Saturday 7 May 2016

आखिर रूक गई राजपाल सिंह चौहान की पेंशन


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राजस्थान प्रशासनिक सेवा में दबंग अफसर माने जाने वाले राजपाल सिंह चौहान की पेंशन आखिर रूक ही गई। अजमेर सहित चौहान जिस भी शहर में नियुक्त रहे उस शहर में सरकारी अधिकारी, कर्मचारी और आम लोग चौहान की दबंगता से परिचित हैं। ऐसे बहुत से अधीनस्थ अधिकारी और कर्मचारी मिल जाएंगे जो आज भी विभागीय कार्यवाही को लेकर चौहान को कोसते हैं। ऐसे सभी पीडि़तों ने मिलकर ही चौहान को सेवानिवृति के मौके पर जोरदार झटका दिया। चौहान गत 31 जनवरी को जयपुर से सहकारिता विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार के पद से सेवानिवृत हो गए। लेकिन चौहान को आज तक भी पेंशन मिलना शुरू नहीं हुआ है। चौहान कोई पचास हजार रुपए प्रतिमाह की पेंशन के हकदार हैं। असल में चौहान से पीडि़त कर्मचारियों ने ही सामान्य प्रशासन विभाग को बताया कि अजमेर में चौहान के 36 लाख दो हजार 656 रुपए बकाया हैं। यह बकाया मीरशाहअली स्थित आवास संख्या सी-3 के हैं। अजमेर से स्थानान्तरण होने के बाद भी चौहान ने इस सरकारी बंगले को खाली नहीं किया था। इतना ही नहीं दूसरे शहर में सरकारी आवास भी प्राप्त कर लिया था। हालांकि चौहान ने 18 मई 2014 को अजमेर का बंगला खाली कर दिया लेकिन स्थानान्तरण के बाद जितने वर्ष चौहान ने बंगले को अपने पास रखा उसका किराया पीडब्ल्यूडी ने 36 लाख रुपए आंका है। हालांकि चौहान ने इस बकाया राशि को लेकर सरकार से अपील की है लेकिन मामले के निपटारे तक चौहान को पेंशन नहीं मिलेगी।
(एस.पी. मित्तल)  (07-05-2016)
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