8 जनवरी को मैंने अपने ब्लॉग में लिखा था कि अब भामाशाह योजना के अन्तर्गत अजमेर के पुष्कर रोड स्थित 100 बैड वाले मित्तल अस्पताल में भी गरीब मरीजों का इलाज हो सकेगा। मेरे इस ब्लॉग के मद्देनजर ही 9 जनवरी को अजमेर के प्रभारी मंत्री वासुदेव देवनानी ने निर्देश दिए हैं। देवनानी ने 9 जनवरी को कलेक्ट्रेट के सभागार में सरकारी योजनाओं की क्रियान्विति की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में कलक्टर डॉ. आरुषि मलिक, एसपी डॉ. नितिन दीप ब्लग्गन सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद थे। देवनानी ने 2 टूक शब्दों में कहा कि जिले के जिन निजी अस्पतालों ने रियायती दर पर जमीन ली है तथा चेरिटेबल ट्रस्ट बनाकर अन्य सुविधाएं ले रहे हैं, उन सभी को भामाशाह योजना के पात्र व्यक्तियों का इलाज करना अनिवार्य है। यदि कोई निजी अस्पताल का मालिक सरकारी सरकारी दरों पर इलाज करने से इंकार करेगा तो सरकार उसकी मान्यता भी रद्द कर सकती है। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण हरचन्दानी को सख्त निर्देश दिए गए कि सभी निजी अस्पतालों में गरीबों के इलाज को सुनिश्चित किया जाए। मालूम हो कि पुष्कर रोड स्थित मित्तल अस्पताल के मालिकों ने अपने अस्पताल का नाम भामाशाह योजना के दायरे से बाहर करवा लिया था जबकि मालिकों ने अस्पताल के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण से रियायती दर पर जमीन ली है और रिसर्च सेन्टर के नाम पर अनेक सुविधाएं राज्य सरकार और केन्द्र सरकार से ले रहे हैं।
(एस.पी. मित्तल) (09-01-2016)
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