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गत वर्ष जब नगर निगम के चुनाव हुए थे तो अजमेर शहर के दोनों भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल ने चिल्ला-चिल्ला कर कहा था कि भाजपा का बोर्ड बनने पर सरकार की ओर से पूरी मदद मिलेगी। देवनानी शिक्षा राज्यमंत्री और भदेल महिला ेएवं बाल विकास राज्यमंत्री हैं। लेकिन इसके बावजूद भी भाजपा के कब्जे वाले नगर निगम को अवैध निर्माण सीज करने के लिए पुलिस इमदाद नहीं मिल रही है। इसलिए यह सवाल उठा है कि देवनानी और भदेल कहां हैं? ऐसा नहीं कि नगर निगम में कांग्रेस का मेयर होगा। धर्मेन्द्र गहलोत मेयर की कुर्सी पर बैठे हैं और उन्हें देवनानी का भरपूर समर्थन है। यानी नगर निगम से लेकर राज्य सरकार और केन्द्र सरकार तक में भाजपा का शासन है। यदि इसके बाद भी नगर निगम को पुलिस इमदाद न मिले तो यह अजमेर के नागरिकों का ही दुर्भाग्य है। 2 अप्रैल को निगम को अवैध कॉम्प्लेक्स सीज करने थे। इसके लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र भी लिखकर दे दिया गया। लेकिन 2 अप्रैल को पुलिस की ओर से फोर्स नहीं मिली। इसलिए अवैध निर्माण सीज नहीं हो सके हैं। हालांकि निगम के मेयर गहलोत दमखम वाले राजनेता हैं। लेकिन वसुंधरा राजे की सरकार के प्रशासन के सामने गहलोत स्वयं को लाचार समझ रहे हैं। ऐसे में क्या देवनानी और भदेल की यह जिम्मेदारी नहीं बनती कि वे अपने मंत्री पद का प्रभाव काम में लें। पुलिस तो कुछ ना कुछ बहाना कर इमदाद देने से इंकार करती रहेगी लेकिन देवनानी और भदेल की तो जिम्मेदारी बनती है। शहर में अवैध निर्माणों की वजह से आम आदमी त्रस्त है। यदि अवैध निर्माणकर्ताओं के खिलाफ कार्यवाही नहीं होगी तो शहर के हालात और बिगड़ेंगे। देवनानी तो अजमेर के प्रभारी मंत्री भी हैं ऐसे में उनका दायित्व बनता है कि वे पुलिस अधिकारियों को निर्देश देकर नगर निगम को इमदाद दिलवावें।
(एस.पी. मित्तल) (02-04-2016)
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