Thursday 28 January 2016

स्मार्ट सिटी में अजमेर फेल।



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28 जनवरी को केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्री वेकैंया नायडु ने देश के जिन 20 शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की है, उसमें अजमेर शामिल नहीं है। इस सूची में राजस्थान के जयपुर और उदयपुर शहर को ही शामिल किया गया है। जयपुर तीसरे नम्बर पर तथा उदयपुर 16वें नम्बर पर आया है। जबकि अजमेर स्मार्ट सिटी के मापदंडों पर फिलहाल खरा नहीं उतरा है। 
राज्य सरकार ने जयपुर, उदयपुर के साथ-साथ अजमेर और कोटा को भी स्मार्ट सिटी बनाने का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजा था, लेकिन केन्द्र सरकार ने अजमेर और कोटा को पहले चरण में शामिल नहीं किया है। केन्द्र सरकार की घोषणा के मुताबिक स्मार्ट सिटी के लिए जो भौगोलिक स्थिति और संसाधन चाहिए, उससे जयपुर और उदयपुर ही खरे उतरते हैं। अजमेर और कोटा में वे हालात नहीं है, जिनके अंतर्गत इन शहरों को स्मार्ट सिटी बनाया जाए। 
राजनीतिक कमजोरी:
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केन्द्र सरकार की स्मार्ट सिटी की सूची में अजमेर का नाम नहीं आने का कारण अजमेर में राजनीतिक कमजोरी माना जा रहा है। अजमेर में इस समय सत्तारुढ़ भाजपा नेताओं की स्थिति बहुत मजबूत है, लेकिन जिले के किसी भी  नेता में इतनी हिम्मत नहीं है कि वे मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अथवा केन्द्रीय नगरीय विकास मंत्री वैंकेया नायडु के समक्ष अपनी बात को दमदार तरीके से रख सकें। कहने को भाजपा के 7 विधायकों में से 3 राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त है। वासुदेव देवनानी स्कूली शिक्षा मंत्री, अनिता भदेल महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री हंै। जबकि पुष्कर के विधायक सुरेश सिंह रावत को हाल ही में संसदीय सचिव बनाकर उपकृत किया गया है। इतना ही नहीं अजमेर से जुड़े औंकार सिंह लखावत राजस्थान धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं, जबकि भूपेन्द्र सिंह यादव भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व राज्यसभा सांसद हैं। इसके साथ ही अजमेर के सांसद सांवरलाल जाट केन्द्रीय जल संसाधन राज्यमंत्री है। राजनीतिक दृष्टि से इतनी मजबूत स्थिति होने के बाद भी स्मार्ट सिटी की दौड़ में अजमेर का फेल हो जाना इन राजनेताओं के लिए शर्म की बात होनी चाहिए। अजमेर नगर निगम पर भाजपा का ही कब्जा है तथा हाल ही में अजमेर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष के पद पर भाजपा के वरिष्ठ नेता शिव शंकर हेड़ा की नियुक्ति की गई है। 
सबसे पहले हुई थी घोषणा:
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नरेन्द्र मोदी जब प्रधानमंत्री बने थे, तब उन्होंने देश के तीन प्रमुख शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने की घोषणा की थी। इन तीन शहरों में अजमेर भी शामिल था। अजमेर के लिए तो अमरीका के साथ समझौता भी किया। लेकिन अजमेर के भाजपा नेताओं के आपसी झगड़ों और कमजोरी की वजह से अजमेर स्मार्ट सिटी की दौड़ में फेल हो गया। इसके लिए पूरी तरह अजमेर के भाजपा नेता दोषी हंै। यदि अजमेर के नेताओं में एक जुटता होती तो बीस शहरों में अजमेर का नाम भी शामिल होता। 
निगम बनाएगा स्मार्ट:
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स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल नहीं होने पर मेयर धर्मेन्द्र गहलोत का कहना है कि अब नगर निगम अपने संसाधनों से ही अजमेर को स्मार्ट बनाएगा। उन्होंने माना कि मास्टर प्लान की जटिलताओं को लेकर भी शहर में अनेक योजनाएं क्रियान्विति नहीं हो पा रही हैं। 
(एस.पी. मित्तल)  (28-01-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

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