Saturday 27 February 2016

खेलकूद में मुस्लिम छात्राएं भी पीछे नहीं।


टर्निंग पाइन्ट स्कूल में दिखाई दक्षता
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बदलते समाजिक माहौल में अब मुस्लिम लड़कियां शिक्षा ही ग्रहण नहीं कर रही हैं बल्कि स्कूल में खेलकूद की गतिविधियों में भी भाग ले रही हैं। 27 फरवरी को अजमेर के वैशाली नगर स्थित द टर्निंग पॉइन्ट स्कूल का वार्षिक खेलकूद का समारोह हुआ। इस समारोह में मेरे सहित टीटी के अन्तर्राष्ट्रीय अम्पायर अतुल दुबे और भू-वैज्ञानिक राजकुमार नाहर अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। मैंने देखा कि दौड़ से लेकर लोहे का गोला फेंकने तक की प्रतियोगिता में पांच-छह विद्यार्थियों के समूह में मुस्लिम छात्राएं और छात्र भी शामिल थे। स्कूल के निदेशक डॉ. अनंत भटनागर ने बताया कि आसपास के क्षेत्र में प्लम्बर, पेन्टर, मिस्त्री आदि का कार्य करने वाले मुस्लिम परिवार भी रहते हैं। अधिकांश मुस्लिम परिवार के मुखिया चाहते हैं कि उनके बच्चे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल में पढ़ें। अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतिंत मुस्लिम माता-पिता का साफ कहना होता है कि हम कष्ट पाकर भी स्कूल की फीस जमा करवाएंगे। ऐसे बहुत से परिवार होंगे, जिन्हें अंग्रेजी के माध्यम के स्कूल की फीस जमा कराने में परेशानी होती होगी, लेकिन कड़ी मेहनत कर वे अपने बच्चों को खासकर लड़कियों को पढ़ा रहे हैं। इतना ही नहीं पब्लिक स्कूल की गतिविधियों में भी मुस्लिम परिवार के विद्यार्थी आगे रहते हैं। मैंने देखा कि मुस्लिम छात्रों के साथ छात्राएं भी खेलकूद की गतिविधियों में उत्साह के साथ भाग ले रही थीं। मुस्लिम परिवारों में शिक्षा के प्रति कितनी जागरूकता बढ़ी है, इसका अंदाजा इससे भी लगता है कि समारोह में मुस्लिम अभिभावक भी मौजूद थे। इन अभिभावकों ने भी स्कूल की खेलकूद की गतिविधियों में भाग लिया। समारोह में अतुल दुबे ने कहा कि टर्निंग पॉइन्ट स्कूल के विद्यार्थियों ने प्रतियोगिताओं में अपनी शारीरिक दक्षता का सफल प्रदर्शन किया है। इसके लिए विद्यार्थियों के साथ-साथ स्कूल स्टाफ और अभिभावक भी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि अब शिक्षा ग्रहण के साथ-साथ खेलकूद भी जरूरी हो गया है। मेरा कहना रहा कि शिक्षा नीति में जिस तरह विद्यार्थियों पर पढ़ाई का बोझ डाला गया है, इसमें खेलकूद जरूरी हो गए है। पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भाग लेने से मानसिक तनाव कम होता है तथा शरीर भी स्वस्थ रहता है। स्कूल के निदेशक भटनागर ने कहा कि स्कूल में खेलकूद की गतिविधियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विद्यार्थियों को उनकी रूचि के मुताबिक खेलों के गुर सिखाए जाते हैं। समय-समय पर खेलों के विशेषज्ञों को स्कूल में बुलाया जाता है। समारोह में भू-वैज्ञानिक नाहर ने कहा कि विद्यार्थी स्वस्थ रहेगा, तभी मन लगाकर पढ़ सकता है। समारोह में सामाजिक कार्यकर्ता संतोष गुप्ता, लेखिका पूनम पाण्डे आदि ने भी विजेता विद्यार्थियों को प्रमाणपत्र और मेडल दिए।
 (एस.पी. मित्तल)  (27-02-2016)
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