Monday 11 January 2016

कॉलेज में पढऩे के लिए आने वाली लड़कियां फैशन से दूर रहें। कर्नाटक के राज्यपाल वाजु भाई केइस कथन पर विवाद क्यों?



समझ में नहीं आता कि भारत का मीडिया खासकर इलेक्ट्रोनिक न्यूज चैनल चाहते क्या हैं। कर्नाटक के राज्यपाल वाजु भाई ने 7 जनवरी को मैसूर में आयोजित एक समारोह में कहा कि जो लड़कियां कॉलेज में पढऩे आती हैं उन्हें फैशन से दूर रहना चाहिए। लड़कियां कॉलेज में किसी सौन्दर्य प्रतियोगिता में शामिल होने नहीं जा रहीं, इसलिए भौहें संवारने और लिपस्टिक लगाने की कोई जरुरत नहीं है। वाजु भाई के इस कथन को लेकर अब न्यूज चैनलों में बवाल हो रहा है। हर चैनल अपने-अपने नजरिए स व्याख्या कर रहा हैं। कोई इसे विवादित, कोई महिलाओं के खिलाफ तो कोई रूढ़ीवादी बता रहा है। आखिर वाजु भाई ने ऐसा क्या कह दिया जो लड़कियों की स्वतंत्रता के खिलाफ है। जो लोग बाजू भाई के इस बयान का विरोध कर रहे हैं वे बताएं कि क्या अपनी बेटी को कॉलेज में छोटी नेकर और बिना बांह वाली टाइट टीशर्ट पहनकर जाने की इजाजत देंगे? क्या ऐसे लोग अपनी बेटी को आंखें चमकाने के लिए आईब्रो तथा होंट दिखाने के लिए लिपिस्टिक लगाने पर सहमति देंगे? वाजु भाई ने यह नहीं कहा कि लड़कियां अपने मन मुताबिक कपड़े न पहनें अथवा फैशन न करें। वाजु भाई ने सिर्फ इतना कहा कि लड़कियां जब कॉलेज में पढऩे के लिए आती हैं तो उन्हें फैशन नहीं करना चाहिए। इसके पीछे वाजु भाई की मंशा यही रही कि लड़कियां कॉलेज में सिर्फ पढ़ाई पर ध्यान लगाएं। यह तो अच्छा हुआ कि वाजु भाई ने मोबाइल फोन पर कोई सीख नहीं दी। यदि मोबाइल नहीं ले जाने की बात भी बाजू भाई कह देते तो टीवी चैनल वाले न जाने क्या करते। क्या लड़कियां फैशन कर कॉलेज में पढऩे जाएं तभी आधुकि विचारों की होंगी? ऐसा नहीं कि सभी लड़कियां फैशन कर कॉलेज जा रही हैं, ऐसी बहुत सी लड़कियां होंगी जो सलीके से कॉलेज आती जाती हैं और उनका मकसद सिर्फ पढ़ाई करना है। तो क्या ऐसी लड़कियां रूढ़ीवादी हो गई? जिन अभिभावकों की बेटियां दूसरे शहर अथवा महानगर में अकेले पढ़ाई करती हैं वे बता सकते हैं कि वे कितना चिन्तित रहते हैं? अब यदि ऐसी बेटियां अपने अभिभावकों की भावनाओं के अनुरूप कॉलेज में पढ़ाई न करें तो फिर अभिभावकों पर क्या बीतेगी? टीवी चैनलों में एंकर अथवा सम्पादक की कुर्सी पर बैठकर वाजु भाई के कथन की आलोचना कितनी भी कल लें लेकिन ऐसे एंकर और सम्पादक भी नहीं चाहेंगे कि उनकी बेटी कॉलेज में फैशन करके जाए। कांग्रेस और कुछ राजनैतिक दलों के प्रवक्ता भी वाजु भाई के कथन की आलोचना कर रहे हैं। ऐसे नेताओं की अक्ल पर भी तरस आता है। ऐसा नहीं कि वाजु भाई ने समारोह में सिर्फ लड़कियों के फैशन की बात कही। वाजु भाई ने यह भी कहा कि जो गम्भीरता महिलाओं में होती है वह पुरुषों में दिखाई नहीं देती। पढ़ाई में भी लड़कों के मुकाबले लड़कियां ज्यादा गंभीर होती हैं। हमें कुछ पाने के लिए कुछ खोना भी पड़ता है। लेकिन टीवी चैनल वाले लड़कियों की अच्छाई वाली बात को वाजु भाई के हवाले में नहीं दिखा रहे हैं। यानि चैनल वालों को तो बेवजह एक अच्छे विचार को विवादित बनाना है।
(एस.पी. मित्तल)  (09-01-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

No comments:

Post a Comment