Tuesday 15 March 2016

क्या माल्या के लोन की भरपाई आम खाताधारक से की जा रही है? अरूण जेटली बैंकों की लूट को रोकें।


------------------------------------
वित्तीय वर्ष 2015-16 के अंतिम दिन चले रहे हैं। जिन नागरिकों के बैंक खाते हैं, उन्हें इन दिनों रोजाना पता चल रहा है कि बैंक वाले किस प्रकार से लूट रहे हैं। सभी प्रकार के खातो के रख-रखाव के नाम पर बैंक वाले अपनी मर्जी से जमा राशि में से वसूली कर रहे है। एक खाताधारक से सालाना 630 रुपए तक की वसूली की जा रही है। नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार यह दावा करती है कि आम नागरिक के बैंक खाते खुलवाकर राहत प्रदान की गई है। इसके विपरीत बैंक प्रबंधन एक खातेदार से 630 रुपए तक वसूल रहा है। शर्मनाक बात तो यह है कि जब खातेदार संबंधित बैंक में जाता है तो बैंक के अधिकारी और कर्मचारी उसका मजाक उड़ाते है। उस खातेदार को हीन भावना से देखा जाता है। बेशर्म बैंक अधिकारी और कर्मचारी यह नहीं समझते कि एक तो बिना सूचना के खातेदार की जमा राशि में जो लूट ली गई और जब असहाय उपभोक्ता जानकारी लेने आया है तो उससे सम्मानजनक व्यवहार भी नहीं किया जाता। क्या बैंकों का यह फर्ज नहीं है कि जिस खाते से लूट की जा रही है कम से कम उस खाताधारक को तो पहले पूछा जाए। नरेन्द्र मोदी और अरूण जेटली को चाहिए कि वे तत्काल बैंकों की इस लूट को रोकें। बैंकों में चालू खाते में न्यूनतम बैलेन्स 10 हजार रुपए रखने का प्रावधान बना रखा है। हर वक्त 10 हजार रुपए बैंक में जमा होने के बाद भी ऐसे खाताधारक से खाते के रखरखाव के नाम पर 630 रुपए की राशि वसूली जा रही है। क्या नरेन्द्र मोदी और अरूण जेटली यह बता सकते हैं कि आखिर बैंकों को इस लूट का अधिकार किसने दिया? इसके अतिरिक्त एटीएम और एमएसएम आदि की सुविधा देने के नाम पर भी हर 3 माह में बैंक जबरन वसूली करता है। देशभर में करोड़ों खाताधारक हैं, ऐसे में बैंकों की लूट का अंदाजा लगाया जा सकता है। आम खाताधारक के जहन में यह सवाल आएगा ही कि उद्योगपति विजय माल्या भारत की बैंकों से जो 9 हजार करोड़ रुपए का लोन लेकर भाग गया, क्या बैंक उस लोन की भरपाई आम खाताधारक से की जा रही है? 
(एस.पी. मित्तल)  (14-03-2016)
(spmittal.blogspot.inM-09829071511

No comments:

Post a Comment