Sunday 13 March 2016

गुलाम नबी और आजम खान के बयान हिन्दुओं का अपमान करने वाले हैं। ------------------------

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लम्बे समय तक केन्द्रीय मंत्री, जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री रहने वाले तथा वर्तमान में राज्यसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता गुलाम नबी आजाद ने आरएसएस की तुलना खूंखार आतंकी संगठन आईएस से की है तो वहीं यूपी में समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता व नगरीय विकास मंत्री आजम खान ने कहा है कि वे साध्वी प्राची से बहुत प्यार करते हैं, लेकिन लव जेहाद का आरोप लगने से डरते हैं। गुलाम नबी और आजम खान दोनों के बयान करोड़ों हिन्दुओं की भावना को आहत करने वाले हैं। मुझे याद है कि जब मायावती यूपी की सीएम थी तब यूपी प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष श्रीमती रीता बहुगुणा ने मायावती को लेकर प्रतिकूल टिप्पणी कर दी थी। मायावती के नाराज समर्थकों ने रीता बहुगुणा के लखनऊ के आवास में आग लगा दी थी। घबरा कर रीटा बहुगुणा को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगनी पड़ी। यूपी के किसी भी नेता की इतनी हिम्मत नहीं हुई कि वे रीटा बहुगुणा के समर्थन में आकर खड़े होते। आज अभिव्यक्ति की इतनी आजादी है कि आजम खान जैसे वरिष्ठ नेता और सीएम अखिलेश यादव के बाद नम्बर दो मंत्री माने जाने वाले कुछ भी कहे तो कोई हलचन नहीं होती। क्या एक साध्वी के लिए इस तरह का बयान देना हिन्दुओं का अपमान नहीं है? क्या यह बयान आजम खान ने अगले वर्ष यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर एक समुदाय विशेष को खुश करने के लिए दिया है?
गुलाम नबी आजाद ने तो राजनीति की सीमा ही लांघ दी है। क्या आरएसएस आईएस की तरह इंसानों पर जुल्म करता है? क्या संघ मासूम बच्चों को आतंकी बनाता है? क्या संघ निर्दोष इंसानों की गर्दन काटता है? मुझे समझ में नहीं आता कि कांग्रेस के नेता गुलाब नबी ने संघ की तुलना आईएस जैसे खूंखार आतंकी संगठन से कैसे कर दी है। भले ही गुलाम नबी और संघ के विचार न मिलते हों, लेकिन भारत का कोई नागरिक संघ को आतंकी संगठन तो नहीं मान सकता है। गुलाम नबी को दुनिया की ताजा घटना की जानकारी लेनी चाहिए। आईएस ने सबसे ज्यादा खराबा मुस्लिम राष्ट्र इराक में किया है। अमरिका के सैनिकों की वापसी के बाद आईएस के आतंकियों ने इराक में शिया मुसलमानों पर जमकर अत्याचार किए। मैं इराक के शिया और सुन्नी के किसी विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता लेकिन गुलाम नबी और कांग्रेस को यह बताना चाहता हूं कि अब इराक में शिया और सुन्नी मुसलमान मिलकर आईएस से मुकाबला कर रहे हैं। जब मुस्लिम राष्ट्र इराक में आईएस के खिलाफ शिया और सुन्नी एकजुट हो रहे हैं तब गुलाम नबी हिन्दुस्तान में संघ की तुलना आईएस से कर रहे हैं। गुलाम नबी का यह बयान भी करोड़ों हिन्दुओं का अपमान करने वाला है।
(एस.पी. मित्तल)  (13-03-2016)
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