Thursday 20 October 2016

अजमेर में अवैध निर्माण तोडऩा अथवा सीज करना आसान नहीं है। नगर निगम की ओर से सरकारी वकील ने हाईकोर्ट में कहा। अब 7 नवंबर को होगी सुनवाई।

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अजमेर में अवैध निर्माण तोडऩा अथवा सीज करना आसान नहीं है। नगर निगम की ओर से सरकारी वकील ने हाईकोर्ट में कहा। अब 7 नवंबर को होगी सुनवाई। 
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20 अक्टूबर को हाईकोर्ट की जयपुर खंडपीठ में जस्टिस अजय रस्तोगी और डी सी सोमानी के समक्ष अजमेर के अवैध निर्माणों के मामले में दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता रवि नरचल का कहना रहा कि पूर्व में हाईकोर्ट ने 490 अवैध निर्माणों को तोडऩे अथवा सीज करने के जो आदेश दिए थे, उस पर नगर निगम प्रशासन ने कोई प्रभावी कार्यवाही नहीं की इसलिए अब हाईकोर्ट की अवमानना की याचिका प्रस्तुत की है। इस पर निगम की ओर से अतिरिक्त महाअधिवक्ता एस के गुप्ता ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की क्रियान्वित करना आसान नहीं है। यदि 490 अवैध निर्माणों को तोड़ा अथवा सीज किया गया तो अजमेर में कुछ बचेगा ही नहीं। गुप्ता ने कहा कि इस मामले में और दस्तावेज प्रस्तुत किए जाने हैं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस रस्तोगी और सोमानी ने आगामी सुनवाई के लिए 7 नवंबर की तारीख निर्धारित की है। अदालत में निगम के उपायुक्त गजेन्द्र सिंह रलावता भी उपस्थित थे। 
(एस.पी. मित्तल)  (20-10-2016)
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