Tuesday 19 January 2016

समाज में बुराईयों को मिटाने का काम कर रहे हैं गुरमीत राम रहीम इंसा



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देश के डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम इंशा को लेकर 18 जनवरी को मैंने एक ब्लॉग पोस्ट किया था। मेरे इस ब्लॉग को हरियाणा और पंजाब में बड़े पैमाने पर पढ़ा गया। इसी सिलसिले में डेरा सच्चा सौदा सिरसा (हरियाणा) के प्रवक्ता डॉ. आदित्य इंशा ने भी मुझे फोन किया। डॉ.आदित्य का कहना रहा कि पंजाब और हरियाणा में कुछ ऐसे लोग सक्रिय हैं जो हमारे गुरु राम रहीम ईंशा को सामाजिक बुराईयों को मिटाने के काम में रोकना चाहते हैं। इसलिए हाल ही में पंजाब में गुरुजी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई गई है। रिपोर्ट में भगवान विष्णु के अवतार को लेकर जो वीडियो दिखाया गया है वह वीडियो वर्ष 2009 का है। इस वीडियों के बारे में कहा गया कि गुरुजी ने भगवान विष्णु का अवतार धारण किया है जबकि इस वीडियो में गुरुजी की बड़ी दाढ़ी है। क्या भगवान विष्णु दाड़ी वाले रहें? असल में डेरा सच्चा सौदा से जुड़े अनुयायियों ने गुरुजी के दिशा निर्देश पर सामाजिक बुराईयों को मिटाने का जो काम किया, उसी से कुछ लोगों को परेशानी हो रही है। डेरा के अनुयायी बड़े पैमाने पर रक्तदान करते हंै। एकत्रित रक्त सरकारी अस्पतालों में भर्ती गरीब मरीजों के काम आता है। न जाने कितने गरीब लोगों की जान बच चुकी है। जो लोग खून का कारोबार करते है उन्हें परेशानी होना स्वाभाविक है। हरियाणा में लिंग का अंतर जबरदस्त रहा। एक हजार लड़कों पर करीब आठ सौ लड़किया ही मानी गई। कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए गुरुजी ने जबरदस्त अभियान चलाया। अपने सत्संगों में महिलाओं से शपथ दिलवाई गई। यहीं वजह है कि सरकार के जो ताजा आंकड़े हाल ही में सामने आए है उनमें एक हजार लड़कों के मुकाबले 999 लड़कियों के जन्म होने की बात आई। गुरुजी के इस अभियान में उन लोगों को परेशानी हुई जो सोनोग्राफी कर गर्भ में लड़की होने की जानकारी देते थे और फिर गर्भपात भी करवाते थे। स्वाभाविक है कि इस कारोबार से जुड़े लोग डेरा के प्रति नाराजगी दिखाएंगे ही।
डॉ.आदित्य ने बताया कि वे स्वयं भी नशे की आदत की वजह से सद्मार्ग से भटक गए थे, लेकिन गुरुजी की शरण में आने की वजह से आज वे एक सफल चिकित्सक हैं और डेरा के प्रवक्ता की जिम्मेदारी भी निभा रहे हैं। पंजाब और हरियाणा में हजारों ऐसे युवा मिल जाएंगे जिनकी नशे की आदतों को गुरुजी ने अपने आध्यात्मिक चमत्कार से छुड़वाया है। अब जब बड़ी संख्या में युवा नशा छोड़ रहे है तो उन लोगों को परेशानी हो रही है, जो नशे का कारोबार करते है। जहां तक गत विधानसभा के चुनाव में अनुयायियों की भूमिका का सवाल है तो गुरुजी ने सिर्फ इतना ही कहा था कि जो राजनैतिक दल नशा रोकने का काम करें उसे वोट दिया जाए। इसमें कोई राजनीति करना नहीं है। हर सरकार और राजनीतिक दल की यह जिम्मेदारी है कि वह नशे की आदत को रोके। एक और सरकार नशे के बाद होने वाली बुराईयों पर करोड़ों रुपया खर्च करती है वहीं शराब की भी बिक्री करती है। अच्छा हो कि सरकार शराब की बिक्री बंद कर दे।
हास्य कलाकार पीकू के खिलाफ मुकदमा और फिर गिरफ्तारी के विवाद पर डॉ.आदित्य ने कहा कि गुरुजी को किसी हास्य कलाकार के द्वारा नकल करने पर एतराज नहीं है लेकिन यदि इस नकल में गुरुजी का अपमान किया जाएगा तो अनुयायियों को नाराजगी तो होगी ही। टीवी के जिस कार्यक्रम में पीकू ने गुरुजी की नकल का काम किया उसमें दानपात्र में राशि लेने, शराब का सेवन करने आदि जैसे दृश्य दिखाए गए। जबकि डेरा सच्चा सौदा में अनुयायियों से कोई दान नहीं लिया जाता और गुरुजी तो खुद युवाओं के नशा छुड़ाने का काम कर रहे हंै। आहत करने वाली नकल के बाद भी जब गुरमीत राम रहीम को यह पता चला कि पीकू ने माफी मांग ली है तो उन्होंने अपने अनुयायियों से आगे कार्यवाही नहीं करने के निर्देश दिए हैं। जहां तक गुरुजी के फिल्मों में काम करने का सवाल है तो फिल्म के माध्यम से ही गुरुजी ने सामाजिक बुराईयों को मिटाने का संदेश दिया है। फिल्म अभिनेता आमीर खान और सलमान खान की फिल्मों में तो धर्मगुरुओं और भगवानों का मजाक उड़ाया जाता है जबकि गुरुजी तो भारतीय संस्कृति के अनुरुप धर्म गुरुओं और भगवानों का मान सम्मान बढ़ाने वाले अभिनय करते हंै। यहीं वजह है कि एमएसजी वन के बाद एमएसजी टू फिल्म का निर्माण हो रहा है।
डेरा सच्चा सौदा के डॉ.आदित्य ने गुरमीत राम रहीम की ओर से प्रस्ताव रखा कि डेरा की सामाजिक और धार्मिक गतिविधियों को देखने और समझने के लिए मैं सिरसा आऊ। आगामी 25 जनवरी को सिरसा  में राष्ट्रभक्ति का एक बड़ा आयोजन हो रहा है। मैंने 18 जनवरी को जो ब्लॉग पोस्ट किया उसका मकसद गुरमीत राम रहीम इंशा की छवि खराब करना नहीं था। मैंने एक जागरूक लेखक और पत्रकार की ड्यूटी निभाते हुए अपनी बात को रखा था। मुझे इस बात का संतोष है कि डेरा सच्चा सौदा ने अपनी बात भी बहुत शालीनता और विनम्रता के साथ रखी है। डेरा के प्रवक्ता डॉ.आदित्य ने जिस मधुर व्यवहार के साथ मुझसे संवाद किया, उसी क्रम में मैं डेरा सच्चा सौदा का पक्ष भी रख रहा हूं। मैंने 18 जनवरी को भी और आज 19 जनवरी को भी पत्रकारिता का धर्म निभाया है। मुझे डेरा का पक्ष अपने ब्लॉग में रखने पर कोई एतराज नहीं है। मैं खुले मन से इस बात को स्वीकार करता हूं कि डेरा के अनुयायी सामाजिक बुराईयों को मिटाने में सक्रिय हंै। मुझे यह भी याद है कि 8 दिसम्बर 2012 को गुरमीत राम रहीम के नेतृत्व में हजारों अनुयायियों ने अजमेर शहर में सफाई का काम किया है। इस सफाई अभियान की शुरूआत गुरुजी ने स्वयं सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के सामने से की थी तब गुरुजी ने स्वयं दरगाह बाजार में झाड़ू लगाई थी। अपने खादिम सैय्यद अब्दुलगनी गुर्देजी, यासीर गुर्देजी तथा जकरिया गुर्देजी के साथ शांति के कबूतर भी उड़ाए। 
(एस.पी. मित्तल)  (19-01-2016)
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