Thursday 21 January 2016

मेहनता ने के लिए भटक रहे है कलाकार पुष्कर मेले में करवाएं थे प्रोग्राम



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इसे दुर्भाग्यपूर्ण ही कहा जाएगा कि अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त पुष्कर मेले में अजमेर के जिन कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया, अब उन्हें अपने मेहनताने के लिए भटकना पड़ रहा है। शर्मनाक बात तो यह है कि राज्य सरकार ने इस बार पुष्कर मेले पर कोई दो करोड़ रुपए की राशि खर्च करवाई थी। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने पुष्कर मेले के प्रति आकर्षण बढ़वाने के लिए दिल्ली की दो इवेन्ट कंपनी ई-फेक्टर और टीम वर्क को कार्यक्रम प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी दी गई। एक कम्पनी को भुगतान पर्यटन विभाग ने किया जबकि दूसरी कंपनी को ब्यावर की श्रीसीमेंट संस्था से करवाया गया।
इन कंपनियों के चालाक प्रतिनिधियों ने स्थानीय कलाकारों पर दबाव डालकर मेले में अनेक कार्यक्रम प्रस्तुत करवा दिए। जिला कलेक्टर डॉ.आरूषी मलिक और पुष्कर मेले के प्रभारी व एडीएम हीरालाल मीणा ने भी स्थानीय कलाकारों से प्रोग्राम प्रस्तुत करने का आग्रह किया। सभी कलाकारों को उम्मीद थी कि वायदे के मुताबिक इवेन्ट कंपनियों के प्रतिनिधि मेहनताने का भुगतान कर देंगे। 21 जनवरी को ऊंट श्रृंगार कलाकार अशोक टांक ने कलेक्टर डॉ.मलिक को एक पत्र दिया है। इस पत्र में कहा गया कि गत वर्ष नवम्बर में पुष्कर मेले के दौरान 5 अलग-अलग कार्यक्रमों में अपने ऊंट को सजाकर प्रोग्राम दिया गया। मेरे ऊंट के श्रृंगार को इवेन्ट कंपनियों ने अपना प्रोग्राम बताया। चूंकि मुझे प्रति प्रोग्राम 10 हजार रुपए देने का वायदा किया गया था। इसलिए मैंने भी कोई आपत्ति नहीं की, लेकिन न तो इवेन्ट कंपनियों के प्रतिनिधियों ने और न ही मेला प्रभारी मीणा ने मेरे पारिश्रमिक का भुगतान किया है। मैं पिछले दो माह से इधर-उधर भटक रहा हूं लेकिन मेरी कोई नहीं सुन रहा। कुछ ऐसी ही पीड़ा कत्थक नृत्य कलाकार दृष्टि रॉय की भी है। दृष्टि ने भी अपने ग्रुप के माध्यम से पुष्कर मेले में कत्थक नृत्यों की प्रस्तुति दी थी। चूंकि मेहनताने का वायदा किया गया था इसलिए नई ड्रेस भी कलाकारों को सिलवाई गई। सभी कलाकार अजमेर से पुष्कर पहुंचे थे। दृष्टि रॉय की भी पीड़ा है कि बार-बार आग्रह करने के बाद भी मेहनताने का भुगतान नहीं किया गया।
एक ओर अजमेर के कलाकार अपने मेहनताने के लिए भटक रहे है तो दूसरी और मेला प्रभारी हीरालाल मीणा का कहना है कि जिला प्रशासन ने पुष्कर मेले में कोई भुगतान नहीं किया। सारा काम ई-फेक्टर और टीम वर्क इवेन्ट कंपनियों का था। ऐसे में किसी कलाकार को मेहनताने का भुगतान करने की जिम्मेदारी कंपनी की ही है। वहीं ई-फेक्टर के अंकित गर्ग और टीम वर्क के राहुल सेन ने अब अजमेर के कलाकारों के फोन अटेण्ड करना ही बंद कर दिया है। यह बेहद शर्मनाक बात है कि पुष्कर मेले के कार्यक्रमों को लेकर जहां सरकार और जिला प्रशासन ने वाहवाही लूटी वहीं कार्यक्रमों को प्रस्तुत करने वाले स्थानीय कलाकार अपने मेहनताने के लिए भटक रहे है। यह तब हो रहा है जब पुष्कर मेले में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने स्वयं उपस्थिति दर्ज करवाई थी। मेले के दौरान दो दिनों तक वसुंधरा राजे पुष्कर में ही रहीं।
(एस.पी. मित्तल)  (21-01-2016)
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