Wednesday 2 March 2016

स्मार्ट सिटी पर अजमेरवासियों को फिर बेवकूफ बनाने की कवायद। अमेरिका से आया दल।


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दो मार्च को अजमेर के होटल मेरवाड़ा में एक कार्यशाला हुई। इस कार्यशाला का मकसद अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाना रहा। लेकिन कार्यशाला की शुरूआत से ही प्राइवेट एजेन्सी के प्रतिनिधियों और अजमेर प्रशासन के अधिकारियों के बीच जो सोच को लेकर मतभेद सामने आए इससे लगा कि अजमेरवासियों को फिर से बेवकूफ बनाया जा रहा है। नगर निगम के मेयर धर्मेन्द्र गहलोत, एडीए के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, जिला कलेक्टर आरुषि मलिक आ िने कहा कि अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने के दूसरे चरण को प्रतियोगिता में शामिल होना है इसीलिए ऐसी रिपोर्ट तैयार की जाए जिससे केन्द्र सरकार की सूची में अजमेर का नाम शामिल हो सके। इसके जवाब में यूएस ट्रेड एंड डवलपमेन्ट एजेन्सी के प्रतिनिधि डगलस सुस्टर, मिनी वेडरी, डॉ. स्टुवर्ड क्राउन आदि ने कहा कि केन्द्र सरकार देश के 100 शहरों को स्मार्ट बनाने की जो प्रतियोगिता करवा रही है इससे हमारा कोई सरोकार नहीं है और न ही हम भारत सरकार के निर्देश पर अजमेर आए हैं। अमेरिका के प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि पूर्व में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच भारत के 3 शहरों विशाखापट्टनम, बनारस और अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने का समझौता हुआ था। उसी के अन्तर्गत यह एजेन्सी तीनों शहरों का सर्वे कर रही है। इस विरोधाभास से जाहिर हो गया कि फिलहाल अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर कोई गंभीरता नहीं है। जहां तक अमेरिका एजेन्सी का सवाल है तो यह एजेन्सी भी किराए की एजेन्सी है। एजेन्सी के प्रतिनिधि अमेरिका से डालर में अपना मेहनताना वसूलेंगे। हो सकता है कि एजेन्सी के चालाक लोग बाद में इसकी रिपोर्ट को राजस्थान अथवा केन्द्र की सरकार को बेच दें। यानि अभी तो एजेन्सी ही रिपोर्ट तैयार कर रही है। समझ में नहीं आता कि नरेन्द्र मोदी और बराक ओबामा के समझौते का भूत कहां से निकल आया? अभी तक तो चिल्ला-चिल्ला कर कहा जा रहा था कि देश में 100 शहरों को स्मार्ट बनाने की कवायद चल रही है तो इसमें अजमेर को भी मापदंडों पर खरा उतरना है। सब जानते हैं कि पहले चरण की प्रतियोगिता में अजमेर फेल हो गया है। स्मार्ट बनाने के नाम कितना मजाक हुआ है। इसे अजमेर के लोग अच्छी तरह समझते हैं, अभी तो यह तय नहीं कि अजमेर को स्मार्ट सिटी मोदी-ओबामा के समझौते के अन्तर्गत बनाया जाएगा फिर केन्द्र सरकार की योजना के अन्तर्गत।
 (एस.पी. मित्तल)  (02-03-2016)
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