Friday 25 March 2016

कहीं फट न जाए पुष्कर की तीर्थ की पवित्रता और मर्यादा।


होली के मौके पर यह कैसा हुड़दंग।
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धुलंडी यानि 24 मार्च की सुबह मेरे एक मित्र का फोन आया और उसने कहा कि उनके पुत्रों को पुष्कर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। पुलिस ने अजमेर से पुष्कर शहर में प्रवेश करने वाले लीला सेवड़ी पर बेरीकेडिंग लगा दिए हैं। अजमेर के युवकों को पुष्कर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। हजारों लोग लीला सेवड़ी पर ही खड़े हैं। मुझे यह सुनकर ताज्जुब हुआ कि होली के मौके पर पुष्कर में ऐसा क्या हो गया, जिसकी वजह से अजमेर के युवकों को प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। मैंने तत्काल पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से संवाद किया तो उस अधिकारी ने कहा कि पुष्कर में धुलंडी के दिन कपड़ा फाड़ होली खेली जा रही है, इसलिए अजमेर शहर के युवकों को पुष्कर में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। अधिकारी का कहना रहा कि कपड़ा फाड़ होली में विदेशी लड़कियों और युवतियों के साथ अजमेर के युवक बदतमीजी कर सकते हैं। इसलिए सतर्कता के बतौर रोक लगाई गई है। पुलिस अधिकारी का बयान अपनी जगह है, लेकिन अब यह सवाल तो उठता ही है कि कहीं पुष्कर की पवित्रता और मर्यादा तो नहीं फट रही? सब जानते हैं कि पुष्कर का महत्त्व पवित्र सरोवर और संसार के एक मात्र ब्रह्मा मंदिर की वजह से है। यह माना कि विदेशी पर्यटकें को आकर्षित करने के लिए पुष्कर के होटल मालिक कुछ न कुछ प्रयोग करते रहते हैं। उसी कड़ी में पुष्कर सरोवर के किनारे होली का चौक में अब प्रतिवर्ष कपड़ा फाड़ होली खेली जा रही है। यह माना कि अजमेर के युवक कपड़ा फाड़ होली में पुष्कर की पवित्रता और मर्यादा को तोड़ सकते हैं, लेकिन सवाल उठता है कि क्या ऐसी मर्यादा और पवित्रता सिर्फ अजमेर के ही युवक तोडेंग़े? क्या विदेशी युवतियों के साथ दूसरे युवक कपड़ा फाड़ होली नहीं खेलते? चंूकि इस बार कपड़ा फाड़ होली का प्रचार सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से हुआ था, इसलिए कोई 10 हजार से भी ज्यादा विदेशी नागरिक 24 मार्च को पुष्कर में जमा थे। इतनी बड़ी संख्या में विदेशियों के आने से पुष्कर की सभी होटलें, रिसोर्ट आदि फुल  हो गए। दुकानदारों ने भी जमकर कमाया। यहां तक कि रेस्टोरेंटों में डबल रोटी और चीज खत्म हो गई। स्वाभाविक है कि ऐसे माहौल में पुष्कर का कोईभी व्यक्ति कपड़ा फाड़ होली का विरोध नहीं करेगा, लेकिन जो लोग इस होली के समर्थक हैं, उन्हीं पर पुष्कर की पवित्रता और मर्यादा को बनाए रखने की जिम्मेदारी है। मुझे पता है कि पुष्कर में अक्सर छोटी-छोटी बातों पर बड़ा विवाद हो जाता है। पुष्कर के लोग बहुत समझदार और विवेकशील हैं। अपने अधिकारों के प्रति हमेशा जागरुक रहते हैं, लेकिन पुष्कर के लोगों का ही यह दायित्व है कि वे ऐसा कोई काम न होने दे, जिसकी वजह से अजमेर से आने वाले युवकों को रोका जाए। अजीब बात है कि एक ओर कपड़ा फाड़ होली के लिए विदेशी युवक-युवतियों के स्वागत के लिए कालीन बिछाया जाता है तो दूसरी ओर अजमेर से जाने वाले युवकों को प्रवेश नहीं दिया जाता।
होलिका चौक में जिस तरह से फटे हुए कपड़े एक तार पर लटकाए गए यह भी पुष्कर की मर्यादा के अनुकूल नहीं है। कुछ लोग अपने लाभ के लिए भले ही कपड़ा फाड़ होली का आयोजन कर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करें, लेकिन ऐसे लोगों को यह भी समझना चाहिए कि पुष्कर में जब तक भारतीय संस्कृति रहेगी, तभी तक विदेशी पर्यटक आएंगे। कपड़ा फाड़ के आयोजन तो विदेशों में भी खूब होते हैं, लेकिन पुष्कर में महत्त्व इसलिए है कि यह पुष्कर भारतीय संस्कृति का प्रतीक है। पुष्कर के लोग यह भी समझे कि अब पुष्कर में पश्चिमी संस्कृति के अनुकूल डांस के प्रोग्राम होने लगे हैं। होली से तीन चार दिन पहले ही इस तरह का आयोजन पुष्कर में हो चुका है। यदि अद्र्धनग्न पोस्टर बनाकर आयोजन होते रहे, तो फिर पुष्कर की पवित्रता की मर्यादा का क्या होगा?
नोट- कपड़ा फाड़ होली के फोटोज मेरे ब्लॉग spmittal.blogspot.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें। 

(एस.पी. मित्तल)  (22-03-2016)
(spmittal.blogspot.inM-09829071511





3 comments:

  1. Pushkar people wait for Holi, specially young ones those belong to pushkar and waiting youngs those don't get the entry from border of pushkar (Naka) hell

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  2. Obviously sometimes police try to do follow the right thing but due to the bloody rituals, common people don't get the updhat the actual thing going on inside and the important and serious thing about the whole thing belong to women only.

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  3. After all, in india. Anything can do. What to do. What you wants to do. Here is no restrictions, if restrictions then you can puts off the money into their throat.

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