Saturday 28 May 2016

क्या राजस्थान भाजपा में कुछ गड़बड़ है? पांच माह बाद भी प्रदेश कार्यकारिणी नहीं बनी। अब राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों में भी उलझन।

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क्या राजस्थान भाजपा में कुछ गड़बड़ है?
पांच माह बाद भी प्रदेश कार्यकारिणी नहीं बनी।
अब राज्यसभा चुनाव के उम्मीदवारों में भी उलझन।
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क्या राजस्थान भजपा में कुछ गड़बड़ है? यह सवाल इसलिए उठा है कि पांच माह गुजर जाने के बाद भी अशोक परनामी प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा नहीं कर सकें। गत वर्ष 15 दिसम्बर को परनामी को फिर से प्रदेश अध्यक्ष चुना गया था। सब जानते हैं कि परनामी तो नाम के अध्यक्ष है। संगठन को चलाने में असली भूमिका मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की है। राजे ही सत्ता और संगठन की शीर्ष बनी हुई है। भाजपा में एक व्यक्ति एक पद का सिद्धांत लागू होने का दावा किया जाता है।
लेकिन वर्तमान में 6 ऐसे मंत्री हैं, जिनके पास संगठन के भी पद है। ये पद पिछली कार्यकारिणी से ही बने हुए है। अशोक परनामी नई कार्यकारिणी बनाए या नहीं। यह उनका आंतरिक मामला है, लेकिन जब यह दावा किया जाता है कि राजस्थान में भाजपा मजबूत स्थिति में है तो यह सवाल तो उठेगा ही कि आखिर पांच माह से नई कार्यकारिणी की घोषणा क्यों नहीं की गई। 
200 में से 160 भाजपा के विधायक हैं,अब राज्यसभा के लिए चार सदस्यों का चयन होना है। नामांकन की अंतिम तिथि 31 मई है, लेकिन 160 विधायकों वाली भाजपा 27 मई तक भी अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर सकी। भाजपा को तीन सदस्यों के चुनाव से कोई खतरा नहीं है। चौथे सदस्य को निर्वाचित करवाने में भाजपा को मुश्किल से दो या तीन विधायकों की जरुरत है, जबकि इससे ही ज्यादा निर्दलीय विधायक भी हैं। सवाल उठता है कि 160 विधायकों वाली भाजपा क्या दो या तीन निर्दलीय विधायकों के वोट प्राप्त नहीं कर सकती? जानकारों की माने तो राजस्थान में भाजपा और सरकार में गड़बड़ होने की वजह से ही प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 31 मई का अजमेर दौरा स्थगित हुआ है, चूंकि चुनाव के लिए नामांकन का अंतिम दिन है, इसलिए पीएम का दौरा टाल दिया गया। माना जा रहा है कि 31 मई की सुबह ही चारों उम्मीदवारों के नामों की घोषणा और नामांकन होगा, इसलिए मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे जयपुर में रणनीति बनाने में व्यस्त रहेंगी। यदि भाजपा में सब कुछ मजबूत और सामान्य होता तो उम्मीदवारों की घोषणा दो दिन पहले हो जाती  और नामांकन भी 31 मई से पहले हो सकता था। चूंकि सब कुछ 31 मई को ही होगा इसलिए प्रधानमंत्री को अजमेर बुलाकर वसुंधरा राजे राज्य सभा चुनाव में कोई जोखिम नहीं लेना चाहती थी। 
(एस.पी. मित्तल)  (27-05-2016)
(www.spmittal.in) M-09829071511

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