Saturday 27 February 2016

पुष्कर के 170 वर्ष पुराने रंगजी के मंदिर से खाली निकली तिजोरी।


जीर्णोद्धार में अचानक मिली थी तिजोरी।
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तीर्थ गुरु माने जाने वाले पुष्कर के ऐतिहासिक पुराने रंगजी के मंदिर से निकली तिजोरी 27 फरवरी को जब पुलिस, प्रशासनिक अधिकारियों, मीडियाकर्मियों और मंदिर से जुड़े लोगों के सामने खोली गई तो तिजोरी खाली थी। मंदिर से जुड़े अनंत प्रसाद गनेड़ीवाल ने बताया कि इन दिनों मंदिर के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। 26 फरवरी को एक मजदूर को मंदिर के अंदर की दीवार में खोखलापन नजर आया। जब हथौड़ा मारकर दीवार को तोड़ा गया तो सामने एक तिजोरी दिखी। तिजोरी की सूचना मिलते ही पूरे पुष्कर में हड़कंप मच गया। हर कोई जानना चाहता था कि तिजोरी में क्या मिला है, लेकिन तिजोरी के निकट जाना इतना आसान नहीं था क्योंकि तिजोरी सात फीट अंदर थी। बाद में सर्वसम्मति से यह तय किया गया कि तिजोरी निकालने का काम 27 फरवरी को किया जाएगा। यही वजह रही कि सुबह से ही यज्ञ और अन्य धार्मिक रस्में संपन्न करवाई गई ताकि शांतिपूर्ण तरीके से तिजोरी को बाहर निकाला जा सके। इसके लिए प्रशासनिक अधिकारियों, जन प्रतिनिधियों, मीडियाकर्मियों ओर पुलिस को भी मौके पर बुला लिया गया। ताकि सबके सामने तिजोरी को खोला जा सके। गनेड़ीवाल ने पहले ही यह घोषणा कर दी कि तिजोरी से जो कुछ भी प्राप्त होगा उसे मंदिर के जीर्णोद्धार के काम पर ही खर्च किया जाएगा। पूरे पुष्कर में सुबह से ही कौतूहल का माहौल बना हुआ था, लेकिन दोपहर को उस समय सभी को निराशा हाथ लगी जब तिजोरी में कुछ भी नहीं मिला।
170 वर्ष पुराना मंदिर :
पुष्कर का रंगजी का मंदिर 170 वर्ष पुराना है और यहां भगवान कृष्ण के स्वरूप में वेणुगोपाल की प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के दर्शन करने के लिए देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं। मंदिर परिसर में वर्ष भर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहते है। हालांकि बाद में एक औद्योगिक घराने ने भी पुष्कर में रंगजी के मंदिर का निर्माण करवाया, लेकिन आज भी धार्मिक दृष्टि से पुराने और ऐतिहासिक मंदिर की ही मान्यता है।
 (एस.पी. मित्तल)  (27-02-2016)
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