अजमेर के बी.के.कौल नगर में संचालित स्वयंसेवी संस्था शुभदा के मंदबुद्धि बच्चों ने 11 जनवरी को मुझसे दफ्तर में आकर मुलाकात की और पुरे आत्मविश्वास के साथ बताया कि वे किसी होशियार बच्चे से कम नहीं है। मुझे भी लगा कि यह बच्चे भले ही मंदबुद्धि के कहलाते हों, लेकिन अवसर मिले तो अपनी योग्यता दिखाने में पीछे नहीं रहेंगे। संस्था के पीआरओ गौरव माथुर ने बताया कि संस्था में अध्ययन करने वाले जिन बच्चों मं संभावनाएं नजर आती हैं उन्हें प्रशासनिक अधिकारियों और विशिष्ट नागरिकों से मुलाकात करवाते हैं और दफ्तरों के कामकाज की जानकारी भी दिलवाते हैं ताकि ऐसे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ सके। मेरे सामने हिमांशी पंवार, जुलियान एंथोनी, हिमांशी ढाबी आदि बच्चों ने जिस प्रकार अपनी योग्यता का प्रदर्शन किया, उससे मुझे भी लगा कि बस इन बच्चों को अवसर मिलने की कमी है। ऐसे बच्चे जल्द ही सामान्य बच्चों की दौड़ में शामिल हो जाएंगे। बच्चों की हौंसला अफजाई के लिए मैंने जो संभव था वह किया। मेरी परमपिता परमात्मा से प्रार्थना है कि कोई भी बच्चा मंदबुद्धि न रहे। समाज के जागरुक और विशिष्ट लोग जो कुछ भी इन बच्चों के लिए कर सकते हैं, करना चाहिए।
(एस.पी. मित्तल) (11-01-2016)
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