Wednesday 11 May 2016

तो अमिताभ बच्चन भी है टैक्स चोर? अब आम लोागें को उपदेश देने वाले विज्ञापन कैसे करेंगे?


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11 मई को सुप्रीम कोर्ट ने जो फैसला दिया है, उसके मुताबिक फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन ने वर्ष 2001 में टैक्स की चोरी की थी। मुम्बई आयकर विभाग का कहना है कि वर्ष 2001 में कौन बनेगा करोड़ पति सीरियल से जो राशि मिली थी, उससे से अधिकांश को अमिताभ बच्चन ने अपनी कंपनी एबीसीएल की आय में दिखा दिया। विभाग ने एक करोड़ 66 लाख की ऐसी राशि आंकी है, जिस पर अमिताभ को उसी के अनुसार टैक्स देना था। इस मामले में गंभीर बात यह है कि आयकर विभाग के ही प्राधिकरण और मुम्बई हाईकोर्ट ने अमिताभ को टैक्स चोरी का आरोपी नहीं पाया। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने मुम्बई आयकर विभाग के पक्ष को स्वीकार करते हुए निर्णय दिया है कि एक करोड़ 66 लाख की आय का भी मूल्यांकन होना चाहिए। इससे प्रतीत होता है कि मुम्बई में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन का प्रभाव है। सवाल टैक्स चोरी का नहीं है। अहम सवाल अमिताभ बच्चन के उन विज्ञापनों का है, जिसमें वह देश के आम नागरिक को उपदेश देते हैं। चाहे गुजरात सरकार के पर्यटन मंत्रालय का विज्ञापन हो अथवा केन्द्र सरकार के पल्स पोलियो अभियान का। ऐसे सभी सरकारी विज्ञापनों में अमिताभ ऐसी भूमिका में है जो प्रेरणादायक है। सवाल उठता है कि सुप्रीम कोर्ट से टैक्स चोरी का ठप्पा लगने के बाद अमित बच्चन देश के आईकॉन बन सकते हैं? गत माह पनामा पेपर लीक मामले में भी अमिताभ बच्चन का नाम सामने आया है। आरोप है कि अमिताभ ने अपनी काली कमाई विदेशों में जमा की है। 
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(एस.पी. मित्तल)  (10-05-2016)
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