Wednesday 18 May 2016

राजस्थान के आईएएस नीरज के.पवन भी गिरफ्तार? सच्चाई और ईमानदारी का दिखावा करने वाले आईएएस और आईपीएस ही निकलते हैं ज्यादा बेईमान।

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18 मई को राजस्थान के वरिष्ठ आईएएस नीरज के.पवन के अनेक ठिकानों पर एसीबी ने एक साथ छापामार कार्यवाही की है। पवन के साथ-साथ दलाल अजीत सोनी, अनिल अग्रवाल, दीपा गुप्ता, जोयोजी वर्गिस आदि के खिलाफ भी जांच शुरू की गई है। पवन इस समय कृषि सचिव के पद पर कार्यरत हैं, लेकिन पवन पूर्व में जब नेशनल हेल्थ मिशन के एडिशनल डायरेक्टर थे, तब कोई डेढ़ करोड़ रुपए की गड़बड़ी का मामला उजागर हुआ है। राजस्थान की नौकरशाही में पवन को एक ईमानदार अफसर माना जाता था। उनकी निडरता से भी दहशत रहती थी। नीरज जब पाली के कलेक्टर रहे, तो उनकी दादागिरी की खबरें रोजाना अखबार में छपती थी। सच्चाई और ईमानदारी का कुछ ज्यादा ही शोर था, लेकिन  अब एसीबी की कार्यवाही को देखा जाए तो लगता है कि जो आईएएस और आईपीएस सच्चाई और ईमानदारी का ज्यादा दिखावा करते हैं, असल में वे ही सबसे ज्यादा बेईमान निकलते हैं। अकेले नीरज के.पवन का मामला नहीं है। इससे पहले गत वर्ष खान सचिव अशोक सिंघवी को भी भ्रष्टाचार के आरोप में एसीबी ने गिरफ्तार कर जेल भिजवाया। चार दिन पहले ही पूर्व आईएएस जी.एस.संधु को भी गिरफ्तार कर जयपुर की सेंट्रल जेल में पटका है। इससे पहले अजमेर के एसपी राजेश मीणा और कोटा के एसपी सत्यवीर सिंह को एसीबी ने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भिजवाया। इतना ही नहीं आयकर विभाग के जोधपुर स्थित चीफ कमिश्नर पवन शर्मा को भी रंगे हाथों पकड़ा गया। ये सारे अफसर वे हैं जिनको ईमानदार माना जाता था। अब जब इन आईएएस और आईपीएस अफसरों की करतूते सामने आ रही है तो उन लोगों को आश्चर्य हो रहा है, जिनके सामने ये अफसर ईमानदारी के प्रवचन देते थे। 
यदि कोई व्यक्ति अपना जायज काम इन अफसरों के पास लेकर जाता था तो उसे सारे नियम और कायदे बताए जाते थे। लेकिन अब यह पता चल रहा है कि उपदेश देने वाले यहीं अफसर अपने दलालों के माध्यम से गलत से भी भी गलत काम करते थे। असल में ये तो वे अफसर हैं जो एसीबी के शिकंजे में फंस गए हैं। शायद ही कोई अफसर होगा जो वाकई ईमानदार है। ईमानदार तो वो ही है, जिसे बेईमानी का अवसर नहीं मिला। जिन लोगों का अफसरों से पाला पड़ता है उन्हें पता है कि ये लुटेरे अफसर किस प्रकार से लूटते हैं। बाजार में आने वाले नए-नए मोबाइल फोन भी इन बेईमान अफसरों के पास होते हैं। इन अफसरों की पत्नियां तो एक कदम आगे नजर आती हैं। अफसर अपने दफ्तर में ईमानदारी की सीख देते हैं और उधर उनकी पत्नी दफ्तर में काम करने वाले भ्रष्टतम इंजीनियरों अथवा अधिकारियों के साथ बाजार में जाकर शॉपिंग करती हैं। अफसर से ज्यादा उनकी पत्नी को पता होता है कि दफ्तर में कौन कौन से अधिनस्थ इंजीनियर और अधिकारी र्बइमान हैं। हालात इतने खराब हैं कि यदि किसी जमीन का नियमन  करना होता है तो ये अधिकारी प्रति बीघा की रिश्वत वसूलते हैं। इन बेइमान अधिकारियों से कोई पूछे कि यह जमीन उनके पिताजी की है? जो प्रति बीघा वसूली की जा रही है। शर्मनाक बात तो तब होती है जब सरकारी शुल्क दस हजार रुपए बीघा होता है और रिश्वत बीस हजार रुपए बीघा की देनी पड़ती है। आईएएस जब कलेक्टर और आईपीएस जब एसपी के पद पर होता है तो लूटने का कोई मौका नहीं छोड़ते।  लोग जायज काम के लिए भी इन बेईमान आईएएस और आईपीएस अफसरों को पैसा देते हैं। यदि न दे तो उनकी फाइल में पचास तरह की कमियां निकाल दी जाती है। 
सीएम को मिलनी चाहिए शाबाशी
राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भले ही सरकारी दफ्तरों में भ्रष्टाचार को नहीं रोक पाई हों, लेकिन बड़े अधिकारियों पर एसीबी का शिकंजा जरूर कसवाया है। यदि सीएम की सहमति नहीं हो तो एसीबी इतने बड़े अधिकारियों पर हाथ नहीं डाल सकती। इसके लिए सीएम राजे को शाबाशी मिलनी ही चाहिए। जो अधिकारी अभी भी रिश्वत खाने से बाज नहीं आ रहे हैं उन्हें हाल ही में हुई बड़े अधिकारियों की गिरफ्तारी से सबक ले लेना चाहिए। 
गेस्ट हाउस को जबरन बनाया बंगला:
आईएएस नीरज के.पवन इस समय जयपुर में एनआरआई कॉलोनी में जिस बंगले में रह रहे हैं, वह हाउसिंग बोर्ड का गेस्ट हाउस है। पवन जब हाउसिंग बोर्ड के कमिश्नर थे, तब कुछ दिनों के लिए इस गेस्ट हाउस में रहने आए थे, लेकिन पवन ने आज तक भी यह गेस्ट हाउस खाली नहीं किया है। नियमों को ताक पर रखकर इस गेस्ट हाउस को ही अपने नाम आवंटित करवा लिया। यानि कोई जरुरतमंद व्यक्ति जब इन अफसरों के पास जाता है तो उस बेचारे को कानून की किताब पढ़ाई जाती है और जब खुद के लाभ लेने की बात आती है तो उसी कानून की किताब को अलमारी में बंद कर दिया जाता है। 
बेईमानों का विदेशी शराब से नाता
एसीबी जब किसी बड़े अधिकारी को गिरफ्तार करती है तो छापे के दौरान बड़ी मात्रा में विदेशी शराब भी बरामद होती है। नीरज के.पवन के ठिकानों से भी लाखों रुपए की कीमत की विदेशी शराब जब्त की गई है। सब जानते हैं कि ये बेईमान अफसर अपनी जेब से शराब नहीं खरीदते। चूंकि शराब देने वालों की लाइन लगी रहती है, इसलिए इनके घरों में विदेशी शराब भरी पड़ी रहती है। एसीबी ने पवन के खिलाफ भी विदेशी शराब रखने का मुकदमा दर्ज किया है। 

नोट- फोटोज मेरे ब्लॉग spmittal.blogspot.in तथा फेसबुक अकाउंट पर देखें। 

(एस.पी. मित्तल)  (18-05-2016)
(spmittal.blogspot.in) M-09829071511

3 comments:

  1. Nice views.hope you would keep highlighting corruption.

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  2. वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री जी से निवेदन है की ऐसे चोरो का पिछवाड़ा लाल कर के पददुरूपयोग का मुकदमा दर्ज करके जैल भेजना चाहिए और कोई भी हमदर्दी नही रखनी चाहिए

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  3. वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री जी से निवेदन है की ऐसे चोरो का पिछवाड़ा लाल कर के पददुरूपयोग का मुकदमा दर्ज करके जैल भेजना चाहिए और कोई भी हमदर्दी नही रखनी चाहिए

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