Monday 7 March 2016

ब्यावर पुलिस की समझ पर सवालिया निशान।


आधी रात को मजिस्ट्रेट से जमानत करवाकर आरोपियों को छोड़ा।
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अजमेर जिले के ब्यावर उपखंड के सदर थाने की पुलिस ने पांच मार्च को रात 8 बजे पांच व्यक्तियों को शांति भंग करने के आरोप में धारा 151 में गिरफ्तार किया और रात साढ़े ग्यारह बजे इन सभी आरोपियों को सब डिविजनल मजिस्ट्रेट आशीष गुप्ता (आईएएस) के घर पर पेश किया और जमानत दिलवाकर छोड़ दिया। आम तौर पर पुलिस आरोपियों को अगले दिन अदालत में ही पेश कर जेल भेजती है या फिर जमानत करवाती है। पांच मार्च की रात को पुलिस ने जो कुछ भी किया। वह उसकी समझ पर सवालिया निशान लगाता है। थाने के सीआई दुलीचंद गुर्जर ने स्वीकार किया कि कुलदीप बोहरा, गोरधन सिंह रावत, दिनेश जोशी, संजय बाकोलिया और बबलू वैष्णव को पांच मार्च को रात 8 बजे गिरफ्तार किया था, लेनिक थोड़ी ही देर में मेरे यह समझ में आ गया कि शांतिभंग का कोई खतरा नहीं है। इसलिए मैंने रात को टेलीफोन पर मजिस्टे्रट साहब से बात की और पांचों आरोपियों को रात को ही पेश कर जमानत पर छोड़ दिया। गुर्जर ने माना कि यह सब उन्होंने अपनी अक्ल से किया है। इसमें न तो पुलिस के डरने की बात है और न किसी दबाव की। कानून में मुझे यह सब करने का अधिकार है। 
डरी हुई है थाने की पुलिस:
इस मामले में सीआई गुर्जर भले ही अपने विवेक की बात कहें, लेकिन प्रतीत होता है कि इस थाने की पुलिस डरी हुई है। पिछले दिनों ही इसी थाने की पुलिस ने अजमेर रोड पर बने एक रिसोर्ट पर छापा मारकर सैक्स रेकेट पकड़ा था, बाद में जांच के दौरान पुलिस की यह कार्यवाही झूठी पाई गई। इसका नतीजा यह निकला कि थाने के तत्कालीन सीआई अनूप सिंह और अजमेर के ग्रामीण क्षेत्र के एएसपी विनीत बंसल को अपने पदों से हटना पड़ा। पुलिस तब और शर्मसार हुई जब अदालत में एफआर प्रस्तुत कर माना कि कार्यवाही झूठी थी। असल में वर्तमान सीआई दुलीचंद गुर्जर दोबारा से सदर थाना पुलिस पर गाज नहीं गिरवाना चाहते थे। इसलिए दो एएसआई की गलतियों को हाथों हाथ सुधार लिया। मजे की बात यह है कि जिस पुलिस ने पहले शांतिभंग के आरोप में पांच जनों को गिरफ्तार किया, वही पुलिस अब आरोपियों के सामने गिड़गिड़ाने की स्थिति में है। गिरफ्तार होने वाले पांचों व्यक्तियों ने कहा है कि यह मामला उनके आत्मसम्मान से जुड़ा हुआ है। इसलिए पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए अजमेर रेंज की आईजी श्रीमती मालिनी अग्रवाल से मुलाकात की जाएगी।  इस संबंध में ब्यावर के जागरुक नागरिकों का एक शिष्टमंडल शीघ्र ही आईजी से मिलेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस बेवजह आम लोगों को परेशान करती है। इससे यह भी प्रतीत होता है कि ब्यावर की पुलिस सुधरना नहीं चाहती। 

 (एस.पी. मित्तल)  (07-03-2016)
(spmittal.blogspot.inM-09829071511

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