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3 फरवरी को भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत की। जियारत के बाद हुसैन ने मीडिया से कहा कि भारत का मुस्लिम युवक कभी भी आई एस जैसे आतंकी संगठन में शामिल नहीं होगा। भारत का मुसलमान अमन पसंद है। आई एस को लेकर हुसैन ने जो बात कही, वह केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान से मेल नहीं खाती है। सिंह ने 2 फरवरी को ही दिल्ली में मुस्लिम धर्मगुरुओं की एक बैठक बुलाई थी। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल भी उपस्थित रहे। इस बैठक में सिंह और डोभाल ने आईबी की एक रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें बताया गया कि मुस्लिम युवक आईएस की ओर आकर्षित हो रहे है। सरकार ने हाल ही के दिनों में जिन मुस्लिम युवकों को गिरफ्तार किया है उनमें से अनेक आईएस के संपर्क में बताए गए। बैठक में कहा गया कि धर्म की आड़ लेकर आईएस के लोग भारतीय मुस्लिम युवकों को अपने संगठन में शामिल कर रहे है। धर्मगुरुओं से आग्रह किया गया कि वे अपने-अपने-अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर मुस्लिम युवकों को आईएस में जाने से रोके। यानि एक और राजनाथ सिंह मुस्लिम युवकों के आईएस में जाने की बात कह रहे है तो दूसरी और भाजपा के प्रवक्ता हुसैन का कहना है कि मुस्लिम युवक कभी भी आई एस की ओर आकर्षित नहीं होंगे।
ख्वाजा साहब का संदेश जरूरी है :
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हुसैन ने कहा कि ख्वाजा साहब की दरगाह से ही भाईचारे का संदेश जाता है। दरगाह मुे मुस्लिमों के साथ-साथ हिन्दू भी जियारत के लिए आते हैं। ख्वाजा साहब की दरगाह को भारत में ही नहीं विश्व में भी साम्प्रदायिक सद्भावना का स्थान माना जाता है।
(एस.पी. मित्तल) (03-02-2016)
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