Thursday 25 August 2016

मालपुरा के पटवारी काम पर लौटे। एसडीएम खोखर ने सरेआम माफी मांगी। टोंक कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा के झूठ की पोल खुली। पूर्व एसडीएम प्रभातीलाल जाट भी बहाल।

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मालपुरा के पटवारी काम पर लौटे।  एसडीएम खोखर ने सरेआम माफी मांगी।
टोंक कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा के झूठ की पोल खुली।  
पूर्व एसडीएम प्रभातीलाल जाट भी बहाल। 
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25 अगस्त को राजस्थान के टोंक जिले के मालपुरा उपखंड के हड़ताली पटवारी काम पर लौट आए हैं। मालपुरा के एसडीएम सुखराम खोखर द्वारा पटवारी अमित जैन को गालियां देने के विरोध में पटवारी 22 अगस्त से हड़ताल पर थे। 24 अगस्त की रात को खोखर टोंक के एसडीएम सूरजमल नैगी के साथ पटवारियों के धरना स्थल पर आए और अपने बुरे बर्ताव के लिए सरेआम माफी मांगी, इसके साथ ही पटवारी अमित ने भी खेद प्रकट कर मामले को खत्म करने की घोषणा की। दोनों पक्षों में समझौता होने जाने के बाद पटवार संघ के अध्यक्ष रामदास माली ने बेमियादी हड़ताल को भी खत्म करने की घोषणा की। मालूम हो कि खोखर ने पटवारी जैन को जो गालियां दी थी, उसका टेप सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। इसी को लेकर मैंने भी 23 अगस्त को ब्लॉग लिखा था। ब्लॉग की गूंज सरकार में होने के बाद ही कलेक्टर महावीर प्रसाद शर्मा ने नैगी को पटवारियों से वार्ता के लिए भेजा। हालांकि अब यह मामला समाप्त हो गया है, लेकिन इससे कलेक्टर शर्मा के झूठ की पोल भी खुल गई है। 23 अगस्त को जब मैंने कलेक्टर से विवाद के संबंध में जानकारी मांगी तो कलेक्टर ने कोई विवाद होने से ही इंकार कर दिया। कलेक्टर का कहना था कि उन्हें एसडीएम खोखर और पटवारी जैन के विवाद की कोई जानकारी नहीं है। जबकि 22 अगस्त को मालपुरा तहसील के पटवारी कलेक्टर से मिले औंर गालियों वाला ऑडियो टेप सुनाया। तब कलेक्टर ने भी माना कि एसडीएम खोखर का रवैया उचित नहीं है। लेकिन सरकार के प्रशासनिक तंत्र के लिए यह शर्मनाक बात है कि कलेक्टर की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति झूठ बोल रहा है। यदि कलेक्टर स्तर पर इस तरह झूठ बोला जाएगा तो टोंक के प्रशासनिक तंत्र का अंदाजा लगाया जा सकता है। 
खोखर का कदम लाजवाब:
अपनी गलती के लिए माफी मांगना कोई आसान काम नहीं है, लेकिन इस कठिन काम को एसडीएम खोखर ने किया। खोखर चाहते तो इस विवाद को बढ़ा सकते थे, क्योंकि भाजपा विधायक  कन्हैयालाल चौधरी और कलेक्टर का पूरा समर्थन था। उल्टे विधायक चौधरी ने तो पटवारी अमित जैन का ही दोष माना था। चौधरी का कहना था कि पटवारी जैन प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत किसानों के नुकसान को रिकॉर्ड नहीं कर रहा है। लेकिन राजनीतिक और प्रशासनिक समर्थन के बाद भी खोखर ने माफी मांग कर लाजवाब काम किया है। इसके लिए खोखर को शाबाशी मिलनी ही चाहिए। मेरी नजर में माफी मांगने वाला महान व्यक्ति होता है। उम्मीद है कि अब खोखर अपने मन में पटवारी जैन के प्रति कोई द्वेष भी नहीं रखेंगे। 
प्रभातीलाल जाट भी बहाल:
इसे एक संयोग ही कहा जाएगा कि मालपुरा के पूर्व एसडीएम प्रभातीलाल जाट भी 24 अगस्त को ही बहाल हो गए। कार्मिक विभाग ने जारी आदेश में जाट को सभी आरोप से दोष मुक्त कर दिया। जाट पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाते हुए जयपुर के श्याम नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस जांच में इस रिपोर्ट को सही नहीं माना गया। न्यायालय में पुलिस की एफआर मंजूर होने के बाद सरकार ने भी जाट को बहाल कर दिया। जाट का आरोप है कि मालपुरा के एसडीएम के पद पर रहते हुए जिन प्रभावशाली और दबंग व्यक्तियों के खिलाफ कार्यवाही की थी, उन्होंने एक षडय़ंत्र के तहत झूठा मुकदमा दर्ज करवाया। जाट का कहना है कि मालपुरा का आम नागरिक आज भी उनकी कार्यशैली की प्रशंसा करता है। 

(एस.पी. मित्तल)  (25-08-2016)
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