Sunday 7 February 2016

क्या जन आकांक्षाओं के अनुरूप बन पाएगा वसुंधरा राजे का बजट



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छह फरवरी को अजमेर के निकट गगवाना में बनी थ्री स्टार होटल हैलीमैक्स में राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने वार्षिक बजट को लेकर एक बैठक आयोजित की। इस बैठक में संभाग के अजमेर, नागौर, भीलवाड़ा और टौंक के भाजपा सांसदों, विधायकों और प्रमुख पदाधिकारियों ने भाग लिया। सीएम राजे ने जिलावार बैठक की और जनप्रतिनिधियों व भाजपा के पदाधिकारियों से यह जाना कि वे अपने-अपने क्षेत्र में कौन-कौन से विकास के कार्य करवाना चाहते हैं। सांसदों, विधायकों और भाजपा पदाधिकारियों ने पहले से ही तैयार प्रस्ताव मुख्यमंत्री के समक्ष रख दिए। यह सही है कि जो प्रस्ताव रखे गए वे आम जनता की उपेक्षाओं के अनुरूप हैं लेकिन सवाल उठता है कि क्या वसुंधरा राजे का बजट जन आकांक्षाओं के अनुरूप होगा? भाजपा के सांसद और विधायक भी इस हकीकत को जानते हैं कि ऐसे प्रस्ताव सरकार मांगती रहती है। जब कभी मुख्यमंत्री किसी क्षेत्र में कोई समारोह करती हैं तब भी सांसद, विधायक और नेता मांग पत्र के रूप में ऐसे ही प्रस्ताव रखते है। जनता को भी यह पता है कि ऐसे प्रस्ताव सरकार की किस टोकरी में जाते हैं। वैसे मुख्यमंत्री की इस पहल का स्वागत किया जाना चाहिए कि वे संभाग स्तर पर बजट पूर्व बैठक कर जानकारी ले रही हैं।
विपक्ष से राय क्यों नहीं?
लोकतंत्र में विपक्ष की भी भूमिका होती है। 6 फरवरी को मुख्यमंत्री की बैठक में विपक्ष के न तो जनप्रतिनिधियों को बुलाया और न ही पार्टी के किसी पदाधिकारी को। एक तरह से मुख्यमंत्री की यह बैठक भाजपा के नेताओं की बैठक बनकर रह गई। अच्छा होता कि विपक्ष के विधायकों और नेताओं को भी इस बैठक में आमंत्रित किया जाता।
छाया रहा मुख्यमंत्री का रौब:
संभागस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री का रौब छाया रहा। मुख्यमंत्री राजे की कार्यशैली के अनुरूप गगवाना की थ्री स्टार होटल में बैठक आयोजित की गई। सीएम को परेशानी न हो इसके लिए होटल के सामने ही खुले मैदान में रातों-रात अस्थाई हैलीपेड बनाया गया। सीएम की बैठक में आमंत्रित व्यक्तियों के अलावा किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस बैठक की जिम्मेदारी पुष्कर के विधायक और संसदीय सचिव सुरेश रावत के जिम्मे थी। हालांकि रावत सीएम की कार्यशैली को अच्छी तरह समझते हैं लेकिन फिर भी दोपहर के भोजन अवकाश के समय रावत ने मीडियाकर्मियों को होटल के रेस्टोरेन्ट में आने के लिए कह दिया। लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने स्पष्ट कहा कि किसी भी मीडियाकर्मी को होटल में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। सरकार के संसदीय सचिव के मुकाबले में सुरक्षा अधिकारियों की चली। बाद में जोताया के सरपंच फूल सिंह जोताया मीडियाकर्मियों को होटल के बाहर एक ढाबे पर ले गए और अपनी ओर से दोपहर का भोजन करवाया। मीडियाकर्मी मुख्यमंत्री से बात करने के लिए सुबह से होटल के बाहर खड़े थे लेकिन सीएम राजे सायं 5 बजे होटल के अंदर से ही कार में बैठकर हैलीपेड के लिए रवाना हो गईं।
आम लोगों से भी रहीं दूर:
6 फरवरी को सीएम राजे आम लोगों से भी दूर रहीं। आमतौर पर सीएम जब आती हैं तो पीडि़त लोग भी अपनी समस्याओं को लेकर मिलते हैं। 6 फरवरी को बैठक के लिए जिस थ्री स्टार होटल को चुना गया वह अजमेर शहर से कोई 15 कि.मी. दूर थी। ऐसे में पीडि़त लोग होटल तक पहुंच ही नहीं सके। लेकिन जो दो-चार लोग पहुंचे भी उनकी मुलाकात भी सीएम से नहीं हो सकी।
सड़क मार्ग से परहेज:
सीएम राजे ने 6 फरवरी को अजमेर यात्रा में सड़क मार्ग से परहेज किया। सीएम का हैलीकॉप्टर सुबह होटल हैलीमैक्स के सामने ही उतरा और फिर शाम को किशनगढ़ के एक विवाह समारोह में भाग लेने के लिए सीएम ने हैलीकॉप्टर का ही उपयोग किया। इसके लिए किशनगढ़ के पीटीएस हैलीपेड का उपयोग किया गया। होटल हैलीमैक्स और किशनगढ़ के बीच की दूरी मुश्किल से 15 कि.मी. की है। जितना समय हैलीकॉप्टर को उडऩे और फिर उतरने में लगा उससे कम समय में सीएम सड़क मार्ग से किशनगढ़ के समारोह स्थल पर पहुंच सकती थीं।
(एस.पी. मित्तल)  (06-02-2016)
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