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राजस्थान के नागौर शहर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की राष्ट्रीय प्रतिनिधि सभा की बैठक 11 से 13 मार्च तक हो रही है। प्रतिनिधि सभा की खबरों में संघ की गणवेश में बदलाव का मामला छाया हुआ है। संघ के प्रचार प्रमुख डॉ. मनमोहन वैद्य ने भी कहा कि निकर की जगह पैंट का निर्णय हो सकता है। गणवेश में बदलाव का फैसला भले ही अब प्रतिनिधि सभा में हो, लेकिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने 7 माह पहले ही गणवेश में बदलाव की बात कह दी थी। मालूम हो कि गत वर्ष 12 और 13 सितम्बर को जयपुर में संघ की ओर से देशभर के स्तंभ लेखक, ब्लॉगर और साहित्यकारों की एक संगोष्ठी हुई थी। इस संगोष्ठी में एक ब्लॉगर के तौर पर मुझे भी आमंत्रित किया गया था।
इस दो दिवसीय संगोष्ठी में स्वयं भागवत ने कहा था कि गणवेश में बदलाव का माहौल बन रहा है। संगोष्ठी की समाप्ति के अगले दिन 14 सितम्बर को मैंने जो ब्लॉग लिखा। इसका शीर्षक था 'संघ की गणवेश में बदलाव को तैयार भागवतÓ मेरा यह ब्लॉग आज भी (spmittal.blogspot.in) पर देखा जा सकता है। मैं एक बार फिर 14 सितम्बर 2015 के ब्लॉग के प्रमुख अंश यहां प्रदर्शित कर रहा हंू।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संा के सर संघ चालक मोहन भागवत ने कहा कि संघ की गणवेश में बदलाव किया जा सकता है। यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है। 12 और 13 सितम्बर को जयपुर में हुई राष्ट्रीय संगोष्ठी में लेखकों के सवालों पर जवाब देते हुए भागवत ने कहा कि संघ में पैंट पहन कर आने पर कोई पाबंदी नहीं है। कुछ लोग आरंभ में शाखाओं में पैंट पहन कर आते भी हैं, लेकिन अब उन्हें योग, व्यायाम आदि में असुविधा होती है, तो अपने आप ही निक्कर पहनने लग जाते हैं। उन्होंने कहा कि बदलाव परिस्थितियों पर निर्भर करता है। यदि संघ की गणवेश में भी बदलाव की जरुरत है तो हम तैयार हैं। आज जो संघ की गणवेश और नीतियां हैं इसी की वजह से युवाओं का आकर्षण बढ़ा है। आज सर्वाधिक युवा किसी संगठन के पास हैं तो वह संघ ही है।
(एस.पी. मित्तल) (11-03-2016)
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