Saturday 23 April 2016

मिलना चाहिए हनुमान जैसा बल और तप।



ब्यावर में हुआ हनुमान जयंती पर भक्तिमय समारोह।
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हिन्दू संस्कृति के देवी-देवताओं में राम भक्त हनुमान एक ऐसे पात्र हैं जिनके बल और तप से शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। 21 और 22 अप्रैल को देशभर में हनुमान जयंती के कार्यक्रम हुए। जिस तरह कार्यक्रम हुए उससे भगवान राम की भविष्यवाणी सही साबित हो गई। रामजी ने हनुमान जी को आशीर्वाद देते हुए कहा था कि इस संसार में एक समय ऐसा भी आएगा, जब राम से ज्यादा हनुमान की ख्याति होगी। राम से ज्यादा हनुमान के मंदिर होंगे। देशवासियों ने देखा कि इस बार रामनवमी से ज्यादा हनुमान जयंती की धूम रही। 21 अप्रैल को ही ब्यावर की कुमावत कॉलोनी में श्री संकट मोचन हनुमान मंदिर पर एक विशाल भजन संध्या का आयोजन हुआ। मंदिर के उपासक गोपालजी कुमावत ने बताया कि इस मंदिर में विराजमान हनुमान जी ही सब कुछ करते हैं। वे तो मंदिर में साफ सफाई और हनुमान जी की सेवा का काम करते हैं। शनिवार और मंगलवार को इस मंदिर में हनुमान जी स्वयं अपने भक्तों से सीधा संवाद करते हैं। मैं किसी भी भक्त के सवाल का जवाब नहीं देता। भक्त जो सवाल करता है उसका जवाब स्वयं हनुमान जी देते हैं। ऐसे बल और तप वाले हनुमान मंदिर में जब भजन संध्या हुई तो हजारों श्रद्धालुओं ने भक्ति के सागर में डुबकी लगाई। ऐसे माहौल में ही मंदिर के उपासक गोपालजी कुमावत ने ब्यावर के विधायक शंकर सिंह रावत, नगर परिषद की सभापति श्रीमती बबीता चौहान के साथ मेरा भी सम्मान किया। मैंने भक्तों के सवालों का जवाब देने वाले हनुमान जी से आग्रह किया कि मुझे भी आपका बल और तप मिले ताकि मेरी कलम पूरी ईमानदारी के साथ लिखती रहे। भजन संध्या का संचालन कर रहे निखिल जैन ने जब मंच से मेरे ब्लॉग लेखन की प्रशंसा की तो मुझे लगा कि हनुमान जी जवाब दे रहे हैं। भजन संध्या में जब भजन गायक गजेन्द्र सिंह राव ने प्रस्तुति दी तो अनेक महिलाओं को ऐसे भाव आए कि संभालना ही मुश्किल हो गया। दो दिवसीय हनुमान जयंती के कार्यक्रम को सफल बनाने में समाजसेवी विष्णु धीमान की सक्रिय भूमिका रही।
प्राचीन बालाजी का भी लिया आशीर्वाद:
21 अप्रैल को ही ब्यावर युवा मोर्चा के अध्यक्ष मनीष बुरड अपनी टीम के साथ मुझे प्राचीन बालाजी मंदिर भी ले गए। मंदिर के महन्त उम्मेद शर्मा ने बताया कि इस मंदिर की स्थापना 1838 में हुई थी। उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी मंदिर में सेवा का काम कर रहा है। मंदिर स्थापना दिवस पर बड़ा कार्यक्रम यहां आयोजित किया जाता है।
(एस.पी. मित्तल)  (23-04-2016)
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