Tuesday 5 April 2016

पिता की मूर्ति के अनावरण के साथ सचिन पायलट का शक्ति परीक्षण।


रूपनगढ़ में हुआ शानदार किसान सम्मेलन। 
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5 अप्रैल को अजमेर जिले के रूपनगढ़ कस्बे में पूर्व केन्द्रीयमंत्री स्व. राजेश पायलट की मूर्ति का अनावरण हुआ। इस मूर्ति का अनावरण स्व. पायलट के पुत्र और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने किया। इस मौके पर एक किसान सम्मेलन भी आयोजित किया गया। इसमें कोई दो राय नहीं कि कांग्रेस के इस किसान सम्मेलन में अच्छी भीड़ थी। भले ही सचिन पायलट ने कभी भी किसानगिरी नहीं की हो, लेकिन 5 अप्रैल को समर्थकों ने सचिन पायलट को किसान नेता मानने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसमें कोई दो राय नहीं कि स्वर्गीय राजेश पायलट की छवि किसान खासकर गुर्जर समुदाय के लोगों में अच्छी थी। संभवत: इसी स्थिति का लाभ उठाते हुए सचिन पायलट ने रूपनगढ़ में किसान सम्मेलन करवाया। इसे पायलट का शक्ति परीक्षण भी कहा जा सकता है। रूपनगढ़ अजमेर और नागौर जिले की सीमा पर स्थित है। इसलिए पायलट के समर्थकों ने दोनों जिलों से बड़ी संख्या में ग्रामीणो को सम्मेलन में उपस्थित करवा दिया। पायलट ने पिछले दिनों ही जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों में बदलाव किया है। पायलट ने सभी जिलों में अपने कट्टर समर्थकों को ही अध्यक्ष बनवाया है। पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत के समर्थक माने जाने वाले अध्यक्षों का सूपड़ा साफ कर दिया। उन्हीं को अध्यक्ष मनोनीत किया जो कांग्रेस से ज्यादा सचिन पायलट के प्रति वफादार हैं। यही वजह रही कि 5 अप्रैल को नागौर और अजमेर जिले की जिला कांग्रेस कमेटियों के अध्यक्षों ने भीड़ जुटाने में पूरी ताकत लगा दी। पायलट समर्थक अध्यक्षों ने भी राजनीति करते हुए कह दिया कि जो नेता जितनी भीड़ ले जाएगा, उस भीड़ के अनुरूप ही जिला कार्यकारिणी में पद दिया जाएगा। अध्यक्षों की यह तरकीब काम आई और कांग्रेस के युवा और नए नेताओं अपने साधन लगाकर रूपनगढ़ में किसान सम्मेलन को सफल करवा दिया। पायलट इस बात से खुश हो सकते हैं कि जब अशोक गहलोत जैसे पुराने कांग्रेसी उन्हें पचा नहीं पा रहे हैं, तब चालीस डिग्री से ज्यादा के तापमान में ग्रामीणों को इतनी बड़ी तादाद में एकत्रित कर दिया। जहां तक स्वर्गीय राजेश पायलट की मूर्ति के अनावरण का सवाल है तो यह तो एक बहाना था, असल मकसद तो अशोक गहलोत जैसे नेताओं के सामने अपनी ताकत का प्रदर्शन करना रहा। 
रूपनगढ़ में पायलट का शक्ति परीक्षण इसलिए भी मायने रखता है क्योंकि अजमेर जिला पायलट का निर्वाचन क्षेत्र रहा है। पायलट ने वर्ष 2009 का लोकसभा चुनाव अजमेर से जीता और 2014 में अजमेर में ही हार का स्वाद भी चखा। सम्मेलन की समाप्ति पर पायलट ने अजमेर देहात कांग्रेस के अध्यक्ष भूपेन्द्र सिंह राठौड़ और शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन को शाबाशी भी दी। पायलट की शाबाशी से राठौड़ और जैन गदगद हैं।
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(एस.पी. मित्तल)  (05-04-2016)
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