Sunday 31 July 2016

राज्यपाल कल्याण सिंह का अजमेर में शानदार स्वागत

#1615
राज्यपाल कल्याण सिंह का अजमेर में शानदार स्वागत 
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राज्यपाल सिंह का 31 जुलाई को अजमेर पहुंचने पर स्वागत किया गया। राज्यपाल सड़क मार्ग से जयपुर से अजमेर पहुंचे। यहां सर्किट हाउस में एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो.के.सी. सोडानी, वाणिज्य संकाय के डीन प्रो बी पी सारस्वत, कलेक्टर, एसपी आदि ने राज्यपाल का स्वागत किया। इससे पहले जवानों की एक टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। तय कार्यक्रम के मुताबिक राज्यपाल 1 अगस्त को सायं 4 बजे एमडीएस यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में भाग लेंगे। राज्यपाल 2 अगस्त को निकटवर्ती मुहामी गांव में जनसुनवाई करेंगे।

(एस.पी. मित्तल)  (31-07-2016)
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मूलचंद चौहान और एम.एल. जादम की खेल परंपराओं को ही आगे बढ़ाया धनराज चौधरी ने। ओलंपिक खेलों में टीटी की ज्यूरी के सदस्य बने अजमेर के चौधरी।

#1613
मूलचंद चौहान और एम.एल. जादम की खेल परंपराओं को ही आगे बढ़ाया धनराज चौधरी ने। ओलंपिक खेलों में टीटी की ज्यूरी के सदस्य बने अजमेर के चौधरी।
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खेल जगत में अजमेर की पहचान स्वर्गीय मूलचंद चौहान और स्वर्गीय एम.एल.जादम की वजह से भी रही है। देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया के किसी भी कौने में होने वाले खेलों में लम्बे अर्से तक चौहान और जादम भारत का नेतृत्व करते रहे। अब उसी खेल परंपरा को धनराज चौधरी ने और बढ़ाया है। 5 अगस्त से शुरू होने वाले रियो ओलंपिक में अजमेर के चौधरी को टेबल टेनिस की ज्यूरी का सदस्य बनाया गया है। यानी ओलंपिक में टीटी की प्रतियोगिताओं के दौरान रैफरी के निर्णय पर कोई आपत्ति होगी तो उसका निस्तारण चौधरी वाली ज्यूरी ही करेगी। नियमों के मुताबिक इस ज्यूरी में मात्र सात देशों के प्रतिनिधि शामिल हैं। चौधरी वर्तमान में भारतीय टेबल टेनिस एसोसिएशन के महासचिव हैं, लेकिन टीटी के बारे में तकनीकी दृष्टि से चौधरी का ज्ञान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर महत्त्व रखता है। इसीलिए चौधरी को ज्यूरी का सदस्य बनाया गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 220 देश टीटी महासंघ से जुड़े हैं। इसीलए सभी खेलों में टीटी सबसे बड़ा है। चौधरी अंतर्राष्ट्रीय महासंघ के निदेशक मंडल के सदस्य होने के साथ-साथ एशियाई देशों के संघ के कोषाध्यक्ष भी हैं। चौधरी को हाल ही में राजस्थान ओलंपिक संघ का अध्यक्ष भी चुना गया है। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि अजमेर के अतुल दुबे को रियो ओलंपिक में टीटी का रेफरी नियुक्त किया गया है।

(एस.पी. मित्तल)  (31-07-2016)
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असली शहीद स्मारक पर सीएम को लाने के लिए अजमेर के कलेक्टर गौरव गोयल का आभार।

#1614
असली शहीद स्मारक पर सीएम को लाने के लिए अजमेर के कलेक्टर गौरव गोयल का आभार।
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गत 13 जुलाई को मैंने अजमेर के स्टेशन रोड स्थित ऐतिहासिक और असली शहीद स्मारक की दुर्दशा पर एक ब्लॉग लिखा था। ब्लॉग के साथ पोस्ट किए गए फोटो पर बताया गया कि अब यह स्मारक रसोई घर और असामाजिक तत्वों का अड्डा बन गया है। इसके साथ ही सर्किट हाऊस के नीचे विजयी स्मारक को शहीद स्मारक मानकर चमकाने की बात भी लिखी गई। मैं 13 जुलाई वाला ब्लॉग नहीं लिखता तो संभवतय आगामी 15 अगस्त को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सर्किट हाऊस वाले स्मारक पर ही शहीदों को श्रद्धांजलि देतीं। लेकिन अब जिला प्रशासन ने मान लिया है कि असली शहीद स्मारक तो स्टेशन रोड वाला ही है। चूंकि अब 15 अगस्त को सीएम राजे इसी स्मारक पर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगी, इसलिए जिला प्रशासन और नगर निगम मिल कर स्मारक को चमकाने में लगा हुआ है। इसके लिए जिला कलेक्टर गौरव गोयल का आभार प्रकट किया जाना चाहिए। असल में अधीनस्थ अधिकारियों ने सर्किट हाऊस वाले स्मारक को शहीद स्मारक मानने का सुझाव दिया था, लेकिन जब 13 जुलाई वाले मेरे ब्लॉग से सच्चाई सामने आ गई तो कलेक्टर ने अपने विशेषाधिकारों का उपयोग करते हुए स्टेशन रोड वाले स्मारक को चमकाने का काम शुरू कर दिया है। 
गांधी भवन भी निखरेगा
चूंकि सीएम राजे 15 अगस्त को रेलवे स्टश्ेान के सामने स्थित स्मारक पर जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि देंगी, इसलिए गांधी भवन को आकर्षक बनाया जा रहा है। गत वर्ष ही गांधीभवन की दीवार को नया बनाया गया था, लेकिन अब एक बार दीवार को तोड़कर नए सिरे से बनाया जा रहा है। ताकि सीएम यहां से गुजरे तो उन्हें अच्छा लगे। 
(एस.पी. मित्तल)  (31-07-2016)
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Saturday 30 July 2016

कानपुर के किदवई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अजय कपूर ने एक हजार समर्थकों के साथ अजमेर में दरगाह जियारत की।

#1612
कानपुर के किदवई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक अजय कपूर ने एक हजार समर्थकों के साथ अजमेर में दरगाह जियारत की।
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30 जुलाई को उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले के किदवई विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक  अजय कपूर ने एक हजार से भी ज्यादा अपने समर्थकों के साथ अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह की। संभवत: पहला अवसर है जब कोई विधायक अपने विधानसभा क्षेत्र के मतदाताओं को इतनी बड़ी संख्या में जियारत कराने के लिए लाया हो। 30 जुलाई को कपूर के समर्थक एक जुलूस के रूप में शहर के विभिन्न  मार्ग से होते हुए दरगाह पहुंचे। विधायक के जुलूस को देखते हुए पुलिस को भी आनन फानन में बाजारों में यातायात को रोकना पड़ा। आमतौर पर इतने बड़े जुलूस की अनुमति पूर्व में ली जाती है, लेकिन कांग्रेस विधायक ने अपने जुलूस की अजमेर प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली। हालांकि इस जुलूस का नेतृत्व स्वयं कपूर ही कर रहे थे। कपूर के नेतृत्व में जब इतनी बड़ी संख्या में जायरीन दरगाह के अंदर पहुंचे तो दरगाह परिसर में भी पैर रखने की जगह नहीं मिली। कपूर के खादिम ने दुआ की कि वे तीसरी बार भी विधायक बने। जानकारी के मुताबिक किदवई नगर से अजय कपूर को ही कांग्रेस उम्मीदवार बनाएगी, इसे तय माना जा रहा है इसीलिए कपूर ने अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां अभी से ही शुरू कर दी है। कपूर आज अपने समर्थकों को 20 बसों में भरकर अजमेर लाए।
(एस.पी. मित्तल)  (30-07-2016)
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अजमेर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ आएंगी खुशियां। अभी न बिजली है न पानी। खस्ताहाल सड़कें।

#1611
अजमेर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के साथ आएंगी खुशियां। अभी न बिजली है न पानी। खस्ताहाल सड़कें।
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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे 15 अगस्त के राज्यस्तरीय स्वतंत्रता दिवस के समारोह में भाग लेने के लिए जब 13 अगस्त को अजमेर आएंगी तभी शहरवासियों को भी खुशी मिलेगी। इस समय भूमिगत केबल बिछाने के नाम पर शहर भर की सड़कों को खोद दिया गया है और दिनभर बिजली की सप्लाई भी बंद है। इसका असर पेयजल की सप्लाई पर भी पड़ा है। पुष्कर घाटी में पिछले दो दिन में यातायात बंद है। यहां भी महाराणा प्रताप स्मारक के विस्तार के लिए पहाडिय़ों को काटा जा रहा है। पिछले 10 दिनों से रोजाना शहर के अधिकांश भाग में दिनभर के लिए बिजली बंद है। लगातार बिजली बंद होने से लोगों की परेशानी का अंदाजा लगाया जा सकता है। जिला प्रशासन और विद्युत निगम का प्रयास है कि सीएम के आने से पहले-पहले अनेक मार्ग को पोल लैस कर दिया जाए। इसलिए लोगों की परेशानी की और कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। माना जा रहा है कि आगामी एक सप्ताह शहर के हालात ऐसे ही रहेंगे। जब किसी अधिकारी से बात की जाती है तो उसका कहना कि यह सब शहरवासियों के लिए ही किया जा रहा है। चूंकि काम सीएम के आने से पहले-पहले पूरा करना है। इसलिए लोगों को परेशानी तो होगी ही। यह माना कि बिजली की भूमिगत केबल की वजह से सप्लाई बाधित हो रही है। लेकिन यदि लगातार 15 दिनों तक दिनभर बिजली की सप्लाई बंद रखी जाए तो फिर इंजीनियरों और अधिकारियों की कार्यकुशलता पर भी सवाल उठता है। क्या कोई ऐसी तकनीक नहीं है जिससे कम समय के लिए बिजली कटौती की जाएगी? यह बात अलग है कि आने वालों दिनों में भूमिगत केबल कितनी सफल होगी। यूं तो केबल का काम पिछले पांच माह से शहर भर में चल रहा है और तभी से सड़कें खुदी पड़ी हैं। टूटी-फूटी सड़कों की स्थिति बरसात में कैसी होगी इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। भले ही मुख्यमंत्री के आने पर खुशियां भी आएगी लेकिन वर्तमान में शहर की प्रमुख सड़कों पर पैदल चलना भी मुश्किल हो रहा है। स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी के पैदल चलते ही पैर की हड्डी गत 23 जुलाई को टूट चुकी है। लेकिन इससे भी कोई सबक नहीं लिया गया है। यानि मंत्री के जख्मी होने के बाद भी आम आदमी को कोई सुध नहीं ली गई है। असल में प्रशासनिक अधिकारियों को आम लोगों की परेशानी से कोई सरोकार नहीं है। अधिकारियों का मकसद तो सिर्फ सीएम को खुश करना है। उन सभी मार्ग को चमकाया जा रहा है जहां से सीएम को गुजरना है। यदि सीएम खुश हो गई तो आम लोगों की परेशानी कोई मायने नहीं रखती है।
(एस.पी. मित्तल)  (30-07-2016)
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Friday 29 July 2016

अंध विद्यालय ने नहीं दिए फटे कपड़े।

#1607
अंध विद्यालय ने नहीं दिए फटे कपड़े।
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अजमेर के आदर्श नगर स्थित अंध विद्यालय में विद्यार्थियों को फटे कपड़े वितरित करने को लेकर मैंने 28 जुलाई को ब्लॉग लिखा था। मेरे इस ब्लॉक पर सामाजिक संस्था एक पहल सेवा की ओर से शैलेश गर्ग ने अपनी सफाई दी है। 
एक लिखित बयान में गर्ग ने यह माना कि गत 7 जुलाई को अंध विद्यालय में पुराने कपड़े विद्यार्थियों को दिए गए थे। लेकिन वितरण के तीन घंटे बाद ही विद्यालय के प्राचार्य ने फोन पर बताया कि नेत्रहीन बच्चों को कपड़े पसंद नहीं आए हैं। इस सूचना पर संस्था के पदाधिकारी कपड़े वापस लेने के लिए विद्यालय आए, लेकिन कुछ विद्यार्थियों ने हमारे साथ दुव्र्यवहार किया और गायों को चारा खिलाने के नाम पर 5001 रुपए वसूल लिए। दुव्र्यवहार की शिकायत जिला कलेक्टर को भी लिखित में की गई है। संस्था की ओर से एक भी नेत्रहीन विद्यार्थियों को फटे कपड़े नहीं दिए गए। वहीं दूसरी ओर अंध विद्यालय प्रबंध विकास समिति ने सभा अध्यक्ष नरेश भंबानी और सदस्य अपनी शिकायत पर अभी भी कायम हैं। कलेक्टर को भेजी गई शिकायत में समिति की ओर से कहा गया है कि 7 जुलाई को नेत्रहीन विद्यार्थियों को गले और फटे कपड़े वितरित किए गए। संस्था की ओर से दिए गए कपड़े आज भी विद्यालय में सुरक्षित रखे हुए हैं। इसके साथ ही विकास समिति से जुड़े मुकेश मिश्रा ने कहा कि उन्होंने किसी भी शिकायत पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इस पूरे विवाद से उनका कोई सरोकार नहीं है। 
(एस.पी. मित्तल)  (29-07-2016)
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अजमेर शहर भाजपा के अध्यक्ष अरविंद यादव ने सादगी से मनाया जन्मदिन।

#1608
अजमेर शहर भाजपा के अध्यक्ष अरविंद यादव ने सादगी से मनाया जन्मदिन।
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29 जुलाई को अजमेर शहर भाजपा के अध्यक्ष अरविंद यादव ने अपना जन्म दिन सादगी के साथ मनाया। सरल स्वभाव के यादव भाजपा के तब अध्यक्ष हैं जब शहर के दोनों भाजपा विधायकों में 36 का आंकड़ा है। हालांकि दोनों विधायक वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल राज्यमंत्री भी हैं, लेकिन इसके बावजूद भी दोनों की राजनीतिक जंग खुलेआम चल रही है। अध्यक्ष बनने के बाद यादव ने प्रयास किए कि दोनों मंत्रियों में एका हो जाए, लेकिन यादव विफल रहे। जहां तक यादव की पारिवारिक पृष्ठ भूमि का सवाल है तो उनके पिता स्व.जगन्नाथ यादव अजमेर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के झंडाबरदार रहे। 
हाथी भाटा में अपनी केशव आर्ट प्रिंटिंग प्रेस के परिसर में ही यादव ने संघ की गतिविधियां संचालित करवाई। स्व. भैरों सिंह शेखावत सरीखे नेता भी संघ के इसी कार्यालय में आकर ठहरते थे। सिद्धांतवादी यादव ने कभी भी राजनीति में रुचि नहीं दिखाई। अरविंद यादव को राजनीति में अपने स्व. पिता की प्रतिष्ठा का लाभ मिला है। वैसे अरविंद यादव स्वयं भी पिछले बीस वर्षों से भाजपा की राजनीति में सक्रिय है। उपाध्यक्ष रहते हुए अनेक बार शहर भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष की भूमिका निभाई है। यादव का प्रयास है कि अध्यक्ष की भूमिका को प्रभावी तरीके से निभाएं, लेकिन दोनों विधायकों में तालमेल नहीं होने की वजह से संगठन को भी मजबूती नहीं मिल रही है। 
(एस.पी. मित्तल)  (29-07-2016)
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वसुंधरा के शासन में राजस्थान टूरिज्म का शर्मनाक कारनामा। चित्तौड़ की रानी पद्मनी को बताया आक्रमणकारी अल्लाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका।

#1610
वसुंधरा के शासन में राजस्थान टूरिज्म का शर्मनाक कारनामा। 
चित्तौड़ की रानी पद्मनी को बताया आक्रमणकारी अल्लाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका।
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इस समय राजस्थान की सीएम की कुर्सी पर भाजपा की वसुंंधरा राजे बैठी हैं। और राजे ने कृष्णनेन्द्र कौर को प्रदेश का पर्यटन मंत्री बना रखा है, लेकिन इसे शर्मनाक ही कहा जाएगा कि पर्यटन विभाग ने अपनी वेबसाइट पर चित्तौड़ की पद्मनी को आक्रमणकारी अल्लाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका बता दिया। एक ओर भाजपा की सरकार स्कूली पाठ्यक्रम में अकबर महान की जगह महाराणा प्रताप को महान बताकर वाह-वाही बटोर रही है तो दूसरी ओर रानी पद्मनी को खिलजी की प्रेमिका बताया जा रहा है। 
इतिहास में ऐसा कोई उदाहरण नहीं है, जिसमें रानी पद्मनी के द्वारा अल्लाउद्दीन खिलजी से प्रेम करने की बात सामने आई हो। इतिहास के अनुसार तो जब खिलजी ने चित्तौड़ पर आक्रमण किया था, तो रानी पद्मनी ने हजारों महिलाओं के साथ जौहर कर लिया। वसुंधरा राजे के पर्यटन विभाग के निकम्मे अधिकारियों से यह पूछा कि जब पद्मनी प्र्रेमिका थी, तो फिर उसने जौहर क्यों किया?
इतिहासकारों के अनुसार रानी पद्मनी के सौंदर्य की कहानी भी 250 वर्षों बाद एक मुस्लिम मलिक मोहम्मद जायसी ने लिखी। यह भी सुनी सुनाई कथाओं पर आधारित थी। खिलजी ने 1303 ई.वी. में चित्तौड़ पर आक्रमण किया, जबकि जायसी ने यह कहानी 1540 ई. में लिखी। इससे साफ जाहिर होता है कि रानी पद्मनी मुस्लिम आक्रमणकारी अल्लाउद्दीन खिलजी की प्रेमिका थी, इसका कोई प्रमाण नहीं है। इतिहासकारों का मानना है कि खिलजी को गुजरात की ओर जाना था, ऐसे में चित्तौड़ और जालौर को फतह करना जरूरी था। यानी खिलजी ने रानी पद्मनी के कारण चित्तौड पर हमला नहीं किया। सब जानते हैं कि मुस्लिम आक्रमणकारियों ने किस तरह से भारतीय संस्कृति और सभ्यता को नष्ट किया था। भाजपा के नेता समय-समय पर आवाज भी उठाते हैं, लेकिन अब भाजपा के शासन में ही आक्रमणकारियों के गुणगान हो रहे हैं। शर्मनाक बात तो यह भी है कि वसुंधरा राजे की ओर से अभी तक भी पर्यटन विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है। 
(एस.पी. मित्तल)  (29-07-2016)
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Thursday 28 July 2016

नेत्रहीन विद्यार्थियों को फटे कपड़े वितरित किए। अजमेर प्रशासन ने चलाया है कपड़ा बैंक अभियान।

#1606
नेत्रहीन विद्यार्थियों को फटे कपड़े वितरित किए। अजमेर प्रशासन ने चलाया है कपड़ा बैंक अभियान।
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संपन्न परिवारों से साफ सुथरे पुराने कपड़े लेकर जरूरतमंद व्यक्तियों को देने के लिए अजमेर जिला प्रशासन ने कपड़ा बैंक की शुरूआत की है। लेकिन कुछ स्वार्थी और बेवजह की वाह-वाही प्राप्त करने वाले लोग प्रशासन के इस अच्छे अभियान को धक्का पहुंचा रहे हैं। विगत दिनों शैलेष गर्ग के नाम के व्यक्ति ने कुछ कथित समाज सेवियों के साथ अजमेर के आदर्श नगर स्थित सरकारी अंध विद्यालय के विद्यार्थियों को कपड़े वितरित किए। यहां कहा गया कि प्रशासन ने जो कपड़ा बैंक अभियान चलाया है उसी के अंतर्गत विद्यार्थियों को कपड़े वितरित किए जा रहे हंै। लेकिन जब नेत्रहीन विद्यार्थियों ने कपड़ों को पहना तो अधिकांश कपड़े फटे हुए थे। इस संबंध में विद्यालय प्रबंध समिति ने एक शिकायत जिला कलेक्टर गौरव गोयल को भी की है। इस शिकायत पर प्रबंध समिति से जुड़े सतेन्द्र आचार्य, सुश्री दृष्टि रॉय, गिरिश कुमार, श्रीमती मुन्नी सिंहाग, मुकेश मिश्रा, निर्मला सुखवाल, नन्द किशोर, रितेश मीणा आदि के हस्ताक्षर हंै। कलेक्टर से आग्रह किया गया कि कपड़ा बैंक के अभियान को क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाए। नेत्रहीन विद्यार्थियों को फटे हुए कपड़े देकर मजाक उड़ाया गया है। छात्रों ने भी नाराजगी प्रकट की है। कलेक्टर को फटे हुए कपड़ों के फोटो भी भेजे गए हैं।
(एस.पी. मित्तल)  (28-07-2016)
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सरकार नहीं मानती की देश में महंगाई है। राहुल गांधी के सवालों का जवाब जेटली ने दिया।

#1607
सरकार नहीं मानती की देश में महंगाई है। राहुल गांधी के सवालों का जवाब जेटली ने दिया।
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28 जुलाई को लोकसभा में महंगाई के मुद्दे पर जोरदार बहस हुई। कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आलू, टमाटर और दालों के भाव आसमान छूने पर सरकार की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि यह सरकार सिर्फ बड़े उद्योगपतियों के हितों का ख्याल रखती है। राहुल गांधी के आरोपों का जवाब देते हुए केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि आलू, टमाटर जैसे सब्जियों के भाव मौसम की वजह से बढ़ रहे हैं। प्रति वर्ष जुलाई में सब्जियां महंगाई हो ही जाती है। जहां तक दालों का सवाल है, तो इसमें भ्रष्टाचार के बजाए मांग और आपूर्ति का मुद्दा है। देश में 23 मिलियन टन दालों की मांग है, जबकि उत्पादन 17 मिलियन टन ही है। शेष 6 मिलियन टन की कमी की वजह से ही दालों के दाम बढ़ जाते हैं। इसलिए नरेन्द्र मोदी की सरकार ने दालों के उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए हैं। उम्मीद है कि इस बार 20 मिलियन टन दालों का उत्पादन होगा। सरकारी गोदामों में 20 लाख टन स्टॉक भी रखा जा रहा है। अफ्रीकी देशों से दालें मंगाई जा रही हैं। जेटली ने इस तथ्य को माना कि यूपीए सरकार में प्रति बैरल कच्चा तेल 110 डॉलर में आता था, जबकि आज 44 डॉलर में एक बैरल तेल आ रहा है। कच्चे तेल के दाम में गिरावट से जो मुनाफा हुआ है, उसे नेशनल हाइवे, रेलवे आदि पर खर्च किया गया। पब्लिक सेक्टर में निवेश की वजह से ही एफडीआई में भारत की स्थिति मजबूत हुई है। सरकार ने दीर्घकालीन योजनाओं में पैसे का निवेश किया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के समय जो हालात बिगड़े थे, उन्हें अब सुधारा जा रहा है। जब पूरे विश्व में मंदी का दौर चल रहा है, तब भारत में स्थिति नियंत्रण में है। 
(एस.पी. मित्तल)  (28-07-2016)
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पैगम्बर मोहम्मद साहब भी गौमांस सेवन के विरोधी थे। शरातीतत्व देश का माहौल खराब कर रहे हैं। दरगाह दीवान आबेदीन ने फिर दिया राष्ट्रहित में बयान।

#1608
पैगम्बर मोहम्मद साहब भी गौमांस सेवन के विरोधी थे। शरातीतत्व देश का माहौल खराब कर रहे हैं। दरगाह दीवान आबेदीन ने फिर दिया राष्ट्रहित में बयान।
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देश के कुछ न्यूज चैनल और शरारतीतत्व जब गौमांस को लेकर देश का माहौल बिगाडऩे की कोशिश कर रहे हैं, तब एक बार फिर अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह के दीवान और मुस्लिम धर्मगुरु सैय्यद जैनुल आबेदीन अली खान ने राष्ट्रहित में एक बयान जारी किया है। 28 जुलाई को जारी बयान में दीवान आबेदीन ने कहा कि पैगम्बर मोहम्मद साहब ने अपने उपदेशों में गौ मांस के सेवन का सख्ती से मना किया था। उन्होंने गाय के दूध को इंसान के लिए उपयोगी बताया। पैगम्बर साहब के उपदेशाों का अनुसरण करते हुए ही चिश्तियां, सूफिया और धर्मगुरुओं द्वारा गौ मांस के सेवन का इतिहास में कोई प्रमाण नहीं मिलता है। अनेक मुस्लिम शासकों ने गौ हत्या पर रोक लगाई है। दीवान आबेदीन ने आरोप लगाया कि देश के विभाजन के समय मुस्लिम लीग ने साम्प्रदायिक दंगा करवाने के लिए मंदिरों में गौ मांस फिंकवाया था। आज कुछ लोग मुस्लिम लीग की विचारधारा के अनुरूप ही गौ हत्या और गौ मांस को लेकर साम्प्रदायिक माहौल बिगाडऩा चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यदि धर्म निरपेक्ष देश में हिन्दू मुसलमान से और मुसलमान हिन्दू से डरेगा तो फिर हालात बिगड़ेंगे। उन्होंने कहा कि यदि गौ मांस के मुद्दे पर हालातों को नियंत्रित नहीं किया गया तो देश में सिविल वार की आशंका है। उन्होंने कहा कि देश का कानून किसी भी व्यक्ति को यह इजाजत नहीं देता कि वह कानून हाथ में लेकर अपराधियों को सजा दे। वहीं इस्लाम किसी भी धर्म की आस्था को ठेस पहुंचाने का संदेश नहीं देता है। इसलिए जो लोग गौ मांस सेवन के पक्षधर हैं, उन्हें भी दूसरे धर्म के लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। 

(एस.पी. मित्तल)  (28-07-2016)
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भाजपा नेताओं में भी तालमेल करवाया अजमेर कलेक्टर ने। राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरों पर।

#1609
भाजपा नेताओं में भी तालमेल करवाया अजमेर कलेक्टर ने। 
राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस की तैयारियां जोरों पर।
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15 अगस्त को राज्य स्तरीय स्वतंत्रता दिवस का समारोह इस बार अजमेर संभाग मुख्यालय पर होना है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने पूरे मंत्रिमंडल के साथ तीन दिनों तक अजमेर में ही रहेंगी। इस समारोह की तैयारियां इन दिनों युद्ध स्तर पर चल रही हैं। कलेक्टर गौरव गोयल को अनेक चुनौतीपूर्ण कार्य तो करने ही पड़ रहे हैं, साथ ही सत्तारुढ़ भाजपा के नेताओं के बीच भी तालमेल बैठाना पड़ रहा है। मेयर धर्मेन्द्र गहलोत और एडीए के अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा के बीच भले ही राजनीतिक मनमुटाव हो, लेकिन यह कलेक्टर की कुशलता है कि इन दोनों नेताओं को साथ लेकर चल रहे हैं। 28 जुलाई को भी कलेक्टर ने मेयर गहलोत के साथ अनेक स्थानों का दौरा किया। इसी प्रकार एडीए से जुड़े कार्यों की निगरानी का काम भी कलेक्टर गोयल अध्यक्ष हेड़ा के साथ मिल कर करते हैं। कलेक्टर नहीं चाहते कि भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान का असर राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियों पर पड़े। इसीलिए कलेक्टर, हेड़ा और मेयर दोनों का सम्मान कर रहे हैं और दोनों को ही तैयारियों में जोड़े रखा है। पिछले दिनों केन्द्रीयकृत रसोई घर के एमओयू के समय भी कलेक्टर ने स्कूली शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी और महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती अनिता भदेल को उपस्थित रखा। आम तौर पर एक ही समारोह में यह दोनों मंत्री उपस्थित नहीं होते, लेकिन यह कलेक्टर की कुशलता रही कि दोनों मंत्री उपस्थित रहे। हालांकि इन दिनों पैर में चोट लगने की वजह से देवनानी जयपुर में ही विश्राम कर रहे हैं। ऐसे में कलेक्टर गोयल अनिता भदेल की भूमिका को भी बनाए हुए हैं। कलेक्टर का भी मानना है कि भाजपा नेताओं में तालमेल बनाए रखना भी एक चुनौतीपूर्ण कार्य है। 
(एस.पी. मित्तल)  (28-07-2016)
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Wednesday 27 July 2016

साइकिल अभियान में अजमेर के यायिक अधिकारियों ने दिखाई ईमानदारी। वकीलों की साइकिल चुनावी राजनीति की भेंट चढ़ी।

#1605
साइकिल अभियान में अजमेर के यायिक अधिकारियों ने दिखाई ईमानदारी। वकीलों की साइकिल चुनावी राजनीति की भेंट चढ़ी। 
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अजमेर की बार और बैंच ने प्रत्येक बुधवार को साइकिल पर कोर्ट आने का जो आह्वान किया था, उसमें 27 जुलाई बुधवार को न्यायिक अधिकारियों ने तो काफी हद तक ईमानदारी दिखाई, लेकिन वहीं वकीलों की साइकिल चुनावी राजनीति की भेंट चढ़ गई। गत 23 जुलाई को हाईकोर्ट के न्यायाधीश महेश चंद शर्मा और महेन्द्र माहेश्वरी की उपस्थिति में हुए एक समारोह में डीजे सुरेन्द्र कुमार जैन और बार अध्यक्ष मोहन सिंह राठौड़ ने प्रत्येक बुधवार को साइकिल पर आने पर सहमति जताई थी। डीजे जैन तो प्रात: 9 बजे ही साइकिल पर कोर्ट परिसर में आ गए। इस प्रकार अधिकांश न्यायिक अधिकारी साइकिल पर आए या फिर पैदल ही न्यायालय परिसर में प्रवेश किया। यानि बैंच ने जो आह्वान किया था कि उसका काफी हद तक पालन भी हुआ, लेकिन करीब 1500 वकीलों में से मुश्किल से 25 वकील ही साइकिल पर आए। इनमें भी वे वकील शामिल हैं, जिन्हें बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अथवा अन्य किसी पद का चुनाव लडऩा है।  अध्यक्ष पद के दावेदार वकील मीडिया के सामने साइकिल चलाकर फोटो खींचवाने में मशगूल रहे। बताया जा रहा है कि श्रेय लेने की होड़ में साइकिल अभियान का मकसद ही गुम हो गया। पर्यावरण, संरक्षण, स्वास्थ्य आदि ध्यान में रखते हुए प्रत्येक बुधवार को साइकिल पर आने का निर्णय लिया गया था।

(एस.पी. मित्तल)  (27-07-2016)
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हमारे कश्मीर के अलगाववादी पाकिस्तान के कश्मीर के हालातों से सबक लें। नवाज सरकार खुलेआम कर रही है हत्याएं।

#1604
हमारे कश्मीर के अलगाववादी पाकिस्तान के कश्मीर के हालातों से सबक लें। नवाज सरकार खुलेआम कर रही है हत्याएं।
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हमारे कश्मीर में जो अलगाववादी नेता पाकिस्तान में शामिल होने का सपना कश्मीरी युवकों को दिखाते हैं, उन्हें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के ताजा हालातों से सबक लेना चाहिए। पाक कब्जे वाले कश्मीर के मुज्जफराबाद कोटली, चीनार, मीरपुर आदि में नवाज शरीफ की सरकार खुलेआम प्रदर्शन कारियों की हत्या करवा रही है। इन क्षेत्र में 27 जुलाई को भी जमकर नवाज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए। आरोप है कि यहां हाल ही में हुए चुनावों में नवाज की मुस्लिम लीग पार्टी ने धांधली कर जीत हासिल की है। हालांकि 40 में से 21 सीट पर ही नवाज की पार्टी को सफलता मिली है, लेकिन इस पर भी लोगों का गुस्सा सड़कों पर है। जो पाकिस्तान हमारे कश्मीर के मानवाधिकारों का मामला यूएन में उठता है, वही पाकिस्तान अपने कब्जे वाले कश्मीर में निर्दोष लोगों की हत्या करवा रहा है। हमारे कश्मीर के अलगाववादी नेता यह बताएं जब पाक के कब्जे वाले कश्मीर में खुलेआम कत्लेआम हो रहा है तो फिर पाकिस्तान में शामिल होने के बाद हमारे कश्मीर के लोग शांति से कैसे रहें पाएंगे? असल में अलगाववादी नेता भी यह जानते हैं कि धारा 370 की वजह से कश्मीर के लोगों को जो विशेष अधिकार मिले हुए हैं, वैसे अधिकार पाकिस्तान में शामिल होने पर नहीं मिलेंगे। अलगाववादी आजाद कश्मीर का सपना छोड़ दें, क्योंकि पाकिस्तान कभी भी अपने कब्जे वाले कश्मीर को स्वतंत्र नहीं करेगा। कश्मीर के लोगों को भारत में रहते हुए जो सुविधाएं मिल रही हैं, वैसी सुविधाएं पाकिस्तान में शामिल हो जाने  पर नहीं मिलेंगी। अच्छा हो कि अलगाववादी नेता कश्मीर में फिर से हिन्दुओं को बसाएं और पर्यटन का कारोबार शुरू करें। कश्मीर का हित भारत में बने रहने से ही है। अलगाववादियों को सुरक्षा बलों पर पत्थर ही नहीं फेंकने चाहिए। यदि पत्थर नहीं फेंकेंगे तो सुरक्षा बल पेलेट गन का इस्तमाल भी नहीं करेंगे। 

(एस.पी. मित्तल)  (27-07-2016)
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कांग्रेसियों ने भैंस के आगे बीन बजा कर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रशासन को सौंपी सब्जियों की माला।

#1603
कांग्रेसियों ने भैंस के आगे बीन बजा कर महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। प्रशासन को सौंपी सब्जियों की माला।
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27 जुलाई को अजमेर के कांग्रेसियों ने महंगाई के विरोध में जिला कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान ही कलेक्ट्रेट पर एक भैंस को लाया गया और उसके आगे बीन बजाया। कांग्रेसियों का कहना था कि महंगाई के मुद्दे पर भाजपा की राज्य और केन्द्रीय सरकार की स्थिति भैंस जैसी हो गई है। जिस प्रकार भैंस के आगे बीन बजाने से कोई फायदा नहीं होता है, ठीक उसी प्रकार भाजपा की सरकार महंगाई पर किसी भी विरोध को नहीं मानती। कांग्रेसियों ने सब्जियों की एक माला अतिरिक्त कलेक्टर द्वितीय के हाथ में सौंपी। कांग्रेसियों का कहना था कि आज महंगाई से लोगों का जीना दूभर हो गया है। सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। वहीं दाल 200 रुपए प्रतिकिलो बिक रही है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार में बैठे लोगों को बाजार में महंगाई नजर नहीं आती। प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विजय जैन, पूर्व विधायक डॉ श्रीगोपाल बाहेती, ललित भाटी, राजकुमार जयपाल, विपिन बैंसिल आदि ने किया।

(एस.पी. मित्तल)  (27-07-2016)
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तो 15 वर्ष का बालक ही बना रहा था राजस्थान पुलिस को बेवकूफ। आखिर कैसे पकड़ा जाएगा गैंगस्टर आनंदपाल।

#1602
तो 15 वर्ष का बालक ही बना रहा था राजस्थान पुलिस को बेवकूफ।
आखिर कैसे पकड़ा जाएगा गैंगस्टर आनंदपाल। 
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27 जुलाई को बीकानेर में पुलिस ने एक 15 वर्ष के बालक को पकड़ा है। इस किशोर पर गैंगस्टर आनंदपाल का फेसबुक अकाउंट अपडेट करने का आरोप है। यह बालक पिछले कई माह से अपनी सोच से आनंदपाल के बारे में फेसबुक पर लिख रहा था। पुलिस यही मानकर चल रही थी कि आनंदपाल के इशारे पर ही फेसबुक को अपडेट किया जा रहा है। इसलिए साइबर विशेषज्ञों की टीम द्वारा लगातार फेसबुक अपडेट करने वाले की तलाश की जा रही थी। पुलिस को उम्मीद थी फेसबुक पर लिखने वाला पकड़ लिया जाएगा तो फिर आनंदपाल भी पकड़ा जाएगा, लेकिन 27 जुलाई को पुलिस के अरमानों पर पानी फिर गया। आनंदपाल की फेसबुक अपडेट कर जो बच्चा राजस्थान पुलिस को परेशान कर रहा था, उसका आनंदपाल से कोई सरोबार नहीं था। पकड़े जाने के बाद बच्चे ने कहा भी मैं तो मजा लेने के लिए आनंदपाल की ओर से लिख रहा था। यानि जिस आनंदपाल को ढूंढने के लिए राजस्थान की सम्पूर्ण पुलिस लगी हुई है, उसी पुलिस को एक 15 साल का बच्चा बेवकूफ बना रहा था। जब इस बच्चे को ढूंढने में पुलिस को 6 माह लग गए तो फिर आनंदपाल कैसे पकड़ा जाएगा? अभी हाल ही में एक मुठभेड़ में नागौर का जो थानेदार जख्मी हुआ है, उसने भी कहा है कि आनंदपाल ने ही गाली चलाई है। यदि जख्मी थानेदार के कथन पर भरोसा किया जाए तो आनंदपाल नागौर में ही है। लेकिन सवाल उठता है कि क्या आनंदपाल नागौर अथवा राजस्थान में रहेगा? यदि इतने सघन अभियान के बाद भी आनंदपाल नागौर में आकर एक थानेदार को गोली मार कर भाग जाए तो फिर राजस्थान पुलिस के लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने की बात है। आनंदपाल को पकडऩे के लिए पुलिस ने कोई कसर नहीं छोड़ी है। उसके सारे गुर्गों और रिश्तेदारों को पकड़ कर जेल में डाल दिया गया है। 27 जुलाई को तो नागौर के सुजानगढ़ मेगा हाइवे पर आनंदपाल की 200 बीघा भूमि को भी कुर्क कर दिया गया। इस भूमि की कीमत 80 करोड़ रुपए बताई जा रही है। आनंदपाल को भी पता है कि इस बार पुलिस से सामना हुआ तो वह जिंदा नहीं बचेगा, क्योंकि सरकार ने आनंदपाल को पकडऩे का जिम्मा अब एनकाउंटर स्पेशलिस्ट एन.एम.दिनेश (आईजी एटीएस) को सौंप दिया है। उदयपुर के एसपी रहते हुए एन.एम.दिनेश ने कुख्यात अपराधियों का एनकाउंटर किया था। यही वजह है कि इस बार आनंदपाल भी पूरी तैयारी के साथ पुलिस का सामना करेगा।

(एस.पी. मित्तल)  (27-07-2016)
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Sunday 24 July 2016

राहुल गांधी और कांग्रेस के दलित प्रेम की पोल खुली। राहुल ने अज्ञात महिला को गले लगाया।

#1592
राहुल गांधी और कांग्रेस के दलित प्रेम की पोल खुली। राहुल ने अज्ञात महिला को गले लगाया।
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कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी 22 जुलाई को गुजरात के राजकोट स्थित सिविल अस्पताल गए और बहुचर्चित उना प्रकरण में पीडि़त दलित युवकों से मुलाकात की। राहुल ने यह बताने की कोशिश की कि गुजरात में भाजपा सरकार की वजह से दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं, लेकिन राहुल के इस दलित प्रेम की पोल तब खुल गई जब अस्पताल की एक अज्ञात महिला को राहुल गांधी ने एक पीडि़त की मां मान लिया और उसे गले लगाया। राहुल ने इस महिला को भरोसा दिलाया कि कांग्रेस पीडि़तों को न्याय दिलवाएगी। राहुल के अस्पताल से बाहर आने पर पता चला कि जिस महिला को गले लगाया था उसका पीडि़त युवकों के परिवारों से कोई संबंध नहीं था। यह महिला कौन थी, इसके बारे में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरत सिंह सोलंकी को भी कोई जानकारी नहीं रही। यदि राहुल गांधी के दलित प्रेम में गंभीरता होती तो अस्पताल में पहले से ही पीडि़त युवकों के परिजनों को उपस्थित रखा जाता, लेकिन कांग्रेस को तो सिर्फ दिखावा करना था इसलिए राहुल गांधी अज्ञात महिला से ही मिल लिए। इससे राहुल गांधी की सुरक्षा की भी पोल खुल गई। मालूम हो कि राहुल गांधी को एसपीजी की सुरक्षा मिली हुई है।
एक सच्चाई यह भी :
गुजरात के उना कांड को दलितों पर अत्याचार माना जा रहा है, लेकिन अब जानकारी में आया है कि जिन आरोपियों को नामजद किया गया है उनमें अधिकांश पिछड़ी जाति के ही हैं। जानकारी के मुताबिक इन आरोपियों में गुजरात के ऊना में हुई दलितों की पिटाई के आरोपी रमेश जादव कोली (ओबीसी), नागजी वानिया आहिर (ओबीसी), राकेश जोशी ब्राह्मण (सामान्य), प्रमोदगीरी गोस्वामी (ओबीसी), बलवंतगीरी गोस्वामी  (ओबीसी), निलेश गोहिल खांट (ओबीसी), सतीश परमार मिस्त्री (ओबीसी), महमद सफी नाया मुस्लिम (ओबीसी), भरत गोहिल खांट (ओबीसी), जयदेव गोहिल खांट (ओबीसी), गोपाल गोहिल खांट (ओबीसी), सुमित गोहिल खांट (ओबीसी), प्रताप गोहिल खांट (ओबीसी), विक्रम गोहिल खांट (ओबीसी), अजीत गोहिल खांट (ओबीसी) तथा दीपक शियाल कोली (ओबीसी) शामिल हैं। 

(एस.पी. मित्तल)  (24-07-2016)
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किशनगढ़ के भंडारी मार्बल के यहां से 60 करोड़ की अघोषित आय उजागर। चार दिन चली छापामार कार्यवाही।

#1595
किशनगढ़ के भंडारी मार्बल के यहां से 60 करोड़ की अघोषित आय उजागर। चार दिन चली छापामार कार्यवाही।
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अजमेर के किशनगढ़ स्थित भंडारी मार्बल के संस्थानों से करीब 60 करोड़ रुपए की अघोषित आय उजागर हुई है। आयकर विभाग ने गत 20 जुलाई को भंडारी मार्बल के किशनगढ़, मकराना, दिल्ली, जयपुर और अहमदाबाद के 11 स्थानों पर एक साथ छापामार कार्यवाही शुरू की थी। जांच का काम 23 जुलाई को समाप्त हुआ और आज 24 जुलाई को आयकर विभाग के अधिकारियों ने 60 करोड़ रुपए की आय को अघोषित माना है। अब विभाग को यह तय करना है कि इस अघोषित आय पर कितना प्रतिशत जुर्माना वसूला जाए। विभाग के अधिकारी भंडारी मार्बल के मालिक रायचंद व दीपचंद से सीधा संवाद कर रहे हैं। विभाग के अधिकारी यह भी जानना चाहते हैं कि मालिकों ने आय को उजागर क्यों नहीं किया? भंडारी मार्बल पर हुई इस कार्यवाही से प्रदेशभर के मार्बल कारोबारियों में खलबली मची हुई है। आयकर विभाग ने यह छापामार कार्यवाही तब की, जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगामी 30 सितम्बर तक अघोषित आय उजागर करने के लिए कहा है। मोदी का कहना है कि 30 सितम्बर तक जो भी व्यक्ति अघोषित आय घोषित करेंगे, उनसे आय के स्त्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं ली जाएगी। संबंधित व्यक्ति को घोषित आय का 45 प्रतिशत सरकारी खजाने में जमा कराना होगा। 
(एस.पी. मित्तल)  (24-07-2016)
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मायावती अब लाईं यूपी में चुनावी ट्रेन को पटरी पर। सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाए का दिया नारा।

#1594
मायावती अब लाईं यूपी में चुनावी ट्रेन को पटरी पर।
सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाए का दिया नारा।
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24 जुलाई को बसपा प्रमुख मायावती ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। प्रेस कॉन्फ्रेंस का मकसद यूपी में बसपा की चुनावी ट्रेन को फिर से पटरी पर लाना था। मैं यह दावा नहीं करता कि मायावती ने 23 जुलाई को मेरा ब्लॉग पढ़ा और फिर 24 जुलाई की प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 23 जुलाई के ब्लॉग में मैंने लिखा था देश में अभी लोकतंत्र हैं और मायावती को दयाशंकर सिंह के प्रकरण में न्यायपालिका पर भरोसा करना चाहिए। आज मायावती ने कहा कि दयाशंकर के मामले में बसपा कार्यकर्ता अब कोई हंगामा नहीं करेंगे। इसके बजाए यूपी में फिर से बसपा की सरकार बनवाने के काम में जुट जाएंगे। यूपी में सिर्फ दलित मतदाता ही बसपा सरकार नहीं बनवा सकते, इस बात का ध्यान रखते हुए मायावती ने सर्व जन हिताय, सर्व जन सुखाए का नारा भी दिया। कोई पौन घंटे धारा प्रवाह बोल कर मायावती ने यह बताने की कोशिश की कि वे मुख्यमंत्री बनने के बाद सर्व समाज का ख्याल रखेंगी। उन्होंने सपा की अखिलेश सरकार को भाजपा की कटपूतली सरकार बताया। अब मायावती के यह समझ में आ गया है कि चौथी बार सीएम बनना है तो समाज के सभी वर्गों को साथ लेकर चलना होगा। यानि कल तक तो बसपा कार्यकर्ता दयाशंकर सिंह की पत्नी और बेटी  को पेश करने की बात कह रहे थे, उसके उलट मायावती ने देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में भरोसा जातया है। यह बात अलग है कि मायावती ने सपा सरकार पर जमकर राजनीतिक हमले किए। प्रेस कॉन्फ्रेंस की खासियत यह रही कि मायावती ने किसी भी पत्रकार के सवाल का जवाब नहीं दिया। अपना लिखा हुआ भाषण पढऩे के बाद मायावती ने पत्रकारों से कहा कि आपके लिए लंच का इंतजाम किया गया है। यानि सवाल पूछने के बजाए लंच खाएं और अपने घर जाएं। यानि मायावती की प्रेस कॉन्फ्रेंस एक तरफा रही।
राज्यसभा के कथन पर कार्यवाही:
मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि 21 जुलाई को राज्यसभा में दयाशंकर सिंह के मामले में उन्होंने जो कहा उसके आधार पर यूपी में सपा सरकार ने उनके विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर ली है, जबकि देश का कानून सांसदों को संसद में अपनी बात कहने का अधिकार देता है। संसद में कही बात पर एफआईआर दर्ज नहीं को सकती, लेकिन भाजपा से मिली भगत होने के कारण सपा सरकार ने एफआईआर दर्ज की है। 
राज्यपाल ने मांगी सीडी:
वहीं दूसरी ओर 24 जुलाई को ही दश शंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने यूपी के राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात की राज्यपाल को दिए गए ज्ञापन में मांग की गई कि उसने मायावती और नसीमुद्दीन सिद्दीकी के खिलाफ जो एफआईआर दर्ज कराई उस पर लखनऊ पुलिस कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। राज्यपाल ने स्वाति सिंह की मांग पर यूपी सरकार से उस घटना क्रम की सीडी मांगी है, जिसमें नसीमुद्दीन ने दया शंकर सिंह की पत्नी और 12 वर्षीय मासूम बेटी को पेश करने की बात कही। स्वाति सिंह ने मायावती को जवाब देते हुए कहा कि बसपा ने उसके सम्मान को जो क्षति पहुंची है, उस पर भी पुलिस को कार्यवाही करनी चाहिए। 

(एस.पी. मित्तल)  (24-07-2016)
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मंत्री देवनानी का ऑपरेशन टला। जयपुर के सरकारी आवास पर करेंगे आराम।

#1593
मंत्री देवनानी का ऑपरेशन टला। 
जयपुर के सरकारी आवास पर करेंगे आराम।
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राजस्थान के स्कूली शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी का 24 जुलाई को होने वाला ऑपरेशन चार दिनों के लिए टल गया है। अब देवनानी अपने जयपुर स्थित सरकारी आवास पर ही आराम करेंगे। 24 जुलाई की सुबह जब जयपुर के संतोकबा दुर्लभजी अस्पताल में ऑपरेशन के लिए देवनानी के पैर का प्लास्टर खोला गया तो पैर में सूजन थी। अस्पताल के डॉ. आशीष शर्मा ने कहा जब तक सूजन खत्म नहीं होगी, तब तक ऑपरेशन नहीं हो सकता। सूजन समाप्त होने में कम से कम चार दिन लगेंगे। चिकित्सकों की सलाह पर देवनानी अपने जयपुर वाले सरकारी आवास पर आ गए। देवनानी अब इसी आवास पर आराम करेंगे। मालूम हो कि 23 जुलाई को अजमेर में भाजपा नेता धर्मेश जैन की होटल के बाहर एक स्कूटर सवार ने देवनानी के टक्कर मार दी थी। इस टक्कर में देवनानी के दाएं पैर के घूटने के नीचे तीन जगह फ्रेक्चर हो गए। दो फ्रेक्चर तो टकने पर हुए हैं। देवनानी का प्राथमिक इलाज अजमेर के जेएलएन अस्पताल में हुआ था। अजमेर के सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों ने भी भरोसा दिलाया था कि ऑपरेशन सफलता पूर्वक हो जाएगा, लेकिन देवनानी ने सरकारी अस्पताल के बजाए जयपुर के प्राइवेट अस्पताल में ऑपरेशन करवाना उचित समझा। 

(एस.पी. मित्तल)  (24-07-2016)
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Wednesday 20 July 2016

नादानों की गलती की सजा मोदी सरकार भुगतेगी। कश्मीर की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई कि गुजरात के साथ-साथ यूपी भी भड़का।

#1577   
नादानों की गलती की सजा मोदी सरकार भुगतेगी।
कश्मीर की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई कि गुजरात के साथ-साथ यूपी भी भड़का। 
किसी ने सही कहा है कि नादान की दोस्ती जी का जंजाल है। कुछ ऐसा केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के साथ हो रहा है। आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर से लगी आग अभी कश्मीर में ठंडी भी नहीं हुई है कि गुजरात के साथ-साथ यूपी भी भड़क गया है। यूपी में भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने बसपा प्रमुख मायावती पर जो अभद्र टिप्पणी की, उसकी वजह से 20 जुलाई को राज्यसभा नहीं चल सकी। मायावती और कांग्रेस को लगता है कि एक प्रदेश स्तरीय नेता की टिप्पणी से देशभर के दलितों खासकर महिलाओं का अपमान हुआ है। मायावती ने साफ कह दिया है कि अभद्र भाषा का जवाब भाजपा को सड़कों पर दिया जाएगा। मायावती ने यह धमकी राज्यसभा में 20 जुलाई को दोपहर 3 बजे दी और अगले एक घंटे में दयाशंकर सिंह ने टीवी चैनलों पर मायावती और बसपा के कार्यकर्ताओं से बिना शर्त माफी मांग ली। इतना ही नहीं कुछ ही देर में दयाशंकर को भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद से बर्खास्त भी कर दिया गया। लेकिन ऐसा लगता नहीं है कि मायावती का यह मामला अभी समाप्त हो जाएगा। हालांकि राज्यसभा में भी केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने भी भाजपा और स्वयं की ओर से खेद प्रकट कर दिया था, लेकिन कांग्रेस और बसपा के सांसदों ने जो हंगामा किया, उसकी वजह से राज्यसभा को स्थगित करना पड़ा। दया शंकर ने जो गलती की है, उसका खामियाजा मोदी सरकार को उठाना ही पड़ेगा। इसी प्रकार गुजरात के उना में दलित युवकों की पीटाई के मामले में भी तूल पकड़ रखा है। गुजरात में पिछले कुछ दिनों से हिंसक वारदातें हो रही हैं। चूंकि गुजरात में भाजपा की सरकार है, इसलिए उना की घटना का खामियाजा भी नरेन्द्र मोदी की सरकार को ही उठाना पड़ेगा। चूंकि अगले वर्ष यूपी में विधानसभा के चुनाव होने हैं, इसलिए मायावती और उना के मामले राजनीतिक दृष्टि से गर्म होते रहेंगे। जहां तक दोनों ही मामलों का सवाल है तो इसमें सख्त से सख्त कार्यवाही होनी ही चाहिए।
S.P. Mittal (20-07-2016) (www.spmittal.in) M-9829071511 
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वसुंधरा के मंत्रियों के आने से पहले ही अजमेर के वरिष्ठ भाजपा नेता और यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेेश जैन ने राजनीति का बम फोड़ा।

#1576
वसुंधरा के मंत्रियों के आने से पहले ही अजमेर के वरिष्ठ भाजपा नेता और यूआईटी के पूर्व अध्यक्ष धर्मेेश जैन ने राजनीति का बम फोड़ा।
भाजपा की राजनीति में उपेक्षित चल रहे अजमेर नगर सुधार न्यास के पूर्व अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता धर्मेश जैन ने 20 जुलाई को प्रशासनिक तंत्र पर राजनीतिक हमला किया है। जैन ने राजनीति का बम तब फोड़ा है, जब 21 जुलाई को वसुंधरा राजे की सरकार के पांच मंत्री अजमेर आ रहे हैं। यह पांचों मंत्री बताएंगे कि राजस्थान में वसुंधरा राजे के नेतृत्व में किस प्रकाश से सुशासन हो रहा है। लेकिन इन मंत्रियों के आने से पहले ही 20 जुलाई को धर्मेश जैन ने जयपुर रोड स्थित अपनी होटल एम्बेसी में एक संवाददाता सम्मेलन आयोजित कर लिया। जैन ने पत्रकारों से कहा कि अजमेर विकास प्राधिकरण ने जयपुर रोड स्थित दीपक नगर योजना को समाप्त करने का जो निर्णय लिया है, वह अजमेर के हित में नहीं है। एक ओर अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाने की कवायद चल रही है। दूसरी ओर शहरी सीमा के अंदर प्राधिकरण की योजना को समाप्त किया गया है। ऐसे में स्मार्ट सिटी के अनुरूप शहर का विकास नहीं होगा। जैन ने मांग की कि उन कारणों की जांच होनी चाहिए जिसके अंतर्गत दीपक नगर योजना को समाप्त करने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि वे वर्तमान अध्यक्ष शिव शंकर हेड़ा पर कोई आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन इतना जरूर बताना चाहते हैं कि भाजपा के पिछले शासन में जब वे इस संस्था के अध्यक्ष थे, तो उन्होंने योजना को आगे बढ़ाया था। हालांकि तब भी उन पर दीपक नगर योजना को समाप्त करने का दबाव था, लेकिन वे किसी भी दबाव में नहीं आए। उन्होंने ईमानदारी बरतते हुए योजना के वजूद को बनाए रखा। उन्होंने माना कि वह भाजपा के जिम्मेदार और निष्ठावान नेता है, लेकिन जब अपने शहर में कोई गलत काम होता है तो उनकी अंतर्रात्मा जाग उठती है। वह एक राजनीतिज्ञ होने से पहले जागरुक नागरिक भी हैं। आज शहर में जिस तरह से अतिक्रमण और अवैध निर्माण हो रहे हैं, उसका खामियाजा भी स्मार्ट सिटी की योजना को उठाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो अधिकारी इस शहर का अहित कर रहे हैं, उनकी भी पहचान कर कार्यवाही की जाए।
नहीं हो रहे जनहित के कार्य:
धर्मेश जैन ने आरोप लगाया कि अजमेर शहर में जनहित के कार्य नहीं हो रहे हैं। सार्वजनिक उद्यानों और स्थलों का उपयोग व्यावसायिक हो गया है। कोई भी संस्था न तो नए उद्यान बना रही है और न ही पुराने उद्यानों का संरक्षण किया जा रहा है। पुष्कर घाटी में सुरंग बनाने को भी जैन ने गलत माना है। उन्होंने कहा कि इससे पुष्कर घाटी का प्राकृतिक सौंदर्य समाप्त हो जाएगा। इसी प्रकार घाटी पर बने महाराणा प्रताप स्मारक के अंदर पार्किंग स्थल बनाए जाने का भी जैन ने विरोध किया है। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप स्मारक और पुष्कर घाटी में सांझी छत का निर्माण उन्हीं के कार्यकाल में हुआ था। प्राधिकरण के अधिकारियों को मूल योजना के स्वरूप को बिगाडऩा नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि न्यास के अध्यक्ष के पद पर रहते हुए जो कार्य उन्होंने किए उनका मूल्यांकन मीडिया को भी करना चाहिए। जैन ने इस बात पर भी अफसोस जताया कि झूठे आरोपों के चलते उन्हें दो वर्ष में ही अध्यक्ष के पद से हटा दिया गया, इससे मेरा नहीं  बल्कि शहर का नुकसान हुआ है। यदि मैं तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करता तो वैशाली नगर क्षेत्र में बने गौरव पथ की दशा ही अलग होती। एक सुनियोजित षडय़ंत्र कर मुझे अध्यक्ष के पद से हटवा दिया गया। मेरे हटने के बाद   गौरवपथ पर प्रभावशाली व्यक्तियों ने जी माल जैसे अवैध निर्माण कर लिए। जी मॉल की वजह से आज भी गौरव पथ बिगड़ा पड़ा है। धर्मेश जैन ने प्राधिकरण  के अध्यक्ष हेड़ा को सलाह दी कि वे भू-कारोबारियों व भ्रष्ट अधिकारियों से बचकर रहे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि उनकी मंशा अपनी ही पार्टी और सरकार की इमेज खराब करना नहीं है, लेकिन वे चाहते हैं कि शहर में जनहित के काम हो।
पांच मंत्री आएंगे:
वसुंधरा राजे की सरकार की उपलब्धियों को बताने और लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए 21 जुलाई को स्वास्थ्य मंत्री राजेन्द्र सिंह राठौड़, सुरेन्द्र पाल सिंह, गजेन्द्र सिंह खींवसर, दिगम्बर सिंह तथा अमराराम चौधरी अजमेर आएंगे।
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मियां नवाज शरीफ और हाफिज सईद एक ही भाषा बोले। अब राष्ट्रभक्त मुसलमानों को देना होगा मुंह तोड़ जवाब।

#1578 
मियां नवाज शरीफ और हाफिज सईद एक ही भाषा बोले। अब राष्ट्रभक्त मुसलमानों को देना होगा मुंह तोड़ जवाब।
कश्मीर में आतंकी बुरहान वानी के एनकाउन्टर के विरोध में 20 जुलाई को पाकिस्तान में काला दिवस मनाया गया। इस मौके पर पाक पीएम मियां नवाज शरीफ और मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद ने एक ही भाषा बोली। शरीफ का कहना था कि पाकिस्तान कश्मीर के लिए संघर्ष करता रहेगा और कश्मीर में आजादी को लेकर जो आंदोलन चल रहा है उसे समर्थन देता रहेगा। पाकिस्तान कभी भी कश्मीर पर अपना हक नहीं छोड़ सकता है। इसी प्रकार हाफिज सईद ने कहा कि कश्मीर में ही नहीं पाकिस्तान में भी सड़कों पर आंदोलन किया जा रहा है। सईद का कहना रहा कि बुरहान वानी ने अपने एनकाउन्टर से पहले उनसे फोन पर बात की थी। सईद ने जिस दावे के साथ यह बात कही, उससे उन लोगों को सबक लेना चाहिए जो कश्मीर के अलगाववादियों के हितैषी हैं। यानि बुरहान वानी कश्मीर में जो हिंसक गतिविधियां कर रहा था उसके पीछे हाफिज सईद खड़ा था। स्वाभाविक है कि वानी के एनकाउंटर से नवाज शरीफ और हाफिज सईद दोनों को झटका लगा है। अब यह बात पूरी तरह साफ हो गई है कि पाकिस्तान में जो आतंकी संगठन हैं उनके इशारों पर ही हमारे कश्मीर में आतंकी और अलगाववादी वारदातें हो रही है। ऐसे में राष्ट्रभक्त मुसलमानों का यह दायित्व है कि वे आतंकियों को मुंह तोड़ जवाब दें। इसमें कोई दो राय नहीं कि समय-समय पर अनेक मुस्लिम धर्मगुरु आतंकियों को करारा जवाब भी देते है। इनमें अजमेर स्थित ख्वाजा साहब की दरगाह के दीवान सैयद जैनुल आबेदीन प्रमुख धर्मगुरु है। हमें कश्मीर के आतंकियों को जवाब देने के साथ-साथ भारतीय सेना की भी हौसला अफजाही करनी चाहिए। जब पाकिस्तान की सरकार काला दिवस मना सकती है तो क्या हम भारतीय सेना का समर्थन नहीं कर सकते? सब जानते हैं कि यदि हमारे जवान मोर्चा न संभालें तो पाकिस्तान में बैठे आतंकी हमारे कश्मीर को छीन लें। गंभीर बात तो यह है कि ऐसे आतंकियों को पाकिस्तान की सरकार का खुला समर्थन है।
गुरेज घाटी में सूफीवाद :
कश्मीर के श्रीनगर, बारामुला आदि में जहां आतंकी घटनाएं देखने को मिलती हैं, वहीं गुरेज घाटी में सूफीवाद का झण्डा लहर रहा है। गुरेज घाटी के मुसलमानों को हिन्दुस्तान जिन्दाबाद कहने में कोई गुरेज नहीं है। यहां के मुसलमानों का कहना है कि वे पाकिस्तान के साथ कभी नहीं जाएंगे। इतना ही नहीं गुरेज घाटी के लोगों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भी भरोसा है। स्थानीय मुसलमानों का मानना है कि जो आजादी भारत में रहते हुए मिली हुई है वह पाकिस्तान में शामिल होने पर नहीं मिलेगी। बशीर नाम के एक मौलाना ने मीडिया से कहा है कि सिर्फ श्रीनगर में फोकस करने के बजाय यहां गुरेज घाटी का भी कवरेज करें। गुरेज घाटी में सूफीवाद का झण्डा लहर रहा है। 
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Tuesday 19 July 2016

प्रधानमंत्री राजस्थान की शिक्षा नीति की सराहना की। शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने की मुलाकात।

#1575
प्रधानमंत्री राजस्थान की शिक्षा नीति की सराहना की।
शिक्षा राज्यमंत्री देवनानी ने की मुलाकात।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजस्थान की शिक्षा नीति और सरकारी स्कूलों में हुए सुधार की सराहना की है। इसके लिए प्रधानमंत्री ने प्रदेश के शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी को बधाई भी दी। 19 जुलाई को देवनानी ने दिल्ली में लोकसभा स्थित प्रधानमंत्री कक्ष में मोदी से मुलाकात की। इस मुलाकात में सबसे पहले देवनानी ने अजमेर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने के प्रस्ताव के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया। मुलाकात के दौरान देवनानी ने राजस्थान में शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधार के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पिछले कई वर्षों से पदोन्नति का जो काम उलझा हुआ था, उसे सुलझाया गया है। पदोन्नति के बाद शिक्षकों को काउंसलिंग के जरिए नियुक्ति दी गई। काउंसलिंग की भी एक नीति बनाई गई इसमें महिला शिक्षिकाओं को प्राथमिकता दी गई। देवनानी ने प्रधानमंत्री को बताया कि शिक्षकों की नियुक्ति के नाम पर पूर्व में जो भ्रष्टाचार होता था उसे काउंसलिंग के जरिए समाप्त कर दिया गया है। प्रधानमंत्री को बताया गया कि प्रदेश के सभी सरकारी खासकर बालिकाओं के विद्यालयों में शौचालय का निर्माण करवा दिया गया है। कांग्रेस के शासन में वाह-वाही लूटने के लिए जगह-जगह जो स्कूल खोले गए उसके बजाय नई नीति के अन्तर्गत स्कूलों को समायोजित किया गया। इसका नतीजा यह निकला कि अब सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या भी बढ़ी है। इतना ही नहीं स्कूलों में विषयवार शिक्षकों की नियुक्ति भी सुनिश्चित की गई है। देवनानी ने प्रधानमंत्री को बताया कि विभिन्न श्रेणियों के 30 हजार से भी ज्यादा शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उनका प्रयास है कि सरकारी स्कूलों को पब्लिक स्कूलों के मुकाबले तैयार किया जाए। पिछले दो वर्षों में राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के परिणाम में भी वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा कि प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में जो क्रांतिकारी बदलाव हो रहे हैं उसमें मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का मार्गदर्शन भी है। मुलाकात के बाद देवनानी ने बताया कि प्रधानमंत्री ने प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधार की सराहना करते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों के माध्यम से गांव-ढाणी के बच्चों खासकर लड़कियों को शिक्षा दिलानी चाहिए।
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(एस.पी. मित्तल)  (19-07-2016)
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क्या अब राहुल गांधी आरएसएस से माफी मांगेेंगे? सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख।

#1573
क्या अब राहुल गांधी आरएसएस से माफी मांगेेंगे? सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख। 
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19 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी से कहा कि वे या तो राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से माफी मांगे या फिर मानहानि के मुकदमे में ट्रायल फेस करें। सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्देश राहुल गांधी की याचिका पर ही दिए हैं। इस याचिका में मांग की गई थी कि महाराष्ट्र की एक निचली अदालत ने मानहानि के मामले में प्रसंज्ञान लिया है,उसे रद्द किया जाए, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि यदि राहुल गांधी माफी नहीं मांगते हैं तो उन्हें ट्रायल फेस करना ही होगा। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की हत्या के लिए संघ को जिम्मेदार ठहराने वाले बयान पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी को संघ की सामूहिक निंदा नहीं करनी चाहिए थी। नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारा, आरएसएस के लोगों ने गांधी को मारा, इन दोनों बातों में बहुत फर्क है। कोर्ट ने कहा कि जब आप किसी व्यक्ति विशेष के बारे में बोलते हैं तो आपको सतर्क रहना चाहिए। अब इस मामले में 27 जुलाई को सुनवाई होगी। मालूम हो कि संघ को महात्मा गांधी का हत्यारा बताने को लेकर संघ की भिवंडी ईकाई के सचिव राजेश कुंटे ने अदालत में मानहानि का वाद दायर किया था। अब देखना है कि इस मुद्दे पर राहुल गांधी माफी मांगते हैं या फिर भिवंडी की अदालत में उपस्थित होते हैं। कांग्रेस के ताजा रुख से लगता है कि राहुल गांधी माफी मांगने के बजाए निचली अदालत में ही उपस्थित होंगे। कांग्रेस इस पूरे मुद्दे को राजनीतिक दृष्टि से भुनाना चाहती है। 


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(एस.पी. मित्तल)  (19-07-2016)
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घर से खाने का टिफिन लाएंगे और सरकारी कार्यशाला में भाग लेंगे स्कूलों के विद्यार्थी। सिखेंगे भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीने की कला।

#1572
घर से खाने का टिफिन लाएंगे और सरकारी कार्यशाला में भाग लेंगे स्कूलों के विद्यार्थी। सिखेंगे भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीने की कला।
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सरकारी खर्चे पर होने वाली गोष्ठियों, कार्यशालाओं आदि के बारे में बहुत सुना गया है। एनजीओ द्वारा आयोजित ऐसे कार्यक्रमों में सरकारी धन का जिस तरह दुरुपयोग किया जाता है, इसके बारे में भी सबको जानकारी है, लेकिन अजमेर में 22 और 23 जुलाई को स्कूली विद्यार्थियों की जो कार्यशाला हो रही है, उनमें विद्यार्थी अपने घरों से खाने का टिफिन लाएंगे और हमारे वसुदेव कुटुम्ब की पंरपरा को निभाते हुए सामूहिक रूप से भोजन करेंगे। यह सीख बच्चों को इसलिए दी जा रही है, ताकि वे भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन जीना सीखेें। भारत सरकार के कला एवं संस्कृति मंत्रालय और विद्या भारती संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय कार्यशाला अजमेर के भगवान गंज स्थित शहीद अविनाश माहेश्वरी आदर्श विद्या निकेतन में हो रही है। दो दिनों तक चलने वाली इस कार्यशाला में अजमेर शहर की सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी भाग लेंगे। टीवी और इंटरनेट में जब युवा वर्ग पूरी तरह जकड़ा हुआ है, तब विद्या भारती संस्थान ने स्कूली विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति के अनुरूप जीवन यापन की जानकारी देने का बीड़ा उठाया है। ऐसी कार्यशालाएं देश के छह हजार स्थानों पर आयोजित की जाएगी। 
कार्यशाला में भारतीय मूल्यों व संस्कृति की स्थापना तथा रंगमंचीय कार्यक्रम के साथ-साथ साहित्य लेखन की भी जानकारी दी जाएगी। विज्ञान एवं तकनीकी क्षेत्र में भारतीय उपलब्धियों की भी जानकारी होगी। योग मनुष्य को किस प्रकार स्वस्थ बनाता है, इसकी भी जानकारी विस्तार के साथ दी जाएगी। विद्यालय प्रबंधन समिति के सचिव जीवेन्द्र कुमार ने बताया कि वर्तमान दौर में युवा हमारी नैतिक मूल्य वाली संस्कृति से दूर हो रहा है। इसलिए युवा वर्ग अनेक बुराईयों से ग्रसित हो गया है। आज जिस प्रकार नशे की प्रवृत्ति बढ़ रही है, उससे तो योग्य युवा का भी जीवन खराब हो रहा है। इन सब बुराईयों को भारतीय संस्कृति से ही रोका जा सकता है। यदि स्कूल स्तर पर ही भारतीय संस्कृति के अनुरूप विद्यार्थियों को जीना सिखाया जाए तो फिर आगे चलकर युवा कभी भी किसी भी बुराई की ओर आकर्षित नहीं होंगे। 

(एस.पी. मित्तल)  (19-07-2016)
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पीएचईडी के एडीशनल चीफ इंजीनियर सुबोध जैन को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। सरकारी संरक्षण के बिना ली जा सकती है रिश्वत?

#1571
पीएचईडी के एडीशनल चीफ इंजीनियर सुबोध जैन को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते पकड़ा। सरकारी संरक्षण के बिना ली जा सकती है रिश्वत?
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19 जुलाई को एसीबी की टीम ने जयपुर के पीएचईडी के एडीशनल चीफ इंजीनियर सुबोध जैन को 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। जैन उस विभाग के इंजीनियर हैं जिसकी मंत्री किरण माहेश्वरी है। जब भी कोई भ्रष्ट अफसर या इंजीनियर रिश्वत लेते पकड़ा जाता है तब राजनीतिक संरक्षण की बात ही सामने आती है। एसीबी अपने स्तर पर भ्रष्टाचार की तो जांच करेगी ही, लेकिन अब यह भी उजागर होना चाहिए कि जैन की नियुक्ति के लिए किस नेता, विधायक, सांसद अथवा मंत्री ने सिफारिश की थी। कोई माने नहीं, लेकिन 5-5 लाख रुपए की रिश्वत को एक इंजीनियर हजम नहीं कर सकता है। 5 लाख रुपए की राशि उपर तक किन लोगों को बटती थी इसकी भी जांच होनी चाहिए।
अनोखा है रिश्वत कांड :
सुबोध जैन के रिश्वत कांड में कोई शिकायतकर्ता नहीं है। एसीबी के एएसपी नरोत्तम लाल वर्मा के अनुसार गुडग़ांव की एक फर्म के प्रस्तावित प्रोजेक्ट को सरलता के साथ स्वीकृत करने के लिए ही जैन को एडवांस में रिश्वत दी गई थी। एसीबी ने अपने सोर्स से जानकारी एकत्रित कर जैन और फर्म के अधिकारियों को रंगे हाथों पकड़ा है। स्वाभाविक है कि अब छानबीन में जैन के पास से करोड़ों रुपए की सम्पत्ति मिलेगी। घर से जो 9 लाख रुपए नकद मिले हैं, उसके बारे में जैन का कहना है कि उन्हें इस राशि की जानकारी नहीं है, इसलिए एसीबी का मानना है कि ये 9 लाख की रिश्वत के ही हैं। जैन के बैंक लॉकर भी सोना-चांदी और रुपए उगलेंगे। 

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(एस.पी. मित्तल)  (19-07-2016)
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Monday 18 July 2016

मुख्यमंत्री के आने से पहले भाजपाईयों को किया संतुष्ट। अजमेर शहर में संगठन का पता नहीं, लेकिन सरकारी कमेटियां बनाई। कलेक्टर का भी रहा सकारात्मक रूख। --------------------------------------------

#1567
मुख्यमंत्री के आने से पहले भाजपाईयों को किया संतुष्ट। अजमेर शहर में संगठन का पता नहीं, लेकिन सरकारी कमेटियां बनाई। कलेक्टर का भी रहा सकारात्मक रूख।
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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अजमेर आने से पहले-पहले की जा रही तैयारियों के अंतर्गत ही अब भाजपा कार्यकर्ताओं को भी संतुष्ट करने की कवायद शुरू हो गई है। जिला कलेक्टर गौरव गोयल ने जिला स्तरीय विभिन्न सरकारी कमेटियों में सौ से भी ज्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं को शामिल किया है। हालांकि कमेटियों की घोषणा कलेक्टर ने की हंै, लेकिन सब जानते हैं इसके पीछे सत्तारूढ़ पार्टी के संगठन की भूमिका होती है। जानकार सूत्रों के अनुसार भाजपा के देहात अध्यक्ष प्रो बी.पी.सारस्वत और शहर अध्यक्ष अरविन्द यादव के माध्यम से ही कार्यकर्ताओं की सूची तैयार हुई थी। इन दोनों ने ही भाजपा के विधायकों से विचार विमर्श कर कार्यकर्ताओं के नामों को अंतिम रूप दिया। यह सूची तब बनी थी जब शिक्षा राज्यमंत्री वासुदेव देवनानी अजमेर के प्रभारी मंत्री थे। इस सूची में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री श्रीमती अनिता भदेल को भी पूरी तरह संतुष्ट किया गया। जानकारों की माने तो यह सूची पिछले दो माह से सीएमओ में पड़ी हुई थी। अब चूंकि स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में भाग लेने के लिए 15 अगस्त को मुख्यमंत्री अजमेर आ रही हंै, इसलिए सूची को सीएमओ से जिला कलेक्टर के पास भेज दिया गया। कलेक्टर ने भी हाथो-हाथ सरकारी स्तर पर सूची जारी कर दी। कहा तो यह भी जा रहा है कि सूची को अंतिम रूप देने में कलेक्टर गोयल का भी सकारात्मक रूख रहा। सूची को जारी करने से पहले जिला पुलिस अधीक्षक डॉ नितिनदीप ब्लग्गन के माध्यम से सभी सदस्यों की गोपनीय पुलिस जांच करवाई गई। कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ अपराधिक मुकदमे होने की बात सामने आई। सूत्रों के अनुसार कलेक्टर गोयल ने अपने स्तर पर यह आग्रह किया कि ऐसे कार्यकर्ताओं के नाम सूची से हटा दिए जाएं। कलेक्टर के इस सकारात्मक रूख की प्रशंसा भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने की। सभी ने इस कदम की भी सराहना की कि सूची जारी होने से पहले पुलिस जांच करवाई गई है।
शहर में संगठन पर सवाल :
अजमेर देहात भाजपा की कार्यकारिणी की घोषणा हो चुकी है, लेकिन शहर में अभी तक भी नई कार्यकारिणी नहीं बन सकी है। शहर में भाजपा के दोनों मंत्रियों की आपसी खींचतान की वजह से पुराने अध्यक्ष अरविन्द यादव से ही काम चलाया जा रहा है। इसमें कोई दोराय नहीं कि यादव ने पुराने पदाधिकारियों के माध्यम से ही तालमेल बैठने का प्रयास किया है। यही वजह रही कि जिला स्तरीय कमेटियों के सदस्यों के नामों को अंतिम रूप देने में भी यादव की सक्रिय भूमिका रही है। कमेटियों के गठन के लिए बड़े नेताओं की जो कोर कमेटी बनी, उसमें यादव के प्रस्तावों को भी माना गया है।
(एस.पी. मित्तल)  (18-07-2016)
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नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में आप के सीएम उम्मीदवार होंगे। कपिल शर्मा के कॉमेडी शो का क्या होगा? ------------------------------------------

#1568
नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में आप के सीएम उम्मीदवार होंगे।
कपिल शर्मा के कॉमेडी शो का क्या होगा?
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19 जुलाई को राज्य सभा से इस्तीफा देकर पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू ने भाजपा के साथ-साथ कॉमेडी किंग कपिल शर्मा को भी तगड़ा झटका दिया है।  माना जा रहा है कि सिद्धू अब पंजाब के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे। सिद्धू को हाल ही में राज्यसभा का सांसद भाजपा ने बनवाया था। पिछले दो वर्षों से सिद्धू भाजपा से नाराज चल रहे थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दखल के बाद सिद्धू को राज्यसभा में भेजा गया था, लेकिन इस पर भी सिद्धू संतुष्ट नहीं हुए। इस बीच अरविंद केजरीवाल ने सिद्धू के समक्ष पंजाब में सीएम उम्मीदवार का प्रस्ताव रख दिया। असल में आप को भी पंजाब में कोई लोकप्रिय पंजाबी चेहरा चाहिए। इसमें सिद्धू पूरी तरह फिट बैठते हैं। सिद्धू ने भाजपा के साथ-साथ कॉमेडीकिंग कपिल शर्मा को भी झटका दिया है। कपिल शर्मा का कॉमेडी शो कलर्स टीवी के बजाए सोनी टीवी पर आने की वजह से पहले ही संकट के दौर से गुजर रहा है और अब सिद्धू के भी पंजाब में चुनाव अखाड़े में उतरने से कॉमेडी शो को और झटका लगेगा। स्वभाविक है कि सिद्धू पंजाब में सीएम पद के उम्मीदवार होंगे तो कपिल शर्मा का कॉमेडी शो नहीं कर पाएंगे। सब जानते हैं कि कपिल के शो में सिद्धू की उपस्थिति ही कॉमेडी करती नजर आती है। लोगों को हंसाने में सिद्धू का चेहरा ही काफी होता है। 
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कश्मीर के हालात बिगाडऩे का जिम्मेदार कौन? टीवी चैनल या पाकिस्तान।

#1569
कश्मीर के हालात बिगाडऩे का जिम्मेदार कौन? टीवी चैनल या पाकिस्तान।
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18 जुलाई को कश्मीर घाटी के ताजा हालातों को लेकर राज्य सभा में एक सार्थक बहस हुई। इस बहस में गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस पार्टी का पक्ष रखते हुए टीवी चैनलों को भी जिम्मेदार माना तो वहीं सरकार का पक्ष रखते हुए अरुण जेटली ने कहा कि इसके लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है। आजाद का कहना रहा कि दूरदर्शन के साथ-साथ निजी चैनलों पर ऐसे मुस्लिम नेताओं और विद्वानों को बैठा लिया जाता है जो इस्लाम और कुरान की ही निंदा करने लगते हैं। इसकी वजह से कश्मीर के युवा भड़कते हैं। उन्होंने बांग्लादेश से निष्कासित लेखिका तस्लीमा नसरीन का नाम लेते हुए कहा कि जिस महिला को अपने देश में जगह नहीं है वह भारत के न्यूज चैनलों पर बैठ कर इस्लाम और कुरान की बुराई करती है। 
तस्लीमा तो अपनी जुबान से पेट्रोल डालने का काम कर रही हैं। आजाद ने कहा कि ऐसे चैनल ही कश्मीर की बर्बादी का कारण बनेंगे। सरकार को ऐसे चैनलों को नियंत्रण करने की जरुरत है। सरकार यदि जाकिर नाईक के भाषाणों की जांच करवाती है तो उसे उस साध्वी के खिलाफ भी कार्यवाही करनी चाहिए, जिसने जाकिर नाईक का सिर कलम करने वाले को पचास लाख रुपए ईनाम देने की घोषणा की है। आजाद ने पाकिस्तान को भी चेताया कि वह हमारे कश्मीर के आतंरिक मामलों में दखल न दें। कांग्रेस के उठाए सवालों का जवाब देते हुए केन्द्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कश्मीर के हालात बिगडऩे का कारण टीवी चैनल नहीं बल्कि पाकिस्तान हैं। असल में आजादी के समय से ही पाकिस्तान ने कश्मीर को भारत का हिस्सा नहीं माना। तीन बार की जंग के बाद भी जब सफलता नहीं मिली तो आतंकवाद को बढ़ावा दिया और जब आतंकवाद भी बेअसर हुआ तो कश्मीर के युवाओं को ही अलगाववादी बना दिया। अब पत्थरबाजी का नया पैंतरा काम में लिया जा रहा है। जेटली ने गुलाम नबी आबाद के इस आरोप को भी खारिज कर दिया कि एक कारण जम्मू कश्मीर में भाजपा और पीडीपी की सरकार भी है। जेटली ने कहा मैं कांग्रेस के पिछले इतिहास में जाना नहीं चाहता, लेकिन सब जानते हैं कि किसी राष्ट्रीय राजनीतिक दल को नेशनल कॉन्फ्रेंस अथवा पीडीपी के सहयोग से ही सरकार बनानी पड़ती है। कांग्रेस ने तो एनसी के साथ-साथ पीडीपी को लेकर भी सरकार बनाई। ऐसे में कांग्रेस को अब भाजपा-पीडीपी के गठबंधन सरकार पर ऐतराज नहीं होना चाहिए यह माना कि पीडीपी और भाजपा में सैद्धांतिक मतभेद हैं, लेकिन भाजपा ने राष्ट्रहित को देखते हुए जम्मू-कश्मीर में निर्वाचित सरकार का गठन करवाया है। जेटली ने विश्वास के साथ कहा कि कश्मीर के हालातों पर शीघ्र नियंत्रण पा लिया जाएगा। 

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समधन किरण माहेश्वरी के कारण नहीं बल्कि अपने काम के बल पर सफल हुए प्रो. सोडानी। एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर दो वर्ष पूरे होने पर विशेष।

#1570
समधन किरण माहेश्वरी के कारण नहीं बल्कि अपने काम के बल पर सफल हुए प्रो. सोडानी। 
एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर दो वर्ष पूरे होने पर विशेष।
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अजमेर स्थित एमडीएस यूनिवर्सिटी के कुलपति के पद पर प्रो. कैलाश सोडानी को 18 जुलाई को दो वर्ष पूरे हो गए। सब जानते हैं कि प्रोफेसर सोडानी की पुत्री का विवाह प्रदेश की जलदाय मंत्री और भाजपा की वरिष्ठ नेता किरण माहेश्वरी के पुत्र के साथ हुआ है। इसीलिए यह माना जाता है कि प्रो. सोडानी की सफलता के पीछे समधन किरण माहेश्वरी का हाथ है, लेकिन यूनिवर्सिटी में कुलपति के पद पर रहते हुए प्रो. सोडानी ने यह साबित किया कि वे अपने काम के बल पर सफल हुए हैं। कुलपति के तौर पर जो महत्त्वपूर्ण फैसले किए उसकी वजह से यूनिवर्सिटी में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिले। प्रो. सोडानी एक सफल शिक्षाविद् भी हैं। इसलिए उन्होंने प्रशासनिक ढर्रे को सुधारने के साथ यूनिवर्सिटी की एकेडमिक स्थिति को भी सुधारा। प्रो. सोडानी के खास फैसले निम्न प्रकार है:-
 परीक्षा संबंधी कार्यों में पारिश्रमिक राशि को दो गुना करना। 
 संबंद्ध कॉलेजों में व्याख्याता की कमी पर पैनेल्टी के बजाए नियुक्ति पर जोर। 
 विश्वविद्यालय परिसर में दस नए पाठ्यक्रम शुरू करवाए। 
 बंद पड़े शोध कार्य की शुरुआत।
 एसोसिएट प्रोफेसरों को प्रोफेसर के पद पर पदोन्नति। 
 1998 के बाद पहली बार 22 शिक्षकों की नियुक्ति की मंजूरी। 
 15 वर्ष के बाद सहायक रजिस्ट्रार की नियुक्ति। 
 विश्वविद्यालय में सिंधु पीठ, अम्बेडकर पीठ और पृथ्वीराज शोध पीठ की स्थापना।
 सात साल बाद 2015 में दीक्षांत समारोह का आयोजन।
 उत्तर पुस्तिका मूल्यांकन में बार कोडिंग की व्यवस्था लागू। 
 विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार यूथ फेस्टिवल का आयोजन। 
 भरत मुनि रंगमंच व विभिन्न भवनों का निर्माण। 
 ऑन लाइन प्रवेश प्रक्रिया। 
 छात्र संघ चुनाव पहली बार। 
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Sunday 17 July 2016

बरसात के मौसम में शानदार रहा गीत, गज़ल और कविता का कार्यक्रम। अजमेर के डॉ. हरीश को मिला मीरा पुरस्कार।

#1566
बरसात के मौसम में शानदार रहा गीत, गज़ल और कविता का कार्यक्रम। 
अजमेर के डॉ. हरीश को मिला मीरा पुरस्कार। 
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17 जुलाई को अजमेर के इंडोर स्टेडियम में गीत, गज़ल और कविता का शानदार कार्यक्रम हुआ। अजयमेरु प्रेस क्लब  और नाट्य वृंद संस्था के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध कवि डॉ. हरीश को मीरा पुरस्कार से सम्मानित भी किया गया। डॉ. हरीश अस्वस्थ्यता के कारण मीरा पुरस्कार लेने के लिए चित्तौड़ नहीं जा सके, इसलिए मीरा स्मृति संस्थान के अध्यक्ष भंवर लाल सिसोदिया, सत्यनारायण समदानी आदि ने अजमेर आकर डॉ. हरीश को सम्मान से नवाजा। डॉ. हरीश को यह पुरस्कार मीरा पर लिखे अपने काव्य संग्रह दिव्य प्रणाम पर मिला है। संस्थान की ओर से डॉ. हरीश को 11 हजार रुपए की नकद राशि और प्रशस्ति पत्र दिया गया। इस मौके पर डॉ. हरीश ने अपनी मधुर आवाज में गीत भी सुनाए। 
डॉ. हरीश ने अपनी रचना दर्द जन्मे तो एक दावत हो, सामने तू हो तो अदावत होÓ और 'बहुत खोज की तू एक पहेली ही निकली, जिंदगी तेरे नाम से डर लगता हैÓ जैसे भावपूर्ण गीतों के साथ-साथ 'सुर्ख अधरों पर पलाशों को निचोड़ा किसने' जैसे श्रंगार रस से ओत-प्रोत गीतों को गाते हुए श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया। 
गोष्ठी में गज़लगों सुरेन्द्र चतुर्वेदी ने 'अब के मौसम में फूलों ने की खुदकुशी, दूर से देखकर तितलियां रो पड़ीं और घर गिरा कर मेरा आंधियां रो पड़ीÓ गज़ल सुनाकर खूब तालियां बटोरीं। रासबिहारी गौड़ ने हास्य की लीक से हटकर जब 'मुखौटों के सामने चेहरे लेकर घूमता हंूÓ और 'पिता आंखों की चोरी और चेहरे पे छुपा दर्द आसानी से पढ़ लेते थेÓ संजीदा कविताएं सुनाई तो सभी वाह-वाह कर उठे। युवा कवियित्री डॉ विमलेश शर्मा ने भी पिता के अहसास की संवेदनाओं को अपनी कविता 'अक्सर टूट जाते हैं पिता जब उनकी बेटियां काँच की मानिंद बिखर जाती हैÓ में बखूबी बताया। बख्शीश सिंह ने 'दौडऩा सीखकर चलना भूल गयाÓ के साथ अपनी एक पंक्ति की कविता भी सुनाई। 
'बरस जाते हैं बादल भी मेघ मल्हार से आओ भीग जाएं कविता की फहार सेÓ जैसी रोचक काव्योक्तियों से बंधा संचालन करते हुए उमेश कुमार चौरसिया ने 'बच्चों को उनका बचपन लौटा दो' और 'उसके गुनाहों का हिसाब मांगे कैसे, जमीर के बिक जाने की रसीद नहीं थी' गज़ल सुनाई। वरिष्ठ पत्रकार डॉ रमेश अग्रवाल ने 'इस जिंदगी की धुन का कभी नगमा न बन सका, आये कभी जो ताल पर तो सुर बिगड़ गएÓ गज़ल के माध्यम से जीवन की हकीकत को बयां किया। डॉ. शकुन्तला तंवर ने मां शारदे की स्तुति करते हुए शृंगार रस की कविता 'जब तुम पास नहीं होते तो मन बादल वाला दिन होता' सुनाई तो कालिंद नंदिनी शर्मा ने 'कुछ घावों पर नमक असरदार नहीं होताÓ तथा डॉ. शमा खान ने 'मैंने देखा है दर्द को खिलते हुएÓ कविता से माहौल को संजीदा कर दिया। विपिन जैन ने 'घावों से मिलकर हल्का हो जाऊंगाÓ और प्रदीप गुप्ता ने 'जो भूखे की रोटी भी छीनकर खा जाएÓ व्यंग्य रचना सुनाई। डॉ अनन्त भटनागर ने आधुनिक परिवेश की कविता सुनाई। आनन्द शर्मा ने मिट्टी होती पत्थर व हवा कविता सुनाई, जीएस विरदी ने मन का अहसास सुनाया और देवीदास दीवाना ने देशभक्ति गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे मूर्धन्य विद्वान डॉ बद्रीप्रसाद पंचोली ने श्लोक के माध्यम से मीरां और वीरभूमि राजस्थान का बखान किया। प्रारंभ में क्लब महासचिव प्रतापसिंह सनकत और कोषाध्यक्ष एस एन झाला ने अतिथियों का स्वागत किया। क्लब अध्यक्ष एस.पी.मित्तल ने आभार व्यक्त करते हुए गीत और कविता की विरासत को नयी पीढ़ी तक ले जाने का आव्हान किया। फरहाद सागर, विजय हंसराजानी, योगेन्द्र सेन और अनिल गुप्ता ने आयोजन में विशेष सहयोग किया। इस अवसर पर यूएसए के विद्वान डॉ चमनलाल रैना, डॉ के.के.शर्मा, नरेन्द्र चौहान, देवदत्त शर्मा, डॉ ए.एन.जैन, ओ.पी.औदिच्य, वि_ल पाण्डे सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। 
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(एस.पी. मित्तल)  (17-07-2016)
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मकसद में कामयाब नहीं हुई काला धन बाहर निकलने की जागरूकता रैली। इनकम टैक्स अफसरों ने पब्लिक स्कूलों के बच्चों को दौड़ाया।

#1565
मकसद में कामयाब नहीं हुई काला धन बाहर निकलने की जागरूकता रैली। इनकम टैक्स अफसरों ने पब्लिक स्कूलों के बच्चों को दौड़ाया।
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने काला धन बाहर निकलने  के प्रति जागरूकता के लिए 17 जुलाई को देश के प्रमुख शहरों में रैली का आयोजन करवाया। इनकम टैक्स के अफसरों ने जागरूकता रैली अजमेर में भी की, लेकिन यह रैली अपने मकसद में कामयाब नहीं हो सकी। मोदी और जेटली की मंशा थी कि इस रैली में शहर के प्रमुख व्यापारी, वकील, सीए आदि भाग लें, ताकि स्कीम के अनुरूप अघोषित आय को घोषणा 30 सितम्बर तक करवाई जा सके, लेकिन अजमेर की रैली में वकील, व्यापारी, सीए आदि वर्ग के लोग तो नाममात्र के थे। रैली में जिन पांच सौ से अधिक बच्चों ने भाग लिया, वे सभी पब्लिक स्कूलों के विद्यार्थी थे। इन स्कूलों के मालिकों का काम इनकम टैक्स विभाग में पड़ता है इसलिए पब्लिक स्कूलों के मालिकों को बच्चों को रैली में भेजना मजबूरी थी। रैली की शुरूआत में जब अजमेर के आयकर आयुक्त (अपील) अनिल कुमार से जन भागीदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमने तो सभी को सूचना भेजी थी।
भाजपा के  नेता भी नदारद :
सत्तारूढ़ भाजपा के मंत्री और नेता भी 17 जुलाई को जागरूकता रैली में अनुपस्थित रहे। अजमेर से जुड़े मंत्री वासुदेव देवनानी और अनिता भदेल किसी भी रैली को हरी झण्डी दिखने के लिए गली कूचों में पहुंच जाते हंै, लेकिन प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री की जागरूकता रैली में भाजपा का एक भी नेता नहीं आया। इसी प्रकार अजमेर जिला प्रशासन ने भी रैली में कोई रूचि नहीं दिखाई।
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पातेय वेतन वाले नाराज शिक्षक 22 जुलाई को अजमेर में महारैली करेंगे। ----------------------------

#1564
पातेय वेतन वाले नाराज शिक्षक 22 जुलाई को अजमेर में महारैली करेंगे।
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राजस्थान सरकार की शिक्षा नीति से नाराज प्रदेश के पातेय वेतन शिक्षक अब 22 जुलाई को अजमेर में महारैली करेंगे। शिक्षक आंदोलन के संयोजक दिनेश शर्मा ने बताया कि पदोन्नति की दोषपूर्ण नीति के विरोध को लेकर गत 8 जून से अजमेर में धरना चल रहा है। इस धरने में प्रदेशभर के नाराज शिक्षक शामिल हो रहे हैं। शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी को पातेय वेतन शिक्षकों की समस्याओं के बारे में अच्छी तरह पता है। लेकिन इसके बावजूद भी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। सरकार की दोषपूर्ण नीति के विरोध में प्रदेशभर में शिक्षकों में गहरी नाराजगी है। 22 जुलाई को अजमेर में होने वाली महारैली के दौरान ही मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अजमेर आगमन पर घेराव करने का निर्णय भी लिया जाएगा। मालूम हो कि मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह में भाग लेने के लिए 15 अगस्त को अजमेर आएंगी। शर्मा ने बताया कि महारैली की तैयारियों के लिए संभाग संयोजकों के साथ रणनीति बनाई जा रही है। सरकार के दोषपूर्ण नीति की वजह से पातेय वेतन शिक्षकों को अपने ही स्कूल में अब अपमानित होना पड़ रहा है। उन्होंने मांग की कि पातेय वेतन शिक्षक वरिष्ठता के आधार पर जिस पद पर काम कर रहा है, उसी पद पर उसे पदोन्नत किया जाना चाहिए। 
(एस.पी. मित्तल)  (17-07-2016)
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भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी को डार्लिंग कहने वाली पाकिस्तानी मॉडल कंदील की हत्या। कश्मीरी सबक लें।

#1563
भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी को डार्लिंग कहने वाली पाकिस्तानी मॉडल कंदील की हत्या। कश्मीरी सबक लें।
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भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को डार्लिंग मोदी संबोधित कर सोशल मीडिया के जरिए दुनियाभर में मशहूर हुई 26 वर्षीया पाकिस्तानी मॉडल कंदील बलोच की 15 जुलाई की रात को हत्या कराई गई। आरोप है कि कंदील के भाई वसीम ने ही हत्या की। कंदील स्वतंत्र विचारों वाली मॉडल थी, जबकि उसके भाई को ऐसी स्वतंत्रता पसंद नहीं थी। कंदली ने अपने साथ घर में ही हो रहे बुरे बर्ताव की जानकारी भी सोशल मीडिया पर शेयर की थी। ऐसा नहीं डार्लिंग मोदी कहने से कंदील भारतीय परस्त थी। पिछले दिनों टी-20 वल्र्डकप के दौरान कंदील ने शाहीद आफरीदी से कहा था कि यदि पाकिस्तान ने भारत को हरा दिया तो वह स्ट्रीप डांस करेंगी। यानि कंदील ने कभी भी अपने देश पाकिस्तान के साथ दगाबाजी नहीं की। कंदील का कसूर इतना ही था कि वह सोशल मीडिया पर बोल्ड विचार प्रकट करती थी। हमारे कश्मीर में जो युवा आए दिन पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाते हैं, उन्हें कंदील की हत्या से सबक लेना चाहिए। पाकिस्तान में तो स्वतंत्रता के साथ अपने विचार रखने की भी आजादी नहीं है। जबकि कश्मीर में रह रहे भारतीय नागरिकों तो भारत के खिलाफ कुछ भी बोलने की आजादी है। कश्मीरी नागरिकों को शेष भारत के मुकाबले अनेक रियायतें मिली हुई हैं। कश्मीरी नागरिक घाटी में चाहे भारत का तिरंगा झंडा जलाएं या आतंकी संगठन आईएस का झंडा लहराएं तो भी उनके साथ भारत के किसी भी हिससे में भेदभाव नहीं होता है। उल्टे भारत के अनेक राजनीतिक दल ऐसे कश्मीरियों के समर्थन में खड़े हो जाते हैं। 

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Saturday 16 July 2016

राजस्थान के तप का प्रकाश मुंबई में फैला रहे हैं जैन संत विश्वास मुनि। सिर्फ पानी पी कर गुजार दिए 38 दिन। 51 दिनों का है संकल्प।

#1561
राजस्थान के तप का प्रकाश मुंबई में फैला रहे हैं जैन संत विश्वास मुनि। सिर्फ पानी पी कर गुजार दिए 38 दिन। 51 दिनों का है संकल्प।
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देश दुनिया में राजस्थान की धरती को तप, त्याग, बलिदान और वीरता की धरती माना जाता है। ऐसी धरती की मिट्टी से जन्में युवा जैन संत विश्वास मुनि इन दिनों मुंबई में अपने तप का प्रकाश फैला रहे है। 16 जुलाई को जैन संत विश्वास मुनि के उपवास का 38वां दिन था। इस उपवास में जैन संत सिर्फ पानी पी रहे हैं। जैन संत का संकल्प 51 दिनों का है। जैन संत के अनुयायियों का भरोसा है कि जैन मुनि 51 दिनों का संकल्प पूरा कर लेंगे। जैन मुनि ने गत 9 जून को उपवास तब शुष् किया था जब मुंबई जैसे महानगर में भी भीषण गर्मी पड़ रही थी। ऐसे में आम व्यक्ति को थोड़ी-थोड़ी देर में प्यास और भूख लगती है, लेकिन इसे जैन मुनि का तप ही कहा जाएगा कि विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों में उपवास का संकल्प लिया। संकल्प भी इतना कठोर कि सिर्फ पानी ही पीएंगे। पानी भी सिर्फ दिन में ही पी सकते हैं। यानि रात के 12 घंटे में पानी का सेवन भी नहीं होगा। साधुमार्गी जैन मुनि न तो फोटो खिंचवाते हैं और न ठंडक के एसी, कूलर, पंखे आदि का उपयोग करते हैं। अखिल भारतीय साधुमार्गी शांत कांति जैन युवा संघ के राष्ट्रीय महामंत्री रहे प्रकाश जैन ने बताया कि जैन संत विश्वास मुनि मुंबई के बालकेश्वर क्षेत्र स्थित कठोरी जैन स्थानक में चार्तुमास के लिए विराजमान हैं। चार्तुमास शुरू होने से पहले ही जैन संत ने संपूर्ण  मुंबई में अपने तप का प्रकाश फैला दिया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु बालकेश्वर क्षेत्र पहुंच रहे हैं। श्रद्धालु जैन संत के दर्शन  कर स्वयं को भाग्यशाली समझ रहे हैं। स्थानक से जुड़े सुभाष कठोरी और विजय भाई ने बताया कि 22 से 24 जुलाई तक 1008 अष्टम तप महाउत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा।
भीलवाड़ा के है जैन संत :
जैन संत विश्वास मुनि राजस्थान के भीलवाड़ा के राजाजी करेडा स्थित कलेसर गांव के निवासी है। बचपन से ही त्याग और तप की भावना के कारण साधु मार्ग अपनाने का निर्णय लिया। मुनि विश्वास आचार्य विजयराज महाराज के शिष्य हैं।
(एस.पी. मित्तल)  (16-07-2016)
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काले धन को निकालने के लिए अब वकील, सी.ए., व्यापारी आदि दौड़ेंगे।

#1559
काले धन को निकालने के लिए अब वकील, सी.ए., व्यापारी आदि दौड़ेंगे।
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काला धन बाहर निकलेगा या नहीं, यह तो अभी गर्भ में ही है, लेकिन काले धन से जुड़े लोगों को दौड़ लगाने के लिए मजबूर कर दिया गया है। इसके लिए आयकर विभाग ने रन फॉर नेशन बिल्डिंग नाम की दौड़ का आयोजन 17 जुलाई को किया है। मालूम हो कि भारत सरकार ने काले धन को बाहर निकालने की अंतिम तिथि 30 सितम्बर निर्धारित कर रखी है। 30 सितम्बर तक जो भी व्यक्ति अब तक अघोषित आय घोषित कर देगा, उससे आय के स्रोत के बारे में कोई जानकारी नहीं ली जाएगी। संबंधित व्यक्ति को घोषित आय का 45 प्रतिशत टेक्स के रूप में जमा कराना होगा। इस योजना के प्रति जागरूकता के लिए ही वकील, सी.ए., व्यापारी आदि की दौड़ आयोजित की गई है। असल में व्यापारियों, वकीलों और आयकर के विशेषज्ञों के गठजोड़ की वजह से ही काला धन एकत्रित होता है। अब देखना है कि इन्हीं लोगों के दौडऩे के बाद काला धन बाहर निकलता है या नहीं? अलबत्ता कुछ जानकारों का कहना है कि यदि टेक्स की राशि 45 प्रतिशत से घटा कर 20 प्रतिशत कर दी जाए तो काला धन बाहर आ सकता है। सरकार ने अभी जो स्कीम दी है उसमें दौड़ लगवाने का भी कोई फायदा नहीं होगा। जो लोग दौड़ लगाएंगे वो ही सरकार की आंखों में धूल झोंकेंगे।
अजमेर में दौड़:
अजमेर के सहायक आयकर आयुक्त ने बताया कि 17 जुलाई को सुबह 6.30 बजे पटेल मैदान से रन फॉर नेशन बिल्डिंग दौड़ शुरू होगी जो सूचना केन्द्र, आगरा गेट, गांधी भवन, कचहरी रोड, कलेक्ट्रेट होते हुए पुन: पटेल मैदान पर ही समाप्त होगी।
(एस.पी. मित्तल)  (16-07-2016)
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Saturday 9 July 2016

आतंक की शिक्षा देने वाले धर्मगुरु नहीं हो सकते। जैन संत प्रमाण सागर महाराज ने कहा।

#1536
आतंक की शिक्षा देने वाले धर्मगुरु नहीं हो सकते। जैन संत प्रमाण सागर महाराज ने कहा।
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8 जुलाई को अजमेर की ऐतिहासिक सोनी जी की नसियां में सुप्रसिद्ध जैन संत प्रमाण सागर महाराज का शंका समाधान कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम का लाइव प्रसारण साधना और जिनवाणी टीवी पर हुआ। लाइव प्रसारण के मद्देनजर ही कार्यक्रम के प्रमुख प्रकाश जैन ने अजमेर के चुनिन्दा व्यक्तियों को आमंत्रित किया। इस कार्यक्रम में जैन संत से एक सवाल पूछने के लिए मुझे भी खासतौर से बुलाया गया। मेरा सवाल था कि धर्मगुरुओं की तकरीर सुनने के बाद निर्दोष व्यक्तियों की हत्या करने वाला कोई आतंकी जन्नत में जा सकता है? मेरे इस सवाल पर जैन संत मुस्कराएं और फिर गंभीरता के साथ जवाब देते हुए कहा कि आतंक की शिक्षा देने वाला व्यक्ति कभी भी धर्मगुरु हो ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि धर्म तो व्यक्ति को अच्छे आचरण की शिक्षा देता है। दुनिया का ऐसा कोई धर्म नहीं है जो हिंसा की शिक्षा देता हो। इस कार्यक्रम में अखिल भारतीय खंडेलवाल समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष कालीचरण खंडेलवाल, स्वामी समूह के एमडी कंवल प्रकाश किशनानी, श्वेताम्बर जैन समाज के प्रतिनिधि धर्मेश जैन आदि ने भी सवाल पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया। अन्य सवालों के जवाब में जैन मुनि ने कहा कि आज जिस तेजी से आतंकवाद बढ़ रहा है उसका मुकाबला सब लोगों को एकजुट होकर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैन धर्म तो अहिंसा के मूल सिद्धांत पर ही आधारित है। इस धर्म में तो अपने श्वास की वजह से मरने वाले जीवों का भी प्रायश्चित किया जाता है। जैन संतों का जीवन तो तप और साधना का ही है।
(एस.पी. मित्तल)  (09-07-2016)
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सीएम के दौरे के मद्देनजर मंजीतसिंह अजमेर आए। एडीए और नगर निगम की कार्यक्षमता पर उठाए सवाल। बजरंग पेट्रोल पम्प सीज करने की मांग।

#1537
सीएम के दौरे के मद्देनजर मंजीतसिंह अजमेर आए। एडीए और नगर निगम की कार्यक्षमता पर उठाए सवाल। बजरंग पेट्रोल पम्प सीज करने की मांग।
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स्वतंत्रता दिवस के राज्य स्तरीय समारोह की तैयारियों के सिलसिले में 9 जुलाई को राजस्थान के स्वायत शासन विभाग के प्रमुख शासन सचिव मंजीत सिंह ने अजमेर और पुष्कर का दौरा किया। मालूम हो कि स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे तीन दिनों तक अजमेर में ही रहेंगी। तय कार्यक्रम के मुताबिक 13 व 14 व 15 अगस्त तक मुख्यमंत्री अजमेर में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेंगी। सीएम के तीन दिवसीय दौरे में कोई कमी न रहे इसको लेकर 9 जुलाई को मंजीत सिंह ने अजमेर में उन सभी स्थानों का देखा, जहां सीएम को जाना है। नया बाजार में बनने वाले हेरिटेज वॉक वे, रीजनल कॉलेज के सामने आनासागर के किनारे बनी चौपाटी, जेएलएन अस्पताल के बाहर बनाए गए भूमिगत कचरा पात्र आदि को मंजीत सिंह ने बारीकी के साथ देखा। इस दौरे में उनके साथ जिला कलेक्टर गौरवल गोयल, एडीए अध्यक्ष शिवशंकर हेड़ा, मेयर धर्मेन्द्र गहलोत एवं संबंधित विभागों के बड़े अधिकारी भी थे। सिंह ने विभिन्न कार्यो में आवश्यक सुधार के दिशा निर्देश भी दिए। सिंह ने माना कि केन्द्र सरकार की अमृत योजना के महत्वपूर्ण काम नगर निगम अथवा एडीए से नहीं करवाए जाएंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि बड़े काम करने में ये दोनों संस्थान सक्षम नहीं है।
पेट्रोल पम्प को सीज करने की मांग :
आरटीआई कार्यकर्ता एस एन गर्ग ने 9 जुलाई को ही प्रमुख शासन सचिव मंजित सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात में सिंह को एक ज्ञापन दिया गया। इस ज्ञापन में मांग की गई कि पटेल मैदान के सामने जयपुर रोड पर स्थित बजरंग पेट्रोल पम्प को तत्काल सीज किया जाए। ज्ञापन में बताया गया कि पेट्रोल पम्प की जमीन पर ही मालिक प्रदीप गर्ग और विजय गर्ग ने व्यावसायिक शो रूम का निर्माण करवाया है। नगर निगम ने व्यावसायिक निर्माण की अनुमति लेते समय गर्ग बंधुओं ने लिखित में वायदा किया था कि पेट्रोल पम्प को बंद कर दिया जाएगा। इसी शर्त पर निगम ने कॉम्पलेक्स की अनुमति दी। गर्ग बंधुओं ने कॉम्पलेक्स तो बना दिया लेकिन पेट्रोल पम्प को बंद नहीं किया। पेट्रोल पम्प के लिए जितनी भूमि चाहिए उतनी भूमि नहीं है। ऐसे में पेट्रोल पम्प का संचालन गैर कानूनी तरीके से हो रहा है। गर्ग ने कहा कि 15 अगस्त पर भी पटेल मैदान पर स्वतंत्रता दिवस का राज्य स्तरीय समारोह होना है। सुरक्षा की दृष्टि से भी पेट्रोल पम्प खतरनाक है। समारोह में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी उपस्थित रहेगी। गर्ग ने ज्ञापन पर मंजीत सिंह ने उचित कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
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मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के न्याय आपके द्वार अभियान की नवज्योति ने पोल खोली। शिविरों में भी रिश्वत देने पर ही होते हैं काम।

#1534
मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के न्याय आपके द्वार अभियान की नवज्योति ने पोल खोली। शिविरों में भी रिश्वत देने पर ही होते हैं काम।
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9 जुलाई को राजस्थान के प्रमुख दैनिक समाचार पत्र नवज्योति के अजमेर संस्करण के पृष्ठ 7 पर न्याय आपके द्वार अभियान को लेकर एक खबर छपी है। यह खबर नवज्योति के तेज तर्रार वरिष्ठ संवाददाता संजय माथुर ने लिखी है। इस खबर में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के महत्वकांक्षी न्याय आपके द्वार अभियान की पोल खोलकर रख दी है। राजे की सरकार न्याय आपके द्वार में भले लाखों मुकदमे निपटाने का दावा करें, लेकिन हकीकत यह है कि शिविरों में भी उन्हीं के काम हो रहे हैं जो सरकार के अधिकारियों को रिश्वत देते हैं। जो पीडि़त रिश्वत नहीं देता उसका काम होता ही नहीं हैं। राजस्व कार्यो से जुड़े अधिकांश कर्मचारी और अधिकारी इतने भ्रष्ट हैं कि कोई ना कोई अड़ंगा लगाकर काम करने से इंकार कर देते हैं। नवज्योति के संजय माथुर ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सामने एक सच्चा मामला प्रस्तुत किया है। इसमें बताया गया है कि अजमेर निवासी रणजीत मल लोढ़ा, सुशीला देवी व प्रकाश सांखला ने पुष्कर में एक जमीन बरसों पहले खरीदी। जमाबंदी में इन तीनों के नाम भी दर्ज हो गए, लेकिन वर्ष 2013 में बनी वर्किंग जमाबंदी में संबंधित पटवारी ने मूल खातेदार का नाम ही दर्ज कर दिया। हालांकि इसमें तीनों खरीददारों का कोई दोष नहीं है, लेकिन सरकार के नियम ही ऐसे है कि जमाबंदी को संशोधित कराने के लिए संबंधित उपखण्ड न्यायालय में वाद दायर करना होता है। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी जानती हैं कि राजस्व अधिकारी ग्रामीणों को कितना तंग करते हैं, इसलिए न्याय आपके द्वार अभियान में शिविर लगाकर मौके पर ही जमाबंदी संशोधन जैसे मामलों को निपटाने के आदेश दिए। लोढ़ा, सुशीला और प्रकाश ने गत वर्ष भी गनहेड़ा में लगे शिविर में अपना मामला रखा, लेकिन तत्कालीन एसडीओ हीरालाल मीणा ने जमाबंदी संशोधित नहीं की। जबकि संशोधन की सारी रिपोर्ट फाइल में लगी हुई थी। इतना ही नहीं मीणा ने दोबारा से रिपोर्ट के लिए फाइल को तहसीलदार के पास भिजवा दिया। चूंकि यह तीनों पीडि़त ईमानदारी की तख्ती अपने गले में लगाकर घूमते रहे, इसलिए इनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। भ्रष्टाचार की हद तो तब हो गई जब इस वर्ष भी विगत दिनों शिविर में मामले को रखा तो वर्तमान एसडीओ ओपी विश्नाई ने भी मामले को समीक्षा शिविर में रखने के आदेश दे दिए। इन अधिकारियों से यह पूछने वाला कोई नहीं है कि जो गलती पटवारी ने की है उसकी सजा असली खातेदार को क्यों दी जा रही है। वहीं रणजीत मल लोढ़ा जैसे मिजाज वाले पीडि़त यह समझ नहीं रहे है कि आखिर उनका काम क्यों नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री राजे चाहे तो नवज्योति की इस खबर की जांच करवाकर भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ कार्यवाही कर सकती हैं, लेकिन दोषी अफसरों को भी पता है कि वसुंधरा राजे के राज में ऐसा संभव नहीं है।
(एस.पी. मित्तल)  (09-07-2016)
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गांधीजी को इतना सम्मान तो कभी कांग्रेस ने भी नहीं दिया। पीएम नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में उस ट्रेन में बैठे, जिससे गांधीजी को जबरन उतारा गया था।

#1535
गांधीजी को इतना सम्मान तो कभी कांग्रेस ने भी नहीं दिया। पीएम नरेन्द्र मोदी दक्षिण अफ्रीका में उस ट्रेन में बैठे, जिससे गांधीजी को जबरन उतारा गया था।
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9 जुलाई को दक्षिण अफ्रीका में पीएम नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को जो सम्मान दिया, वैसा सम्मान तो कांग्रेस ने भी कभी नहीं दिया। भले ही कांग्रेस ने स्वयं को महात्मा गांधी की विरासत मानकर भारत पर 60 वर्षो तक शासन किया हो। 9 जुलाई को अपनी दक्षिण अफ्रीका की यात्रा में पीएम मोदी ने पेट्रीक से पीटर मारिज्वर्ग तक का सफर ट्रेन में किया। इस ट्रेन को वैसा ही स्वरूप दिया गया जो महात्मा गांधी के 1893 के दक्षिण अफ्रीका के दौरे के समय थी। पीएम मोदी ने कोई आधा घंटे तक इस ट्रेन में सफर  किया और पीटर मारिज्वर्ग के उस स्टेशन पर उतरे जहां 7 जून 1893 को महात्मा गांधी को ट्रेन में जबरन उतारा गया। उस समय गौरी चमड़ी वालों की सरकार ने महात्मा गांधी को काला होने की वजह से ट्रेन से उतार दिया, लेकिन आज उसी ट्रेन में भारत के पीएम नरेन्द्र मोदी के मान सम्मान के लिए दक्षिण अफ्रीका की पूरी सरकार मौजूद थी। पीएम मोदी उस वेटिंग रूम में भी गए, जहां गांधी जी को रातभर ठंड में रहना पड़ा। यानि उस समय गांधी जी का जो अपमान किया, उसका बदला आज मोदी ने ले लिया। नरेन्द्र मोदी से पहले भी कांग्रेस सरकार के अनेक प्रतिनिधियों ने दक्षिण अफ्रीका की यात्रा की, लेकिन किसी ने भी आधा घंटे तक उस ट्रेन में सफर नहीं किया। सब जानते है कि गांधी जी के जीवन में ट्रेन से उतारने वाली घटना ने गहरा असर किया था। गांधी जी बेरिस्टर के रूप में दक्षिण अफ्रीका गए थे, लेकिन यहां से महात्मा गांधी बनकर लौटे। 21 वर्ष तक दक्षिण अफ्रीका में रंग भेद के खिलाफ आंदोलन करने के बाद गांधी जी ने भारत में आजादी के आंदोलन की शुरूआत की। 
(एस.पी. मित्तल)  (09-07-2016)
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