Thursday 5 May 2016

हरियाणा की तर्ज पर नजर आएंगे राजस्थान के कांग्रेसी।


6 मई को दिल्ली में सोनिया-राहुल के नेतृत्व में रैली।
पायलट फार्मूले के तहत बंधेगा सिर पर राजस्थानी साफा। 
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उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार को बर्खास्त करने के मुद्दे पर 6 मई को दिल्ली में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में जंतर मंतर से संसद तक एक रैली निकाली जाएगी। इस रैली में राजस्थान के कांग्रेसी हरियाणा के कांग्रेसियों की तर्ज पर शामिल होंगे। पिछले दिनों दिल्ली में कांग्रेस की जो भी रैली हुई उसमें भूपेन्द्र सिंह हुडा के नेतृत्व में हरियाणा के कांग्रेसी सर पर गुलाबी साफा बांधकर शरीक हुए। एक साथ हजारों गुलाबी साफे नजर आने पर मीडिया ने भी हरियाणा के कांग्रेसियों को प्राथमिकता दी। 
इस परिस्थिति को देखते हुए ही राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सचिन पायलट ने भी यह तय किया है कि 6 मई को दिल्ली रैली में राजस्थान के कांग्रेसी भी सिर पर साफा बांधकर शामिल होंगे। वैसे भी राजस्थान में तो साफा बांधने की अपनी संस्कृति है। पायलट यह चाहते हैं कि 6 मई को सोनिया गांधी और राहुल गांधी के सामने ज्यादा से ज्यादा राजस्थान के कांग्रेसी नजर आएं। इसलिए पायलट ने अपना एक फार्मूला लागू किया है। इसके अंतर्गत कोई भी कांग्रेसी सीधे जंतर-मंतर नहीं पहुंचेगा। सभी कांग्रेसियों से कहा है कि वे 6 मई को प्रात: 8 बजे दिल्ली में 24 अकबर रोड स्थित एआईसीसी के कार्यालय पर पहुंचे। यहां स्वयं पायलट उपस्थित होंगे। सभी कांग्रेसी पायलट के नेतृत्व में ही जंतर-मंतर पहुंचेंगे और फिर राहुल व सोनिया के नेतृत्व में संसद भवन तक चलेंगे। राजस्थान से कितने कांग्रेसी शामिल हो रहे है, इसकी गणना भी पायलट फार्मूले के तहत की जाएगी। दिल्ली से पहले एक स्थान पर गणना मशीन लगाई गई है। यही पर ही कांग्रेसियों का रजिस्ट्रेशन होगा और रजिस्ट्रेशन के साथ ही प्रत्येक कार्यकर्ता को राजस्थानी साफा दिया जाएगा। गणना की व्यवस्था ब्लॉकवार की गई है।  चूंकि राजस्थान में अभी ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति होनी है, इसलिए जिला कमेटियों के अध्यक्षों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने क्षेत्र में आने वाले ब्लॉक मे ंउन नेताओं को जिम्मेमदारी दें जो ब्लॉक अध्यक्ष बनना चाहते हैं। ऐसे नेता ही साफा लेने से पहले यह बताएंगे कि वे अपने साथ कितने कार्यकर्ताओ को लाए हंै। हालांकि पायलट ने यह भी निर्देश दिए है कि दिल्ली से दूर वाले जिले से कम लोगों को लाया जाए। पायलट फार्मूले में दूर वाले जिलों के अध्यक्षों से कहा गया है कि वे नेताओं के निजी वाहनों से दिल्ली आ सकते हैं, जबकि दिल्ली से लगे अलवर, भरतपुर, जयपुर सवाई माधोपुर, दौसा आदि जिलों से बसों के द्वारा कार्यकर्ताओं को लाने के निर्देश दिए गए हैं। पायलट ने जो फार्मूला लागू किया है उससे कांग्रेस के नेता कोई बहाने बाजी नहीं कर सकेंगे। जिस स्थान पर साफे दिए जाएंगे उसी स्थान पर वीडियोग्राफी की व्यवस्था भी की गई है। वीडियोग्राफी न केवल कार्यकर्ताओं की होगी बल्कि उनके वाहनों की भी की जाएगी। बाद में इस वीडियोग्राफी की पुष्टि जिला कमेटियों के अध्यक्षों से करवाई जाएगी। यानि 6 मई को सचिन पायलट दिल्ली रैली में अपना शक्ति प्रदर्शन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। पायलट ने जो फार्मूला लागू किया है, उससे नेताओं को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नेताओं का मानना है कि 6 मई की सुबह 8 बजे एआईसीसी के दफ्तर में उपस्थिति दर्ज करवानी है, इसलिए 6 मई की रात को ही दिल्ली पहुंचना होगा। नेताओं को यह पता है कि यदि रैली में नहीं जाने की बहाने बाजी की गई तो फिर खामियाजा भी भुगतना होगा। कांग्रेस का कोई नेता नहीं चाहता कि इस समय सचिन पायलट को नाराज किया जाए। पूर्व में जहां जिला अध्यक्ष ब्लॉक स्तरीय कार्यकर्ताओं के सामने रैली में चलने के लिए गिड़गिड़ाते थे, वही अब उल्टा हो रहा है। अब ब्लॉक अध्यक्ष के दावेदार आगे होकर जिलाध्यक्ष को बता रहे हंै कि वे कितने वाहन और कितने कार्यकर्ता को ले जा रहे है। पायलट के इस फार्मूले से जिलाध्यक्ष भी खुश हैं। 

(एस.पी. मित्तल)  (05-05-2016)
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