Tuesday 16 February 2016

आखिर आर.के.मार्बल के खिलाफ सीबीआई की जांच क्यों नहीं होती?


राठौड़ दम्पत्ति का आमरण अनशन भी बेअसर। 
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अजमेर के पीरदान सिंह राठौड़ और उनकी पत्नी कैलाश कंवर पिछले 67 दिनों से अनशन पर हैं। राठौड़ दम्पत्ति देश के मार्बल ङ्क्षकग आर.के.मार्बल के मालिक अशोक पाटनी, सुरेश पाटनी और विमल पाटनी के खिलाफ सीबीआई की जांच की मांग कर रहे हैं। राठौड़ दम्पत्ति का कहना है कि उनके 24 ट्रोले आर.के.मार्बल की खानों से निकलने वाले मार्बल को ढोते थे। लेकिन जब ओवरलोड का काम नहीं किया तो आर.के.मार्बल के मालिकों ने पुलिस से मिलीभगत कर चौबीस ट्रोले नीलाम करवा दिए। जब आर.के.मार्बल की इस दादागिरी का विरोध किया तो उनकी दो बेटियों तक के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करवा दिए गए। पीरदान सिंह राठौड़ का कहना है कि उसके पास वो सारे सबूत हैं जिन पर सीबीआई जांच हो सकती है। पाटनी बंधुओं की खदानों से किस तरह मार्बल पत्थर निकाले जाते थे और फिर किस तरह निर्धारित वजन से अधिक पत्थर भरकर ट्रोलो में भेजा जाता था। पीरदान को उम्मीद थी कि जब वह अपनी पत्नी के साथ कलेक्ट्रेट का बाहर आमरण अनशन शुरू करेंगे तो अगले कुछ दिनों में सरकार घबरा कर सीबीआई जांच की सिफारिश कर देगी, लेकिन पिछले दिनों पीरदान की उम्मीद पर तब पानी फिर गया, जब मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे आर.के.मार्बल के मालिकों के किशनगढ़ स्थित आवास पर पहुंच गई। सीएम ने पीरदान को यह जता दिया कि जिस परिवार के खिलाफ सीबीआई की जांच की मांग के लिए आमरण अनशन हो रहा है, उस परिवार से उनके पारिवारिक रिश्ते हैं। सीएम राजे जब पाटनी बंधुओं के आलीशान बंगले पर पहुंची तो खातिरदारी में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। 56 तरह के व्यंजन सीएम के सामने रखे गए। सवाल उठता है कि आखिर आर.के.मार्बल के खिलाफ सीबीआई की जांच क्यों नहीं करवाई जा रही? जानकारों की माने तो वसुंधरा राजे के नेतृत्व में चलने वाली भाजपा सरकार नहीं चाहती कि पाटनी बंधुओं को किसी नई मुसीबत में डाला जाए। गत वर्ष कन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली के इशारे पर आर.के.मार्बल के देश भर के संस्थानों पर आयकर विभाग ने छापामार कार्यवाही की थी। केन्द्र सरकार को भी पता था कि आर.के.मार्बल और राज्य की भाजपा सरकार का गठजोड़ तगड़ा है। इसलिए छापेमारी में राजस्थान की पुलिस का इस्तेमाल नहीं किया गया। छापेमारी की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आयकर अधिकारियों के साथ सीआरपीएफ के सशस्त्र जवान मौजूद थे। 
अभी यह मामला केन्द्रीय वित्तमंत्रालय के सामने विचाराधीन हैं। ऐसे में यदि सीबीआई जांच भी शुरू हो जाती है तो फिर आर.के.मार्बल के मालिकों की मुसीबतें और बढ़ जाएंगी। यही वजह है कि राजे सरकार राठौड़ दम्पत्ति के आमरण अनशन की भी कोई परवाह नहीं कर रही हैं। राठौड़ दम्पत्ति गत 10 दिसम्बर से आमरण अनशन पर है। इस अवधि में कई बार राठौड़ दम्पत्ति का इलाज नेहरू अस्पताल में जबरन करवाया जाता है। इसके लिए पीरदान को जबरन बेहोश तक किया जाता है। राठौड़ दम्पत्ति का दावा है कि भले ही वे इलाज लेते हों, लेकिन उन्होंने 10 दिसम्बर से आज तक अन्न का एक दाना भी नहीं खाया है। 
जयपुर में वकीलों से किया सम्पर्क:
वसुंधरा सरकार के रवैए को देखते हुए अब राठौड़ ने हाईकोर्ट में एक याचिका लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए राठौड़ ने 16 फरवरी को जयपुर में हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकीलों से सम्पर्क किया है। अब हाईकोर्ट के आदेश के जरिए आर.के.मार्बल के खिलाफ सीबीआई की जांच करवाने का प्रयास किया जाएगा। राठौड़ का कहना है कि यदि हाईकोर्ट भी सीबीआई जांच का आदेश नहीं देता है तो फिर इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई जाएगी। 

(एस.पी. मित्तल)  (16-02-2016)
(spmittal.blogspot.inM-09829071511

1 comment:

  1. सर आप की कलम को सलाम इस विषय पर कम ही लेखक जनर्लिस्ट हिम्मत कर पाते हे
    सीबीआई जांच कैसे करवाएंगे पार्टी का इस घराने से बहुत बड़ा चंदा मारा जाएगा ?

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