Tuesday 9 February 2016

भोजशाला में फंसी है शिवराज सिंह की सरकार।



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मध्यप्रदेश के धार शहर में स्थित धार्मिक और ऐतिहासिक इमारत भोजशाला में इस बार शिवराज सिंह की सरकार फंस गई है। भोजशाला पर मुसलमान और हिन्दू दोनों ही अपना हक जमाते हैं। हिन्दुओं का कहना है कि भोजशाला सरस्वती का मंदिर था, जिसे मुगल शासक मोहम्मद गजनवी ने खुर्द-बुर्द कर नमाज का स्थान बना दिया। आज भी भोजशाला की दीवारों पर ओम नम:शिवाय गणेश आदि देवी देवताओ की प्रतिमाओं के चिह्न बने हुए हैं। दीवारों पर स्वास्तिक के निशान भी अंकित हैं। कांग्रेस की सरकार के मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक अध्यादेश के जरिए भोजशाला की इमारत पर हिन्दुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। लेकिन इसके साथ ही साल में एक बार वसंत पंचमी के दिन हिन्दुओं को पूजा अर्चना करने की छूट दी गई है यानि आगामी 12 फरवरी को वसंत पंचमी के दिन हिन्दू समुदाय के लोग भोजशाला में पूजा अर्चना कर सकेंगे। लेकिन इस बार समस्या यह है कि 12 फरवरी का शुक्रवार है और मुसलमान समुदाय के लोग भी शुक्रवार को बड़ी संख्या में नमाज अदा करना चाहते हैं। शिवराज सिंह की सरकार की समस्या यही है कि हिन्दुओं की पूजा अर्चना और मुसलमानों की नमाज एक साथ कैसे करवाई जाए? भाजपा जब विपक्ष में थी तो भोजशाला के मुद्दे को लेकर सड़कों पर आंदोलन होते थे, लेकिन मध्यप्रदेश में भाजपा पिछले 12 वर्षों से सत्ता में है, लेकिन भोजशाला की समस्या का समाधान नहीं निकाला गया। यही वजह है कि जैसे-जैसे 12 फरवरी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे धार जिले में तनाव बढ़ता जा रहा है। दोनों समुदाय अपनी-अपनी धार्मिक रस्म करने को आमादा है। दोनों ने ही अपनी गतिविधियों को धर्म और प्रतिष्ठा से जोड़ लिया है। देखना होगा कि सीएम शिवराज सिंह इस तनाव से कैसे निपटते हैं। शिवराज सिंह जब विपक्ष में थे तो उनकी भूमिका अलग थी। लेकिन अब सीएम की कुर्सी पर बैठने के बाद उनका नजरिया बदला हुआ होगा। मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह की छवि साफ-सुथरी मानी जाती है। गत वर्ष शिवराज सिंह ने मध्यप्रदेश के मुसलमानों के लिए भोपाल से अजमेर तक एक स्पेशल ट्रेन चलवाई ताकि मुसलमान अजमेर में ख्वाजा साहब की दरगाह की जियारत कर सकें। तीन चार दिन के इस दौरे में जायरीन की खिदमत करने में सिंह की सरकार ने कोई कसर नहीं छोड़ी। अब देखना है कि सिंह वसंत पंचमी के दिन हिन्दू समुदाय की पूजा अर्चना भोजशाला में कितने आदर के साथ करवाते हैं। 

(एस.पी. मित्तल)  (09-02-2016)
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