Monday 29 August 2016

यदि तरुण सागर महाराज नाराज नहीं है तो फिर अनुयायियों में गुस्सा क्यों? जैन संत का कथन प्रशंसनीय।

#1709
यदि तरुण सागर महाराज नाराज नहीं है तो फिर अनुयायियों में गुस्सा क्यों? जैन संत का कथन प्रशंसनीय।
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29 अगस्त को जब दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येन्द्र जैन क्रांतिकारी जैन संत तरुण सागर महाराज के पास माफी मांगने पहुंचे तो जैन संत ने महावीर स्वामी के सिद्धांतों का हवाला देते हुए कहा कि मैं न तो पहले नाराज था और न अब हूं। जैन संत तो प्रत्येक भाव से दूर है। जब हम लोगों को अहिंसा की शिक्षा देते हंै तो फिर गुस्से अथवा नाराजगी का तो सवाल ही नहीं उठता। इसलिए माफी देने का भी कोई अर्थ नहीं है। यदि मैं माफी देने की बात करता हूं तो यह प्रतीत होगा कि मैं पहले नाराज था। असल में सत्येन्द्र जैन अपनी पार्टी के कार्यकर्ता और सुप्रसिद्ध संगीत निदेशक विशाल डडलानी के बयान पर माफी मांगने गए थे। लेकिन तरुण सागर महाराज ने जो जवाब दिया वे अपने आप में प्रशंसनीय है। तरुण सागर कड़वे वचन करने के लिए विख्यात है। उनके कड़वे वचन का मतलब सही और सटीक बात करना होता है, इसलिए तरुण सागर को क्रांतिकारी संत के रूप में भी जाना जाता है। सत्ता में बैठे बड़े-बड़े राजनेता उनके चरणों में सिर झुकाते हैं, लेकिन तरुण सागर अपने प्रवचनों में कड़वी बात कहने में कोई झिझक नहीं दिखाते।
यह माना कि आम आदमी पार्टी के शीर्ष नेता और दिल्ली के सीएम अरविन्द केजरीवाल से लेकर विशाल डडलानी की जुबान पर कोई लगाम नहीं है, लेकिन यह भी सही है कि डडलानी ने तरुण सागर महाराज के लिए जो विवादित टिप्पणी की थी उस पर न केवल माफी मांग ली बल्कि राजनीति से अलग होने की घोषणा भी कर दी। सवाल डडलानी और सत्येन्द्र जैन के माफी मांगने का नहीं है। सवाल तररुण सागर महाराज के प्रशंसनीय कथन का है। जब तरुण सागर नाराज ही नहीं है तो देशभर में प्रदर्शन क्यों हो रहे है। 29 अगस्त को दिल्ली में पीएम हाऊस के बाहर भी प्रदर्शन किया है। एक और जब चंडीगढ़ में तरुण सागर महाराज सत्येन्द्र जैन से नाराज न होने की बात कह रहे तो उसी समय दिल्ली में केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन हो रहा था। जो लोग प्रदर्शन कर रहे है उन्हें तरुण सागर महाराज के प्रशंसनीय कथन का अनुसरण करना चाहिए। यदि तरुण सागर महाराज डडलानी की टिप्पणी से नाराज होते तो उनके समर्थकों का विरोध वाजिब होता। जहां तक ददलानी की टिप्पणी का सवाल है तो उसकी जितनी भी निंदा की जाए उतना कम है। किसी भी व्यक्ति को यह अधिकार नहीं कि वे किसी धर्म के साधु संत के आचरण को लेकर टिप्पणी करे। अब कुछ लोग डडलानी की गिरफ्तारी की मांग कर रहे है, इसलिए देश के कई पुलिस थानों पर डडलानी के विरुद्ध रिपोर्ट भी दर्ज करवा दी गई है। डडलानी की गिरफ्तारी होने से पूरे विवाद का क्या हल निकलेगा यह आने वाला समय ही बताएगा।
(एस.पी. मित्तल)  (28-08-2016)
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