम्बर को मुहर लग गई। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मंत्रिमंडल में जो फेरबदल किया, उसका असर अजमेर पर नहीं पड़ा। यानि देवनानी और भदेल का राज्यमंत्री का पद बरकरार है। फेरबदल की चर्चाओं में जब देवनानी और भदेल को हटाए जाने की अटकलें लग रही थी, तब 4 दिसम्बर को मैंने लिखा था कि इन दोनों को नहीं हटाया जाएगा। अब जब भदेल और देवनानी का मंत्री पद बरकरार रहा है, तो इन दोनों का भी यह दायित्व बनता है कि अब एक होकर अजमेर के विकास में सकारात्मक भूमिका निभाएं। सब जानते हैं कि इन दोनों मंत्रियों के राजनीतिक संबंध बेहद खराब हैं। इतने खराब की, व्यक्तिगत संबंध भी बिगड़ गए हैं। दोनों एक-दूसरे को नीचा दिखाने के लिए कुछ भी कर सकते हैं, लेकिन जब मीडिया में दोनों के विवादों की खबरें आती हैं तो दोनों नाराज हो जाते हैं। यानि दोनों मंत्री विवाद करें, लेकिन मीडिया में खबर न आए।  देवनानी और भदेल किस तरह से राजनीति करेें, यह उनकी अपनी सोच हैं। लेकिन दोनों को यह समझना चाहिए कि विवादों से अजमेर में भाजपा को नुकसान हो रहा है। जानकारों की माने तो फेरबदल की चर्चाओं के बीच मुख्यमंत्री राजे ने दोनों को एकजुट होने की हिदायत भी दी है। यह भी सही है कि देवनानी और भदेल ने अपने-अपने विभागों में उल्लेखनीय काम किए हैं। शायद इसलिए दोनों का मंत्री पद बरकरार रह गया। अब जब अजमेर स्मार्ट सिटी बनने जा रहा है तो दोनों का मिलकर काम करना बेहद जरूरी है। 
देवनानी से आगे निकले कृपलानी:
हालांकि वासुदेव देवनानी स्कूली शिक्षा के स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री हैं, लेकिन 10 दिसम्बर को चित्तौड़ से भाजपा के विधायक श्रीचंद कृपलानी को केबिनेट मंत्री बनाया गया है। देवनानी और कृपलानी दोनों सिंधी समुदाय से संबंध रखते हैं। राजनीतिक नजरिए से देखा जाए तो कृपलानी आगे निकल गए हैं। पिछले दिनों कृपलानी को चित्तौड़ यूआईटी के अध्यक्ष का प्रस्ताव दिया गया था, लेकिन तब कृपलानी ने स्वीकार नहीं किया। यदि कृपलानी अध्यक्ष बन जाते तो आज केबिनेट मंत्री की शपथ नहीं ले पाते। 
(एस.पी.मित्तल) (10-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2039
तो क्या हनुमान बेनीवाल के डर से अजय सिंह किलक का प्रमोशन हुआ।
======================
10 दिसम्बर को राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने अपने मंत्रीमंडल में फेरबदल करते हुए सहकारिता राज्यमंत्री अजयसिंह किलक को केबिनेट मंत्री की शपथ दिलवाई। यानि अब क्लिक केबिनेट मंत्री बन गए। असल में दो दिन पहले ही नागौर जिले से निर्दलीय विधायक हनुमान बेनीवाल ने एक बड़ी रैली कर अपनी राजनीतिक ताकत का प्रदर्शन किया। बेनीवाल और किलक दोनों ही जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। किसी भी चुनाव में जाट समुदाय का महत्व बना रहता है। दो वर्ष बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं इसलिए वसुंधरा राजे नहीं चाहती है कि नागौर जैसे जाट बाहुल्य जिले में हनुमान बेनीवाल ताकतवर बने। सब जानते हंै कि बेनीवाल मुख्यमंत्री के घोर विरोधी हैं और इन दिनों किरोड़ीलाल मीणा के साथ मिलकर प्रदेश में तीसरा मोर्चा बनाने का प्रयास कर रहे हंै। राजनीति के जानकारों के अनुसार अजय किलक को केबिनेट मंत्री बनाने के पीछे बेनीवाल की विशाल रैली रही है। अब देखना है कि किलक नागौर में किस प्रकार से बेनीवाल का मुकाबला करते हैं। हालांकि पिछले दिनों ही नागौर के भाजपा सांसद और किलक के चाचा सी. आर. चौधरी को केन्द्रीय मंत्रीमंडल में राज्यमंत्री बनाया गया था। तब भी बेनीवाल के बढ़ते प्रभाव को रोकने की बात कही गई, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि नागौर के लोगों में खासकर जाट समुदाय में बेनीवाल का प्रभाव बढ़ता ही जा रहा है।
(एस.पी.मित्तल) (10-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Thursday 8 December 2016

#2035
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं के साथ क्रूरता बताया। पर्सनल लॉ बोर्ड पहले ही जता चुका है एतराज। 
=====================
8 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो मुस्लिम महिलाओं की याचिका पर निर्णय देते हुए तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओं के साथ क्रूरता करना कहा है। जस्टिस सुनीत कुमार की एकलपीठ ने मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के तर्कों को भी खारिज कर दिया। जस्टिस कुमार ने कहा कि कोई भी पर्सनल लॉ बोर्ड संविधान से ऊपर नहीं हो सकता है। तीन तलाक असंवैधानिक और महिलाओं के खिलाफ है। कुरान में भी तीन तलाक को अच्छा नहीं माना गया है। कुरान में कहा गया है कि जब सुलह के सभी रास्ते बंद हो जाए, तभी तलाक दिया जा सकता है। मुस्लिम समाज का एक वर्ग तीन तलाक पर इस्लामिक कानून की गलत व्याख्या कर रहा है। हाईकोर्ट ने यह फैसला मुस्लिम महिला हिना और उमरबी की याचिका पर सुनाया है। 
पहले ही हो चुका है विरोध 
तीन तलाक का मामला सुप्रीम कोर्ट में भी विचाराधीन है। केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में जो शपथ पत्र प्रस्तुत किया है, उसमें भी तीन तलाक को असंवैधानिक माना है। अब इस मामले में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड भी पक्षकार बन गया है। बोर्ड ने देश भर में मुस्लिम महिलाओं से एक पत्र पर हस्ताक्षर करवाए हैं जिसमें तीन तलाक पर सहमति जताई गई। तीन तलाक को मुस्लिम कानून के अनुरूप सही बताया गया है। चूंकि इस समय केन्द्र में भाजपा की सरकार है, इसलिए सरकार के शपथ पत्र पर राजनीति भी हो रही है। अनेक राजनीतिक दल अप्रत्यक्ष तौर पर तीन तलाक का समर्थन कर रहे हैं। अब जब उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला आ गया है तो देखना होगा कि उत्तर प्रदेश में किस प्रकार राजनीति होती है। यू.पी. में इस समय समाजवादी पार्टी का शासन है। अब यह भी देखना होगा कि सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और मुख्यमंत्री अखिलेश यादव हाईकोर्ट के फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं। 
(एस.पी.मित्तल) (08-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================
#2034
शरीर में ही है रोगों को दूर करने की क्षमता। 
एक्यूप्रेशर और नेचुरोपैथी से हो सकता है असाध्य रोगों का इलाज।
=======================
मानव सेवा ही जीवन का उद्देश्य मानने वाले डॉ. एस.के.जांगिड़ का कहना है कि मनुष्य के शरीर में ही इतनी क्षमता है कि रोगों का इलाज हो सकता है। हमारी भारतीय संस्कृति में एक्यूप्रेशर और नेचुरोपैथी का शुरू से ही महत्त्व रहा है। इस चिकित्सा पद्धति से असाध्य रोगों का इलाज हो जाता है। ऐलोपैथी के मुकाबले एक्यूप्रेशर और नेचुरोपैथी से इलाज करवाना सस्ता भी होता है। चूंकि अजमेर एक सांस्कृतिक और धार्मिक नगरी है, इसलिए इन दिनों डॉ. जांगिड़ ने अपना अस्थाई कैम्प अजमेर में पी.आर.मार्ग पर स्थित केसरिया कॉम्पलेक्स में चला रखा है। इसी कैम्प में मरीजों का इलाज भी किया जाता है। लकवा जोड़ों का दर्द, गठिया, कमर का दर्द, मधुमेह जैसे रोगों का इलाज सरलता के साथ किया जा रहा है। नेचुरोपैथी की तकनीक से मरीजों को एक विशेष टब में बैठा कर किडनी तक का इलाज किया जा रहा है। लकवे रोग से पीडि़त लोगों को तो 70 प्रतिशत लाभ मिल रहा है। डॉ. जांगिड़ ने बताया कि उनकी पत्नी डॉ. ज्योति जांगिड़ भी अपनी सेवाएं दे रही हैं। मरीज को किसी भी प्रकार की दवा नहीं दी जाती है। उन्होंने स्वयं भी एक्यूप्रेशर चिकित्सा में एमडी की उपाधि ले रखी है। परेशान मरीज उनके मोबाइल नम्बर 09813091339 पर भी सम्पर्क कर सकते हैं। 
(एस.पी.मित्तल) (08-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================
#2036
ई-पेमेन्ट करने पर छूट ही छूट। वित्त मंत्री अरूण जेटली ने अनेक रियायतों की घोषणा की। 
=====================
8 दिसंबर को नोटबंदी को एक माह पूरा होने पर केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने देश में ई पेमेन्ट करने वालों को  रियायतों की घोषणा की है। जेटली का कहना रहा कि अब सरकार का मकसद देश में डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ाना है। जेटली ने जो घोषणाएं की, वह निम्न प्रकार है : पंपों से डीजल और पेट्रोल कार्ड से खरीदने पर 0.75 प्रतिशत की छूट मिलेगी, वर्तमान में 40 प्रतिशत ईंधन की खरीद कार्ड से हो रही है, रेलवे का मासिक टिकट खरीदने वालों को 5 प्रतिशत की छूट, यह छूट 1 जनवरी 2017 से लागू होगी, ई-पेमेन्ट से रेल टिकट खरीदने वाले यात्रियों का 10 लाख रुपए का फ्री दुर्घटना बीमा, सरकारी बीमा कंपनियों की सामान्य पॉलिसी पर 10 प्रतिशत तथा जीवन बीमा पर 8 प्रतिशत की छूट मिलेगी, ई- पेमेन्ट पर नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर 10 प्रतिशत की छूट, दो हजार से अधिक की खरीद करने पर सर्विस चार्ज नहीं, नाबार्ड से जुड़े किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड की सुविधा, 10 हजार की आबादी वाले एक लाख गांव में पी.ओ.एस. मशीन की सुविधा दी जाएगी। 
1# पेट्रोल-डीजल के 4.5 करोड़ कंज्यूमर्स को मिलेगा डिस्काउंट
- जेटली ने कहा, ''साढ़े चार करोड़ कंज्यूमर्स पेट्रोल-डीजल खरीदते हैं। हर दिन 1800 करोड़ रुपए की सेल होती है। एक महीने में इसकी सेल में डिजिटल पेमेंट 20% से बढ़कर 40% हो गया है।''
- ''इससे एक महीने में 360 करोड़ रुपए की हर दिन की कैश रिक्वायरमेंट कम हुई है। 30% बढ़ी तो सालाना रिक्वायरमेंट 2 लाख करोड़ रुपए की कम हो जाएगी।''
- ''सरकार ने फैसला किया है कि जो डिजिटल मोड से पेट्रोल और डीजल खरीदेगा, उसे 0.75% का डिस्काउंट मिलेगा।''
2# एक लाख गांवों में फ्री PoS मशीनें
- जेटली ने बताया कि देश में 10 हजार तक आबादी वाले एक लाख गांव हैं। ऐसे हर गांव में सरकार के फाइनेंशियल इन्क्लूजन फंड से 2 प्वाइंट ऑफ सेल मशीनें फ्री दी जाएंगी। 
- बता दें कि प्वाइंट ऑफ सेल यानी PoS मशीनें डेबिट या क्रेडिट कार्ड स्वाइप करने के लिए होती हैं।
- सरकार चाहती है कि PoS मशीनों के जरिए 75 करोड़ लोगों को डिजिटल पेमेंट से जोड़ा जाए।
3# किसानों को मिलेगा रुपे कार्ड
- जेटली ने कहा कि नाबार्ड के जरिए रूरल, रीजनल और को-आपरेटिव बैंक के 4.32 लाख किसान कस्टमर्स हैं। उनके पास किसान क्रेडिट कार्ड हैं। सरकार उन्हें रुपे कार्ड भी देगी। इन्हें वे POS, एटीएम और माइक्रो एटीएम के जरिए इस्तेमाल कर पाएंगे।
4# रेलवे टिकट पर 0.5% डिस्काउंट
- फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा कि सबअर्बन रेलवे नेटवर्क में मंथली और सीजनल टिकट डिजिटल मोड से लेने वालों को 0.5% का डिस्काउंट मिलेगा। 
- यह 1 जनवरी 2017 से लागू होगा। मुंबई सब अर्बन रेलवे के साथ इसकी शुरुआत होगी।
5# रेल टिकट बुकिंग पर फ्री एक्सीडेंटल इंश्योरेंस
- सरकार ने कहा है कि जितने लोग रेलवे में सफर करते हैं, उनमें से 58% ऑनलाइन रेलवे टिकट की बुकिंग करते हैं। जो ऑनलाइन बुकिंग करेगा उसको टिकट के साथ 10 लाख रुपए का एक्सीडेंटल इंश्योरेंस फ्री मिलेगा।
6# रेलवे फैसिलिटीज पर 5% डिस्काउंट
- रेलवे कैटरिंग, एकोमडेशन और रिटायरिंग रूम जैसी फैसेलिटीज के लिए डिजिटल पेमेंट करने वालों को 5% का डिस्काउंट मिलेगा।
7# नई ऑनलाइन इंश्योरेंस पॉलिसी और प्रीमियम पर 10% डिस्काउंट
- सरकारी बीमा कंपनियों के कस्टमर्स को पोर्टल से ऑनलाइन पॉलिसी खरीदने और उसका ऑनलाइन प्रीमियम भरने पर 10 फीसदी का डिस्काउंट मिलेगा। यह जनरल इंश्योरेंस पॉलिसियों के लिए है।
- इसी तरह 8 फीसदी का डिस्काउंट लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी और उसकी प्रीमियम के ऑनलाइन पेमेंट पर मिलेगा।
8# PSUs के जरिए भी देंगे फायदा
- PSUs के साथ ट्रांजैक्शन हो रहा है तो उस पर लगने वाली फीस का भार पब्लिक सेक्टर यूनिट ही उठाएगी। इसका भार ऑनलाइन पेमेंट करने वाले कस्टमर्स पर नहीं आएगा।
9# सस्ती होंगी PoS मशीनें
- PoS मशीनों का किराया 100 रुपए महीने से ज्यादा का नहीं होगा।
10# 2000 रुपए तक के डेबिट-क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन पर सर्विस टैक्स से मिलेगी छूट

- डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए 2000 रुपए तक के लेन-देन पर लगने वाले सर्विस टैक्स से छूट मिलेगी।
- इसके लिए सरकार जून 2012 के सर्विस टैक्स नोटिफिकेशन में संशोधन के लिए संसद में एक अमेंडमेंड नोटिफिकेशन पेश करेगी।
11# टोल प्लाजा पर भी डिस्काउंट
- नेशनल हाईवे पर जितने टोल प्लाजा हैं, उन पर टोल के लिए RFID या फास्टैग कार्ड के लिए डिजिटल पेमेंट करने पर 10 फीसदी डिस्काउंट मिलेगा।
(एस.पी.मित्तल) (08-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Sunday 4 December 2016

#2027
वसुंधरा मंत्रिमंडल के फेरबदल में अजमेर शामिल नहीं। देवनानी और भदेल बने रहेंगे मंत्री। 
=======================
4 दिसंबर को ई टीवी राजस्थान ने ब्रेकिंग न्यूज चलाई है कि राजस्थान में वसुंधरा राजे मंत्रिमंडल में फेरबदल का काउंट डाऊन शुरू हो गया है। इस खबर में यह भी कहा गया कि सीएम राजे का भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारियों से फेरबदल पर अंतिम विचार-विमर्श भी हो गया है। ईटीवी राजस्थान की इस खबर के बाद ही मंत्रिमंडल में फेरबदल की अटकलें तेज हो गई है। जब भी फेरबदल की चर्चा होती है तो अजमेर का नाम आ ही जाता है। अजमेर में भाजपा के 7 में से 3 विधायक राज्य मंत्री की सुविधाएं ले रहे हैं। वासुदेव देवनानी और श्रीमती अनिता भदेल स्वतंत्र प्रभार के राज्य में मंत्री हैं तो पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत संसदीय सचिव बने हुए हैं। ऐसे में किसी और विधायक को मंत्री बनाया जाना मुश्किल प्रतीत होता है। जहां तक हटाए जाने का सवाल है तो इसकी भी संभावनाएं नजर नहीं आती। भले ही दोनों मंत्रियों के बीच राजनीतिक दृष्टि से थोड़ा मनमुटाव हो, लेकिन इस वजह से मंत्री पद से हटाना प्रतीत नहीं हो रहा है। जहां तक दोनों मंत्रियों के कामकाज का सवाल है तो संतोषजनक माना जा रहा है। श्रीमती भदेल ने अपने महिला एवं बाल विकास विभाग को सक्रिय किया है। अपने विभाग से जुड़ी सरकारी योजनाओं को गांव, ढाणी तक पहुंचाकर महिलाओं को खासकर बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि पर प्रभावी काम किए हैं। महिला स्वयं सहायता समूह के माध्यम से संभाग स्तर पर हाट बाजार लगाने का सफल प्रयोग किया। इसके अंतर्गत महिलाओं को अपने उत्पाद बेचने के लिए नि:शुल्क स्थान, आवास, भोजन आदि की सुविधा उपलब्ध करवाई। संभाग स्तरीय हाट बाजार की प्रशंसा मुख्यमंत्री राजे ने भी की। अजमेर के अपने निर्वाचन क्षेत्र में भी करोड़ों रुपए के विकास कार्य करवाएं। बहुचर्चित अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के पीडि़त खातेदारों को जमा राशि का भुगतान करवाने में भी भदेल की सक्रिय भूमिका रही। इस प्रकार वासुदेव देवनानी ने भी स्कूली शिक्षा में बड़े बदलाव कर सीएम राजे की शाबासी हासिल की है। देवनानी ने अपने विभाग के कर्मचारियों की पदोन्नित का काम पारदर्शिता के साथ किया। पदोन्नत शिक्षकों को काउंसलिंग के जरिए नियुक्त दी गई। इतना ही नहीं पांचवी और आठवीं की परीक्षा बोर्ड पैटर्न से करने का निर्णय भी लिया। जानकारों की माने तो दोनों मंत्रियों के कामकाज से सीएम राजे संतुष्ट है। अलबत्ता इस बात की सलाह अवश्य दी है कि अजमेर के विकास के लिए संयुक्त तौर पर प्रयास किए जाएं। 
(एस.पी.मित्तल) (04-12-16)
वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================
#2028
दिसम्बर माह में दो बार अजमेर आ सकती हैं सीएम वसुंधरा राजे। 
======================
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे दिसम्बर माह में दो बार अजमेर आ ेसकती है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर में 9 से 11 दिसम्बर के बीच भक्ति उत्सव हो रहा है। इस उत्सव में योग, ध्यान, संगीत, नृत्य आदि से जुड़े राष्ट्रीय स्तर के कलाकार भाग ले रहे है। प्रदेश के पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित इस समारोह में सीएम राजे 10 दिसम्बर को अजमेर-पुष्कर आ सकती है। 10 दिसम्बर को ही सुविख्यात गायक दिलेर महेन्दी अपना प्रोग्राम प्रस्तुत करेंगे। सीएम राजे पवित्र सरोवर पर होने वाली महाआरती और दीपदान में भी शामिल हो सकती है। जानकारों की माने तो सीएम ने 10 दिसम्बर को पुष्कर आने पर मौखिक सहमति दी है, लेकिन अभी सीएम सचिवालय से अधिकृत प्रोग्राम जारी नहीं हुआ है। अलबत्ता पुष्कर के विधायक व संसदीय सचिव सुरेश सिंह रावत और नगर पालिका के अध्यक्ष कमल पाठक का पूरा प्रयास है कि सीएम राजे भक्ति संगीत के समारोह में शामिल हो। इसी प्रकार 24 व 25 दिसम्बर को अजमेर में भारत विकास परिषद का अधिवेशन हो रहा है। आयोजकों ने दावा किया है कि इस अधिवेशन का शुभारंभ सीएम राजे करेंगी। अधिवेशन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े वरिष्ठ पदाधिकारी और देशभर से परिषद के कार्यकर्ता भाग लेंगे। अधिवेशन की तैयारियां सीएम राजे को देखते हुए की जा रही है।
(एस.पी.मित्तल) (04-12-16)
वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================

Saturday 3 December 2016

#2024
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव भूपेन्द्र यादव की मौजूदगी में दो मंत्रियों का झगड़ा खुलकर सामने आया। 
======================
3 दिसम्बर को भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और राज्य सभा सांसद भूपेन्द्र सिंह यादव एक दिवसीय दौरे पर अजमेर आए। यादव ने अपने एक दिवसीय दौरे में अनेक कार्यक्रमों में भाग लिया। आमतौर पर यह माना जाता है कि जब कोई राष्ट्रीय स्तर का नेता आता है तो जिला स्तर के नेता आपसी विवाद भुलाकर एकता प्रदर्शित करते हैं। भले ही ऐसे नेताओं के मन में द्वेषता हो, लेकिन बड़े नेता के सामने विवाद को उजागर नहीं किया जाता है। लेकिन अजमेर के भाजपा नेता शायद किसी भी राष्ट्रीय नेता से डरते नहीं है,  इसलिए 3 दिसम्बर को भूपेन्द्र यादव की मौजूदगी में अजमेर के दोनों विधायक और राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी तथा श्रीमती अनिता भदेल का झगड़ा खुलकर सामने आ गया। केसरगंज स्थित अरबन को-ऑपरेटिव बैंक के पीडि़त खातेदारों को चेक वितरण के समारोह में शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को बोलने का अवसर ही नहीं दिया गया। जब देवनानी ने इस अपमानित होने वाली स्थिति को देखा तो मंच पर उपस्थित सहकारिता मंत्री अजय क्लिक से बोलने का अवसर देने का आग्रह किया। इस पर क्लिक ने बैंक के एमडी को इशारा किया और तब देवनानी बोलने के लिए खड़े हुए। देवनानी के खड़े होते ही श्रीमती भदेल भी खड़ी हों गई और बैंक अधिकारियों को निर्देश दिए कि चेक वितरण का काम शुरू करवा दिया जाए। श्रीमती भदेल का यह भी कहना था कि भूपेन्द्र यादव को उनके विधानसभा क्षेत्र के अन्य कार्यक्रमों में भाग लेना है इसलिए बहुत जल्दी है। असल में श्रीमती भदेल चेक वितरण का श्रेय देवनानी को देना नहीं चाहती थीं। जगहंसाई तो तब हुई जब देवनानी ने भी हालातों को भांपते हुए कहा कि मैं कोई भाषण नहीं दूंगा। मैं तो सिर्फ भूपेन्द्र सिंह यादव का आभार प्रकट करने आया हंू। यादव के प्रयासों से ही पीडि़त खातेदारों को आज चेक मिल रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि बैंक के परेशान खातेदारों को चेक मिलना अपने आप में महत्त्वपूर्ण काम है। लेकिन इन दोनों मंत्रियों के आपसी झगड़े की वजह से भाजपा और भूपेन्द्र यादव के प्रयासों पर पानी फिर गया। इस समारोह में जिला कलेक्टर गौरव गोयल की गैर मौजूदगी भी चकित करने वाली रही। यह माना कि दिल्ली में आरबीआई में यादव ने प्रभावी भूमिका निभाई, लेकिन अजमेर में परेशान खाताधारकों की सही रिपोर्ट तैयार करवाने में कलेक्टर गोयल की भूमि  का बेहद सकारात्मक और प्रभावी थी। 
अपने ही विभाग के समारोह में नहीं थे देवनानी:
3 दिसम्बर को देवनानी और भदेल का झगड़ा भगवान गंज स्थित राजकीय स्कूल के भवन के लोकार्पण समारोह में भी देखने को मिला। कायदे से यह समारोह शिक्षा विभाग की ओर से आयोजित होना चाहिए था, लेकिन भदेल की वजह से इस कार्यक्रम को भाजपा के द्वारा आयोजित किया गया। भदेल के समर्थकों का कहना है कि नए भवन में सरकारी स्कूल न चले, इसके लिए देवनानी ने पूरा जोर लगाया। इसलिए अगस्त माह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे स्कूल भवन का लोकार्पण नहीं कर सकीं। जब देवनानी का कोई योगदान ही नहीं है तो फिर उन्हें समारोह में क्यों बुलाया जाए ? असल में श्रीमती भदेल अपने दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में जितने भी काम करवाती हैं, उनके समारोह में देवनानी को नहीं बुलाती। इसी प्रकार देवनानी भी अपने उत्तर क्षेत्र में किसी भी कार्यक्रम में भदेल को नहीं बुलाते हैं। 3 दिसम्बर को स्वयं भूपेन्द्र यादव ने भी महसूस किया कि अजमेर में इन दोनों मंत्रियों के झगड़े का खामियाजा भाजपा को उठाना पड़ रहा है। 
यादव से ले सकते हैं फायदा:
इसमें कोई दो राय नहीं कि केन्द्र सरकार में भूपेन्द्र यादव का दबदबा है। अजमेर के भाजपा नेता चाहें तो अजमेर की समस्याओं के समाधान में यादव के प्रभाव का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि अजमेर के नेता और भाजपा कार्यकर्ता उत्तर और दक्षिण में विभाजित हैं। 
(एस.पी.मित्तल) (03-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
====================================
प्रो. बी.पी. सारस्वत करवाएंगे पीटीईटी 
===================
महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में वाणिज्य संकाय के अध्यक्ष प्रो बी पी सारस्वत को पीटीईटी-2017 के लिए समन्वयक नियुक्त किया है। विश्वविद्यालय द्वारा इस बार पुन: टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम बीएड एवं चार वर्षीय बीए बीएड/ बीएससी बीएड पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रतियोगी परीक्षा का आयोजन करवाया जाएगा। उल्लेखनीय है कि 2016 से पूर्व पीटीईटी का कार्य महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय के पास था। 2016 में कोटा विश्वविद्यालय कोटा को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन प्रदेश के अनेक महाविद्यालयों में सीटे रिक्त रह गई थी। इसके पीछे समय पर काउंसलिंग कार्यक्रम नहीं होना भी मुख्य कारण माना जा रहा है। अब यह जिम्मेदारी पुन: महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय को प्रदान करते हुए प्रो सारस्वत को समन्वयक नियुक्त किया गया है। उल्लेखनीय है कि पीटीईटी के माध्यम से प्रदेश के लगभग 780 महाविद्यालयों में लगभग 90 हजार विद्यार्थियों को प्रतिवर्ष प्रवेश दिया जाता है।
एस.पी.मित्तल) (03-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#2025
कांग्रेस नेता और बीड़ी उद्योगपति हेमंत भाटी द्वारा धोखाधड़ी कर माता-पिता की सम्पत्ति हड़पने के आरोपों की जांच दोबारा से होगी। 
भाई ललित भाटी (पूर्व मंत्री) के विरोध पत्र पर अदालत ने निर्णय दिया। 
=====================
अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ चुके अजमेर के प्रमुख बीड़ी उद्योगपति हेमंत भाटी पर लगे गंभीर आरोपों की जांच दोाबरा से होगी। हेमंत भाटी वर्तमान में भी शहर कांग्रेस में सक्रिय हैं और दक्षिण क्षेत्र से फिर से कांग्रेस टिकिट के प्रबल दावेदार हैं। विगत दिनों ही डीएवी कॉलेज छात्र संघ के पदाधिकारियों को हेमंत भाटी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल करवाया है। हेमंत के भाई और पूर्व मंत्री ललित भाटी ने स्थानीय अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संख्या-2 की अदालत में एक विरोध पत्र प्रस्तुत किया। एडवोकेट पी.एस.सोनी और रामस्वरूप की ओर से प्रस्तुत इस विरोध पत्र में बताया गया कि 19 अप्रैल 2012 को भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 467, 468 तथा 471 में एक रिपोर्ट सिविल लाइन पुलिस थाने पर दर्ज करवाई गई थी। लेकिन पुलिस ने 14 नवम्बर 2014 को अंतिम प्रतिवेदन अदमबूक (गलत फहमी) के निष्कर्ष के साथ अदालत में पेश कर दिया। अपने विरोध पत्र में ललित भाटी ने कहा कि पुलिस ने अपनी जांच में महत्त्वपूर्ण तथ्यों पर कोई अनुसंधान नहीं किया।
अदालत को बताया गया कि मेरे पिता स्व.शंकर सिंह भाटी ने मैसर्स शंकर सिंह एंड संस की सम्पत्ति की कथित वसीयत 17 दिसम्बर 2010 को की। इस कथित वसीयत पर नोटरी के हस्ताक्षर 15 फरवरी 2012 को करना बताया गया है। पुलिस ने इस बात की जांच नहीं की कि 17 दिसम्बर 2010 से लेकर 15 फरवरी 2012 तक की अवधि में कथित वसीयत किसके पास रही। जबकि परिवार वाले जानते हैं कि शंकर सिंह वर्ष 2000 से ही बोलने की स्थिति में नहीं थे। ऐसे में वसीयत किससे लिखवाई गई। वसीयत के स्टाम्प शंकर सिंह भाटी द्वारा खरीदना बताया गया है, लेकिन पुलिस ने स्टाम्प वेंडर से भी अनुसंधान नहीं किया। माताजी श्रीमती बरजी देवी की वसीयत भी उसी डीडराइटर से लिखवाना बताया, जिसने शंकर सिंह भाटी की वसीयत लिखी थी। इतना ही नहीं स्वर्गीय शंकर सिंह भाटी ने 17 दिसम्बर 2010 को ही श्रीमती बरजी देवी को अपनी सम्पत्ति से वंचित कर दिया था, तो फिर स्व.श्रीमती बरजी देवी द्वारा 12 अगस्त 2011 को उसी सम्पत्ति के संबंध में वसीयत का निष्पादन किस प्रकार से हो गया। इस पर भी पुलिस ने कोई अनुसंधान नहीं किया गया। बरजी देवी अंगूठा लगाती थी, लेकिन वसीयत में हस्ताक्षर अंकित है। विद्वान न्यायाधीश ने विरोध पत्र में उठाए गए बिंदुओं के संबंध में कहा कि पुलिस ने इन पर अनुसंधान नहीं किया है। इसलिए इस पूरे प्रकरण को दोबारा से जांच के लिए पुलिस को भेजा जाता है तथा प्रार्थी का प्रार्थना पत्र स्वीकार किए जाने योग्य है। मालूम हो कि ललित भाटी ने अपने छोटे भाई हेमंत भाटी पर जो एफआईआर दर्ज करवाई है, उसमें आरोप लगाया है कि हेमंत भाटी ने मिथ्या एवं कूटरचित दस्तावेज बना कर मेरे माता-पिता की सम्पत्ति को हड़प लिया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि अजमेर के बहुचर्चित कोर्ट लिपिक घोटाले में फंसे तत्कालीन जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजय शारदा के प्रकरण में भी अनुसंधान के दौरान हेमंत भाटी का नाम सामने आया था। इस प्रकरण में हेमंत भाटी की अदालत से जमानत भी हो रखी है। संभवत: पारिवारिक विवाद में फैसला अपने पक्ष में करवाने के लिए ही हेमंत भाटी ने सिफारिश की बात मोबाइल फोन पर की थी। 
(एस.पी.मित्तल) (03-12-16)
नोट: फोटो मेरी वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Saturday 26 November 2016

#2001
आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी की साख को प्रभावित करने का मकसद नहीं।
=====================
सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी जैसी संस्थाओं को लेकर मैंने गत 18 नवंबर को एक ब्लॉग लिखा था। इस ब्लॉग में यह बताया गया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नोटबंदी की घोषणा के बाद राष्ट्रीयकृत बैंकों और सहकारिता के क्षेत्र में चलने वाली आदर्श कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी जैसी संस्थाओं के सदस्यों के बीच क्या फर्क है। ब्लॉग में यह भी लिखा है कि बैंकों में पुराने नोट के बदले नए नोट मिल रहे हैं, लेकिन आदर्श जैसी संस्थाओं के सदस्यों को ऐसी सुविधा नहीं मिल रही। इससे कॉ-ऑपरेटिव सोसायटियों के सदस्य परेशान हो रहे हैं। पूरे ब्लॉग में यह कहीं नहीं लिखा कि आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी ने अपने सदस्यों के साथ कोई गड़बड़ी कर रही है। ब्लॉग लिखने का मकसद कॉ-ऑपरेटिव सोसायटियों के सदस्यों की पीड़ा को उजागर करना था तथा साथ ही सरकार को भी यह बताना था कि क्रेडिट सोसायटियों के सदस्य इस नोटबंदी से कितना परेशान हो रहे हैं। अजमेर अरबन कॉ-ऑपरेटिव बैंक का मामला सिर्फ जागरुकता और उदाहरण के लिए लिखा गया। इतना ही नहीं आदर्श कॉ-ऑपरेटिव बैंक का कोई उल्लेख नहीं किया गया। लेकिन मेरे इस ब्लॉग को आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रबंधन ने अपनी साख को गिराने वाला माना। देश के कई हिस्सों से मुझे कानूनी नोटिस भेजे और अपनी बात को रखा। मैंने 18 नवम्बर के ब्लॉग में भी आदर्श कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रबंधन का पक्ष रखते हुए लिखा था कि जमाकर्ताओं का पैसा सुरक्षित है। मेरे द्वारा आदर्श सोसायटी पर कोई आरोप नहीं लगाए जाने के बावजूद भी आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी के प्रबंधन को यह लगता है कि मैंने उनकी साख को गिराया है। मैं पूरी ईमानदारी और निष्ठा के साथ पत्रकारिता करता हंू। ब्लॉग लिखने के पीछे मेरा कोई व्यवसायिक उद्देश्य भी नहीं होता है। मेरी वेबसाइट, फेसबुक अकाउंट, फेसबुक पेज आदि पर किसी भी प्रकार का विज्ञापन भी प्रकाशित नहीं होता। पत्रकारिता के उच्च मापदंडों का पालन करते हुए मैं आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी का पक्ष इस ब्लॉग में रख रहा हंू। चूंकि मेरे मन में इस सोसायटी के प्रति कोई दुर्भावना नहीं हैं। इसलिए में यह भी लिख रहा हंू कि यदि 18 नवम्बर के ब्लॉग से यदि सोसायटी की प्रतिष्ठा और साख पर कोई प्रतिकूल असर पड़ा है तो मैं बिना शर्त खेद प्रकट करता हंू। इसके साथ ही सोसायटी से जुड़ा 18 नवम्बर वाला ब्लॉग में अपनी वेबसाइट, गूगल ब्लॉग, फेसबुक आदि से भी डिलीट कर दिया है। 
आदर्श क्रेडिट कॉ-ऑपरेटिव सोसायटी का विशेष कथन जो नोटिस में उल्लेखित है:
यह है कि मेरी असील एक सहकारी समिति है, जो मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसाईटीज एक्ट 2002 के तहत पंजीकृत है तथा जो केन्द्रीय रजिस्ट्रार (सहकारिता) भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियम व प्रावधानों के अंतर्गत संचालित होती है। मेरी असील समिति का बैंकिंग कार्य से कोई लेना देना नहीं है तथा न ही मेरी असील समिति द्वारा कोई बैंकिंग व्यवसाय किया जाता है। समिति द्वारा अपनी जमा योजनाओं का कोई भी प्रचार-प्रसार नहीं किया जाता न ही किसी भी प्रकार का प्रस्ताव दिया जाता है। समिति के सदस्य समिति के कुशल प्रबंधन, कार्य प्रणाली, लाभ-हानि की स्थिति, लाभांश जैसे विभिन्न महत्त्वपूर्ण पहलुओं को देखते हुए समिति की योजनाओं में निवेश करते हैं। जिसका भुगतान समिति द्वारा परिपक्वता पर अविलम्ब किया जाता रहा है। 
यह है कि मेरी असील समिति की किसी भी शाखा में सदस्य खाताधारक द्वारा उसके द्वारा निवेश की गई राशि का नियमानुसार चैक अथवा आरटीजीसी या एनईएफटी के माध्यम से भुगतान प्राप्त किया जा सकता है। जिस पर किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है। मेरी असील समिति सहकार क्षेत्र एक प्रतिष्ठित तथा अपनी तुरंत भुगतान सेवा के लिए ख्यातिप्राप्त है, जिसके वर्तमान में 15 लाख से भी अधिक संतुष्ट सदस्य हैं तथा जिसके आधार पर मेरी असील समिति को अपनी उत्कृष्ट सहकार सेवाओं के लिए कई जानी मानी संस्थाओं से विश्वस्तरीय पुरस्कार एवं सम्मान प्राप्त हो चुके हैं। यही नहीं मेरी असील समिति की सेवाएं आईएसओ प्रमाणित है। समिति को सन् 1999 से परिपक्वता पर अविलम्ब भुगतान के लिए ख्याति प्राप्त होने से मेरी असील समिति बिना किसी विवाद के कार्य कर रही है तथा आज दिनांक तक समिति द्वारा किसी भी खाताधारकों परिपक्वता पर भुगतान में किसी भी प्रकार का नियम विरुद्ध विलय नहीं किया गया है। 
(एस.पी.मित्तल) (26-11-16)
नोट: फोटोज यहां देखें। वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)

Wednesday 16 November 2016

#1968
नेत्रहीनों को पीटने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही होगी। गुस्साए नेत्रहीनों ने रास्ता जामकर कलेक्ट्रेट पर किया प्रदर्शन।
========================
नेत्रहीनों के प्रति मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए सरकारें अनेक योजनाएं चलाती हैं। हर किसी की सहानुभूति नेत्रहीनों के प्रति होती है, लेकिन 15 नवंबर को अजमेर के आदर्श नगर पुलिस स्टेशन के पुलिसकर्मियों का दूसरा ही चेहरा सामने आया। नेत्रहीन छात्र जब अपने आदर्श नगर स्थित राजकीय अंध विद्यालय की अव्यवस्था को लेकर विरोध प्रकट कर रहे थे तो पुलिस ने नेत्रहीनों के साथ दुव्र्यवहार किया और अनेक छात्रों को पीटा भी। पुलिस के डंडे के खौफ से नेत्रहीन छात्र अपने विद्यालय में दुबक कर बैठ गए। लेकिन 16 नवंबर को कांग्रेस के युवा नेता सुनील लारा ने अंध विद्यालय पहुंच कर नेत्रहीनों की हौसला अफजाई की। लारा ने जो हिम्मत बंधाई, उसी का परिणाम रहा कि नेत्रहीन छात्र एकजुट हुए और फिर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। लारा के नेतृत्व में नेत्रहीनों ने एसपी डॉ. नितिनदीप ब्लग्गन से मुलाकात की और बताया कि किस प्रकार पुलिस ने बेरहमी से पिटाई की है। एसपी को अजमेर के स्वामी न्यूज चैनल का वीडियो भी दिखाया गया। छात्रों ने एसपी से मांग की कि दोषी पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जाए। मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने डीएसपी राजेश मीणा को जांच दी है। एसपी ने भरोसा दिलाया कि जांच में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के विरूद्व सख्त कार्यवाही की जाएगी। 
अव्यवस्था सुधारने की मांग
नेत्रहीन विद्यार्थियों ने अतिरिक्त कलेक्टर किशोर कुमार से भी मुलाकात की। कलेक्टर के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा कि आदर्श नगर स्थित विद्यालय में व्याप्त अव्यवस्था को तत्काल सुधारा जाए। समस्याओं की वजह से छात्रावास में रहना मुश्किल हो रहा है। 
फिर लगाया जाम 
नेत्रहीनों ने अपनी मांगों को लेकर 16 नवंबर को आदर्श नगर स्थित रेल पुलिया के नीचे मुख्य मार्ग पर जाम लगाया। इससे लंबे समय तक यातायात बाधित रहा, लेकिन आज पुलिस ने नेत्रहीनों के प्रति संयम बरता। 

(एस.पी.मित्तल) (17-11-16)
नोट: फोटोज यहां देखें। वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)
#1969
जमीयत के अधिवेशन में शानदार रहा दावतखाना। 
डेढ़ लाख लोगों ने 100 बोरी आटा, 6 हजार किलो चावल, 4 हजार किलो दाल, डेढ़ हजार किलो हलवा आदि खाया। 
=======================
अजमेर में विगत दिनों 11 से 13 नवम्बर के बीच जमीयत उलेमा-ए-हिन्द के राष्ट्रीय अधिवेशन के अंतिम दिन 13 नवम्बर को आम जलसा हुआ। इसमें देशभर से कोई डेढ़ लाख मुसलमानों ने भाग लिया। आयोजकों के सामने इन डेढ़ लाख लोगों को कायड़ विश्राम स्थली पर दावत (भोजन) खिलाने की बड़ी चुनौती थी, लेकिन इदारा दावातुल हक ऊंटड़ा के सचिव मौलाना अयूब कासमी की टीम ने इस चुनौती को स्वीकार किया। मौलाना ने बताया कि बड़े-बड़े कढ़ाव लगाकर 6 हजार किलो चावल, 4 हजार किलो चना, मूंग व मसूर की दाल तथा डेढ़ हजार किलो सूजी को पका कर हलवा तैयार किया गया। इसके साथ ही 100 किलो वजन की 100 बोरी आटे की पूडियां तैयार करवाई गई और करीब डेढ़ लाख लोगों को शानदार दावत दी गई।
मौलाना कासमी ने बताया कि एक साथ डेढ़ लाख लोगों को भोजन कराने में कोई भी समस्या उत्पन्न नहीं हुई। लोगों ने बड़े सुकून के साथ भोजन किया। इसे खुदा का करम ही कहा जाएगा कि इतने बड़े आयोजन में कोई अप्रिय घटना नहीं घटी। पुलिस की ओर से सुरक्षा के सामान्य इंतजाम रहे। पूरे आयोजन को सफल बनाने में रसूलपुरा के सरपंच सलिम इकरामुद्दीन, हाफिज फारुख, ऊंटड़ा के सद्दाम, मोहम्मद यूसुफ, जाकिर, मोहम्मद इश्हाक, कायड़ के सरफराज, अयूब फौजी, अब्दुल हकिम, मोहम्मद फिरोज, काजी फुरकान, रसूलपुरा के सदुरुद्दीन मुंशी आदि की सकिय्र भूमिका रही। विश्राम स्थली पर करीब डेढ़ हजार बसों की पार्किंग भी की गई। इसके अतिरिक्त बड़ी संख्या में कार-जीप आदि वाहन भी आए। 

(एस.पी.मित्तल) (16-11-16)
नोट: फोटोज यहां देखें। वेबसाइट www.spmittal.in 
https://play.google.com/store/apps/details? id=com.spmittal
www.facebook.com/SPMittalblog
Blog:- spmittalblogspot.in
M-09829071511 (सिर्फ संवाद के लिए)
================================
M: 07976-58-5247, 09462-20-0121 (सिर्फ वाट्सअप के लिए)