Thursday 7 January 2016

ब्यावर में बहुचर्चित सेक्स रैकेट प्रकरण में एफआर लगाई


अदालत ने शिकायतकर्ता एएसपी विनीत बंसल को तलब किया
अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड के बहुचर्चित सेक्स रैकेट प्रकरण में पुलिस ने 7 जनवरी को अदालत में एफ आर प्रस्तुत कर दी है, लेकिन पुलिस की कार्यशैली पर अदालत ने नाराजगी जताते हुए इस प्रकरण में शिकायतकर्ता अजमेर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनीत बंसल को आगामी 23 जनवरी को तलब किया है।
ब्यावर की एसीजेएम सीमा मेवाड़ा की अदालत में 7 जनवरी को ब्यावर सदर थाना प्रभारी गिरधारी सिंह ने प्रस्तुत एफ आर में कहा कि गत 30 नवम्बर को रानीबाग पैलेस रिसोर्ट में जिन लड़के-लड़कियों को गिरफ्तार किया गया था। उन पर पीटा एक्ट का अपराध नहीं बनता है। गलतफहमी की वजह से पुलिस ने लड़के-लड़कियों को पीटा एक्ट में गिरफ्तार किया था। पुलिस की जांच में पता चला कि ये लड़के-लड़कियां पास-पास बैठे थे लेकिन कोई भी अनैतिक काम नहीं कर रहे थे। पुलिस ने माना कि जयपुर की एक इवेंट कम्पनी में काम करने वाले ये लड़के-लड़कियां ब्यावर में आयोजित एक समारोह में भाग लेने आए थे। इन लड़के-लड़कियों के विरूद्ध पीटा एक्ट का कोई भी साक्ष्य नहीं मिला है, इसलिए आरोपी लड़के-लड़कियों को पीटा एक्ट की धाराओं से दोष मुक्त किया जावे।
न्यायाधीश मेवाड़ा ने पुलिस की एफआर पर नाराजगी जताते हुए कहा कि पुलिस की यह कार्यवाही संतोषजनक नहीं है, क्योकि गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने लड़के-लड़कियों को एक दिन के रिमांड पर भी लिया था। जब छापे के दौरान पीटा एक्ट के सबूत ही नहीं थे तो फिर रिमांड पर क्यों लिया गया। न्यायाधीश ने जानना चाहा कि इस मामले में शिकायतकर्ता एएसपी विनीत बंसल कहां है? इस पर थाना प्रभारी गिरधारी सिंह ने कहा कि बंसल 10 दिनों के अवकाश पर है और उनका मोबाइल भी स्वीच ऑफ है। इस पर न्यायाधीश मेवाड़ा ने नाराजगी जताते हुए कहा कि अदालत में बंसल की उपस्थिति दर्ज करवानी चाहिए। इसके साथ ही न्यायाधीश ने थानाधिकारी को निर्देश दिए कि आगामी 23 जनवरी को बंसल को उपस्थित होने की सूचना भिजवाई जाए।
अदालत के निर्णय का स्वागत करते हुए बचाव पक्ष के वकील गगन वर्मा का कहना रहा कि पुलिस की कार्यशैली से बेवजह निर्दोष लड़के-लड़कियों को अपमानित होना पड़ा है। गिरफ्तारी से पहले लड़के-लड़कियों ने रोते हुए कहा था कि वे निर्दोष है, लेकिन तब पुलिस ने एक नहीं सुनी और लड़के-लड़कियों के कमरों में शराब एवं अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद होने का भी दावा किया गया। वर्मा ने कहा कि अब न्यायालय से आग्रह किया जाएगा कि उन सब पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए जिन्होंने सेक्स रैकेट पड़कने का दावा किया। इस घटना से पूरे देश में ब्यावर की छवि खराब हुई है।
जी मरूधरा ने उठाया था मुद्दा :
30 नवम्बर को ब्यावर में कथित तौर पर सेक्स रैकेट पकडऩे के मामले के बाद जी मरूधरा न्यूज चैनल के अजमेर के प्रभारी मनवीर सिंह ने इस मुद्दे को प्रभावी तरीके से उठाया था। मनवीर की रिपोर्ट में उसी समय यह बात सामने आई थी कि पुलिस ने रानी बाग पैलेस पर बेवजह छापामार कार्यवाही की। इस सबंध में पीडि़त लड़के-लड़कियों ने राज्य के पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट और अजमेर रेंज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल से भी मुलाकात कर निष्पक्ष जांच की मांग की थी।
पुलिस के लिए शर्मनाक :
सवाल उठता है कि अब उन लड़के-लड़कियों की इज्जत का क्या होगा जिन्हें पुलिस ने सेक्स रैकेट के आरोप में गिरफ्तार किया था। पुलिस की यह कार्यवाही पूरी तरह बेशर्मी घिनौनी कृत्य वाली है। पुलिस के ऐसे अधिकारियों को सस्पेंड नहीं बर्खास्त किया जाना चाहिए।
(एस.पी. मित्तल)  (07-01-2016)
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