Tuesday 1 March 2016

अब कांग्रेस ने भी बताई शिवसेना की तरह हिन्दुत्व की सोच।



कांग्रेस के शासन वाले हिमाचल में नहीं होगा भारत पाक का टी-20 मैच। 
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महाराष्ट्र में शिवसेना अपने हिन्दुत्व के एजेंडे के मद्देनजर पाकिस्तान के साथ होने वाले क्रिकेट मैच का हमेशा विरोध करती रही है। यहां तक कि पाकिस्तान के कलाकारों के कार्यक्रमों का विरोध भी शिवसेना ने किया है। कुछ ऐसी ही सोच के मद्देनजर अब कांग्रेस के शासन वाले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने भारत-पाक के बीच होने वाले टी-20 मैच का विरोध किया है। विश्वकप प्रतियोगिता के अंतर्गत आगामी 19 मार्च को हिमाचल के धर्मशाला में भारत-पाक के बीचे मैच होना है। एक मार्च को सीएम वीरभद्र ने कहा कि जब हमारे सैनिकों को पाक सीमा पर मारा जा रहा है तथा पाकिस्तान से आए आतंकी जब पठानकोट के ऐयरफोर्स बेस में घुसकर सेना पर हमला कर रहे हंै। तब हिमाचल के लोग पाकिस्तान की क्रिकेट टीम का स्वागत कैसे कर सकते हैं? उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के युवा बड़ी संख्या में सेना में हैं और अक्सर पाकिस्तान की वजह से हमारे सैनिकों को शहीद होना पड़ता है। हाल ही में हिमाचल के दो जवानों के शव आए हैं, जिससे पूरे हिमाचल में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा है। ऐसे में हिमाचल की सरकार पाकिस्तान के खिलाडिय़ों को सुरक्षा नहीं दे सकती है। सीएम ने कहा कि इस संबंध में राज्य सरकार ने गृहमंत्रालय को पत्र लिख दिया है। अब बीसीसीआई को हमारे धर्मशाला में भारत-पाक का टी-20 मैच 19 मार्च को नहीं करवाना चाहिए। इसमें कोई दो राय नहीं कि मैच को लेकर कांग्रेस ने भी शिवसेना की हिन्दुत्व वाली सोच को ही प्रदर्शित किया है। अब तक जो हथियार शिवसेना और उसकी सहयोगी भाजपा काम में लेती थी, वही राजनीतिक हथियार कांग्रेस ने ही इस्तेमाल किया है। कांग्रेस का मकसद भी केन्द्र सरकार पर हमला करना है। पाकिस्तान के खिलाडिय़ों को सुरक्षा देने की जिम्मेदारी किसी राज्य सरकार की नहीं बल्कि देश की सरकार की होती है। इसलिए पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष शहरयार खान ने दो टूक शब्दों में कहा है कि मैच कराने पर सहमति भारत सरकार ने दी थी, इसलिए पाक खिलाडियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी भारत सरकार की ही है। 
फंस गए अनुराग ठाकुर:
असल में हिमाचल में मैच कराने का निर्णय बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर का था। ठाकुर हिमाचल से ही जुड़े हुए हैं। ठाकुर भाजपा के सांसद भी हैं। अपने प्रदेश में क्रिकेट के जरिए धाक जमाने के लिए ही ठाकुर ने टी-20 मैच धर्मशाला में निर्धारित करवाया है। लेकिन एक मार्च को जैसे ही सीएम ने विरोध किया तो अनुराग ठाकुर बिलबिला उठे। अनुराग का कहना रहा कि विश्वकप प्रतियोगिता के मैच एक वर्ष पहले ही निर्धारित हो जाते हैं, लेकिन तब राज्य सरकार ने विरोध नहीं किया, अब जब दुनियाभर से बुकिंग हो गई है तथा मैच में मात्र 18 दिन शेष हैं, तब हिमाचल सरकार विरोध कर रही है। ठाकुर ने आरेप लगाया कि वीरभद्र सिंह राजनीतिक नजरिए से मैच का विरोध कर रहे हैं। हालांकि अभी इस पूरे मुद्दे पर भाजपा की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन अनुराग ठाकुर को यह समझना चाहिए कि महाराष्ट्र में जो काम शिवसेना करती है, वहीं काम हिमाचल में वीरभ्रद सिंह कर रहे हैं। भाजपा से जुड़े अनेक संगठन भी समय -समय पर पाक खिलाडिय़ों और कलाकारों का विरोध करते रहे हैं। ऐसे में अनुराग ठाकुर को वीरभद्र के विरोध पर बिलबिलाना नहीं चाहिए। राजनीति में देश हित नहीं स्वयं का हित पहले देखा जाता है। कांग्रेस को अभी केन्द्र सरकार को नीचा दिखाने में फायदा है, इसलिए वीरभद्र सिंह को पाकिस्तान के खिलाफ खड़ा कर दिया है। यदि केन्द्र में कांग्रेस की सरकार होती तो यही वीरभद्र सिंह हिमाचल में कालीन बिछाकर पाक खिलाडिय़ों का इस्तकबाल करते और यदि शिवसेना विरोध करती तो उसे साम्प्रदायिक करार दिया जाता। 

 (एस.पी. मित्तल)  (01-03-2016)
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