Friday 15 January 2016

मेघना चौधरी ने बचाई शिक्षा बोर्ड की इज्जत


राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की दसवीं की परीक्षा के परिणाम में गत वर्ष जब गंगापुर सिटी के क्रिएटिव पब्लिक स्कूल के 17 विद्यार्थी मैरिट में आए तो हंगामा मच गया। बाद में इस मामले की जांच एसओजी से भी करवाई गई। यदि बोर्ड की सचिव श्रीमती मेघना चौधरी की सख्त निगरानी नहीं होती तो बोर्ड को एक बार फिर परेशानी का सामना करना पड़ता। इस वर्ष बोर्ड की परीक्षाएं मार्च में होने वाली है और प्रदेश भर में परीक्षार्थियों के परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण हो चुका है। इसी दौरान यह पता चला कि बोर्ड के सहायक अनुभाग अधिकारी श्यामलाल खींची ने अपने दिव्या पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों का परीक्षा केन्द्र अपने ही स्कूल में निर्धारित करवा दिया है। गंभीर बात यह रही कि परीक्षा शाखा के अनुभाग अधिकारी जयकिशन दायमा भी इस बेईमानी में शामिल हो गए। खींची अपने स्कूल का सेन्टर अपने ही स्कूल में निर्धारित करवा रहे हैं, इसकी जानकारी मिलते ही बोर्ड सचिव मेघना चौधरी ने खींची को निलम्बित कर दिया। इसके साथ ही दायमा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यदि खींची के स्कूल के विद्यार्थी अपनी ही स्कूल में बोर्ड की परीक्षा देते तो अंदाजा लगाया जा सकता है कि परिणाम कैसा आता। चौधरी ने तत्काल जो कार्यवाही की उससे बोर्ड में हड़कम्प मचा हुआ है। खींची अजमेर के कोटड़ा क्षेत्र में स्कूल का संचालन करते हैं।
असल में बोर्ड के अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज को लेकर अंगुलियां उठती रही लेकिन संगठित होने की वजह से कार्यवाही संभव नहीं हो पाती। इस बार सचिव मेघना ने बोल्ड कार्यवाही को अंजाम दिया। 
अधिकारियों और कर्मचारियों की जांच हो:
वैसे तो शिक्षा बोर्ड के लिए यह शर्मनाक बात है कि जो अधिकारी अपना प्राईवेट स्कूल चलाता है, उसी अधिकारी को परीक्षा कार्य की शाखा का अनुभाग अधिकारी बना रखा है। सवाल उठता है कि खींची को इस पद पर क्यों लगाया गया है? बोर्ड में अकेला खींची ऐसा अधिकारी नहीं है। बोर्ड में ऐसे अनेक अधिकारी और कर्मचारी हैं, जिनके रिश्तेदार प्राइवेट स्कूल चलाते हैं। मेघना चौधरी को चाहिए कि विस्तृत जांच कराकर ऐसे अधिकारियों को परीक्षा कार्य से दूर रखा जाए। जब ऐसे अधिकारी परीक्षा केन्द्र का निर्धारण अपनी मर्जी से करवा सकते हैं तो फिर परीक्षा के दौरान अपनी मर्जी से ही इंतजाम भी करवा सकते हैं। शिक्षा बोर्ड की प्रतिष्ठा बनी रही है इसके लिए एक बड़े ऑपरेशन की जरूरत है।
(एस.पी. मित्तल)  (15-01-2016)
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