Tuesday 2 February 2016

पाकिस्तान ने अनुपम खेर को नहीं दिया वीजा।



क्या अब भारतीय साहित्यकारों को कराची लिटरेचर फेस्टिवल में भाग लेना चाहिए। 
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पाकिस्तान के कराची शहर में 5 फरवरी से लिटरेचर फेस्टिवल हो रहा है। इस फेस्टिवल  के आयोजकों ने भारत से जिन 18 साहित्यकारों कलाकारों, पत्रकारों आदि को आमंत्रित किया है। उसमें फिल्म अभिनेता पद्मश्री अनुपम खेर का नाम भी शामिमल है। निमंत्रण मिलने के बाद अनुपम खेर ने फेस्टिवल के आयोजकों के कहे अनुसार वीजा के लिए आवश्यक दस्तावेज भेज दिए हैं। लेकिन दो फरवरी को पाकिस्तान सरकार ने वीजा देने वालों की जो सूची जारी की है, उसमें अनुपम खेर का नाम शामिल नहीं है। यानि पाकिस्तान की सरकार नहीं चाहती है कि अनुपम खेर पाकिस्तान जाए। वीजा नहीं दिए जाने पर अनुपम खेर ने अफसोस जताया है। खेर का कहना है कि यह झूठा प्रचार किया जा रहा है कि मैंने वीजा के लिए आवेदन नहीं किया। मेरे पास इस बात के दस्तावेज हैं जिनसे जाहिर होता है कि मैंने भी समय पर दस्तावेज प्रस्तुत किए हैं। 
कश्मीरी हिन्दुओं का मुद्दा उठाया है:
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पिछले दिनों अनुपम खेर ने कश्मीरी हिन्दुओं का मुद्दा पूरजोर तरीके से उठाया था। अनुपम खेर स्वयं कश्मीर के हैं, इसलिए चाहते हैं कि चार लाख हिन्दुओं को वापस से कश्मीर में उनके घरों में बसाया जाए। कश्मीर के अलगाववादियों ने हिन्दुओं को पीट-पीट कर भगा दिया था। माना जा रहा है कि जिस तरह से अनुपम खेर ने कश्मीरी हिन्दुओं का मुद्दा उठाया उसी वजह से पाकिस्तान ने वीजा नहीं दिया है। 
क्या 17 जनों को अब जाना चाहिए पाकिस्तान:
अब जब यह बात सामने आ गई है कि अनुपम खेर को पाकिस्तान ने जानबूझकर वीजा नहीं दिया तो सवाल उठता है कि क्या शेष 17 जनों को अब कराची लिटरेचर फेस्टिवल में जाना चाहिए? एक तरह से पाकिस्तान में भारत के लोकप्रिय अभिनेता का अपमान किया है। क्या इस अपमान के लिए भारत के साहित्यकार, लेखक, कलाकार, पत्रकार आदि पाकिस्तान जाने का मोह नहीं छोड़ सकते हैं? देश में छोटी-छोटी बातों को लेकर असहिष्णुता का मुद्दा उठाया जाता रहा है। 
यहां तक कि कुछ साहित्यकारों और कलाकारों ने अपने अवार्ड भी वापस लौटा दिए। असहिष्णुता का सबसे मजबूत मुद्दा अनुपम खेर का है। एक तरह से पाकिस्तान ने भारतियों के साथ असहिष्णुता की है। इसका पाकिस्तानी असहिष्णुता का भारतीय साहित्यकारों को कराया जवाब देना चाहिए। 
इनको मिला वीजा:
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5 फरवरी से शुरू होने वाले कराची लिटरेचर फेस्टिवल में जिन 17 लोगों को वीजा मिला है उनमें सलमान खुर्शीद, नंदिता दास, बरखा दत्त, नूरउल हुदा शाह, सहार अंसारी, सनम सईद, नजीमुद्दीन शेख, निसार अहमद, नयनतारा सहगल, पाल हार्डिंग, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, संजय राजोरिया, देसी खड़े, आलोक भल्ला, अर्सिया सरताज, अनुराधा जोशी, रुचिका गुप्ता, अतर श्रीनिवासन आदि शामिल हैं।
गुलाम अली को यूपी और बंगाल में बुलाया:
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पाकिस्तान के गज़ल गायक गुलाम अली का गत वर्ष भारत के मुम्बई में प्रोग्राम होना था, लेकिन शिव सेना के विरोध के चलते गुलाम अली मुम्बई नहीं आ सके। इस घटना के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुलाम अली को बुलाया और अपने-अपने राज्यों में शानदार प्रोग्राम करवाया। जो दिलेरी भारत के दो राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने दिखाई क्या वैसी दिलेरी पाकिस्तान के किसी प्रांत के मुख्यमंत्री अनुपम खेर को बुला कर दिखा सकते हैं?

(एस.पी. मित्तल)  (02-02-2016)
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