Wednesday 6 January 2016

राष्ट्रगान सीखाने पर मदरसे के प्रधानाध्यापक को पीटा



कट्टरपंथियों के सामने ममता बनर्जी की सरकार लाचार
कोलकाता के एक मदरसे के प्रधानाध्यापक काजी मासूम अख्तर को देश का राष्ट्रगान सीखाना महंगा पड़ गया। प्रगतिशील और उदारवादी छवि के काजी अख्तर मदरसे में मुुस्लिम बच्चों को राष्ट्रगान सिखा रहे थे। इस बात की जानकारी लगने पर कट्टपंथियों ने अख्तर को चेतावनी दी कि यदि राष्ट्रगान सीखाने का काम जारी रखा तो परिणाम बुरे होंगे। लेकिन इस चेतावनी का अख्तर पर कोई असर नहीं हुआ। कट्टरपंथी इस बात से भी नाराज थे कि काजी अख्तर मुस्लिम लड़कियों को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करते हैं तथा स्वयं भी मदरसे के शिक्षक के अनुरूप आचरण नहीं करते। कट्टरपंथी चाहते थे कि काजी अख्तर दाढ़ी रखें और कुर्ता-पायजामा पहने। लेकिन काजी अख्तर टी-शर्ट और पेन्ट पहनकर मदरसे के बच्चों को पढ़ाते रहे। अख्तर ने दाढ़ी रखने से भी इंकार कर दिया। अख्तर के इन कृत्यों से खफा होकर ही इन कट्टरपंथियों ने अख्तर की जमकर पिटाई की और हिदायत दी कि भविष्य में मदरसे में न आएं।
गंभीर बात यह जब काजी अख्तर ने अपनी सुरक्षा के लिए पुलिस से गुहार लगाई तो पुलिस कमिश्नर ने सुरक्षा देने में लाचारी दर्शा दी। कमीश्नर का कहना रहा काजी अख्तर की उपस्थिति से इस क्षेत्र में तनाव हो रहा है। पुलिस की यह लाचारी बताती है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन में कट्टरपंथी किस प्रकार से हावी हैं। सवाल उठता है क्या देश का राष्ट्रगान भी इस्लाम विरोधी है? गंभीर बात तो यह है कि राष्ट्रगान का अपमान उस कोलकाता में हो रहा है जहां के रविन्द्र नाथ टेगौर ने राष्ट्रगान को लिखा था।
(एस.पी. मित्तल)
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