Thursday 4 February 2016

42 नए आईएएस में से 2 ही बन पाए कलेक्टर।



शेष 12 को भी नहीं मिली अच्छी पोस्टिंग।
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राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार ने कोई चार माह पहले 42 आरएएस को आईएएस में पदोन्नत किया था। पदोन्नति के तुरंत बाद इन नए आईएएस अधिकारियों का एक शिष्टमंडल मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से भी मिला। राजे ने शुभकामनाए देते हुए कहा कि आप तो अपने ही प्रदेश के आईएएस हो, इसलिए फील्ड में उपयोग किया जाएगा। नए-नए आईएएस बने अफसरों को लगा कि अब कलेक्टर का पद मिल ही जाएगा। लम्बे इंतजार के बाद वसुंधरा सरकार ने 3 फरवरी की देर रात आईएएस की जो तबादला सूची जारी की उसमें 42 नए आईएएस में से 14 को ही इधर-उधर किया। यानि आज भी 30 आईएएस अपने पुराने आरएएस वाले पद पर ही काम कर रहे हंै। जिन 14 नए आईएएस का तबादला किया उनमें से चन्द्रशेखर मूथा को प्रतापगढ़ तथा अनिल गुप्ता को जालोर का कलेक्टर बनाया गया है। गुप्ता जहां अपनी मेरिट से कलेक्टर बने है, वहीं मूथा गृहमंत्री गुलाबचंद कटारिया की सिफारिश से प्रतापगढ़ के कलेक्टर बनाए हंै। प्रतापगढ़ जिले के मंत्री नंदलाल मीणा और कटारिया के बीच 36 का आंकड़ा है। जानकारों की माने तो मीणा की जुबान पर लगाम लगाने के लिए ही कटारिया ने मूथा को मीणा के गृह जिले का कलेक्टर बनाया है। अब आने वाला समय ही बताएगा कि मूथा नन्दलाल मीणा की जुबान पर लगाम कैसे लगाते है। शेष 12 नए आईएएस के नए पदों को देखा जाए तो बद्रीलाल स्वर्णकार और जगदीश पुरोहित ही के पद थोड़े सम्मानजनक हैं। स्वर्ण को माध्यमिक शिक्षा का निदेशक और पुरोहित को प्राथमिक शिक्षा का निदेशक बनाया गया है। प्रियवृत पंडया को राजस्व मंडल के सदस्य के पद से हटाकर अजमेर नगर निगम का आयुक्त बनाया गया है। पंडया कोई 20 वर्ष पहले उदयपुर नगर परिषद के आयुक्त के पद पर कार्य कर चुके है। यानि 20 वर्ष बाद आईएएस बनने पर भी नगर निगम में आयुक्त का पद ही मिला है। भंवरलाल मेहरा अपनी कॉलर को थोड़ा ऊंचा इसलिए कर सकते है कि उन्हें अजमेर विकास प्राधिकरण में आयुक्त के पद पर नियुक्ति मिली है और उनके अधीन दो आरएएस व एक आईएएस अधिकारी रहेगा। सरकार ने इसी सूची में अजमेर नगर निगम के आयुक्त एच गुईटे को प्राधिकरण का सचिव नियुक्त किया है। प्राधिकरण के सचिव का पद आयुक्त के पद से नीचे है। अजमेर में पहले भी प्रशासनिक पदों पर नियुक्त रह चुके बाबूलाल कोठारी को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सचिव बनाया गया है। इसके अतिरिक्त नए आईएएस विमल कुमार जैन, वेद सिंह, जगरूपसिंह यादव, सूरजभान जैमन, प्रेमचंद बेरवाल, सूबेसिंह यादव और कैलाश बैरवा को ऐसे पदों पर नियुक्ति दी गई है जिन पर आरएएस अधिकारी ही काम करते रहे है। यानि ऐसे अधिकारियों के गले में आईएएस की तख्ती तो लटकी होगी, लेकिन काम आरएएस के पद का ही करना पड़ेगा।
अजमेर के नए आईएएस को भी इंतजार :
राजस्व मंडल के सदस्य अशफाक हुसैन, मोडूराम, मोहम्मद हनीफ व आयुर्वेद निदेशालय की निदेशक विनिता श्रीवास्तव भी 42 नए आईएएस में शामिल हैं। लेकिन आईएएस की ताजा तबादला सूची में इन चारों का नाम शामिल नहीं है। 4 फरवरी को अखबारों में सूची पढऩे के बाद इन चारों अधिकारियों को संतोष हुआ कि उनका तबादला नहीं हुआ है। जिन नए आईएएस को पद मिले है उनके मुकाबले तो राजस्व मंडल के सदस्य का पद कई गुना ज्यादा सम्मानजनक है।
यादव का कलेक्ट्रेट से पीछा छूटा :
अजमेर के सिटी मजिस्ट्रेट हरफूल सिंह यादव का तबादला अजमेर में ही पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग में अतिरिक्त महानिरीक्षक के पद पर हो गया है। यादव और कलेक्टर डॉ आरूषी मलिक के बीच जोरदार तनातनी हो गई थी। डॉ मलिक के रहते यादव का कलेक्ट्रेट में काम करना मुश्किल हो गया था। हालात तब बिगड़े जब कलेक्टर ने यादव को लम्बी छुट्टी पर भी नहीं जाने दिया। ऐसी स्थिति में यादव हर हाल में कलेक्ट्रेट से पीछा छुड़ाने को आतुर थे। यही वजह रही कि आईएएस की सूची के साथ जिन तीन आरएएस का नाम जोड़ा गया उसमें यादव का नाम भी शामिल है। कलेक्ट्रेट में जिस तरह यादव को असम्मान की स्थिति का सामना करना पड़ा, उसकी भरपाई मुख्य सचिव सीएस राजन ने यादव को अतिरिक्त महानिरीक्षक बनाकर कर दी है। पंजीयन एवं मुद्रांक विभाग का यह पद राज्य स्तरीय है।
गुईटे का बुरा हाल :
अजमेर नगर निगम के आयुक्त के पद से हटाकर एच गुईटे को एडीए में सचिव के पद पर लगाया गया है। गुईटे सीधी भर्ती के युवा आईएएस है इसलिए अब उनका आरएएस से पदोन्नत हुए भंवरलाल मेहरा के अधीन काम करना मुश्किल होगा। गुईटे को जहां हिंदी नहीं आती वहां मेहरा को अंग्रेजी समझने में परेशानी है। अनुसूचित जाति वर्ग के होते हुए भी मेहरा ने आरएएस की परीक्षा में प्रथम स्थान हांसिल किया था। मेहरा की छवि सीधे साधे अधिकारी की है। भले ही सरकार ने सार्वजनिक स्थलों पर भी बीड़ी सिगरेट पीने पर रोक लगा रखी हो, लेकिन मेहरा को इससे कोई परहेज नहीं है। एडीए के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा को उम्मीद थी कि राज्य सरकार उनके यहां कम्प्यूटर और इंजीनियरिंग के जानकार आईएएस को नियुक्त करेगी। हेड़ा भी सीधे साधे इंसान है। ऐसे में प्राधिकरण पर उन लोगों को हावी होने का अवसर मिलेगा जो जमीनों के कारोबार में तेज तर्रार माने जाते हैं। जहां तक नगर निगम के आयुक्त प्रियवृत पंडया का सवाल है तो उन्हें निगम के तौर तरीकों को समझने में ज्यादा दिन नहीं लगेंगे।

(एस.पी. मित्तल)  (04-02-2016)
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