Tuesday 12 January 2016

कलेक्टर की क्लास में विद्यार्थी फैल। शैक्षणिक स्तर सुधारने के दिए निर्देश।


सरकार के निर्देशों पर 12 जनवरी को जिला कलेक्टर डॉ. आरुषि मलिक ने निकटवर्ती लीला सेवड़ी में चल रहे राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया। कलेक्टर ने जब विद्यार्थियों की शैक्षिक योग्यता की जांच की तो विद्यार्थी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। 12 जनवरी को कलेक्टर मलिक ने लीलासेवड़ी विद्यालय की कक्षा पांच के विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम किया। कलेक्टर ने प्राथमिक स्कूल की एक शिक्षिका के तौर पर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई। कलेक्टर ने जब विद्यार्थियों से ब्रदर और सिस्टर की स्पेलिंग पूछी तो कक्षा के एक भी विद्यार्थी ने सही स्पेलिंग नहीं बताई। कलेक्टर ने अंग्रेजी की पुस्तक का एक पैरा पढऩे के लिए बच्चों को कहा तो सभी बच्चे अंग्रेजी के पैरा को नहीं पढ़ सके। इस पर कलेक्टर ने विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर को सुधारने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक भोजराज सिंह शेखावत से कहा कि वह स्वयं बच्चों की पढ़ाई की निगरानी करें। साथ ही निर्देश दिए गए कि 15 दिन बाद छात्रों की योग्यता का आंकलन स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी करेंगे। कलेक्टर को इस बात पर भी आश्चर्य हुआ कि विद्यालय में पांच शिक्षक तैनात है और छात्रों की संख्या मात्र 55 है। विद्यालय में औसत उपस्थिति 40 ही है। यानि 40 विद्यार्थियों को पढ़ाने का काम प्रधानाध्यापक सहित पांच शिक्षक करते है।

(एस.पी. मित्तल)  (12-01-2016)
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