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27 अप्रैल को दैनिक नवज्योति के ग्रामीण संस्करण के पृष्ठ तीन पर एक खबर प्रकाशित हुई है। इस खबर में गांव के एक तथाकथित बाबा श्री किशन भील का निर्दयी चेहरा उजागर किया गया है। नवज्योति के केकड़ी संवाददाता सुरेन्द्र जोशी ने अपनी खबर में लिखा है कि बुखार से पीडि़त छह माह के साहिल को जब केकड़ी के निकट डोरिया गांव के बाबा श्रीकिशन के पास ले जाया गया तो उसने सूत से बनी तीन गोलियों को आग में गर्म कर मासूम साहिल के सीने पर रख दिया। इससे मासूम साहिल के सीने में फफोले हो गए। केकड़ी के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने साहिल को अजमेर के लिए रैफर कर दिया और अब साहिल का इलाज अजमेर के जेएलएन अस्पताल में चल रहा है। दैनिक नवज्योति अखबार इस बात के लिए बधाई का हकदार है कि उसने ग्रामीण क्षेत्र में आए दिन होने वाली तांत्रिक बाबाओं की घटनाओं उजागर किया है। आम लोगों को भी ढोंगी और तांत्रिक बाबाओं से बचना चाहिए। यह माना कि अखबारों मे ंही इन ढोंगी और तांत्रिक बाबाओं के विज्ञापन छपते हैं, लेकिन इसके साथ ही तांत्रिक बाबाओं के चेहरों को बेनकाब करने वाली खबरें भी छपती है। आज कल हर अखबार का प्रबंधन यह पहले ही कह देता है कि प्रकाशित विज्ञापनों के सच होने की जिम्मेदारी उनकी नहीं है। ऐसे में पाठकों को ही ढोंगी और तांत्रिक बाबाओं के विज्ञापनों के झांसे में नहीं आना चाहिए।
नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग spmittal.blogspot.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें।
(एस.पी. मित्तल) (27-04-2016)
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