Sunday 6 March 2016

पूजा और गौरव ही हैं गुरुशरण छाबड़ा के असली उत्तराधिकारी।


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राजस्थान में पूर्ण शराब बंदी और सशक्त लोकायुक्त की मांग को लेकर आमरण अनशन के दौरान शहीद होने वाले सर्वोदयी नेता गुरुशरण छाबड़ा के असली उत्तराधिकारी उनके पुत्र गौरव छाबड़ा और पुत्रवधु पूजा छाबड़ा ही हंै। स्वर्गीय छाबड़ा के उत्तराधिकार को लेकर 5 मार्च को मैंने एक ब्लॉग लिखा था, यह ब्लॉग इसलिए लिखना पड़ा, क्योंकि 5 मार्च को स्वर्गीय छाबड़ा के दोनों पुत्र गौरव और अंकुर अपनी-अपनी पत्नियों के साथ अजमेर आए और अलग-अलग बयानबाजी की गौरव और उनकी पत्नी पूजा ने कहा कि 8 मार्च को विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे और अंकुर व उनकी पत्नी पूनम ने कहा कि हम 8 मार्च को विधानसभा का घेराव करेंगे। ब्लॉग में इस विरोधाभास को ही उजागार किया गया था। 6 मार्च को गौरव और पूजा ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि वे पारिवारिक विवाद पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते हैं, लेकिन यह सच है कि वे दोनों ही गुरुशरण छाबड़ा के साथ पिछले 15 वर्ष से रह रहे थे। छाबड़ा जी ने अपने जीवन काल में जितने भी आंदोलन अथवा आमरण अनशन किए, उन सब में वे ही मौजूद थे। यहां तक कि कांग्रेस के शासन में सीएम अशोक गहलोत के साथ पूर्ण शराबबंदी को लेकर जो समझौता हुआ उस पर भी गौरव और पूजा के ही हस्ताक्षर हैं। 8 मार्च के विधानसभा में प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए पिछले एक माह से प्रदेशभर का दौरा किया जा रहा है। जिला स्तर पर जाकर सर्वोदयी विचारधारा वालों से सम्पर्क किया जा रहा है। ताकि 8 मार्च को जयपुर में अधिक से अधिक लोग जुट सके। गौरव और पूजा को आशंका है कि 8 मार्च के प्रदर्शन से राज्य की भाजपा सरकार घबरा गई है। इसलिए हमारे अभियान को कमजोर करने के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं। जहां तक अंकुर और पूनम का सवाल है तो पूरा जयपुर जानता है कि ये लोग दिल्ली में रहते हैं। छाबड़ा जी ने जब अनशन किया और बीमार हुए तब भी अंकुर और पूनम मिलने नहीं आए। अंकुर दिल्ली में जमीनों का कारोबार करते है। छाबड़ा जी के अंतिम दिनों में अंकुर और पूनम को बड़ी मुश्किल से बुलवाया गया था। यदि अंकुुर और पूनम छाबड़ाजी के साथ होते तो उनका भी जयपुर में मकान होता। आज हालात यह है कि अंकुर और पूनम8 मार्च को विधानसभा के घेराव का दावा करते हैं,, लेकिन जयपुर में आकर होटल में ठहरते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार हमारे अभियान को विफल करने के लिए कुछ भी कर ले, लेकिन हम स्वर्गीय छाबड़ा जी के सपनों को पूरा करेंगे। समझौते के मुताबिक जब तक राजस्थान में पूर्ण शराब बंदी लागू नहीं होगी तब तक जनआंदोलन जारी रहेगा। 

 (एस.पी. मित्तल)  (06-03-2016)
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