Monday 4 January 2016

वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल आखिर अमित शाह से क्या प्रशिक्षण लेंगे।



भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह 6 जनवरी को जयपुर में राजस्थान की भाजपा सरकार के मंत्रियों की एक बैठक लेंगे। इस बैठक में मंत्रियों से उनके विभागों की जानकारी तो ली ही जाएगी साथ ही अमित शाह भाजपा के अनुशासन और रीति नीति के बारे में मंत्रियों को बताएंगे। अमित शाह के इस प्रशिक्षण पर ही अजमेर में यह सवाल पूछा जा रहा है कि आखिर स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल क्या प्रशिक्षण लेंगे? यह सवाल आम लोगों के साथ-साथ भाजपा कार्यकर्ताओं में भी चर्चा का विषय है। देवनानी और भदेल दोनों ही अजमेर शहर में भाजपा के विधायक हैं, लेकिन कार्यकर्ताओं की पीड़ा यह है कि दोनों एक साथ किसी कार्यक्रम में शामिल नहीं होते हैं। 
अभी हाल ही में जब वसुंधरा राजे सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल का जश्न मनाया गया तो देवनानी ने अपने उत्तर विधानसभा क्षेत्र में ही कार्यक्रम आयोजित करवाए देवनानी की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वे अनिता भदेल के दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में कोई सरकारी कार्यक्रम करवाते। जबकि देवनानी जिले के प्रभारी मंत्री भी हैं। इसी प्रकार भदेल ने भीलवाड़ा के प्रभारी मंत्री की हैसियत से भीलवाड़ा में तो दो वर्ष का जश्न मनाया, लेकिन अपने अजमेर शहर में एक भी कार्यक्रम आयोजित नहीं किया, जिस प्रकार देवनानी दक्षिण विधानसभा क्षेत्र के किसी सरकारी स्कूल में शिक्षा मंत्री की हैसियत से घुस नहीं सकते, ठीक उसी प्रकार भदेल भी अपने महिला एवं बाल विकास विभाग का कोई कार्यक्रम उत्तर विधानसभा क्षेत्र में नहीं कर सकती हैं। जिला प्रशासन के सामने भी यह समस्या रहती है कि एक ही शहर के होने के बावजूद दोनों मंत्री एक साथ समारोह में नहीं आते। अभी हाल ही में अजमेर में आजाद पार्क में रामनाम मंत्र परिक्रमा का 12 दिवसीय बड़ा आयोजन हुआ। इस आयोजन की कमान राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के अजमेर महानगर के संघ चालक सुनील दत्त जैन के पास थी। जैन ने सूझबूझ दिखाते हुए समारोह के शुभारंभ पर देवनानी और समापन पर भदेल को बुलाया। देवनानी और भदेल के हालातों को देखते हुए आम नागरिक और भाजपा के कार्यकर्ता भी चाहते हैं कि अमित शाह ऐसा प्रशिक्षण दें, जिससे देवनानी व भदेल में तालमेल हो जाए। भाजपा के पदाधिकारियों का भी मानना है कि दोनों मंत्रियों के आपसी विवाद की वजह से विकास में भी बाधा उत्पन्न हो रही है। दोनों की खींचतान की वजह से ही शहर भाजपा के अध्यक्ष का चुनाव भी नहीं पाया है। देखना है कि 6 जनवरी को अमितशाह से प्रशिक्षण लेने के बाद देवनानी और भदेल में कितना तालमेल हो पाता है। जहां तक शिक्षा विभाग और महिला एवं बाल विकास विभाग के कामकाज का सवाल है, तो इसमें कोई दो राय नहीं कि देवनानी और भदेल ने अपने-अपने विभाग से उल्लेखनीय कार्य किए हैं। 

(एस.पी. मित्तल)
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